दुनिया में हर एक इंसान को अपनी जिंदगी में कभी न कभी एक बार इश्क़ जरूर होता है। इश्क़ के सफर का मजा ही कुछ अलग होता है। इश्क़ में डूबा व्यक्ति अपने हाले दिल को न छिपा सकता है और ना बता सकता है।
अगर आप भी इश्क़ की राह से गुजर रहे हो और दुनिया को या अपने प्रियजन को अपने दिल का हाल बयां करना चाहते हो तो आपको हमारा यह इश्क़ शायरी का कलेक्शन मददगार साबित होगा।
इस आर्टिकल में हम आपके लिए इश्क़ शायरी (Ishq Shayari in Hindi) का सबसे बेहतरीन कलेक्शन लेकर आये है।
इश्क़ शायरी के इस कलेक्शन के जरिये आप अपने प्रियजनों के साथ कोई भी शायरी सोशल मीडिया पर शेयर करके आसानी से अपने दिल की बात बता सकते हो।
इश्क़ लिखने को इश्क़ होना बहुत जरूरी है जहर का स्वाद बिना पिए कोई कैसे बताएगा
बहती हुई आँखों की रवानी में मरे हैं, कुछ ख्वाब मेरे ऐन जवानी में मरे हैं, इस इश्क ने आखिर हमें बरबाद किया है, हम लोग इसी खौलते पानी में मरे हैं, कब्रों में नहीं हमको किताबों में उतारो, हम लोग मोहब्बत की कहानी में मरे हैं।
फ़रिश्ते ही होंगे जिनका हुआ इश्क मुकम्मल, इंसानों को तो हमने सिर्फ बर्बाद होते देखा है…
एक ख़लिश सी रह गयी दिल में, मुझ जैसा इश्क़ करता, मुझ से भी कोई! ~अनिल कुमार साहू
हम एस कदर तुम पर मर मिटेंगे तुम जहाँ देखोगे तुम्हे हम ही दिखेंगे
इश्क का तो पता नहीं पर जो तुमसे है वो किसी और से नहीं !
मैं भी हुआ करता था वकील इश्क वालों का कभी…. नज़रें उस से क्या मिलीं आज खुद कटघरे में हूँ….”
भटक जाते हैं लोग अक्सर इश्क़ की गलियों में, इस सफर का कोई इक नक्शा तो होना चाहिए।
इश्क की दीवानगी शायरी
इश्क ने हमसे कुछ ऐसी साजिशें रची हैं, मुझमें मैं नहीं हूँ अब बस तू ही तू बसी है।
चाँद मेरी ज़िंदगी में तब लग जाएँगे जब मेरे एहसासों के साथ-साथ उनके ज़ज़्बात भी जग जाएंगे !
शायरी उसी के लबों पर सजती है साहिब जिसकी आँखों में इश्क़ रोता हो
इश्क है वही जो हो एक तरफा; इजहार है इश्क तो ख्वाईश बन जाती है; है अगर इश्क तो आँखों में दिखाओ; जुबां खोलने से ये नुमाइश बन जाती है।
चलते तो हैं वो साथ मेरे पर अदाज देखिए जैसे की इश्क करके वो एहसान कर रहें है !
मेरे इश्क़ से मिली है ,, तेरे हुस्न को ये शौहरत , तेरा ज़िक्र ही कहाँ था मेरी दीवानगी से पहले ,,
खुशबू से है वो जब आसपास भी नहीं होते फिर भी महसूस होते है।
कुछ तो शराफत सीख ले, ऐ इश्क़ शराब से………..!! बोतल पे लिखा तो होता है, मैं जानलेवा हूँ………….!!
इश्क एक नशा है दिल की चाहत है दिलों का सरूर प्यार हो जाता है नजरों से किसकी खता किसका कसूर।
आज कुछ लिखने की फ़िराक में हूँ, आज सुबह ही मुझे इश्क़ हुआ है।
इश्क़ में इसलिए धोखा खाने लगे हैं लोग दिल की जगह जिस्म को चाहने लगे हैं लोग।
महफिलों में भी वो और तन्हाइयों में भी वो रहा करती है, क्या इश्क़ की हर घडी में ऐसे ही मोहब्बत रहा करती है।
ishq shayari hindi
बड़ी अजीब सी मोहब्बत थी तुम्हारी पहले पागल किया फिर पागल कहा फिर पागल समझ कर छोड़ दिया।
थोड़ी जल्दी आया करो मिलने के लिए, हमारा दिल नहीं बना तुमसे दूर रहने के लिए।
चाहे कितनी भी तकलीफ दे इश्क़ पर सुकून भी इश्क़ से ही मिलता है।
इश्क का दस्तूर ही ऐसा है जो इस को जन लेता है ये उसकी जन लेता है
बरसों से कायम है इश्क़ अपने उसूलों पर, ये कल भी तकलीफ देता था ये आज भी तकलीफ देता है.
इश्क में जिसने भी बुरा हाल बना रखा है, वही कहता है अजी इश्क में क्या रखा है !
बंद कर दिए हैं हमने तो दरवाजे इश्क के पर कमबख़्त तेरी यादें तो दरारों से ही चली आई..
इश्क की गहराईयों में.. खूबसूरत क्या है..!! एक मैं हूँ, एक तुम हो और ज़रुरत क्या है..!!
रब ना करें इश्क की कमी किसी को सताए प्यार करो उसी से जो तुम्हें दिल की हर बात बताए
कोहरा सा बनकर मेरे दिल पे छा गए हो तुम्हारे सिवाय कुछ दिखता ही नहीं !
इश्क में इसलिए भी धोखा खानें लगें हैं लोग, दिल की जगह जिस्म को चाहनें लगे हैं लोग.
मुक़म्मल ना सही अधूरा ही रहने दो ये इश्क़ है कोई मक़सद तो नहीं !
इश्क़ ने ग़ालिब निकम्मा कर दिया वर्ना हम भी आदमी थे काम के!
सच्चे इश्क में अल्फाज़ से ज्यादा..! एहसास की एहमियत होती है…!।
वो जितना मुझे पलके उठा देख लेते है, उतना ही मैं नीलम हो जाता हूँ।
महफ़िल सजी है सनम भी ऑनलाइन हैं हम कंफ्यूज हैं इश्क़ करे या शायरी।
जब्त से काम लिया दिल ने तो क्या फक्र करूँ, इसमें क्या इश्क की इज्ज़त थी कि रुसवा न हुआ, वक्त फिर ऐसा भी आया कि उससे मिलते हुए, कोई आँसू भी ना गिरा कोई तमाशा ना हुआ।
तुझसे ना मिलने की तड़प कुछ ऐसी है कि, जैसे मेरी सांस में सांस ना हो।
नज़रे मिले तो प्यार हो जाता है पलके उठे तो इज़हार हो जाता है ना जाने क्या कशिश है चाहत मैं के कोई अंजान भी हमारी ज़िंदगी का हक़दार हो जाता है।
गजल-ए-उल्फत पढ़ लिया करो, एक खुराक सुबह एक खुराक शाम, ये वाहिद दवा है जिससे, बीमारे-इश्क को मिलता है तुरंत आराम।
तुम हकीकत-ऐ-इश्क़ हो या फरेब मेरी आँखों का, ना दिल से निकलते हो ना मेरी ज़िंदगी में आते हो।
चाहने की वजह कुछ भी नहीं , बस इश्क की फितरत है, बे- वजह होना… . !!
सितारों से आगे जहाँ और भी हैं अभी इश्क़ के इम्तिहाँ और भी हैं!
इन आँखो में कैद थे गुनाह ए इश्क कि सजा के बेहिसाब आंसु…. तेरी यादों ने आकर उनकी जमानत कर दी….
Ishq Shayari in Hindi
इश्क़ नाज़ुक मिज़ाज है बेहद अक़्ल का बोझ उठा नहीं सकता!
जरुरी तो नहीं, हर चाहत का मतलब इश्क हो, कभी कभी कुछ अनजान रिश्तों के लिए भी… दिल बेचैन हो जाता है…!!!!
तुम्हारे इश्क़ का मौसम हर मौसम से सुहाना होता है !
कत्ल किया था जिसने मेरी मासूम मुहब्बत का वो बा-इज़्ज़त बरी है और हम इश्क़ करके सारे शहर के गुनहगार हो गये
राह ए दूर ए इश्क़ में रोता है क्या आगे आगे देखिए होता है क्या!
चर्चे… किस्से…नाराजगी आने दो, मुझको इश्क़ में और इश्क़ को मुझमें मशहूर हो जाने दो।
लगता है इश्क़ अपने उसूलों पे कायम ही रहेगा, ये कल भी तकलीफ देता था और आगे भी तकलीफ देगा।
कुछ खेल नहीं है इश्क़ करना ये ज़िंदगी भर का रत जगा है।
तुझसे इश्क़ कर के ये यक़ीन हुआ की इबादत के लिए ख़ुदा का मिलना ज़रूरी नहीं है।
महफ़िल ना सही तन्हाई तो मिलती है, मिलना न सही जुदाई तो मिलती है, कौन कहता इश्क़ में कुछ नहीं मिलता? वफ़ा न सही बेवफाई तो मिलती है।
जब होना होता है तब होके रहता है, ये इश्क़ है इस पर किसका ज़ोर चलता है।
चाहत में डूबने का हक़ सभी को है पर दुनिया के सामने इनकार सभी को है बेशक कोई छुपा ले दिल की गहराइयों में पर किसी ना किसी से तो प्यार सभी को है।
तुझे देखे बिना तेरी तस्वीर बना दूँ, तुझे मिले बिना तेरा हाल बता दूँ, मेरी मोहब्बत में इतना दम है कि, तेरी आँखों के आँसू अपनी आँखों से गिरा दूँ।
प्यार करना सीखा है नफरतो का कोई ठौर नही बस तु ही तु है इस दिल मे दूसरा कोई और नही!
ishq par shayari in hindi
कितनी मासुम है दिल की ख्वाहिश……. इश्क भी करना चाहता है और खुश भी रहना चाहता है…..!
किसी ने पूछा कभी इश्क हुआ था हम मुस्कुरा के बोले आज भी है!
तेरी बातों में जिक्र मेरा…. मेरी बातों में जिक्र तेरा…. अजब सा ये इश्क हैं…. ना तु मेरी ना मैं तेरा
वो कहते है भूल जाओ पुरानी बातों को….. कोई उसे समझाये कि इश्क़ कभी पुराना नहीं होता..||||
आग थे इब्तिदा ए इश्क़ में हम अब जो हैं ख़ाक इंतिहा है ये!
इश्क़ इक भारी पत्थर है कब ये तुझ ना तवाँ से उठता है!
ना आह सुनाई दी ना तड़प दिखाई दी….!! बर्बाद हो गए तेरे इश्क में हम बड़ी खामोशी के साथ….!!
आज कोई गज़ल तेरे नाम ना हो जाए आज कही लिखते लिखते शाम ना हो जाए!
दिल इश्क से बंधा हुआ एक जिद्दी परिंदा है ! उम्मीदों से ही घायल है उम्मीदों पर ही जिंदा !!
हुस्न की मल्लिका हो या साँवली सी सूरत…!! इश्क अगर रूह से हो तो हर चेहरा कमाल लगता है…!!
अजब चिराग हूँ दिन रात जलता रहता हूँ थक गया हूँ मैं हवा से कहो बुझाए मुझे।
इश्क का रोग है जाता नहीं कसम से गले में डालकर सारे ताबीज देखे मैंने!
सुनो मुझे इश्क़ हुआ है दूर रहना तुम हमसे सुना है ये मर्ज छूने से बढ़ जाता है !
खुदा तू इश्क न करना वरना बहुत पछतायेगा हम तो मर के तेरे पास आयेंगे तू कहाँ जायेगा!
इश्क़ पर शायरी
ज़मीन से आसमान तक इश्क़ का ही बोल बाला है इश्क़ के करने का लेकिन सभी का ढंग निराला है!
जिसे इश्क़ का तीर कारी लगे उसे ज़िंदगी क्यूँ न भारी लगे !
मै खुद लिखता हूँ मोहब्बत तुम आइने को संवार लो मै अपनी खुशबु बिखेर देता हूँ तुम अपनी जुल्फों को सवार लो !
चर्चे किस्से नाराजगी आने दो मुझको इश्क़ में और इश्क़ को मुझमें मशहूर हो जाने दो! साथ देना चाहते है आप की हर राह मे जिंदगी जीना चाहते है आप की बाहों मे बन जाना साँसे हमारी ओर कर देना एहसान इतना जो हो हमारा प्यार सच्चा इस दुनिया मे !
तुम चाहो अगर तो लिख दो इश्क़ मेरी तकदीर में तुमसे खूबसूरत इबादत तो जन्नत में भी नही!
मन में छुपे राज़ बताऊ कैसे तुम्हे अपना करीब लावू कैसे दिल के अरमान दिल में रेह न जाए कभी चाहत अपनी तुज पर जताऊ भी तो कैसे!
इश्क़ में भी कोई अंजाम हुआ करता है इश्क़ में याद है आग़ाज़ ही आग़ाज़ मुझे!
Ishq Shayari in Hindi
मैं आदत हूँ उसकी वो ज़रूरत है मेरी मैं फरमाइश हूँ उसकी वो इबादत है मेरी इतनी आसानी से कैसे निकल दू उसे अपने दिल से मैं ख्वाब हूँ उसका वो हक़ीक़त है मेरी !!
सुना है हश्र हैं उस की ग़ज़ाल सी आँखें सुना है उस को हिरन दश्त भर के देखते हैं!
दिल की आवाज़ को इज़हार कहते है झुकी निगाह को इकरार कहते है सिर्फ़ पाने का नाम इश्क़ नही कुछ खोने को भी प्यार कहते हैं!
नशा है इश्क़ खता है इश्क़ क्या करें यारो बड़ा दिलकश है इश्क़!
बादशाह थे हम अपनी मिजाज ए मस्ती के इश्क़ ने तेरे दीदार का फ़क़ीर बना दिया!
फरवरी की एक सर्द शाम और साथ तुम्हारा हो काश कुछ पल ही सही ख़्वाब ये सच हमारा हो!
इश्क़ वही है जो हो एकतरफा हो इज़हार ऐ इश्क़ तो ख्वाहिश बन जाती है है अगर मोहब्बत तो आँखों में पढ़ लो ज़ुबान से इज़हार तो नुमाइश बन जाती है!
इक बात कहूँ इश्क़ बुरा तो नहीं मानोगे, बड़ी मौज के थे दिन, तुमसे पहचान से पहले।
यह वही है जो मुझे जीवन पर गर्व करता है, आपने मुझे बहुत देर कर दी है प्यार से कोई तरकीब करते हो तो मुझमें हारने की हिम्मत है।
इबादत ए इश्क बस इतना है तु रहे सदा पास मेरे मै रहू सदा एहसासो मे तेरे!
प्यार लिखने के लिए प्यार का होना बहुत जरूरी है। बिना जहर का स्वाद पिए कोई कैसे बता सकता है?
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राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।