Internet Kya Hai: इंटरनेट विज्ञान का एक ऐसा आशीर्वाद है, जिसने इस दुनिया को सिमट कर रख दिया है। इंटरनेट नेटवर्क का एक जाल है, जो पूरी दुनिया में बिछी हुई है। इस जाल को कोई देख नहीं सकता लेकिन इसी के कारण देश दुनिया के विभिन्न लोगों तक सूचनाओं का आदान प्रदान कर सकते हैं। इंटरनेट विज्ञान का बहुत ही दुर्लभ आविष्कार है, जिसके कारण मानव जीवन काफी सरल हो गया है।
यूं तो इंटरनेट के आविष्कार के बाद इंटरनेट का ज्यादातर इस्तेमाल सूचनाओं के आदान-प्रदान में किया जाता था। लेकिन आज इंटरनेट मानव जीवन का एक अभिन्न अंग बन चुका है। दुनिया का हर एक व्यक्ति इंटरनेट का इस्तेमाल करता है। आज छोटे से बड़े कई काम इंटरनेट के माध्यम से होते हैं। यहां तक कि आज के युग में ज्यादातर लोग इंटरनेट पर ही आधारित हैं।
आज वस्तुओं की खरीदारी से लेकर सभी ऑफिशियल और सरकारी काम इंटरनेट के माध्यम से ही होते हैं। जिस इंटरनेट के कारण आज दुनिया और भी ज्यादा एडवांस होते जा रही है। आखिर यह इंटरनेट है क्या? (Internet Kya Hai), इंटरनेट का इतिहास क्या है?, इंटरनेट की खोज किस तरह हुई? यदि आपके मन में भी इस तरह के सवाल आते हैं तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें। क्योंकि इस लेख में हम इन्हीं सभी सवालों का जवाब लेकर आए हैं।
इंटरनेट क्या है? (इतिहास, प्रकार, फायदे, लाभ और नुकसान) | Internet Kya Hai
इन्टरनेट क्या हैं? (Internet Kya Hai)
इंटरनेट पूरी दुनिया में फैला हुआ एक नेटवर्क का जाल है, जो दिखता नहीं। यह नेटवर्क दुनिया के हजारों लाखों कंप्यूटर को एक दूसरे के साथ जोड़ता है, इसे हिंदी में ‘अंतरजाल’ कहते हैं। इंटरनेट किसी कंपनी या सरकार के अधीन ना होकर इसमें अलग-अलग संस्थाओं या प्राइवेट कंपनियों का सरवर जुड़ा होता है।
इस तरीके से इंटरनेट विश्व का सबसे बड़ा नेटवर्क है, जिसमें सूचना और डेटा के आदान-प्रदान के लिए ट्रांसफर प्रोटोकॉल का इस्तेमाल किया जाता है। कंप्यूटर को इंटरनेट से टेलीफोन लाइन द्वारा जोड़ा जाता है। हालांकि इसके अतिरिक्त भी इंटरनेट कनेक्शन के कई प्रकार होते हैं, जो अलग-अलग डाटा स्पीड प्रदान करते हैं।
उसी के हिसाब से वह सस्ता और महंगा होता है। World wide web, gopher, file transfer protoco इत्यादि कुछ प्रचलित इंटरनेट सेवाएं हैं, जिसके जरिए जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
इन्टरनेट का इतिहास
1969 में चार कंप्यूटर को जोड़कर ARPANET नाम का एक नेटवर्क बनाया गया। उस दौरान अमेरिका के रक्षा विभाग में अन्वेषण कार्यों के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा था। 1972 तक इस नेटवर्क में 37 कंप्यूटर और जुड़ गए। 1973 तक इस नेटवर्क का विस्तार इंग्लैंड और नार्वे तक पहुंच गया।
इस तरीके से आगे इसका तीव्र विकास हुआ और लगभग 10,000 कंप्यूटर्स का नेटवर्क बन गया। 1989 तक इसमें 100000 से भी ज्यादा कंप्यूटर जुड़ गए। 1990 में ARPANET के स्थान पर इन्टरनेट का विकास जारी रहा। इस तरीके से देखते ही देखते 1993 तक 2000000 कंप्यूटर इस नेटवर्क के माध्यम से एक दूसरे के साथ जुड़े। भारत में बीएसएनल यानी विदेश संचार निगम लिमिटेड नेटवर्क की सेवाएं प्रदान करती हैं।
इंटरनेट का मालिक कौन है?
हम बाजार से जिन भी वस्तुओं को खरीदते हैं या जो भी सेवाएं हम खरीदते हैं, उसका कोई ना कोई मालिक होता है। लेकिन क्या कभी आपके मन में यह विचार आया कि कंप्यूटर या लैपटॉप में आप जिस इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं, उसका मालिक कौन है?
हालांकि कुछ लोगों को लगता है जिओ, एयरटेल, वोडाफोन, बीएसएनल जैसी कंपनियों से इंटरनेट पैक खरीदते हैं तो यही इंटरनेट के मालिक हैं। असल में इंटरनेट के मालिक ना यह कंपनियां है ना कोई सरकार। इंटरनेट का कोई भी सीधे नियंत्रण नहीं कर सकता, इस पर किसी भी अकेली संस्था या संगठन का मालिकाना हक नहीं है।
यह एक सामूहिक मिल्कियत है। यह विशाल और स्वतंत्र काम करने वाले समूह की चीज है, जिसे कंपनियां, संस्था या सरकार मेंटेन करने के लिए जिम्मेदार होती है।
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इंटरनेट स्पीड क्या है?
इंटरनेट स्पीड डाटा ट्रांसफर को बयां करता है, जिसे बाइट में मापा जाता है। जैसे कि जब डाटा स्लो ट्रांसमिट होता है तो इंटरनेट के जरिए कुछ भी सर्च करने पर या वेब पेज खोलने पर वह बहुत धीरे-धीरे से खुलता है। लेकिन यदि डाटा ट्रांसमिशन बहुत अत्यधिक हो तो वह बहुत तेजी से खुल जाता है।
इंटरनेट की स्पीड नेटवर्क और राउटर के अतिरिक्त इंटरनेट प्लान और इंटरनेट प्रोवाइडर पर भी निर्भर करता है। जैसे कि यदि आप अत्यधिक महंगा प्लान खरीदते हैं तो आपको पर सेकंड अत्यधिक वाइट का इंटरनेट डाटा प्रदान किया जाता है।
इसके अतिरिक्त इंटरनेट की स्पीड बैंडविथ पर भी निर्भर करता है। जब इंटरनेट प्रोवाइडर के पास अत्यधिक इंटरनेट यूजर मौजूद होते हैं तो इंटरनेट के डाटा सभी में बंट जाती है, जिससे इंटरनेट की स्पीड कम हो जाती है और इसी को Bandwidth कहते हैं।
इसे आप इस तरह समझ सकते हैं कि बहुत बार जिओ या किसी अन्य इंटरनेट प्रोवाइडर कंपनी के नेटवर्क की कहीं इंटरनेट स्पीड काफी अच्छी होती है तो कहीं काफी कम होती है, जो अत्यधिक Bandwidth की समस्या के कारण होता है।
इंटरनेट कनेक्शन के प्रकार
इंटरनेट एक बहुत बड़ा जाल है हालांकि इंटरनेट के कोई प्रकार नहीं है। लेकिन इंटरनेट कनेक्शन के कुछ प्रकार है, जो निम्नलिखित हैं:
मोबाईल इंटरनेट
मोबाइल इंटरनेट काफी सस्ता माध्यम होता है। यह खास करके मोबाइल में ज्यादातर इस्तेमाल किया जाता है और इसमें टेलीकॉम सर्विस कंपनियों द्वारा 2G, 3G और 4G जैसे अलग-अलग प्रकार के इंटरनेट प्लान उपलब्ध कराए जाते हैं, जिसे यूजर खरीदते हैं और इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं।
भारत में इस मोबाइल इंटरनेट का बहुत ज्यादा इस्तेमाल होता है। भारत में जिओ, बीएसएनएल, एयरटेल, वोडाफोन जैसे कुछ प्रमुख कंपनियां है, जो मोबाइल इंटरनेट प्रदान करती है।
DSL
इस तरह की इंटरनेट सुविधा दो कॉपर वायर वाली टेलीफोन लाइन के उपयोग से प्रदान किया जाता है। इस लाइन से लैंडलाइन टेलीफोन और इंटरनेट दोनों ही एक ही माध्यम से चलाए जाते हैं। डीएसएल का पूरा नाम डिजिटल सब्सक्राइबर लाइन होता है।
ब्रॉड्बैन्ड
इस तरह के इंटरनेट कनेक्शन की कीमत अन्य की तुलना में थोड़ा अत्यधिक होता है। इस इंटरनेट को हमारे घरों तक तारों की सहायता से पहुंचाया जाता है, जिसे हम राउटर या लैन केबल की सहायता से इस्तेमाल करते हैं। इसमें हाई स्पीड का इंटरनेट डाटा पहुंचाया जाता है।
हालांकि यह भी डीएसएल का ही एक प्रकार है लेकिन इसमें बैंडविथ डीएसएल से काफी अत्यधिक होता है। इसका फायदा यह है कि इसमें अनलिमिटेड इंटरनेट इस्तेमाल कर सकते हैं और बरसात जैसे मौसम के दौरान भी इंटरनेट की स्पीड कम नहीं होती है।
सैटेलाइट इंटरनेट
सेटेलाइट इंटरनेट का इस्तेमाल काफी कम किया जाता है। क्योंकि इसमें इंटरनेट का इस्तेमाल सेटेलाइट के माध्यम से किया जाता है, जिसके कारण डाटा का तेजी से ट्रांसफर नहीं हो पाती है और स्पीड भी काफी कम होता है। लेकिन जिन क्षेत्रों में ब्रांडबैंड कनेक्शन उपलब्ध नहीं होते हैं, उन क्षेत्रों में इसी सेटेलाइट इंटरनेट के माध्यम से इंटरनेट का इस्तेमाल किया जाता है।
वायरलेस इंटरनेट कनेक्शन
वायरलेस इंटरनेट कनेक्शन रेडियो फ्रिकवेंसी बैंड के जरिए डिवाइस तक इंटरनेट सुविधा पहुंचाई जाती है। इस तरह के इंटरनेट कनेक्शन में इंटरनेट को डिवाइस तक पहुंचाने के लिए किसी भी प्रकार की तार की आवश्यकता नहीं पड़ती।
हालांकि यह कनेक्शन तो अच्छे होते हैं लेकिन यह कुछ किलोमीटर तक के ही क्षेत्र में कार्य करता है। यदि नेटवर्क कवरेज एरिया से बाहर जाओ तो अच्छे से कार्य नहीं करता।
Dial-up कनेक्शन
टेलीफोन लाइन के जरिए कंप्यूटर में इंटरनेट दिए जाने की प्रक्रिया को डायल अप कनेक्शन कहते हैं। यह कनेक्शन दूसरे कनेक्शन की तुलना में काफी सस्ते होते हैं। डायल अप कनेक्शन में मॉडेम की मदद से कंप्यूटर और आईपी सरवर के बीच एक अस्थाई कनेक्शन बनाया जाता है।
इंटरनेट के फायदे
वर्तमान में और खास करके कोरोना महामारी के दौरान इंटरनेट का सबसे ज्यादा फायदा रोजगार पाने में हुआ है। आज इंटरनेट के कारण कई सारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोग अपने स्किल को दिखा कर पैसे कमा रहे हैं जैसे कि यूट्यूब पर अपनी किसी भी स्किल के अनुसार वीडियो बनाकर अपलोड कर रहे हैं, इंस्टाग्राम, फेसबुक के जरिए भी लोग पैसे कमा रहे हैं।
इसके अतिरिक्त ब्लॉगिंग, एफिलियेट मार्केटिंग और ऑनलाइन सर्वे से भी आज इंटरनेट से घर बैठे पैसे कमाने का जरिया बन गया है। इस तरीके से आज इंटरनेट लाखों लोगों के लिए रोजगार का माध्यम बना है।
शिक्षा के क्षेत्र में इंटरनेट का बहुत बड़ा योगदान है। कोरोना महामारी के दौरान जब स्कूल कॉलेज बंद कर दिए गए तो मात्र ऑनलाइन स्टडी का ही जरिया था, जिससे बच्चों के पढ़ाई को कोई नुकसान ना हो। इंटरनेट के कारण 2 सालों तक स्कूल कॉलेज बंद रहने के बावजूद भी बच्चों के पढ़ाई पर कोई गलत प्रभाव नहीं पड़ा।
इसके अतिरिक्त आज इंटरनेट के कारण ही दूर रहकर भी लोग मनचाहे इंस्टिट्यूट से डिग्री हासिल करने में सक्षम है। आज इंटरनेट के कारण जो बच्चे गरीब हैं, जिनके माता-पिता अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने के लिए सक्षम नहीं है, वह भी इंटरनेट के जरिए पा रहे हैं। इस तरीके से इंटरनेट शिक्षा को बढ़ावा भी दे रहा है।
इंटरनेट के कारण किसी भी प्रश्न के जवाब खोज सकते हैं। विद्यार्थियों के लिए इंटरनेट के कारण काफी सुविधा हुई है। स्कूल, कॉलेज में टीचर का लेक्चर नहीं समझ में आता है तो इंटरनेट पर उस चीज को समझ सकते हैं। आज इंटरनेट पर लाखों वीडियो और कंटेंट केवल एक विषय पर उपलब्ध है।
इस तरीके से इंटरनेट के कारण व्यक्ति की तार्किक शक्ति भी बढ़ रही है। क्योंकि मन में जो भी उलझन है, उसे इंटरनेट पर सर्च करके सुलझा सकता है। इस तरीके से इंटरनेट ज्ञान का भंडार है।
इंटरनेट मनोरंजन का भी माध्यम बन चुका है। व्यक्ति के जीवन में मनोरंजन बहुत जरूरी है और आज इंटरनेट के कारण घर बैठे मनोरंजन के लिए गाना सुन सकते हैं, फिल्म देख सकते हैं। इसके अतिरिक्त ऑनलाइन विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा का भी कार्य कर रहा है क्योंकि इंटरनेट पर कई सारे प्रेरणादायक वीडियो और कहानी उपलब्ध है, जिसे सुनकर और देखकर बच्चे अपने आप को प्रेरित कर सकते हैं।
इंटरनेट का सबसे बड़ा फायदा यह भी है कि आज दूर रहकर भी हम अपनों को देख सकते हैं। इसके अतिरिक्त आज इंटरनेट के कारण चीजों को खरीदने के लिए दुकान जाने की भी जरूरत नहीं है। ऑनलाइन चीजों को खरीद कर घर तक डिलीवरी पा सकते हैं।
आज इंटरनेट के कारण ज्यादातर काम घर पर ही हो जाता है जैसे कि लोगों को बैंक से पैसा निकालना हो या बैक से संबंधित कोई भी काम करवाना हो तो बैंक जाकर लाइन लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है। इसके अतिरिक्तक बिजली बिल, डीटीएच का बिल, टेलीफोन का बिल, यहां तक कि सरकारी नौकरियों का आवेदन भी घर बैठे ही कर सकते हैं। इस तरीके से इंटरनेट के कारण आज सभी प्रकार के सरकारी काम से लेकर कई प्रकार के काम घर बैठे करवा सकते हैं।
इंटरनेट के कारण आज व्यापार को भी बढ़ावा मिल रहा है। आज बड़ी से बड़ी कंपनियां इंटरनेट के माध्यम से अपने कंपनियों का प्रचार प्रसार कर रही है और इंटरनेट की मदद से ऑनलाइन बिजनेस कर रही है। इसके अतिरिक्त मध्यम वर्ग के लोगों के लिए भी अपने व्यापार को दूर-दूर तक फैलाने का माध्यम मिल चुका है।
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इंटरनेट के नुकसान
यह कहना भी गलत नहीं होगा कि इंटरनेट पूरी तरीके से सुरक्षित नहीं है। क्योंकि दुनिया में जो चीज अच्छी है कहीं ना कहीं वह चीज बुरी भी है। ठीक इसी तरह इंटरनेट के साथ भी है। इंटरनेट भले ही आज मानव जीवन का अभिन्न अंग बन चुका है और आज मानव पूरी तरीके से इंटरनेट पर आधारित हो चुका है। लेकिन इसका गलत उपयोग हो रहा है और कहीं ना कहीं इसका मानव पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।
इंटरनेट का सबसे बड़ा नुकसान समय की बर्बादी है। हालांकि यदि हम इंटरनेट का सही तरीके से इस्तेमाल करें तो समय का उपयोगिता ही कहलाएगा लेकिन इंटरनेट आज लोगों को अपनी और काफी ज्यादा आकर्षित कर रही हैं। कई लोग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपना समय विभिन्न प्रकार की तस्वीरों को पोस्ट करने में बर्बाद करते रहते हैं।
इंटरनेट जहां विद्यार्थियों के लिए मददगार साबित होता है, वहीँ बच्चों को गलत मार्ग पर भी ले जाता है। इंटरनेट पर अच्छी वीडियोस के साथ-साथ कई अश्लील और हिंसक वीडियोस उपलब्ध है, जिसका बच्चे पर गलत प्रभाव होता है और बहुत जल्दी बच्चे इन गलत चीजों के प्रभाव में आ जाते हैं।
इंटरनेट की उपयोगिता के साथ ही खर्चे भी काफी बढ़ रहे हैं। क्योंकि पहले इंटरनेट का इस्तेमाल केवल जानकारियों को हासिल करने के लिए किया जाता था। लेकिन आज ज्यादातर का इंटरनेट के जरिए ही होता है। यहां तक कि ऑफिशियल वर्क भी आजकल घर बैठे ही इंटरनेट के जरिए किए जाते हैं, जिसके कारण आज इंटरनेट पैक को खरीदना काफी जरूरी हो गया है। यहां तक कि अब आने वाले समय में इंटरनेट पैक की कीमत भी बढ़ सकती है।
इंटरनेट के कारण धोखाधड़ी भी काफी बढ़ गई है। कई ऐसे हैकर होते हैं, जो आपके फोन को हैक करके आपके पहचान को और आपके पर्सनल जानकारी को चुरा सकते हैं। इसके साथ ही वह आपके बैंक संबंधित आवश्यक जानकारी भी लेकर आपके खाते के पैसे लूट सकते हैं। इंटरनेट के कारण आज आपकी निजी बातों को फैलने में समय नहीं लगता।
आज इंटरनेट पर संचार की गति बहुत तेज हो गई है, जिसके कारण कई दुश्मन आपको बदनाम करने के लिए आपके फोटो या वीडियो को गलत तरीके से इंटरनेट पर प्रसार कर सकते हैं और आपकी आलोचना कर सकते हैं। इंटरनेट के कारण आज प्राइवेट सिक्योरिटी के प्रति सतर्क रहना बहुत जरूरी हो गया है।
इंटरनेट का स्वास्थ्य पर भी काफी बुरा असर पड़ता है। ज्यादा इंटरनेट के इस्तेमाल से आंखों पर बुरा असर होता है। मानसिक तनाव, सिर में दर्द जैसी कई समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। इंटरनेट का ज्यादा इस्तेमाल करो तो देर नहीं लगती इसका लत लगने में।
आज इंटरनेट के समय में कई लोग खाना-पीना छोड़कर दिनभर इंटरनेट पर एक दूसरे से चैटिंग करने में, फोटो और वीडियोस पोस्ट करने में व्यस्त रहते हैं। यहां तक कि इंटरनेट के कारण आज पास रहकर भी लोग एक दूसरे से दूर हैं। क्योंकि एक ही परिवार के सभी सदस्य इंटरनेट के कारण एक दूसरे से बात ना करके अपने दूर के रिश्तेदारों से चैटिंग करने में व्यस्त रहते हैं। ऐसे में वे एक दूसरे को समय नहीं दे पाते।
FAQ
इंटरनेट को हिंदी में अंतरजाल बोलते हैं। यह पूरी दुनिया में फैला हुआ एक नेटवर्क जाल है, जो टीसीपी प्रोटोकोल के उपयोग से एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर के बीच विभिन्न प्रकार के माध्यम से सूचनाएं और डेटा का आदान प्रदान करता है।
भारत में सबसे अधिक मोबाइल नेटवर्क के द्वारा इंटरनेट का इस्तेमाल किया जाता है। जिओ, एयरटेल, वोडाफोन, बीएसएनल जैसे कुछ प्रमुख भारतीय मोबाइल इंटरनेट प्रदाता कंपनी है।
इंटरनेट का फुल फॉर्म Interconnected Network है।
1969 में अमेरिका में डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस के द्वारा इंटरनेट का सबसे पहली बार उपयोग किया गया।
निष्कर्ष
आज के आधुनिक समय में इंटरनेट की आवश्यकता बहुत ज्यादा हो गई है और शायद अब बिना इंटरनेट के जीवन भी काफी मुश्किल हो सकता है। क्योंकि अब हर कोई इंटरनेट का आदि हो चुका है, जिसकी लत को छूडाना काफी मुश्किल है। इस तरह आज के लेख में हमने आपको इंटरनेट के बारे में बताया।
हमें उम्मीद है कि इस लेख से इंटरनेट से संबंधित आपके सभी प्रकार के प्रश्नो का उत्तर मिल गया होगा। लेख अच्छा लगा हो तो इसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए दोस्तों में जरूर शेयर करें।
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