Gulzar Shayari in Hindi: विश्व प्रसिद्ध शायर गुलजार का पूरा नाम सम्पूर्ण सिंह कालरा है और ये भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के लोकप्रिय गीतकार, पटकथा, लेखक, फिल्म निर्देशक भी रहे हैं। इन्हें सिनेमा जगत के कई महत्वपूर्ण सम्मान से भी नवाज़ा गया है। इन सम्मान में पद्म भूषण, विश्व प्रशिध आस्कर अवार्ड, ग्रेमी अवार्ड आदि जैसे नाम भी शामिल है।
गुलज़ार का जन्म वर्तमान समय में पाकिस्तान में स्थित झेलम जिला पंजाब में 18 अगस्त 1936 को हुआ था। फिर भारत-पाकिस्तान के विभाजन के बाद गुलज़ार परिवार सहित अमृतसर चले आये और फिर मुंबई।
![Gulzar Shayari](https://thesimplehelp.com/wp-content/uploads/2021/02/Gulzar-Shayari-2.jpg)
आज हम यहां पर बेहद लोकप्रिय गुलज़ार की शायरी का संग्रह लेकर आये है। हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह शायरी पसंद आएगी।
गुलज़ार शायरी – Gulzar Shayari
कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूँ
उन से कितना कुछ कहने की कोशिश की।
![Gulzar Shayari](https://thesimplehelp.com/wp-content/uploads/2021/02/Gulzar-Shayari.jpg)
महफ़िल में गले मिलकर वह धीरे से कह गए,
यह दुनिया की रस्म है, इसे मुहोब्बत मत समझ लेना।
बहुत मुश्किल से करता हूँ तेरी यादों का कारोबार,
मुनाफा कम है लेकिन गुज़ारा हो ही जाता है।
इतने लोगों में कह दो अपनी आँखों से,
इतना ऊँचा न ऐसे बोला करे, लोग मेरा नाम जान जाते हैं।
वो चीज जिसे दिल कहते हैं,
हम भूल गए हैं रख कर कहीं।।
तेरे बिना ज़िन्दगी से कोई शिकवा तो नहीं,
तेरे बिना ज़िन्दगी भी लेकिन ज़िन्दगी तो नहीं।
![गुलज़ार शायरी](https://thesimplehelp.com/wp-content/uploads/2021/02/गुलज़ार-शायरी.jpg)
कोई पूछ रहा है मुझसे अब मेरी ज़िन्दगी की कीमत,
मुझे याद आ रहा है हल्का सा मुस्कुराना तुम्हारा।
मोहब्बत ज़िन्दगी बदल देती है,
मिल जाए तब भी और ना मिले तब भी।
सुनो, ज़रा रास्ता तो बताना
मोहब्बत के सफ़र से वापसी है मेरी।
इश्क़ में जलते हुए साँस तेजबी लगे
राज़ खुलता ही नहीं कोई तो चाबी लगे।
ये इश्क़ मोहब्बत की रिवायत भी अजीब है
पाया नहीं है जिसको उसे खोना भी नहीं चाहते।
उस उम्र से हमने तुमको चाहा है,
जिस उम्र में हम जिस्म से वाकिफ ना थे।
![Gulzar Shayari Image](https://thesimplehelp.com/wp-content/uploads/2021/02/Gulzar-Shayari-Image.jpg)
यूँ तो रौनकें गुलज़ार थी महफ़िल, उस रोज़ हसीं चहरों से
जाने कैसे उस पर्दानशी की मासूमियत पर हमारी धड़कने आ गई।
नज़र झुका के उठाई थी जैसे पहली बार,
फिर एक बार तो देखो मुझे उसी नज़र से।
मौसम का गुरुर तो देखो,
तुमसे मिल के आया हो जैसे।
कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ,
किसी की आँख में हम को भी इंतज़ार दिखे।
सफल रिश्तों के बस यही उसूल है,
बातें भूलिए जो फिजूल है।
कुछ रिश्तों में मुनाफा नहीं होता,
लेकिन ज़िन्दगी को अमीर बना देते हैं।
![Gulzar Motivational Quotes](https://thesimplehelp.com/wp-content/uploads/2021/02/Gulzar-Motivational-Quotes.jpg)
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Gulzar Shayari Image
रिश्तों की अहमियत समझा करो जनाब
इन्हे जताया नहीं निभाया जाता है।
धागे बड़े कमजोर चुन लेते हैं हम,
और फिर पूरी उम्र गांठ बांधने में ही निकल जाती है।
कुछ अधूरे से लग रहे हो आज,
लगता है किसी की कमी सी है।
तेरे जाने से कुछ बदला तो नहीं,
रात भी आई थी और चाँद भी, मगर नींद नहीं।
एक खूबसूरत सा रिश्ता खत्म हो गया
हम दोस्ती निभाते रहे और उसे इश्क़ हो गया।
![गुलज़ार की शायरी](https://thesimplehelp.com/wp-content/uploads/2021/02/गुलज़ार-की-शायरी.jpg)
दिल अगर है तो दर्द भी होगा,
इसका शायद कोई हल नहीं।
मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में,
बस हम गिनती उसी की करते है जो हासिल ना हो सका।
आइना देख कर तसल्ली हुई,
हम को इस घर में जानता है कोई।
हम ने अक्सर तुम्हारी राहों में,
रुक कर अपना ही इंतिज़ार किया।
बेतअल्लुक़ ज़िंदगी अच्छी नहीं
ज़िंदगी क्या मौत भी अच्छी नहीं।
![गुलज़ार कोट्स](https://thesimplehelp.com/wp-content/uploads/2021/02/गुलज़ार-कोट्स.jpg)
तन्हाई अच्छी लगती है
सवाल तो बहुत करती पर,
जवाब के लिए
ज़िद नहीं करती।
मैं चुप कराता हूं हर शब उमड़ती बारिश को
मगर ये रोज़ गई बात छेड़ देती है।
Gulzar Motivational Quotes
ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में
एक पुराना ख़त खोला अनजाने में।
फिर वहीं लौट के जाना होगा
यार ने कैसी रिहाई दी है।
अपने साये से चौक जाते हैं हम,
उम्र गुजरी है इस कदर तनहा।
आप के बाद हर घड़ी हम ने,
आप के साथ ही गुज़ारी है।
कुछ अलग करना हो तो भीड़ से हट के चलिए,
भीड़ साहस तो देती हैं मगर पहचान छिन लेती हैं।
![Gulzar best Shayari](https://thesimplehelp.com/wp-content/uploads/2021/02/Gulzar-best-Shayari.jpg)
अच्छी किताबें और अच्छे लोग, तुरंत समझ में नहीं आते,
उन्हें पढना पड़ता हैं।
मेरी ख़ामोशी में सन्नाटा भी है, शौर भी है
तूने देखा ही नहीं आँखों में कुछ और भी है।
बहुत अंदर तक जला देती हैं,
वो शिकायते जो बया नहीं होती।
मैंने दबी आवाज़ में पूछा? मुहब्बत करने लगी हो?
नज़रें झुका कर वो बोली! बहुत।
कोई पुछ रहा हैं मुझसे मेरी जिंदगी की कीमत,
मुझे याद आ रहा है तेरा हल्के से मुस्कुराना।
मैं दिया हूँ! मेरी दुश्मनी तो सिर्फ अँधेरे से हैं,
हवा तो बेवजह ही मेरे खिलाफ हैं।
बिगड़ैल हैं ये यादे,
देर रात को टहलने निकलती हैं।
यूँ तो हम अपने आप में गुम थे
सच तो ये है की वहां भी तुम थे।
काँच के पीछे चाँद भी था और काँच के ऊपर काई भी
तीनों थे हम, वो भी थे और मैं भी था तन्हाई भी।
![Gulzar Hindi Shayari](https://thesimplehelp.com/wp-content/uploads/2021/02/Gulzar-Hindi-Shayari.jpg)
हम अपनों से परखे गए हैं कुछ गैरों की तरह,
हर कोई बदलता ही गया हमें शहरों की तरह।
गुलज़ार की शायरी
कल का हर वाक़िआ तुम्हारा था
आज की दास्ताँ हमारी है।
आज की रात यूँ थमी सी है,
आज फिर आपकी कमी सी है।
दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई,
जैसे एहसान उतारता है कोई।
जिस की आंखों में कटी थीं सदियां
उस ने सदियों की जुदाई दी है।
![Romantic Gulzar Shayari](https://thesimplehelp.com/wp-content/uploads/2021/02/Romantic-Gulzar-Shayari.jpg)
वो चीज जिसे दिल कहते हैं,
हम भूल गए हैं रख कर कहीं।
गुलज़ार कोट्स
हाथ छुटे तो भी रिश्ते नहीं छोड़ा करते,
वक़्त की शाख से रिश्ते नहीं तोड़ा करते।
“कौन कहता है
हम झूट नहीं बोलते
एक बार खैरियत
पूछ कर तो देखिये।”
“गजब है इश्क़-ऐ-दस्तूर
साथ थे तो एक लफ़्ज़
ना निकला लवों से मेरे
दूर क्या हुए कलम ने
कहर मचा रखा है।”
“आप के बाद हर घड़ी हम ने
आप के साथ ही गुज़ारी है।”
“कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूँ
उन से कितना कुछ कहने की कोशिश की।”
मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में,
बस हम गिनती उसी की करते है जो हासिल ना हो सका।
![गुलजार साहब की मशहूर शायरी](https://thesimplehelp.com/wp-content/uploads/2021/02/गुलजार-साहब-की-मशहूर-शायरी.jpg)
सुना हैं काफी पढ़ लिख गए हो तुम,
कभी वो भी पढ़ो जो हम कह नहीं पाते हैं।
Gulzar best Shayari
बिगड़ैल हैं ये यादे,
देर रात को टहलने निकलती हैं।
इतना क्यों सिखाई जा रही हो जिंदगी
हमें कौन से सदिया गुजारनी है यहां।
थोड़ा सा रफू करके देखिए ना
फिर से नई सी लगेगी
जिंदगी ही तो है।
मैं वो क्यों बनु जो तुम्हें चाहिए
तुम्हें वो कबूल क्यों नहीं
जो मैं हूं।
मैं दिया हूँ! मेरी दुश्मनी तो सिर्फ अँधेरे से हैं,
हवा तो बेवजह ही मेरे खिलाफ हैं।
![Gulzar Shayaris](https://thesimplehelp.com/wp-content/uploads/2021/02/Gulzar-Shayaris.jpg)
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बहुत अंदर तक जला देती हैं,
वो शिकायते जो बया नहीं होती।
Gulzar Hindi Shayari
वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर,
आदत इस की भी आदमी सी है।
बहुत छाले हैं उसके पैरों में
कमबख्त उसूलो पर चल होगा।
सुनो…
जब कभी देख लुं तुमको
तो मुझे महसूस होता है कि
दुनिया खूबसूरत है।
छोटा सा साया था, आँखों में आया था,
हमने दो बूंदों से मन भर लिया।
मैं दिया हूँ
मेरी दुश्मनी तो सिर्फ अँधेरे से हैं
हवा तो बेवजह ही मेरे खिलाफ हैं।
Romantic Gulzar Shayari
एक सपने के टूटकर चकनाचूर हो जाने के बाद
दूसरा सपना देखने के हौसले का नाम जिंदगी हैं।
![Gulzar Ki Shayari](https://thesimplehelp.com/wp-content/uploads/2021/02/Gulzar-Ki-Shayari.jpg)
तकलीफ़ ख़ुद की कम हो गयी,
जब अपनों से उम्मीद कम हो गईं।
कुछ बातें तब तक समझ में नहीं आती
जब तक ख़ुद पर ना गुजरे।
ज्यादा कुछ नहीं बदलता उम्र के साथ,
बस बचपन की जिद्द समझौतों में बदल जाती हैं।
शायर बनना बहुत आसान हैं
बस एक अधूरी मोहब्बत की मुकम्मल डिग्री चाहिए।
कैसे करें हम ख़ुद को
तेरे प्यार के काबिल,
जब हम बदलते हैं,
तो तुम शर्ते बदल देते हो।
किसी पर मर जाने से होती हैं मोहब्बत,
इश्क जिंदा लोगों के बस का नहीं।
तन्हाई की दीवारों पर घुटन का पर्दा झूल रहा हैं,
बेबसी की छत के नीचे, कोई किसी को भूल रहा हैं।
![Famous Shayari by Gulzar on life](https://thesimplehelp.com/wp-content/uploads/2021/02/Famous-Shayari-by-Gulzar-on-life.jpg)
शोर की तो उम्र होती हैं
ख़ामोशी तो सदाबहार होती हैं।
हाथ छुटे भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते,
वक्त की शाख से लम्हें नहीं तोडा करते।
गुलजार साहब की मशहूर शायरी
एक बार तो यूँ होगा, थोड़ा सा सुकून होगा
ना दिल में कसक होगी, ना सर में जूनून होगा
हाथ छुटे भी तो रिश्ते नहीं नहीं छोड़ा करते,
वक्त की शाख से लम्हें नहीं तोडा करते।
रात को चाँदनी तो ओढ़ा दो,
दिन की चादर अभी उतारी है।
लकीरें हैं तो रहने दो
किसी ने रूठ कर गुस्से में शायद खींच दी थी
उन्ही को अब बनाओ पाला, और आओ कबड्डी खेलते हैं।
Gulzar Shayaris
छोटा सा साया था, आँखों में आया था
हमने दो बूंदों से मन भर लिया।
आदतन तुम ने कर दिए वादे,
आदतन हम ने ए’तिबार किया।
बेहिसाब हसरते ना पालिये
जो मिला हैं उसे सम्भालिये।
सामने आया मेरे, देखा भी, बात भी की
मुस्कुराए भी किसी पहचान की खातिर
कल का अखबार था, बस देख लिया, रख भी दिया।
कोई ख़ामोश ज़ख़्म लगती है,
ज़िंदगी एक नज़्म लगती है।
Gulzar Ki Shayari
आदमी बुलबुला है पानी का
और पानी की बहती सतह पर टूटता भी है, डूबता भी है,
फिर उभरता है, फिर से बहता है,
न समंदर निगला सका इसको, न तवारीख़ तोड़ पाई है,
वक्त की मौज पर सदा बहता आदमी बुलबुला है पानी का।
बीच आसमाँ में था
बात करते- करते ही
चांद इस तरह बुझा
जैसे फूंक से दिया
देखो तुम
इतनी लम्बी सांस मत लिया करो।
सूरज झांक के देख रहा था खिड़की से
एक किरण झुमके पर आकर बैठी थी,
और रुख़सार को चूमने वाली थी कि
तुम मुंह मोड़कर चल दीं और बेचारी किरण
फ़र्श पर गिरके चूर हुईं
थोड़ी देर, ज़रा सा और वहीं रूकतीं तो
आओ तुमको उठा लूँ कंधों पर
तुम उचकाकर शरीर होठों से चूम लेना
चूम लेना ये चाँद का माथा
आज की रात देखा ना तुमने
कैसे झुक-झुक के कोहनियों के बल
चाँद इतना करीब आया है।
हम तो समझे थे कि हम भूल गए हैं उनको
क्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया।
![Gulzar Quotes](https://thesimplehelp.com/wp-content/uploads/2021/02/Gulzar-Quotes.jpg)
समेट लो इन नाजुक पलो को
ना जाने ये लम्हे हो ना हो
हो भी ये लम्हे क्या मालूम शामिल
उन पलो में हम हो ना हो।
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Famous Shayari by Gulzar on life
टूट जाना चाहता हूँ, बिखर जाना चाहता हूँ
में फिर से निखार जाना चाहता हूँ
मानता हूँ मुश्किल हैं
लेकिन में गुलज़ार होना चाहता हूँ।
बिगड़ैल हैं ये यादे
देर रात को टहलने निकलती हैं।
मैं दिया हूँ
मेरी दुश्मनी तो सिर्फ अँधेरे से हैं
हवा तो बेवजह ही मेरे खिलाफ हैं।
ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में,
एक पुराना ख़त खोला अनजाने में।
मैंने मौत को देखा तो नहीं
पर शायद वो बहुत खूबसूरत होगी
कमबख्त जो भी उससे मिलता हैं
जीना ही छोड़ देता हैं
सहमा सहमा डरा सा रहता है,
जाने क्यूं जी भरा सा रहता है।
सीने में धड़कता जो हिस्सा हैं,
उसी का तो ये सारा किस्सा हैं।
आदतन तुम ने कर दिए वादे
आदतन हम ने ऐतबार किया
तेरी राहो में बारहा रुक कर
हम ने अपना ही इंतज़ार किया
अब ना मांगेंगे जिंदगी या रब
ये गुनाह हम ने एक बार किया
पलक से पानी गिरा है,
तो उसको गिरने दो
कोई पुरानी तमन्ना,
पिंघल रही होगी।
Gulzar Quotes
बहुत मुश्किल से करता हूँ,
तेरी यादों का कारोबार,
मुनाफा कम है,
पर गुज़ारा हो ही जाता है।
ऐ हवा उनको कर दे खबर मेरी मौत की और कहना कि
कफ़न की ख्वाहिश में मेरी लाश
उनके आँचल का इंतज़ार करती है।
मैंने दबी आवाज़ में पूछा – “मुहब्बत करने लगी हो?”
नज़रें झुका कर वो बोली – “बहुत
तेरी यादों के जो आखिरी थे निशान,
दिल तड़पता रहा, हम मिटाते रहे…
ख़त लिखे थे जो तुमने कभी प्यार में,
उसको पढते रहे और जलाते रहे।
Shayari on eyes
कहू क्या वो बड़ी मासूमियत से पूछ बैठे है,
क्या सचमुच दिल के मारों को बड़ी तकलीफ़ होती है
तुम्हारा क्या तुम्हें तो राहे दे देते हैं काँटे भी,
मगर हम खांकसारों को बड़ी तकलीफ़ होती है।
देखो, आहिस्ता चलो, और भी आहिस्ता ज़रा
देखना, सोच-सँभल कर ज़रा पाँव रखना,
ज़ोर से बज न उठे पैरों की आवाज़ कहीं.
काँच के ख़्वाब हैं बिखरे हुए तन्हाई में,
ख़्वाब टूटे न कोई, जाग न जाये देखो,
जाग जायेगा कोई ख़्वाब तो मर जाएगा।
ना दूर रहने से रिश्ते टूट जाते हैं
ना पास रहने से जुड़ जाते हैं
यह तो एहसास के पक्के धागे हैं
जो याद करने से और मजबूत हो जाते हैं।
एक सो सोलह चाँद की रातें
एक तुम्हारे कंधे का तिल
गीली मेहँदी की खुश्बू
झूठ मूठ के वादे
सब याद करादो, सब भिजवा दो
मेरा वो सामान लौटा दो।
Gulzar Quotes On Life
तकलीफ़ ख़ुद की कम हो गयी,
जब अपनों से उम्मीद कम हो गईं।
बेहिसाब हसरते ना पालिये,
जो मिला हैं उसे सम्भालिये।
कुछ लोगों ने रंग लूट लिए शहर में इस के,
जंगल से जो निकली थी वो रंगीन थी बारिश।
![Gulzar Quotes On Life](https://thesimplehelp.com/wp-content/uploads/2021/02/Gulzar-Quotes-On-Life.jpg)
दर्द हल्का है साँस भारी है,
जिए जाने की रस्म जारी है।
सामने आए मेरे, देखा मुझे, बात भी की,
मुस्कुराए भी, पुरानी किसी पहचान की ख़ातिर,
कल का अख़बार था, बस देख लिया, रख भी दिया।
मानता हूँ मुश्किल हैं,
लेकिन में गुलज़ार होना चाहता हूँ।
आदतन तुम ने कर दिए वादे,
आदतन हम ने ऐतबार किया।
पलक से पानी गिरा है, तो उसको गिरने दो,
कोई पुरानी तमन्ना, पिंघल रही होगी।
ऐ हवा उनको कर दे खबर मेरी मौत की,
और कहना कि।
कफ़न की ख्वाहिश में मेरी लाश,
उनके आँचल का इंतज़ार करती है।
Gulzar quotes on love
ना दूर रहने से रिश्ते टूट जाते हैं,
ना पास रहने से जुड़ जाते हैं।
एक सो सोलह चाँद की रातें ,
एक तुम्हारे कंधे का तिल।
इस दिल का कहा मनो एक काम कर दो,
एक बे-नाम सी मोहब्बत मेरे नाम करदो।
![Gulzar quotes on love](https://thesimplehelp.com/wp-content/uploads/2021/02/Gulzar-quotes-on-love.jpg)
ग़म मौत का नहीं है,
ग़म ये के आखिरी वक़्त भी,
तू मेरे घर नहीं है।
तेरी यादों के जो आखिरी थे निशान,
दिल तड़पता रहा, हम मिटाते रहे।
Best Shayari Gulzar
महदूद हैं दुआएँ मेरे अख्तियार में,
हर साँस हो सुकून की तू सौ बरस जिये।
अपने साए से चौंक जाते हैं,
उम्र गुज़री है इस क़दर तन्हा।
कल का हर वाक़िआ तुम्हारा था,
आज की दास्ताँ हमारी है।
एक सपने के टूटकर चकनाचूर हो जाने के बाद,
दूसरा सपना देखने के हौसले का नाम जिंदगी हैं।
![Best Shayari Gulzar](https://thesimplehelp.com/wp-content/uploads/2021/02/Best-Shayari-Gulzar.jpg)
घर में अपनों से उतना ही रूठो,
कि आपकी बात और दूसरों की इज्जत,
दोनों बरक़रार रह सके।
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