एतद् / एतत् नपुंसकलिंग के रूप | etat napunsakaling ke roop
एतद् / एतत् नपुंसकलिंग के रूप: एतद् / एतत् (वह) नपुंसकलिंग सर्वनाम संज्ञा कहलाते है। नपुंसकलिंग में प्रथमा और द्वितीया को छोड़ बाकी सभी शेष शब्द पुल्लिंग बन जाते हैं। यदादि का यद्, तद्, एतद्, और किम् और इस शब्द को क्रमशः य:, स:, एष:, स्य:, क: आदि लिखा जाता है।
इसके अलावा सर्व्वादि के तुल्य रूप में लिखे जाते हैं। नपुंसकलिंग में प्रथमा और द्वतीया के एकवचन को त्यत्, किम्, यत्, तत्, एतत्, के जैसे लिखा जाता है। स्त्रीलिंग में इन्ही शब्दों को या, सा, एषा, स्या, का, के जैसे लिखा जाता है। इन शब्द के सर्वनाम का सम्बोधन नहीं किये जाते है।
Follow TheSimpleHelp at WhatsApp
Join Now
Follow TheSimpleHelp at Telegram
Join Now
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथमा | एतत् | एते | एतानि |
द्वितीया | एतत् | एते | एतानि |
तृतीया | एतेन/एनेन | एताभ्याम् | एतैः |
चतुर्थी | एतस्मै | एताभ्याम् | एतेभ्यः |
पंचमी | एतस्मात् | एताभ्याम् | एतेभ्यः |
षष्ठी | एतस्य | एतयोः/एनयोः | एतेषाम् |
सप्तमी | एतस्मिन् | एतयोः/एनयोः | एतेषु |

संस्कृत के अन्य महत्वपूर्ण शब्द रूप
संस्कृत व्याकरण
संस्कृत धातु रुप | संस्कृत वर्णमाला | लकार |
संस्कृत में कारक | संस्कृत में संधि | समास प्रकरण |
प्रत्यय प्रकरण | उपसर्ग प्रकरण | संस्कृत विलोम शब्द |
Follow TheSimpleHelp at WhatsApp
Join Now
Follow TheSimpleHelp at Telegram
Join Now