फल शब्द के रूप | Fal Shabd Roop In Sanskrit
जैसा कि आप सभी को पता होगा कि वाक्य शब्द की सबसे छोटी इकाई को कहा जाता हैं और संस्कृत व्याकरण में इन्ही शब्द पद बनाया जा सकता हैं। संज्ञा और सर्वनाम के शब्दों को पद बनाने लिए तीन विभक्तियों का किया जाता हैं। जैसे: प्रथमा, द्वितीया आदि।
इन्ही शब्दरूपों और पदों का उपयोग पुल्लिङ्ग्, स्त्रीलिङ्ग और नपुसकलिङ्ग इसके अलावा एकवचन, द्विवचन और बहुवचन रूपों में किया जाता हैं।
फल शब्द के रूप (Fal Shabd Roop In Sanskrit): फल एक अकारान्त नपुंसकलिंग शब्द हैं। सभी आकारान्त नपुंसकलिंग संज्ञापदों को इसी प्रकार बनाया जाता है। लेकिन छद्मफल जैसे शब्द अंजीर आदि ऊकारान्त नपुंसकलिंग संज्ञापद होने के बाद भी इन्हे इस रूप में नहीं लिखा जाता। छद्मफल का मतलब झूठा फल, सहायक फल होते हैं।
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | फलम् | फले | फलानि |
द्वितीया | फलम् | फले | फलानि |
तृतीया | फलेन | फलाभ्याम् | फलैः |
चतुर्थी | फलाय | फलाभ्याम् | फलेभ्यः |
पंचमी | फलात् | फलाभ्याम् | फलेभ्यः |
षष्ठी | फलस्य | फलयोः | फलानाम् |
सप्तमी | फले | फलयोः | फलेषु |
सम्बोधन | हे फलम् ! | हे फले ! | हे फलानि ! |
नोट: ऐसे ही जल, वन, नगर, ज्ञान, धन, गृह, बल, पुस्तक, दुग्ध, मित्र, पुष्प, पत्र, कमल, कलत्र (स्त्री), मुख, नक्षत्र आदि नपुंसकलिंग के रूप में चलते हैं।

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