एतद् / एतत् नपुंसकलिंग के रूप | etat napunsakaling ke roop
एतद् / एतत् नपुंसकलिंग के रूप: एतद् / एतत् (वह) नपुंसकलिंग सर्वनाम संज्ञा कहलाते है। नपुंसकलिंग में प्रथमा और द्वितीया को छोड़ बाकी सभी शेष शब्द पुल्लिंग बन जाते हैं। यदादि का यद्, तद्, एतद्, और किम् और इस शब्द को क्रमशः य:, स:, एष:, स्य:, क: आदि लिखा जाता है।
इसके अलावा सर्व्वादि के तुल्य रूप में लिखे जाते हैं। नपुंसकलिंग में प्रथमा और द्वतीया के एकवचन को त्यत्, किम्, यत्, तत्, एतत्, के जैसे लिखा जाता है। स्त्रीलिंग में इन्ही शब्दों को या, सा, एषा, स्या, का, के जैसे लिखा जाता है। इन शब्द के सर्वनाम का सम्बोधन नहीं किये जाते है।
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथमा | एतत् | एते | एतानि |
द्वितीया | एतत् | एते | एतानि |
तृतीया | एतेन/एनेन | एताभ्याम् | एतैः |
चतुर्थी | एतस्मै | एताभ्याम् | एतेभ्यः |
पंचमी | एतस्मात् | एताभ्याम् | एतेभ्यः |
षष्ठी | एतस्य | एतयोः/एनयोः | एतेषाम् |
सप्तमी | एतस्मिन् | एतयोः/एनयोः | एतेषु |
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