Essay on Self Respect in Hindi: इंसान की सबसे प्यारी वस्तु उसका खुद का सम्मान/इज्जत/आबरू होती है, जिसे आत्मसम्मान के नाम से भी जानते है। जब इंसान के सामने खुद की इज्जत की बात आती है तो वो कुछ भी कोई भी काम कर लेगा लेकिन अपनी इज्ज़त गँवाने नहीं देगा।
इसमें कोई महिलाओं को पुरुषों से ज़्यादा तवज्जो देते हैं क्योंकि उनकी इज्ज़त जाना मतलब पूरे परिवार की इज्ज़त जाना समझा जाता है।
लेकिन पुरुषों की जब इज्ज़त जाती है तो वो आग बबूले हो कर कोई ऐसा काम कर देते हैं जिसके बाद उनके साथ साथ उनके परिवार को भी भुगतना पड़ता है।
जैसा आपने देखा कि सम्मान के मामले में कोई लिंग स्पेशल नहीं होता है, सबको अपनी अपनी इज्ज़त प्यारी होती है। क्योंकि आत्मसम्मान करना जरूरी भी है। आइये आज इसके बारे में कुछ और जानकारी जुटा लेते है।
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आत्मसम्मान पर निबंध | Essay on Self Respect in Hindi
आत्मसम्मान पर निबंध (Self Respect Essay in Hindi) – 500 शब्दों में
प्रस्तावना
इंसान जब भी बड़ा होता है तो उसको सुनने को मिलता है कि तेरे को कुल का नाम रोशन करना है, कुल का सम्मान बढ़ाना है, कुल के लिए कुछ ऐसा मत कर देना जिससे हमें शर्मिंदगी महसूस हो। यानि कि कुल मिला कर बच्चा जब तक बड़ा होता है, उसे अपने परिवार कि शान को मिट्टी में ना मिलाएँ ऐसे ही समझाया जाता है। लेकिन कोई ये नहीं कहते है कि तुम अपनी इज्ज़त पर भी आँच ना आने देना, अपनी इज्ज़त की बारी आए तो उसे हर हालात में लड़ना चाहिए और उसे पर एक उंगली भी नहीं उठनी चाहिए।
आत्मसम्मान क्यों करना चाहिए?
साथियों सीधी-सी बात है जब तक आप अपना सम्मान नहीं करोगे तो दूसरे भी नहीं करेंगे। तो खुद की इज्ज़त करना पहले सीखे फिर बाद में दूसरों की इज्ज़त करना। खुद की इज्ज़त तभी कर पाएंगे जब हमारे अंदर आत्मविश्वास होगा। आत्मविश्वास नहीं है तो आप खुद की इज्ज़त करना तो दूर खुद को कही पर रिप्रजेंट भी नहीं कर सकते है।
इसलिए अपने अंदर आत्मविश्वास की कमी नहीं लाना क्योंकि इसके कम होने के कारण आत्मसम्मान में कमी आती है। जब आत्मविश्वास बढ़ेगा तो अपने आप को अच्छे से दूसरों के सामने रख पाओगे और आपकी तारीफ करेंगे। बस इसी कारण से हमको आत्मसम्मान करना चाहिए।
आत्मसम्मान के प्रकार
लुईस हॉर्नस्टीन ने अपनी किताब आत्मसम्मान और पहचान, अहंकार और सामाजिक मूल्य के अंदर स्वाभिमान को चार प्रकार में बाँटा है। उनका मानना है कि स्वयं मूल्यांकन किसी का कम या ज्यादा होता है। इसलिए इसे चार भागों में विभाजित कर सकते है।
नीचे उन 4 भागों के बारे में बताया जा रहा है:
- उच्च और स्थिर आत्मसम्मान – इस प्रकार के मनुष्य को उनके आस पास जो घटनाएँ घटित होती है और बाहर की स्थिति का उनके आत्मसम्मान के ऊपर कोई भी असर नहीं पड़ता है। इस प्रकार के लोग खुले तरीके से सामने आते है और अपनी छवि बचाने के लिए हर कोशिश करते है।
- उच्च और अस्थिर आत्मसम्मान – इस प्रकार के लोगों में उच्च आत्मसम्मान होता है लेकिन पूरी ज़िंदगी उसी स्वाभिमान से जीना असमर्थ होता है। क्योंकि ये अस्थिर होते है, जिसके कारण जब भी ये अपने काम में असफल होते है तब इनका मन अधीर हो जाता है।
- कम और स्थिर आत्मसम्मान – इस प्रकार के लोगों के मन में हमेशा डर बना रहता है और उनके मन में डिसीजन लेने में हमेशा असमंजस बना रहता है। जब ये खुद के अंदर झांकते है तो उन्हें हमेशा नकारात्मक बाते ही सामने दिखती है। ज़्यादातर यह स्वाभिमान अवसादग्रस्त लोगों के अंदर होता है।
- कम और अस्थिर आत्मसम्मान – इस प्रकार के मनुष्य को आस पास की परिस्थितियाँ बहुत ही ज्यादा प्रभावित करती है और अपने जीवन में सारी घटनाओं के प्रति संवेदनशील होते है। जब सफल होते है तो आत्मसम्मान बढ़ता है और अगले ही पल निराश हो जाते है।
निष्कर्ष
आत्मसम्मान मन के सारे बुरे कर्मों को भगा देता है, खुद को अलग तरीके से रिप्रजेंट करने का मौका मिलता है। अपने भविष्य के लिए आत्मसम्मान बहुत जरूरी है, अपने मन के डर को भगाने के लिए पहले आत्मविश्वास करना जरूरी है फिर अपनी खुद की इज्ज़त। अपनी इज्ज़त कीजिये और दूसरों के मन में अपना नाम बनाइये।
आत्मसम्मान का महत्व हिंदी निबंध (1000 शब्दों में)
प्रस्तावना
सेल्फ रिस्पेक्ट का मतलब होता है ‘आत्म सम्मान’ अर्थात कि खुद का सम्मान करना। यही गुण मनुष्य को जानवर से अलग बनाती है। जिस व्यक्ति में आत्म सम्मान की भावना नहीं होती, वह जानवरों के समान ही क्रूर होता है। जो व्यक्ति अपने आत्मसम्मान, अपने आबरू की रक्षा करता है, वह हमेशा ही सम्मान का पात्र बनता है।
दुनिया उसी को पूछती है, जिसका आत्म सम्मान है। आत्म सम्मान के अभाव में व्यक्ति गलत राह पर चला जाता है, चोरी करता है, लोगों को धोखा देता है यहां तक कि वह किसी की हत्या भी कर सकता है। हर व्यक्ति समाज में अपना एक अलग स्थान बनाना चाहता है। हर व्यक्ति चाहता है कि अन्य व्यक्ति सम्मान दें।
अन्य व्यक्ति से सम्मान पाने से पहले उसे खुद को सम्मान देना पड़ेगा। जो व्यक्ति अपने आत्मसम्मान को प्राथमिकता देता है, उसे निश्चित ही अन्य लोगों से भी सम्मान मिलता है। आत्मा सम्मान से भरपूर व्यक्ति संस्कृति और सभ्यता की रक्षा करता है, सफलता उसके कदम चूमती है।
आत्म सम्मान क्या है? (Atmasamman in Hindi)
आत्म सम्मान बहुमूल्य चीज है, जिसे निश्चित ही संरक्षित करके रखना चाहिए। सम्मानजनक व्यवहार ही मानवता की पहचान है। बेहतर व्यक्ति बनने के लिए आत्म सम्मान बहुत जरूरी है क्योंकि आत्म सम्मान नैतिकता की सुधार करता है। आत्मा सम्मानीय व्यक्ति में करुणा, दया परोपकार, रक्षा जैसे मानवी नैतिक गुणों से भरपूर होता है।
क्योंकि ऐसा व्यक्ति कभी भी दूसरों के सामने बेइज्जत नहीं होना चाहता। वह अपने आत्म सम्मान की रक्षा करने के लिए हमेशा ही अन्य को प्रसन्न करने की कोशिश करता है। मानव की यह प्रवृत्ति होती है कि वह हमेशा ही स्वयं को अन्य के साथ तुलना करके देखता है। वह हमेशा ही दूसरों के समक्ष अपने आप को श्रेष्ठ समझने की कोशिश करता है।
लेकिन यह केवल अहंकार होता है। वहीँ जो व्यक्ति अपने आपको दूसरों के समक्ष कम समझता है, उसमें आत्मविश्वास की कमी होती है, जिसके कारण वह कभी भी कुछ करने की हिम्मत नहीं रख पाता, जीवन में वह सफल नहीं हो पाता। लेकिन स्वयं का सम्मान करने वाला व्यक्ति कभी भी स्वयं को दूसरों के साथ तुलना नहीं करता।
आत्मसम्मान को कैसे बढ़ाए?
आत्म सम्मान हर एक व्यक्ति के लिए बहुत मायने रखता है क्योंकि समाज में हर व्यक्ति अपना इज्जत कमाना चाहता है। हालांकि इज्जत कमाने में बहुत समय लग जाता है लेकिन इज्जत को गवाने में तनिक भी नहीं लगता। व्यक्ति एक बार आत्म सम्मान बना लें तो उसे दोबारा भी खो सकता है। इसीलिए जरूरी है कि लंबे समय तक आत्म सम्मान को बनाए रखें।
जो व्यक्ति आत्म सम्मान बढ़ाना चाहते हैं, उन्हें खुद के चरित्र में बदलाव लाना पड़ेगा। जिस व्यक्ति का आचरण अच्छा होता है, उसका आत्मसम्मान भी बढ़ता है। व्यक्ति अन्य व्यक्तियों से अच्छा व्यवहार करेगा तो समाज में उसे बहुत इज्जत मिलता है। अन्य लोगों का खुद के प्रति इज्जत और सम्मान ही तो आत्मसम्मान को बढ़ाने में मदद करता है।
खुद का आत्म सम्मान बढ़ाना है तो दूसरों को सुनना सीखें। जो व्यक्ति दूसरों को सम्मान देता है, उसे अन्य व्यक्तियों के द्वारा भी सम्मान मिलता है। जब अन्य व्यक्ति आपको सम्मान देते हैं तो आपको आत्म सम्मान का एहसास होता है। आत्म सम्मान बढ़ाने के लिए लोगों की राय लें, उनके विचारों का सम्मान करें।
छोटे बड़े जैसी रूढ़िवादी भावनाओं में ना फंसे। यह भावना अन्य व्यक्ति में आप के प्रति असम्मान की भावना उत्पन्न कर देती हैं और जो व्यक्ति अपने आत्मसम्मान की रक्षा करना चाहता है, वह किसी भी व्यक्ति में ऊंच-नीच का भेदभाव नहीं करता।
आत्म सम्मान बढ़ाने के लिए अच्छे लोगों की संगत में रहे, अच्छे लोगों की संगत से आपको बहुत ज्ञान मिलता है। अच्छे लोगों की संगत से आपके चरित्र और आपके व्यवहार में भी सुधार होता है। अच्छे लोगों की संगत से आप दूसरों का सम्मान करना भी सीखते हैं और अच्छे गुण आपके अंदर आ जाते हैं। यही अच्छे गुण आत्मसम्मान को बढ़ाने में मदद करता है।
आत्म सम्मान बढ़ाने के लिए चुनौतियां का सामना करना सीखें। जो व्यक्ति हर एक छोटी छोटी समस्याओं से डरते रहता है, वह जीवन में कभी सफल नहीं हो पाता। जो व्यक्ति चुनौतियों का सामना करता है, उसे हमेशा ही सफलता मिलती रहती है। एक सफल व्यक्ति जीवन में बहुत सम्मान पाता है। इस तरह व्यक्ति में आत्म सम्मान भी पड़ता है।
आत्म सम्मान के फायदे
आत्म सम्मान का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आत्मसम्मान आपको कभी भी गलत राह में जाने नहीं देता। आत्मसम्मान समाज में आपको एक अलग स्थान दिलाता है। जो व्यक्ति खुद का सम्मान करता है, वह अन्य लोगों का भला करता है और अन्य का भी सम्मान करता है, जिससे व्यक्ति खुद भी समाज में अन्य व्यक्तियों द्वारा सामान्य का पात्र बनता है। इस तरह आत्म सम्मान आपको हर व्यक्ति द्वारा इज्जत दिलाता है।
आत्म सम्मान व्यक्ति को आत्म विश्वास दिलाता है। आत्मसम्मान व्यक्ति में सकारात्मक भावना ला देता है, जिससे वह परिणामों से नहीं डरता और सतत मेहनत करते रहता है। आत्मविश्वास बढ़ने से व्यक्ति हर चीज को करने की हिम्मत रखता है। इस तरह आत्मविश्वास व्यक्ति को सफलता दिलाने में मदद करता है।
आत्म सम्मान व्यक्ति को समय का पाबंद होना सिखाता है। क्योंकि कोई भी व्यक्ति नहीं चाहता कि लेट कार्य के कारण उसे अन्य लोगों की सुननी पड़े, अन्य लोगों के सामने उसकी बेज्जती हो। दूसरों के सामने अपने सम्मान को बनाए रखने के लिए वह व्यक्ति हमेशा ही समय के पाबंद रहता है, हर कार्य को वह समय पर करने की कोशिश करता है। समय का पाबंद व्यक्ति जीवन में हमेशा सफलता पाता है।
आत्म सम्मान को प्राथमिकता देने वाला व्यक्ति जिम्मेदारियों को उठाना सीख जाता है। अपने सम्मान को बनाए रखने के लिए जिम्मेदारियों से भागता नहीं है बल्कि मुसीबतों का सामना करके दूसरों को खुश रखने की कोशिश करता है।
आत्मसम्मान का यही फायदा है कि वह आप में अच्छी आदतों को जगाता है। आत्म सम्मान वाला व्यक्ति अच्छी आदतों का फायदा जानता है, वह अच्छी आदतों से भलीभांति परिचित रहता है। इसलिए वह गलत चिजो को अपना लत बनाने से बचता है।
आत्म सम्मान व्यक्ति को ईमानदार बनाना सिखाता है। जो व्यक्ति खुद का सम्मान करता है, वह इमानदार होता है। वह कभी भी किसी के साथ धोखा नहीं करता ना ही किसी को नुकसान पहुंचा कर अपना फायदा कमाने के बारे में सोचता है। वह स्वयं की मेहनत पर विश्वास करता है।
आत्म सम्मान को प्रभावित करने वाले कारक
- जो कोई व्यक्ति आप की बेइज्जती करता है, जब कोई व्यक्ति आपकी विचारों का सम्मान नहीं करता तो आप के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचता है।
- जब कभी आपको ऐसा व्यक्ति धोखा दे देता है, जिससे आप बहुत विश्वास करते हैं तो वह आपके आत्म सम्मान को ठेस पहुंचाता है।
- जिस व्यक्ति के प्रति हम अच्छी भावना रखते हैं, जिस व्यक्ति के प्रति हम हमेशा ही अच्छा सोचते हैं। यदि वही व्यक्ति हमारे प्रति गलत सोचे तो यह हमारे आत्म सम्मान को प्रभावित करता है।
- जब कभी बिना गलती किए लोगों के सामने डांट पड़ जाती है या सही होने पर भी गलत साबित करने की कोशिश की जाती है तो यह हमारे आत्म सम्मान को प्रभावित करता है।
निष्कर्ष
आत्म सम्मान व्यक्ति को उचित और नया पूर्ण मार्ग पर चलने के लिए प्रोत्साहित करता है, जिससे वह जीवन में कभी भी किसी के साथ बुरा करने का नहीं सोचता। आत्म सम्मानीय व्यक्ति समाज में हमेशा ही सम्मान पाता है। इसीलिए एक अच्छा मानव बनने के लिए व्यक्ति को आत्मसम्मान को महत्व देना चाहिए।
अंतिम शब्द
हमें उम्मीद है कि आज के लेख में लिखे गए आत्म सम्मान के ऊपर निबंध आपको पसंद आए होंगे। लेख से संबंधित कोई भी प्रश्न या सुझाव हो तो कमेंट में लिखकर जरूर बताएं।
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