Save Water Essay in Hindi: पानी बचाने के बारे में तो आप सबने सुना ही होगा, क्योंकि आजकल की जनरेशन को पानी की इतनी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जिसकी वजह से पानी बचाओ का अभियान चलाया जा रहा है।
इस आर्टिकल में हम जल बचाओ पर निबंध हिंदी में (Save Water Essay in Hindi) शेयर कर रहे हैं। इस जल संरक्षण पर निबंध (pani bachao essay in hindi) में पानी बचाओ के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेयर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।
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पानी बचाओ पर निबंध (Save Water Essay in Hindi)
पानी बचाओ पर निबंध (250 शब्द)
जल हमारे जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। अगर पृथ्वी पर जल नहीं होगा तो हमारा जीना भी संभव नहीं है। हमें हर चीज में जल की आवश्यकता पड़ती है।
जीवन के संरक्षण के लिए वायु के बाद जल सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। जल एक सीमित वस्तु है, जिसका यदि उचित प्रबंधन नहीं किया गया तो निकट भविष्य में इसकी कमी हो जाएगी।
पानी मनुष्यों और जीव-जंतुओं और पेड़-पौधों सभी के लिए बहुत ही आवश्यक है। कृषि उद्योग के लिए भी पानी की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है। कहा भी जाता है जल ही जीवन है, जल नहीं होगा तो जीवन भी नहीं होगा।
भारत के कई बड़े शहरों में विकास में नदियों ने बहुत ही बड़ा सहयोग किया है, क्योंकि नदियों के रास्ते परिवहन का कार्य बहुत ही आसानी से हो जाता है।
आज के समय में हमारे वैज्ञानिक मंगल ग्रह पर जीवन की संभावना होगी इसकी छानबीन में लगे हुए हैं, क्योंकि वहां पर बहुत ही अधिक पानी जमा हुआ है। वहां की वायु में नमी मिलती है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम कहीं भी जल द्वारा ही जीवन की कल्पना कर सकते हैं।
पृथ्वी के पारिस्थितिक तंत्र के संतुलन को बनाए रखने के लिए सबसे आवश्यक जल ही है। जिस तरह से समुद्र में समाहित हुआ जल वायु में मिलकर बादल का रूप ले लेते हैं।
जब बादल समुद्र से मैदानी इलाकों में पहुंचकर ठंडक देते हैं और यह पानी में बदल जाते हैं। इसी के द्वारा बारिश होती है और वह नदियों तालाबों का जल स्रोत भर देती हैं।
हमारी पृथ्वी पर प्राकृतिक संसाधन जल की सहायता से ही निर्मित होते हैं। ताजा पानी और पीने का पानी सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है हमारे जीवन जीने के लिए, क्योंकि यह हमारे स्वस्थ जीवन को ही बरकरार रख सकता है।
बिना जल संरक्षण किए पृथ्वी पर जीवन को अब और नहीं बचाया जा सकता है, इसीलिए जल संरक्षण बहुत ही महत्वपूर्ण है।
जल बचाओ पर निबंध (500 शब्द)
प्रस्तावना
मनुष्य जीवन के लिए जल बहुत ही ज्यादा जरूरी है। जल हमारे जीवन के लिए एक महत्वपूर्ण इकाई माना जाता है। पृथ्वी पर यदि जल नहीं होगा तो जीवन की संभावना करना भी मुश्किल है।
जल के बिना जीवन असंभव है। पृथ्वी पर मौजूद जीव जंतु और पेड़ पौधे से भी पानी पर निर्भर है। इसीलिए देश में जल बचाओ पृथ्वी बचाओ के नारे लग रहे हैं। क्योंकि जिस प्रकार से जनसंख्या वृद्धि हो रही है और जल का दुरुपयोग हो रहा है।
उसी तरीके से आने वाले कुछ ही सालों में यानी कि हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए जल्द एक मुख्य समस्या के रूप में उभरने वाला है।
पृथ्वी पर जल बचाने की क्या जरूरत है?
अच्छी पर वर्तमान समय में 75% पानी है। उसमें से 97% पानी समुद्र में स्थित है, जो पीने योग्य नहीं है। सिर्फ 2.4% पानी जो पीने योग्य पानी है और उसी पानी पर पूरी पृथ्वी निर्भर है। मानव प्रजाति के साथ-साथ संपूर्ण जीव जंतु और पेड़-पौधे सिर्फ इसी पानी पर निर्भर है।
पृथ्वी पर पानी का संतुलन बनाए रखने के लिए हमें पानी को बचाना बहुत ही ज्यादा जरूरी है। क्योंकि वायु प्रदूषण की वजह से वाष्पीकरण और वर्षा की प्रक्रिया पर काफी ज्यादा असंतुलन देखने को मिल रहा है और इसी कारण से साफ पानी की कमी भविष्य में एक सबसे बड़ा मुद्दा बनकर सामने आने वाली है।
अतः हम सभी को पृथ्वी पर जल बचाने की जरूरत है। आने वाली पीढ़ी के लिए जल की समस्या को कम करने के लिए हमें अभी से ही जल को बचाने का प्रयास करना चाहिए।
हमें जल बचाने के लिए क्या करना चाहिए?
वर्षा के समय जितना भी जल पृथ्वी पर आता है, उसका काफी हिस्सा ऐसे ही व्यर्थ हो जाता है। उस पानी को हमें एकत्रित करना चाहिए ताकि उस पानी से काफी लोगों की प्यास बुझा सके और एक जगह पानी इकट्ठा होने से पानी जमीन में भी जाता है, जिसकी वजह से धरती के अंदर जो पानी है, उसका लेवल बढ़ जाता है।
स्वच्छ पानी को जितना कम हो सके, उतना कम बर्बाद करें और प्रतिदिन अपनी दिनचर्या में पानी को बिना बर्बाद की पानी का उपयोग करने का एक संकल्प हम सभी को लेना चाहिए।
पानी की एक बूंद व्यर्थ ना करें और ना ही पानी को प्रदूषित करें नदियों के प्रदूषण दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। हम सभी अपने निजी स्तर पर संकल्प लेकर इस प्रदूषित पानी को बचा सकते हैं।
प्रदूषण को रोकने के साथ-साथ पानी के बचाव को लेकर भी कई प्रयास हमें करने होंगे ताकि भविष्य केंद्र आने वाली पीढ़ी को पानी की समस्या का सामना ना करना पड़े।
उपसंहार
जीवन की मुख्य इकाई पानी है। पानी के बिना पृथ्वी पर कोई भी जीवित नहीं रह सकता है। इसीलिए भविष्य के लिए यदि आने वाली पीढ़ियों को पानी की समस्या से बचाना है, तो आज से ही हम सभी को जल संरक्षण के प्रति कई महत्वपूर्ण संकल्प लेने होंगे।
पानी बचाओ के अभियान में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए जल प्रदूषण को भी रोकना चाहिए। हम सभी का साथ होगा तो एक दिन जल प्रदूषण पूरी तरह से खत्म हो जाएगा।
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पानी बचाओ पर निबंध (800 शब्द)
प्रस्तावना
देश के कई हिस्सों में आज भी पानी की इतनी समस्या है कि लोग पीने के पानी के लिए कई किलोमीटर दूर जाकर रोजाना अपने घरों में पानी लाते हैं।
आज के समय में पानी की विकट समस्या आने वाली पीढ़ी के लिए विकराल रूप ले सकती है। आज हमारा देश पानी की जिस समस्या से गुजर रहा है। भविष्य में यह समस्या और भी अधिक बढ़ने वाली है।
अतः हम सभी को पानी को जितना हो सके, उतना अधिक बचाने का प्रयास करना चाहिए। इसके साथ ही जल प्रदूषण को कम करने का भी प्रयास करना चाहिए।
पृथ्वी पर जल प्रदूषण की वजह
दिन प्रतिदिन जल प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। जल प्रदूषण के नए नए मामले सामने आ रहे हैं। लोग अपशिष्ट पदार्थों को पानी में मिलाकर उस पानी को दूषित कर देते हैं। जिसकी वजह से उस पानी का प्रयोग करना काफी मुश्किल हो रहा है।
इतना ही नहीं और योगी स्तर पर कई प्रकार के जहरीले रसायन और अपशिष्ट पदार्थ शुद्ध पानी में मिला दिए जाते हैं, जिसकी वजह से पानी पूरी तरह से प्रदूषित हो जाता है और उस पानी को पीना संभव नहीं है।
दिन प्रतिदिन बढ़ती जनसंख्या की वजह से ही जल प्रदूषण में बढ़ोतरी हो रही है। क्योंकि जिस प्रकार से जनसंख्या बढ़ रही है। उसी प्रकार के औद्योगिक क्षेत्र भी बढ़ रहे हैं और अपशिष्ट पदार्थों और रसायनों की संख्या भी बढ़ती जा रही है।
औद्योगिक क्षेत्रों से निकलने वाले प्रदूषित जल को शुद्ध जल में मिलाने की बजाएं अलग जगहों पर एकत्रित करके उसे शुद्ध करने का प्रयास करना चाहिए।
सरकार के द्वारा भी इसको लेकर काफी अहम कदम उठाए जा रहे हैं। पानी की कमी से पृथ्वी पर क्या प्रभाव पड़ रहा है। आज के समय में पानी की समस्या कई इलाकों में बहुत अधिक है। लोगों को पीने के लिए पानी की समस्या आ रही है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार उपलब्ध करवाई गई जानकारी के माध्यम से पता चला है, कि भारत में जितनी भी आत्महत्या हो रही है। उनमें से करीब 14.4% आत्महत्या पानी की कमी और सूखे और अकाल की वजह से हो रही है।
भविष्य में पानी की कमी से पेड़ पौधों पर काफी बुरा प्रभाव पड़ने वाला है और यही पेड़ पौधे वर्षा के चक्र को संतुलित बनाए रखते हैं।
यदि पेड़ पौधे खत्म होते गए तो वर्षा का चक्र भी असंतुलित हो जाएगा और पानी की समस्या और अधिक बढ़ जाएगी। पानी की समस्या देश में गरीबी के साथ-साथ कई अन्य सामाजिक मुद्दे भी पैदा करने वाली है।
पानी बचाओ में अपनी भूमिका कैसे निभाए?
पानी बचाओ और जल ही जीवन है। इस प्रकार के कई अभियान सरकार के द्वारा चलाए जा रहे हैं। उन सभी अज्ञान में आपको अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है।
ताकि आने वाली पीढ़ी के लिए पानी की समस्या को जितना हो सके, उतना कम किया जा सके हम अपने स्तर पर छोटे-छोटे प्रयास कर सकते हैं। जिससे पानी बचाओ आंदोलन में हम अपनी भी भूमिका निभा सकते हैं।
बारिश के पानी को अपने टाकों में एकत्रित करने का प्रयास करें। पानी के प्रदूषण को कम करने का प्रयास करें। अपने आसपास भी जल प्रदूषण को रोकने के लिए जागरूकता फैलाएं। जितना संभव हो सके, उतना पानी को व्यर्थ करने का प्रयास करें।
अपने आसपास इलाकों में व्यर्थ बह रहे पानी को बंद करें। लाखों लोगों के द्वारा यदि एक साथ पानी बचाओ अभियान में सहयोग दिया जाए तो इस अभियान को बड़ी सफलता मिल सकती है।
पानी की कमी को दूर करने के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयास
सरकार के द्वारा पानी की कमी को दूर करने के लिए कई प्रकार के प्रयास किए गए हैं। सरकार आए दिन अलग-अलग जल संरक्षण अभियान चला रही है।
उन के माध्यम से लोगों के प्रति जल प्रदूषण को कम करने और जल को बचाने के लिए जागरूकता फैलाने का प्रयास किया जा रहा है।
- सरकार के माध्यम से सिंचाई वाले क्षेत्रों में जहां पानी के जरिए सिंचाई की जा रही है, वहां बूंद बूंद तकनीक के माध्यम से लाखों लीटर पानी प्रतिदिन बचाया जा रहा है।
- सरकार ने हर जगह पर जल बचाओ कल बचाओ के नारे के माध्यम से भी देशभर में जागरूकता फैलाई है।
- जल प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार के द्वारा नदियों को साफ किया जा रहा है।
- औद्योगिक क्षेत्रों से निकलने वाले गंदे पानी को अलग जगह एकत्रित करके उसे पुनः साफ करके उपयोग करने योग्य बनाया जा रहा है।
- जल संरक्षण को लेकर सरकार के द्वारा पेड़ पौधे लगाने के लिए लोगों से आग्रह किया जा रहा है।
- ताकि वर्षा का चक्र संतुलित रहे और जिसकी वजह से पानी की आपूर्ति देशभर में सुचारु रुप से चल सके।
उपसंहार
पानी की कमी दुनिया के कई हिस्सों में आज भी एक प्रमुख मुद्दा बनकर उभर रही है और आने वाले समय में पानी की मांग आज से करीब 10 गुना और अधिक बढ़ जाएगी।
वर्तमान समय से ही यदि पृथ्वी पर उपलब्ध पानी को बचाने का प्रयास नहीं किया गया तो आने वाले समय में पानी की एक-एक बूंद के लिए मनुष्य तरसता हुआ नजर आएगा।
पानी बचाओ पर निबंध (1400 शब्द)
प्रस्तावना
हम सब जानते हैं कि जल ही जीवन है और जल हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसके बिना हमारा जीवन यापन संभव नहीं है। बिना जल के हम जीने की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं।
पृथ्वी का लगभग 71% भाग समुंदरों महासागरों नदियों और ग्लेशियर के रूप में ही पाया जाता है और 71% जल से ढका हुआ है, लेकिन इसमें से मात्र 1% सी मानव के लिए उपयुक्त है, जिसका मानव प्रयोग कर सकता है।
जल केवल मनुष्य के लिए ही जरूरी नहीं है, बल्कि पृथ्वी पर जितने भी प्रजातियां हैं। वह सब जल पर ही निर्भर रहती हैं पृथ्वी पर उपस्थित लगभग सभी प्राणी अपने जीवन का निर्वाह सिर्फ जल के बलबूते पर ही करते हैं।
जिस तरह से जल की दिन-प्रतिदिन कमी होती जा रही है, इससे कई प्रजातियां विलुप्त होती जा रही हैं। इसीलिए हमें चाहिए कि हम जल संरक्षण पर ध्यान दें।
जल है तो जीवन है
हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा जल है और हमें यह जीवन यापन करने के लिए बहुत ही जरूरी है। जल के बिना जीने की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। अगर हमें पृथ्वी पर अपना जीवन बनाए रखना है, तो हमें जल की आवश्यकता जरूर होती है।
पानी सिर्फ पीने की ही काम नहीं आता है, बल्कि हमारे अन्य कामों के लिए भी जल को काम में लिया जाता है। जैसे कि नहाना, कपड़े धोना, खाना बनाना, बागवानी करना और भी हमारे दिन में न जाने कितने काम होते हैं, जिनमें हमें पानी की बहुत ही ज्यादा जरूरत पड़ती है।
पृथ्वी पर जितने भी पेड़ पौधे और जीव जंतु उपस्थित है, वह सब पानी पर ही निर्भर रहते हैं। अगर पानी नहीं होगा तो इनकी वृद्धि और विकास रुक जाएगा, जिससे पूरा पर्यावरण तंत्र और खाद्य श्रंखला बहुत ज्यादा प्रभावित हो जाएगी।
इसीलिए हमें चाहिए कि अगर हमें जीवन पर अपना फलता फूलता जीवन यापन करना है तो हमें पानी का संरक्षण करना होगा।
पानी संरक्षण की आवश्यकता
विश्व में कई सारी जगहों पर बहुत ही कम वर्षा होती है, जिसकी वजह से वहां सुखा आने की स्थिति हो जाती है। कई लोग निचले स्तर की वजह से पानी की भयंकर कमी से जूझ रहे हैं।
कई सारे जगहों पर भूजल या तो गंदा हो चुका है या फिर बारिश की कमी के कारण उसकी पूर्ति नहीं हो पाती है। इन सभी कारणों की वजह से कई जगहों पर पानी की दिन-प्रतिदिन कमी बढ़ती ही जा रही है।
औद्योगीकरण और शहरीकरण के जैसे वजह से भूजल में कमी में वृद्धि हुई है, क्योंकि इन सभी के विकास के लिए तेजी से पानी की मांग बढ़ती जा रही है।
डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के अनुसार यह बताया गया कि प्रति 9 व्यक्तियों में से एक व्यक्ति लगभग 84.4 करोड़ लोगों को आज भी शुद्ध पानी बिल्कुल भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।
इन आंकड़ों को देखते हुए यह पता चलता है कि पानी की समस्या कितनी गंभीर होती जा रही है और इस गंभीर समस्या को हम टाल नहीं सकते हैं।
इसके लिए हमें अभी से ही प्रयास शुरु करना होगा कि हम जल का संरक्षण करें और अपने आने वाली पीढ़ियों को और अपने भविष्य को बेहतर बना सके।
पानी संरक्षण की पहल
पानी संरक्षण की पहल के चलते लोगों में जागरूकता फैलाई जा रही है और उन्हें इसके महत्व के बारे में बताया जा रहा है कि किस तरह से जल को संरक्षित किया जाए।
जल संरक्षण अभियान लोगों को इस बात का एहसास दिलाता है कि हमारे लिए पृथ्वी पर जल की बहुत ही ज्यादा आवश्यकता है और यह हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।
हमें अपने भविष्य के लिए जल को संरक्षण करना चाहिए और इस बात का भी ज्ञान कराता है कि स्वच्छ और साफ पानी के स्रोत काफी सीमित हो चुके हैं। उनका अत्यधिक उपयोग करने पर वह जल्द ही समाप्त हो जाएंगे, जिसकी वजह से मानव अस्तित्व के लिए संकट पैदा हो सकता है।
जैसा कि हम सभी जानते हैं पृथ्वी का 71% भाग पानी से ढका हुआ है, परंतु इस पृथ्वी पर जितना भी पानी उपलब्ध है, वह हमारे लिए बिल्कुल भी काम का नहीं है।
उसमें से सिर्फ 1% ही जल काम के लायक है और उसे हम उपयोग कर सकते हैं। इसीलिए हमें जिम्मेदार नागरिक बनकर पानी का संरक्षण शुरू कर देना चाहिए।
पानी बचाओ जीवन बचाओ
अगर हमारे पास पर्याप्त मात्रा में ही पानी रह जाएगा और आने वाली पीढ़ी के लिए बिल्कुल भी पानी नहीं बचेगा तो इससे हमारा जीवन संकट में आ जाएगा।
इसीलिए कहा जाता है पानी बचाओ और जीवन बचाओ पानी बचाओ तभी हम अपने जीवन को सुरक्षित रख सकते हैं। जिस तरह से जनसंख्या लगातार बढ़ती जा रही है, उस तरह से पानी की मांग भी बढ़ती जा रही है।
भारत का प्रत्येक नागरिक प्रतिदिन 1 लीटर पानी भी बचाएगा तो इससे बहुत बड़ा बदलाव आ सकता है, क्योंकि आप का 1 लीटर बचाया वह पानी किसी अन्य व्यक्ति के काम आ सकता है और किसी और को स्वच्छ जीवन दे सकता है।
अगर किसी के पास पीने के लिए स्वच्छ पानी और उसकी सुविधा नहीं है तो आपको चाहिए कि आप उनकी मदद करें। यह छोटे छोटे कदम ही हम लोगों के जल संरक्षण और लोगों की मददगार तरीके से साबित हो सकते हैं।
पानी को कैसे बचाएं?
- जिस समय हम दाढ़ी बनाते हैं या ब्रश करते हैं, उस समय अगर पानी का इस्तेमाल नहीं हो रहा हो तो आपको नल बंद कर देना चाहिए।
- हमें ऐसे फ्लशिंग सिस्टम का उपयोग करना चाहिए, जो पानी की खपत को कम करता है।
- नहाने के लिए फव्वारे का प्रयोग नहीं करना चाहिए, बल्कि मग और बाल्टी का प्रयोग करना चाहिए।
- सिंचाई के लिए पानी भर आई प्रणाली की जगह ट्रिप इरीगेशन प्रणाली का इस्तेमाल करना चाहिए।
- अपने बागानों में शाम के समय पानी का छिड़काव करें और जरूरत से ज्यादा पानी का इस्तेमाल नहीं करें।
- सार्वजनिक स्थलों पर खुले हुए पानी के नलों को आप देखते ही तुरंत बंद कर दें अथवा हो सके तो इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन को अवश्य दें।
- अपने घरों और क्षेत्रों में बारिश के पानी के लिए संरक्षण तंत्र की जगह बनवाएं।
- आरो फिल्टर से निकले हुए खराब पानी को व्यर्थ नहीं करना चाहिए, बल्कि इसका उपयोग पौधों को सींचने और कपड़े धोने में कर सकते हैं।
निष्कर्ष
जल हमारे जीवन का आधार है, जल नहीं तो हमारा जीवन नहीं कोई मनुष्य हो जीव जंतु हो अथवा पेड़ पौधे हो सभी काजल सिर्फ जीवन पर ही टिका हुआ है। अगर पानी उपलब्ध नहीं होगा तो हम थोड़े समय तक जीवित रह सकते हैं।
इसके पश्चात हमारा जीवन समाप्त हो जाएगा, इसीलिए हम पानी के संरक्षण की शुरुआत करें पानी को बर्बाद ना करें और पृथ्वी का संतुलन बनाए रखें।
अंतिम शब्द
इस लेख पानी बचाओ पर निबंध इन हिंदी (pani bachao par nibandh) में आपको पानी बचाने के महत्व और तरीकों के बारे में बताया है।
आशा करते हैं कि आप भी इन तरीकों को जरूर अपनाएंगे और पानी को व्यर्थ नहीं करेंगे और आपको इससे संबंधित कोई भी जानकारी चाहिए वह तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं।
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Very nice sir