Essay on Cricket in Hindi: क्रिकेट आज दुनिया के सबसे प्रसिद्ध स्पोर्ट गैम में से एक है, जिसे 5 साल के बच्चे से लेकर 50 साल के बूढ़े तक खेलना पसंद किया जाता हैं। इस खेल से ना केवल मनोरंजन होता है बल्कि सेहतमंद रहने में भी मदद मिलती है।
इसकी शुरुआत सर्वप्रथम इंग्लैंड में हुई थी। भारत में इस खेल की शुरुआत अंग्रेजो के द्वारा हुई और तब से ही भारत के युवा भी इस खेल के शौकीन हो चुके हैं। आज क्रिकेट अंतरराष्ट्रीय लेवल पर खेले जाते हैं।
यहां पर क्रिकेट पर निबंध (Cricket Par Nibandh) अलग अलग शब्द सीमा में शेयर कर रहे हैं। यह निबंध सभी कक्षाओं के लिए और प्रतियोगी विद्यार्थियों के लिए मददगार है।
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क्रिकेट पर निबंध (Essay on Cricket in Hindi)
क्रिकेट पर निबंध 100 शब्द
क्रिकेट राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दुनिया भर में खेले जाने वाले सबसे फैमस आउटडोर खेलों में से एक है। इस खेल में आमतौर पर दो टीमें होती हैं, जिनमें से हर टीम में 11 खिलाड़ी या क्रिकेट प्लेयर्स होते हैं।
क्रिकेट में जीतने के लिए टीम को अधिक से अधिक स्कोर हासिल करना होता है, इसी उद्देश्य के लिए टीम मैच खेलती हैं। खेल के अंत में जो टीम मैच में हाई स्कोर हासिल करती है। वही विजेता होती है।
इस खेल में एक एक्शन सेंटर होता है, जिसे पिच कहा जाता है। जिसके चारों ओर खेल खेला जाता है। क्रिकेट को अक्सर बड़े और लम्बे-चौड़े स्थानों में ही खेला जाता है।
जिसका आकार ज्यादातर 68-58 मीटर का होता है और मुख्य खेल का मैदान का छोटा घेरा लगभग 2.64 मीटर के आस-पास होता है।
क्रिकेट पर निबंध 150 शब्द
क्रिकेट एक आउटडोर खेल है, जिसको लगभग सभी बच्चे खेलना पसंद करते हैं और वे कम उम्र में ही विराट और सचिन जैसे बड़े क्रिकेटर बनने का सपना देखते हैं। इस खेल को बल्ले और गेंद का उपयोग करके एक बड़े और खुले मैदान में खेला जाता है।
इसको दो टीमों के बीच खेला जाता है जिसमें हर टीम में 11 खिलाड़ी शामिल होते हैं।
बल्लेबाज बल्लेबाजी करते समय बल्ले का इस्तेमाल करता है और पारी में रन बनाने की कोशिश करता है। जबकि विपरीत टीम का एक सदस्य, जिसको गेंदबाज़ कहा जाता।
एक गेंद को दूसरी टीम के सदस्य की ओर फेकता है, जिसे बल्लेबाज कहते है। गेंदबाज़ एक विकेट लेने के लिए गेंद को बल्ले से दूर मारने की कोशिश करता है ताकि बॉल विकेट पर लग सके।
एक बल्लेबाज अपनी बल्लेबाजी तब तक जारी रखता है जब तक कि उसे खुद के द्वारा कुछ गलती करने के कारण या गेंदबाज़ के द्वारा आउट होने की वजह से खेल से बाहर नहीं निकाल दिया जाता है।
जो भी टीम बल्लेबाजी करना शुरू करती है, वे तब तक बल्लेबाजी जारी रखती हैं जब तक कि दस बल्लेबाज आउट नहीं हो जाते हैं।
क्रिकेट पर निबंध 200 शब्द
क्रिकेट एक पेशेवर आउटडोर खेल है जो कई देशों के लोगों द्वारा खेला जाता है, विशेष कर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर। इस आउटडोर गेम में 11 खिलाड़ियों की दो टीमें होती हैं।
प्रत्येक टीम के द्वारा 50 ओवर पूरे होने तक क्रिकेट का खेल खेला जाता है। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद और मेरिलिबोन क्रिकेट क्लब के द्वारा क्रिकेट के सभी क़ानूनों, नियमों और विनियमन का ध्यान व रख रखाव किया जाता है।
क्रिकेट को टेस्ट मैचों और वन डे इंटरनेशनल तथा टी 20 के लिए खेला जाता है। क्रिकेट 16 वीं शताब्दी के दौरान दक्षिणी इंग्लैंड में खेला गया था। इसके बाद क्रिकेट को 18 वीं शताब्दी के दौरान इंग्लैंड के राष्ट्रीय खेल के रूप में स्वीकार कर लिया गया था।
ब्रिटिश साम्राज्य के विस्तार के दौरान इसको विदेशों में भी खेलना शुरू किया जाने लगा था। 19 वीं सदी में पहला अंतरराष्ट्रीय मैच ICC (एक शासी निकाय) द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें 10 सदस्य टीमों के साथ दो टीमें थी।
वेस्ट इंडीज, इंग्लैंड, दक्षिणी अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, भारतीय उपमहाद्वीप और कई इन जैसे दूसरे देशों में क्रिकेट बड़े चाव से खेला और देखा जाने वाला सबसे लोकप्रिय एवं प्रसिद्ध स्पोर्ट गेम है।
भारत में छोटे बच्चों को क्रिकेट खेलने का बहुत शौक होता है और आमतौर पर वे आपको छोटे खुले स्थानों में क्रिकेट खेलते हुए आसानी से मिल भी जाएंगे।
भारत में लोग क्रिकेट को गलियों और पार्कों में भी खेलते हैं। यदि इस खेल को प्रतिदिन खेला जाए एवं अभ्यास किया जाए तो इसको खेलना बहुत सरल और आसान हो जाता है।
इसलिए क्रिकेट खिलाड़ी प्रतिदिन इस खेल का अभ्यास करते हैं ताकि छोटी-छोटी ग़लतियों को दूर कर अपना प्रवाह बढ़ा सकें और मैंच में अपनी पकड़ बनाएं रख सके।
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प्रस्तावना
क्रिकेट दुनिया का सबसे लोकप्रिय और जाना-माना खेल है जिसको खेलना हर कोई पसंद करता है, इस खेल में दो टीम होती हैं और हर टीम में 11 सदस्य होते हैं।
ऐसी मान्यता कि जब ब्रिटिश व्यवसाय करने के लिए भारत आए, तो उनके साथ क्रिकेट भी भारत में आया।
क्रिकेट का चित्रण
प्रारंभ में यह खेल ऊन के गोलो की गेंद बनाकर खेला जाता था। क्रिकेट को समतल और साफ भूमि के बड़े टुकड़ों पर खेला जाता था।
आम तौर पर, आब इसे पिच नामक मैदान पर खेला जाता है। इस पिच में 22 गज के बीच स्टंप होते है, प्रत्येक तरफ 3 स्टंप होते हैं।
इन स्टंप के शीर्ष पर दो बेल (Bails) होते हैं और स्टंप के प्रत्येक सेट पर एक या दो अंपायर होते हैं। क्रिकेट को ग्यारह खिलाड़ियों की दो टीमों के बीच खेला जाता हैं। खेल शुरू करने से पहले दोनों टीमों के कप्तान टॉस के लिए अंपायर के पास जाते हैं।
टॉस जीतने वाले को पहले बल्लेबाजी करने का मौका मिलता है। छह खिलाड़ी आमतौर पर लंबे समय तक बल्लेबाज के दाईं ओर खड़े रहते हैं, जिनको कवर प्वाइंट, शॉर्ट स्लिप, लॉन्ग स्लिप, चौकोर मिड ऑन, लॉन्ग ऑन, और बैक मैन कहा जाता है।
विकेट के पीछे के खिलाड़ी को “विकेट कीपर” कहते है। एक गेंदबाज़ किसी दिव्य पुरुष से कम नही होता है, बल्लेबाजी करने वाला टीम का कप्तान अपने दो सलामी बल्लेबाज़ों को बल्लेबाजी के लिए भेजता है।
गेंदबाज़ गेंदबाज़ी करना शुरू करता है अगर उसकी बॉल बल्लेबाज को लगती है और विकेट हिट होता है या यदि बल्लेबाज गेंद को हिट करता है और गेंद को कोई खिलाड़ी पकड़ लेता है।
अगर वह विकेट से पहले आवेग पूर्ण है या अगर वह क्रीज छोड़ता है या फिर फील्डर विकेट छोड़ता है तो उसे आउट माना जाता है। जिसके बाद अन्य बल्लेबाज खेलने के लिए आता हैं।
लेकिन अगर बल्लेबाज गेंद को हिट करता है और विकेटों के बीच में दौड़ता है, तो वह अपने रनों की संख्या को बढ़ाता है।
स्कोरर इन रनों को नोट करता है और स्कोर बोर्ड पर इन्हे दिखता है। मैच के अंत में जिस टीम के सबसे अधिक रन होते हैं, वही विजेता कहलाती है।
क्रिकेट का इतिहास
क्रिकेट का सबसे पहले खेल 1478 में फ्रांस में शुरू हुआ था। उस समय गेंद को एक पतली लोहो या किसी धातू की रॉड से मारा जाता था। इसके बाद1850 में क्रिकेट को गिल्डफोर्ड स्कूल में खेला गया था।
फिर 1926 तक क्रिकेट दूसरे देशों तक फैल गया। 1844 में संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा के बीच पहला अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच आयोजित किया गया था।
खासकर कर के महाराजा रणजीत सिंह क्रिकेट को बहुत ज्यादा पसंद करते थे। जिसकी वजह से 1927 में भारत में रणजी क्रिकेट टूर्नामेंट शुरू हुई और भारतीय टीम 1928 में इंग्लैंड गई। 1975 में इंग्लैंड में पहला क्रिकेट विश्व कप आयोजित किया गया था।
क्रिकेट के नियम
क्रिकेट बहुत ही आसान और मजेदार खेल है। जिसे बल्ले (Bat) और गेंद (Boll) की मदद से खेला जाता है। इसको 22 गज लंबी पिच पर खेला जाता है।
यह 2 टीमों के दौरान खेला जाता हैं। प्रत्येक समूह यानी हर टीम में 11 खिलाड़ी होते हैं। विकेट को 3 लकड़ी की स्टंप की सहायता से बनाया जाता है।
गेंदबाज़ बल्लेबाज की ओर बॉल फेंकता है और विकेट लेने की कोशिश करता है। दूसरी ओर, बल्लेबाज़ गेंद को बल्ले से मारता है ताकि वो अपने रनों की तदात बड़ा सके।
इस बात का खास ध्यान रखा जाता है कि गेंदबाज़ी करते समय, गेंदबाज़ का पैर क्रीज के बीच होना चाहिए और गेंदबाज़ का अगला पैर पॉपिंग क्रीज के ऊपर होना चाहिए।
यदि गेंदबाज इस रूल/नियम को तोड़ने की कोशिश करता है तो उस गेंद को “नो बॉल” घोषित किया जाता है और बल्लेबाज को एक अतिरिक्त रन दिया जाता है।
बल्लेबाज मैच के दौरान अचानक चोट और बॉल से अपनी हिफाज़त के लिए पैड, दस्ताने और हेलमेट पहनता है।
खेल को शुरू करने से पहले कप्तानों के बीच टॉस किया जाता है। टॉस विजेता कप्तान तय करता है कि गेंदबाज़ी करनी है या बल्लेबाजी।
गेंदबाज़ी करने वाली टीम मैदान में अपने खिलाड़ियों को तैनात करती है ताकि वो फील्डींग कर सकें और गेंद को लपक कर गेंदबाज़ को जल्द से जल्द आउट कर सके।
क्रिकेट का खेल ओवरों में खेला जाता है। हर एक ओवर में 6 गेंदें फेंकी जाती है। जब किसी टीम के 11 में से 10 बल्लेबाज आउट हो जाते हैं, तो उस टीम को ऑल आउट कहा जाता है।
अब एक बल्लेबाज कई तरीकों से आउट हो सकता है जैसे- टाइम आउट, रन आउट, कैच आउट, बिफोर विकेट, हिट विकेट, लेग और बोल्ड स्टंप। अंत में जो टीम सबसे ज्यादा रन बनाने में कामयाब हो जाती है उसे विजेता घोषित कर दिया जाता है।
क्रिकेट पर निबंध 1000 शब्द
प्रस्तावना
क्रिकेट एक ऐसा खेल है, जिसकी जानकारी हर व्यक्ति को होती है और इस खेल को खेलने का शौक हर एक बच्चे को होता है। क्रिकेट के नियमों के बारे में हर कोई जानता है।
क्रिकेट अंतरराष्ट्रीय लेवल पर खेला जाने वाला लोकप्रिय खेल है। क्रिकेट न केवल भारत में बल्कि अन्य देशों में भी इसकी लोकप्रियता काफी ज्यादा है। किसी से भी उसके पसंदीदा खेल के बारे में पूछो तो ज्यादातर लोग क्रिकेट को ही पसंद करने वाले होते हैं।
बात करें क्रिकेट के इतिहास कि तो क्रिकेट खेल की शुरुआत लगभग 16 वीं शताब्दी में साउथ इंग्लैंड में हुआ था। आठवीं शताब्दी तक यह खेल इंग्लैंड के राष्ट्रीय खेल के रूप में विकास हुआ।
क्रिकेट दो टीमों के बीच में होता है, जिसमें 11-11 खिलाड़ी होते हैं। इस तरह क्रिकेट में कुल 22 खिलाड़ी होते हैं। एक टीम बल्लेबाजी करती है और दूसरी टीम गेंदबाजी करती है। मैच शुरू होने पर कौन सबसे पहले बल्लेबाजी करेगा, इसका निर्णय सिक्का उछाल कर किया जाता है।
क्रिकेट अंडाकार आकार के मैदान पर खेला जाता है, जहां पर 22 गज लंबाई की पिच बनी होती है और उसी पिच पर बल्लेबाज और गेंदबाज खड़े होते हैं।
क्रिकेट का ग्राउंड पर छोटे आकार की घास लगी होती है और मैच शुरू होने से पहले ही उस ग्राउंड को साफ कराया जाता है ताकि किसी भी खिलाड़ी के गिरने पर उन्हें चोट ना आए। हालांकि खिलाड़ी अपने सुरक्षा के लिए सेफ्टी किट पहन के रहते हैं।
मैच के दौरान होने वाली गलतियों पर नजर डालने के लिए और उस अनुसार मैच का फैसला सुनाने के लिए दो अंपायर भी होते हैं, जो पीच के दोनों साइड पर खड़े होते हैं।
क्रिकेट मैच खेलने के लिए सबसे महत्वपूर्ण सामग्री बॉल और बल्ला होता है। गेंद और बल्ला क्रिकेट मैच की पहचान होती है।
इसके अतिरिक्त क्रिकेट मैच के दौरान हेलमेट, हैंड गार्ड, ग्लब्स, शूज, लेगगार्ड जैसे साधन का उपयोग सुरक्षा के लिए किया जाता है। इन सब के अतिरिक्त स्टंप की भी आवश्यकता पड़ती है।
ग्राउंड में खिलाड़ियों की स्थिति
मैच के ग्राउंड में बल्लेबाज की टीम की तरफ से केवल दो ही खिलाड़ी ग्राउंड पर होते हैं। वहीँ बल्लेबाज टीम का पूरा खिलाड़ी ग्राउंड पर खड़ा होता है।
बल्लेबाज टीम में से एक खिलाड़ी कीपर की भूमिका निभाता है, जो पिच पर लगाए गए स्टंप के पीछे खड़ा रहता है।
वहीं एक खिलाड़ी गेंद फेंकने का कार्य करता है। बल्लेबाज टीम का अन्य खिलाड़ी ग्राउंड के चारों ओर खड़े होकर फील्डिंग का कार्य करते हैं।
किस तरीके से क्रिकेट खेला जाता है
क्रिकेट को खेलने से पहले खिलाड़ियों को क्रिकेट के नियमों का पालन करना होता है और अंपायर के द्वारा जो भी फैसला सुनाया जाता है, उसे स्वीकार करना पड़ता है।
बल्लेबाज दौड़ते हुए आता है और वह गेंद फेंकता है। यदि गेंद सीधे स्टंप पर लग जाता है या कीपर कैच कर लेता है तो बल्लेबाज के टीम का एक विकेट गिना जाता है।
यदि गेंदबाज द्वारा फेंका गया गेंद बल्लेबाज के बैट से लगते हुए उछलकर ग्राउंड के बाहर चला जाता है तो उसे छक्का गिना जाता है।
यदि गेंद बल्लेबाज के बैट से मारने के बाद ग्राउंड से टच होते हुए बाउंड्री के बाहर जाता है तो उसे चौका गिना जाता है। चौका अर्थात 4 रन होता है, उसे चार रन गिना जाता है।
मैच के अंत तक जो टीम ज्यादा रन बनाई होती है, उस टीम को विजेता घोषित किया जाता है।
खिलाड़ी आउट किस तरह होता है
खिलाड़ी कई स्थितियों पर आउट गिने जाते हैं। यदि बल्लेबाज द्वारा फेंका गया गेंद कीपर कैच कर ले या स्टंप से लग जाए तो बल्लेबाज आउट माना जाता है।
इसके अतिरिक्त यदि बल्लेबाज द्वारा गेंद को मारते वक्त उसका बल्ला स्टंप से भीड़ जाए तभी आउट मान लिया जाता है।
इसके अतिरिक्त ग्राउंड के चारों तरफ खड़े फील्डर यदि बल्लेबाज द्वारा मारे गए गेंद को सीधा कैच कर लेते हैं तो बल्लेबाज आउट मान लिया जाता है। इन सब के अतिरिक्त भी कई सारे नियम होते हैं।
क्रिकेट से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण शब्द
ओवर
कोई भी क्रिकेट मैच में ओवर की संख्या तय होती है और ओवर पूरा होने के बाद मैच खत्म हो जाता है। उतने ओवर के दौरान टीम को अपने प्रतिस्पर्धी टीम की तुलना में ज्यादा रन बनाने होते हैं।
एक ओवर में छह बॉल होते हैं और एक बॉल पर खिलाड़ी अधिकतम 6 रन बना सकता है। यदि निश्चित ओवर से पहले ही बल्लेबाज के सभी खिलाड़ी आउट हो जाते हैं तो आगे के बोल का कोई मतलब नहीं होता।
बल्लेबाज
बल्लेबाज उस खिलाड़ी को कहते हैं, जो बल्ला पकड़कर पिच पर खड़ा रहता है, जो गेंदबाज के द्वारा फेंके गए गेंद को मारता है।
मैच के दौरान एक बार में दो बल्लेबाज ग्राउंड में उतरते हैं, जो एक दूसरे को स्ट्राइक देते हैं और अपने विकेट की रक्षा करते हुए, जितना संभव हो सके उतना रन बनाने की कोशिश करते हैं। एक बल्लेबाज आउट हो जाता है तो वह मैदान छोड़कर चला जाता है।
गेंदबाज़
गेंदबाज गेंद फेंकने का कार्य करता है।
कीपर
कीपर उस खिलाड़ी को कहते हैं, जो इस स्टंप के ।पीछे खड़ा रहता है। यह गेंदबाज द्वारा फेंके गए गेंद को बल्लेबाज के बैट से मारने से पहले पकड़ने की कैच करने की कोशिश करता है ताकि बल्लेबाज को आउट किया जा सके। कीपर गेंदबाज के टीम का खिलाड़ी होता है।
फिल्डर
मैच के दौरान गेंदबाज का केवल दो ही खिलाड़ी पिच पर होता है। पहला कीपर जो स्टंप के पीछे खड़ा होकर, जो गेंद को पकड़ने का कार्य करता है। दूसरा स्वयं गेंदबाज जो गेंद को फेंकने का कार्य करता है।
बाकी अन्य गेंदबाज के खिलाड़ी फील्डर की तरह कार्य करते हैं, जो ग्राउंड के चारों तरफ खड़े रहते हैं। फिल्डर का मुख्य कार्य बल्लेबाज द्वारा बल्ले से उछाले गए गेंद को कैच करके उसे आउट करना होता है।
अंपायर
क्रिकेट मैच में अंपायर का कार्य फैसला सुनाने का होता है। यह किसी भी टीम का खिलाड़ी नहीं होता बल्कि यह अलग से होते हैं, जो पिच के पास खड़े होकर खिलाड़ियों के गतिविधियों पर ध्यान देते हैं और निर्णय सुनाते हैं।
मैच में अक्सर दो अंपायर होते हैं एक अंपायर बल्लेबाज की तरफ से होता है और दूसरा गेंदबाज की तरफ से होता है। एक अंपायर बल्लेबाज की गतिविधियों पर ध्यान देता है। वहीं दूसरा अंपायर गेंदबाज की गतिविधियों पर ध्यान देता है।
इन दोनों के अतिरिक्त कैमरे को तीसरे अंपायर की तरह माना जाता है, जो पूरी गतिविधियों पर ध्यान देता है और अंत में कोई भी कंफ्यूजन होने पर उस अंपायर की मदद ली जाती है।
स्टंप
क्रिकेट के ग्राउंड में पिच पर लगे तिन डंटे लगे होते हैं, जिसे स्टंप कहते हैं। इस स्टंप के कुछ निश्चित दूरी पर बल्लेबाज खड़ा होता है, जहां से वह गेंद को उछालने का कार्य करता है।
बल्लेबाज द्वारा उसके बल्ले से स्टंप को छू लेने से वह आउट मान लिया जाता है। इसीलिए बल्लेबाज को काफी सावधानी से खेलनी पड़ती है ताकि उसका ब्ल्ला स्टंप को ना छूटे।
पिच
पीच का आकार आयताकार होता है। अंडाकार मैदान के बीच में लगभग 22 गज लंबाई का आयत बना होता है और इसी आयत पर खड़े होकर बल्लेबाज बल्लेबाजी करता है।
उपसंहार
खेल मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी होता है। हालांकि भारत के लोग बहुत पुराने समय से कई तरह के खेल खेलते आ रहे हैं हैं। लेकिन आधुनिक समय में क्रिकेट सभी के दिलों पर राज करता है। आज हर बच्चा क्रिकेटर ही बनना चाहता है।
जब भी दो देशों के बीच में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच होता है तब देश का हर नागरिक मैच पर अपनी नजर गड़ाए बैठा रहता है। क्रिकेट लोगों में एक राष्ट्रीयवादी भावना भी विकसित करता है।
जब प्लेयर खेल के मैदान में खेलता है तो वह स्वयं के लिए नहीं खेलता बल्कि वह अपने देश के लिए खेलता है। मैच में जीत कर वह अपने देश को गर्वोनित महसूस कराता है।
अंतिम शब्द
हम उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा शेयर किया गया यह क्रिकेट पर निबंध (Essay on Cricket in Hindi) आपको पसंद आया होगा।
यदि आपको इससे जुड़ा कोई सवाल है तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही कमेंट में यह भी बताएं कि आपको यह निबंध कैसा लगा।
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