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दीपावली पर निबंध

Essay on Diwali in Hindi: भारत एक विशाल देश है। यहां पर हर धर्म के लोग रहते हैं। भारत में हर धर्म के त्यौहार को धूमधाम से मनाया जाता है। भारत में सबसे अधिक त्यौहार मनाए जाते हैं, इसलिए भारत को त्योहारों का देश भी कहा जाता है।

दिवाली हिंदू धर्म का बड़ा त्यौहार है, इसे हर धर्म के लोग मनाना पसंद करते हैं। यह त्यौहार भारत ही नहीं बल्कि अन्य देशों में भी मनाया जाता है। दिवाली को अंधकार पर प्रकाश की जीत का पर्व माना जाता है।

Diwali Essay in Hindi
diwali par nibandh

यहां पर दिवाली पर निबंध शेयर (Essay on Diwali in Hindi) कर रहे हैं। इस निबंध में हमने आसान से शब्दों में दीपावली के बारे में जानकारी बताई है।

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दीपावली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi)

दिवाली पर निबंध 10 लाइन

  1. दिवाली भारत के मुख्य त्यौहारों में से एक महत्वपूर्ण त्यौहार है, जिसे 5 दिन तक मनाया जाता है।
  2. इस दिन भगवान श्री राम 14 वर्ष का वनवास पूर्ण करके अयोध्या लौटे थे।
  3. दिवाली दशहरे के ठीक 20 दिन बाद मनाया जाता है।
  4. दिवाली के दिन गणेश जी और लक्ष्मी जी की पूजा साथ की जाती है।
  5. दिवाली प्रतिवर्ष कार्तिक महीने की अमावस्या को मनाई जाती है।
  6. धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दीपावली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज के त्यौहार का समूह होता है।
  7. दिवाली के दिन सरस्वती माता की भी पूजा की जाती है।
  8. दिवाली के त्यौहार को निराशा पर आशा की विजय का प्रतीक माना गया है।
  9. दिवाली को प्रकाश का त्यौहार और दीपावली के नाम से भी जाना जाता है।
  10. दिवाली को अंधकार पर प्रकाश की जीत का पर्व माना जाता है।
10 Lines on Diwali in Hindi
Image: दिवाली पर निबंध 10 लाइन (10 Lines on Diwali in Hindi)

दीपावली पर निबंध 200 शब्दों में

भारत एक त्यौहारों का देश है। भारत में हर महीने कई त्यौहार मनाये जाते हैं। भारत को त्यौहारों का देश भी कहा जाता है। क्योंकि पूरे विश्व में सबसे ज्यादा त्यौहार भारत में ही मनाये जाते हैं। भारत में दिवाली त्यौहार को सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है।

दिवाली को हिन्दू धर्म में विशेष स्थान प्राप्त है। दिवाली हिन्दू धर्म के प्रत्येक लोगों द्वारा मनाई जाती है। भारत में हर धर्म के लोग रहते हैं, दिवाली हर धर्म के लोगों द्वारा मनाया जाता है।

हिन्दू धर्म में इस दिन का विशेष महत्व है। क्योंकि इसी दिन भगवान श्री राम 14 वर्ष का वनवास पूरा करके अयोध्या लौटे थे। इस दिन अंधकार होने के कारण अयोध्या के लोगों ने श्री राम का स्वागत घी के दिये जलाकर किया था।

घी के दीयों से पूरा अयोध्या रोशनी से चमक उठा था और पूरा अन्धकार लुप्त हो गया था। इस दिन धन की देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है और इसके साथ ही भगवान गणेश और विद्या की देवी सरस्वती की भी पूजा की जाती हैं।

दिवाली का त्यौहार दशहरे के 21 दिन बाद कार्तिक महीने की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। दिवाली के दिन शरद ऋतु का प्रारम्भ होता है और वर्षा ऋतु के पूरा होने का संकेत मिलता है।

Diwali Essay in Hindi
दीपावली निबंध हिंदी में 200 शब्द (diwali nibandh)

दीपावली पर निबंध 300 शब्दों में

भारत एक विशाल देश हैं। यहां पर सभी धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं। भारत में हर प्रकार के त्यौहार धूमधाम और बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाये जाते हैं। हर त्यौहार को हमारे देश में विशेष महत्व और सम्मान दिया जाता हैं। इस कारण ही भारत को पूरे विश्व में त्यौहारों का देश कहा जाता है।

भारत में हर दिन कोई छोटा त्यौहार जरूर आता हैं। भारत के बड़े त्यौहारों में दिवाली का विशेष महत्व है। दिवाली का त्यौहार भारत ही नहीं पूरे विश्व में बड़ी उमंग के साथ मनाया जाता है।

दिवाली के दिन लोग अपने घरों में घी के दिए जलाते हैं। मिठाइयां बनाते और बांटते है। दिवाली को हर धर्म के लोग मनाते है और विशेष महत्व भी देते हैं।

दिवाली दशहरे के 21 दिन बाद कार्तिक माह में आने वाली अमावस्या के दिन मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घरों में घी के दिये जलाकर अन्धकार को रोशनी में बदल देते हैं।

इस दिन का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है और इस त्यौहार को प्रत्येक भारतीय बड़ी भावना के साथ मनाते हैं। दिवाली को रोशनी का त्यौहार और दीपावली भी कहते हैं। क्योंकि इस दिन देश के सभी घर मिट्टी के दीयों से जगमगाते है और अन्धकार का हरण कर देते हैं।

इस दिन भगवान श्रीराम अपना 14 वर्ष का वनवास पूरा करके, असुरों के राजा का रावण को मारकर अयोध्या लौटे थे। श्री राम के अयोध्या लौटने की ख़ुशी में अयोध्यावासियों ने अपने घरों और अयोध्या को मिट्टी के दीयों को घी से जलाकर सजाया था और पूरी अयोध्यानगरी को रोशनी से भर दिया था।

इस दिन को बुराई पर अच्छाई की विजय के लिए मनाया जाता है और इस दिन धन की देवी लक्ष्मी के घर में प्रवेश का संकेत है।

भारत में ऐसी मान्यता है कि इस दिन अपने घर, दुकान और ऑफिस की सफाई रखने से लक्ष्मी प्रशन्न होती है, वहां पर प्रवेश करती है।

ऐसी मान्यता भी है कि इस दिन नई वस्तुएं खरीदने से भी घर में लक्ष्मी आती है। इस दिन धन की देवी लक्ष्मी के साथ गणेश जी की पूजा की जाती है।

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पूरे विश्व में भारत के ऐसा देश है, जहां पर सभी त्यौहार बड़े धूमधाम और रीतिरिवाजों के साथ मनाये जाते हैं। हमारे देश में हर त्यौहार को विशेष महत्त्व के साथ मान-सम्मान दिया जाता है।

भारत में दिवाली का महत्व बाकि त्यौहारों के मुकाबले अधिक है। इसे रोशनी का त्यौहार और दीपावली भी कहा जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है।

भारत एक हिन्दू राष्ट्र हैं और यहां पर दीपावली को विशेष महत्व दिया जाता है। इस दिन हम पुरानी बातों को भूलकर सब मिलकर ख़ुशी से दिवाली का त्यौहार मनाते हैं।

इस दिन सभी और प्रकाश ही प्रकाश होता है। हमारे जीवन में प्रकाश का बहुत महत्व होता है। दिवाली के दिन सभी लोग भारत की परम्परा और संस्कृति के साथ सभी से मिलते-जुलते हैं और पुरानी सब बातों को भूलकर नई शुरूआत करते हैं।

दिवाली के दिन हमारी प्रकृति में बहुत बदलाव देखने को मिलते है। दिवाली से पहले वर्षा ऋतु पूरी धरती को जल से पवित्र कर धरती से पानी की कमी को दूर करती है और दिवाली के बाद शरद ऋतु शुरू हो जाती है। अर्थात् दिवाली के दिन वर्षा ऋतु समाप्त होती है और उसकी जगह पर शरद ऋतु आरम्भ होती हैं। इसलिए हमारी प्रकृति में भी इस दिन का विशेष महत्व है।

यह त्यौहार प्रतिवर्ष दशहरे के बाद के 21 दिन पूरे हो जाने और कार्तिक महीने की अमावस्या को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्यौहार 5 दिन तक लगातार चलने वाला भारत का विशेष त्यौहार है। इनके पांचों दिनों का महत्व अलग-अलग है। सभी दिन विशेष महत्व के लिए मनाये जाते हैं।

कार्तिक माह की अमावस्या के भगवान श्री राम ने अपना 14 वर्ष का वनवास पूरा किया था। इसी दिन श्री राम असुरों के राजा रावण का वध करके अयोध्या लौटे थे। इसकी ख़ुशी में अयोध्या के लोगों ने श्री राम स्वागत पूरे अयोध्या में अमावस्या के दिन रोशनी करके किया।

सभी लोगों ने अपने घरों में मिठाइयां बनाई और सभी में बांटी। सभी लोगों ने अपने घरों व अयोध्या को मिट्टी के दीयों से सजाया, अयोध्या में फ़ैले अंधकार को दूर किया।

उस दिन पूरी अयोध्यानगरी रोशनी से खिल उठी थी, पूरे राज्य में रोशनी ही रोशनी थी। सभी के चेहरों पर श्री राम के आने की ख़ुशी झलक रही थी।

इस दिन भगवान राम ने अपना वनवास पूरा किया था और रावण हरण करके बुराई पर अच्छाई की जीत हासिल की थी। अर्थात् असत्य पर सत्य की विजय हुई थी। इसी ख़ुशी में दिवाली के त्यौहार को बड़ी ख़ुशी के साथ आज भी मनाया जाता।

इस दिन सभी लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं और घर में मां लक्ष्मी की स्थापना करते हैं। भारत में ऐसी मान्यता है कि इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी प्रशन्न होकर धन की वर्षा करती है। इस दिन लक्ष्मी मां की पूजा की जाती है और इसके साथ गणेश जी और विद्या की देवी सरस्वती की भी पूजा की जाती है।

लोग इस दिन की ख़ुशी मिठाइयां बांटकर, पटाखे जलाकर मनाते हैं। इस दिन सभी लोग अपनी पुरानी बातों को भूलकर एक दूसरे को बधाइयां देते हैं। दिवाली के दिन अंधकार प्रकाश में परिवर्तन होता है।

ये हिन्दू लोगों का विशेष त्यौहार है और इसकी हिन्दू धर्म में बहुत ही ज्यादा है। इस त्यौहार को सभी लोग हिन्दू संस्कृति और हिन्दू रीतिरिवाजों के साथ मनाते है।

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प्रस्तावना

दिवाली का दिन भारतवासियों के लिए विशेष महत्व रखता है। भारत में हर धर्म के लोग रहते हैं और भारत सभी धर्मों का सम्मान करता है।

दिवाली का त्यौहार एक तरह से हिन्दुओं का विशेष त्यौहार है। यह त्यौहार 5 दिनों तक चलता है। इसकी ख़ुशी हर भारतीय को होती है।

भारत में दिवाली

भारत विभिन्न संस्कृतियों, विचारों, भाषाओं, परम्पराओं, रीतिरिवाजों और विभिन्न धर्मों वाला देश है। यहां पर सभी धर्मों के त्यौहारों को धूमधाम से मनाया जाता है। भारत विश्व के सभी देशों से सबसे अधिक त्यौहार मनाता है।

इस कारण भारत को त्यौहारों की भूमि कही जाती है। भारत में हर त्यौहार को बड़े महत्व के साथ मनाया जाता है। भारत में हर त्यौहार का विशेष महत्व होता है और हर एक महीने में कई त्यौहार मनाये जाते हैं।

इन त्यौहारों में दिवाली का विशेष महत्व होने के साथ-साथ हिन्दू धर्म में भी इसका विशेष महत्व है। यह हिन्दू धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है और ये हर हिन्दू द्वारा मनाया जाता है।

आज के समय में दिवाली का त्यौहार सभी धर्मों के लोग मनाने लग गये हैं। सभी धर्मों के लोगों ने इसका महत्व समझना शुरू कर दिया है।

विभिन्न धर्मों में दिवाली का महत्व

भारत में सभी धर्म के लोग रहते है और सभी लोग दिवाली का त्यौहार अलग-अलग कारणों से मनाते है। हिन्दू धर्म में दिवाली मनाने का कारण, जैन धर्म में दिवाली मनाने का कारण और सिख धर्म में दिवाली मनाने का कारण अलग-अलग है।

दिवाली का त्यौहार कार्तिक माह की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। इस दिन पूरा अन्धकार छाया हुआ रहता है। हिन्दू धर्म के लोग इस दिन को बुराई पर अच्छाई पर विजय के रूप में मानते हैं।

इस दिन ही भगवान श्री राम रावण को मारकर और अपने 14 वर्ष का वनवास को पूरा कर अयोध्या वापस लौटे थे। इस दिन अयोध्या के लोगों ने राम के आने की ख़ुशी में पूरे अयोध्या को अमावस्या के अन्धकार से मुक्त कर दिया था।

सभी ने अपने घरों में और अयोध्या नगरी में मिट्टी के दिये जलाये थे। उस अमावस्या की रात प्रकाश की अंधकार पर विजय हुई थी। पूरी अयोध्या नगरी रोशनी से चमक रही थी भगवान राम के स्वागत में। उस दिन भगवान राम बुराई पर अच्छाई को विजय कर अयोध्या लौट रहे थे।

जैन धर्म के लोग इस दिन दिवाली इस लिए मनाते हैं क्योंकि इसी दिन भगवान माहवीर को मोक्ष प्राप्त हुआ था और किसी संयोग से इसी दिन उनके शिष्य गौतम को भी ज्ञान प्राप्त हुआ था।

सिख धर्म के लोग दिवाली इस लिए मानते हैं क्योंकि इसी दिन ही 1577 में पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर का शिलन्यास हुआ था और इसी दिन ही सिखों के छठे गुरु गुरू हरगोबिन्द साहब जी को जेल से रिहा किया गया था।

दिवाली के दिन क्या होता है?

दिवाली का नाम सुनते ही सभी लोगों के चेहरों पर एक अलग सी ख़ुशी छा जाती है। इस दिन सभी लोग अपने-अपने घरों, दुकानों आदि की साफ़ सफाई करते हैं। उनको नये रंग से रंगते हैं और सभी को नया कर देते हैं।

ये त्यौहार 5 दिनों तक चलता है। इस दिन लोग अपने घरों में नई वस्तुएं खरीद कर लाते है और भी कई सारी वस्तुएं, कपड़ों, वाहनों और अति आवश्यक चीजों की खरीदारी करते हैं।

इस दिन घर में लक्ष्मी आने का संकेत माना जाता है और इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। घरों में मिठाइयां बनाई जाती हैं, सभी में बांटी जाती है और सभी लोग अपने बुरी बातों को भूलकर सबको शुभकामनाएं देते हैं। इस दिन मां लक्ष्मी के साथ गणेश जी की भी पूजा की जाती है।

उपसंहार

भारत विभिन्न मान्यताओं और रीतिरिवाजों वाला देश है। यहां पर सभी संस्कृति के लोग रहते हैं और सभी अपने त्यौहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाते है। दिवाली एक ऐसा त्यौहार है जो सभी धर्मों के लोगों द्वारा मनाया जाने वाला त्यौहार है।

दीपावली पर निबंध 1000 शब्दों में

रूपरेखा

भारत के विशाल देश है। यहां पर सभी रीतिरिवाजों, संस्कृतियों, धर्मों, भाषाओं के लोग रहते हैं। यहां पर सभी धर्मों को सम्मान दिया जाता है और यहां पर सभी धर्मों के पर्व मनाये जाते हैं। विश्व में भारत एक ऐसा देश है, जहां पर सभी धर्म के लोग रहते हैं और यहां पर अपने त्यौहार मनाते हैं।

भारत में विश्व के सभी त्यौहार मनाये जाते हैं। अर्थात् विश्व में भारत ही एक ऐसा देश है जहां पर सबसे ज्यादा त्यौहार मनाये जाते हैं। इतने त्यौहार विश्व के और किसी भी देश में नहीं मनाये जाते हैं, जितने भारत अकेले में मनाये जाते हैं। इस कारण भारत को त्यौहारों का देश भी कहा जाता है।

यहां पर सभी लोग बहुत प्रेम से सभी त्यौहार मनाते हैं और अपनी ख़ुशी जताते हैं। सभी लोग यहां पर बिना किसी भेदभाव से सभी को बधाइयाँ देते हैं और हिन्दू धर्म के अनुसार सभी रीतिरिवाज, परम्परा और संस्कृति का मनाते हुए, सभी का सम्मान करते हुए इन त्यौहारों का आनंद लेते हैं।

भारत के बड़े त्यौहारों में सबसे पहले दिवाली का नाम आता है। ये 5 दिनों तक चलने वाला त्यौहार हैं और इस दिन धन की देवी लक्मी मां की पूजा की जाती है। हिन्दू धर्म में दिवाली का विशेष महत्व है।

दिवाली की शुरुआत

दिवाली की सबसे पहले शुरूआत तब हुई जब भगवान श्री राम ने अपने 14 वर्ष का वनवास पूरा किया और अयोध्या लौटे थे तब वहां के लोगों ने दिवाली मनाई थी।

जब भगवान राम ने असुरों के राजा रावण को मारकर और अपने 14 वर्ष के वनवास का कार्यकाल पूरा करके जब अयोध्या लौटे थे। तब कार्तिक माह की अमावस्या का दिन था।

भगवान श्री राम बुराई पर अच्छाई की जीत करके और 14 वर्ष के वनवास को पूरा करके वापस अयोध्या लौट रहे थे। इसकी ख़ुशी पूरे अयोध्या के लोगों को थी।

इस ख़ुशी में अयोध्या के लोगों ने अमावस्या की अन्धी रात को प्रकाश से भर दिया था। उस दिन अंधकार पर प्रकाश की जीत हुई थी।

उस दिन अयोध्या के लोगों ने ख़ुशी में पूरी अयोध्या और अपने सभी घरों में मिट्टी के दिए घी से जलाये थे और पूरे अंधकार को प्रकाश से दूर कर दिया था।

उस अमावस्या की रात को राम के आने की ख़ुशी में अयोध्या को दीयों की रोशनी से नहला दिया गया था। कार्तिक माह की उस अमावस्या को अयोध्या रोशनी से खिल उठी थी।

श्री राम के आने की ख़ुशी में उस दिन वहां के लोगों द्वारा अयोध्या को बहुत ही सुन्दर रूप से दीयों की रोशनी से सजाया गया था और मिठाइयां बांटी गई। वहां सभी लोग एक दूसरे को बधाइयाँ दे रहे थे।

दिवाली का महत्व

हिन्दू धर्म बहुत ही पुराना धर्म है। इसकी सभी मान्यताएं, परम्पराएं किसी न किसी विशेष कारण से मानी जाती है। हर परम्परा और मान्यता के पीछे एक विशेष महत्व होता है। हिन्दू धर्म के हर त्यौहार मनाने के पीछे भी एक कारण होता है। दिवाली हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखती है।

इस दिन असत्य पर सत्य की विजय हुई थी और इसी दिन भगवान राम ने असुरों के राजा रावण का अंत किया था। दिवाली सम्पूर्ण भारत में मनाई जाती है।

यहां पर सभी लोग धूमधाम से इस त्यौहार को मनाते हैं। दिवाली भारत में ही नहीं विश्व के बहुत से देशों में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है।

दिवाली हर धर्म के लोग मनाते हैं। सभी धर्मों में इसका महत्व अलग-अलग है। सभी धर्मों में इसको विशेष महत्व दिया गया है। जैन धर्म के लोग दिवाली को भगवान महावीर को इस दिन मोक्ष प्राप्त हुआ था इस कारण मनाते हैं और सिख धर्म के लोग भी इसे बड़ी धूमधाम से मनाते हैं।

सिख धर्म के लोगों को इसे मनाने का कारण है कि इस दिन ही पंजाब के अमृतसर में 1577 में स्वर्ण मन्दिर का शिलन्यास हुआ। इसी दिन सिखों के छठे गुरु को जेल से रिहा किया था।

दीपावली का अर्थ

दीपावली को रोशनी का त्यौहार भी कहा जाता है। दीपावली दो शब्दों से मिलकर बना है। जो दीप और अवली है। इसका सही मलतब दीपो की कतार या दीपों की पंक्ति होता है।

दीपावली के मनाने के पीछे कई सारी कथाएं है, जो बताती है कि दिवाली क्यों मानते हैं? इन पौराणिक कथाओं में सबसे प्रचलित कथा ये ही है कि इस दिन बुराई पर अच्छाई की विजय रावण को मारकर हुई थी और इसी दिन राम का 14 वर्ष का वनवास पूरा हुआ।

दीपावली 5 दिनों तक मनाई जाती है। जिसमें सभी दिनों का विशेष महत्व है। पहले दिन को धनतेरस के रूप में मनाते हैं।

इस दिन सभी लोग बाजार से खरीदारी करते हैं और अपने घर में सोने-चांदी के आभूषण, बर्तन, नये वाहन और कई सारी आवश्यक वस्तुएं भी खरीदते है। इसके अगले दिन यानी दूसरे दिन छोटी दिवाली के रूप में मनाते है।

इस दिन हमारे शरीर के सभी रोग और बुराई मिटाने के लिए सरसों का उबटन करते हैं। तीसरे दिन जो कि दिवाली का मुख्य दिन होता है। उस दिन लक्ष्मी और गणेश जी की पुजा की जाती है।

जिससे की घर में सुख और सम्पति आये। चौथे दिन हिन्दू केलेंडर के अनुसार नये साल की शुरूवात होती है और अगले दिन भाई दूज के रूप में मनाते हैं।

लक्ष्मी पूजा

दिवाली के दिन धन की देवी लक्ष्मी को पूजा जाता है। इस दिन से पहले सभी लोग अपने घरों में साफ सफाई करते है और उसे स्वच्छ करते हैं।

इससे मां लक्ष्मी प्रशन्न होकर वहां पर धन वर्षा करती है। धन के देवी लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश और विद्या की देवी सरस्वती की भी पूजा की जाती है।

उपसंहार

हिन्दू धर्म में दिवाली का विशेष महत्व होता है। इसे सभी लोग बड़ी धूमधाम से मनाते हैं और इस दिन सभी लोग अपनी बीती बातें भूलकर सभी को बधाइयाँ देते हैं। सभी के अच्छे स्वास्थ्य की मंगल कामना करते हैं।

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प्रस्तावना

विश्व में कई त्यौहार मनाये जाते हैं। सबसे ज्यादा त्यौहार भारत देश में मनाये जाते हैं। विश्व में भारत एक ऐसा देश है जहां पर हर धर्म का त्यौहार मनाया जाता है। विश्व के सभी देशों से सबसे ज्यादा त्यौहार भारत में मनाये जाते हैं। इस कारण भारत को त्यौहारों का देश या त्यौहारों की भूमि कहा जाता है।

भारत में सभी धर्मों के लोग रहते हैं। सभी धर्मों के त्यौहार मनाये जाते हैं। भारत में एक महीने में कई सारे त्यौहार आते हैं, सभी त्यौहारों के पीछे कोई बड़ा महत्व होता है। जिसके कारण वह त्यौहार बड़ी उमंग से मनाया जाता है।

हिन्दू धर्म में भी त्यौहारों को विशेष महत्व दिया गया है। भारत के विशेष त्योहारों में दिवाली, होली, रक्षाबंधन आदि आते हैं। इनमें दिवाली का विशेष महत्व है। दिवाली सभी त्यौहारों में सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है। यह त्यौहार सभी धर्मों द्वारा मनाया जाता है।

दिवाली का त्यौहार

भारत में दिवाली का त्यौहार सबसे बड़ा त्यौहार है। यह त्यौहार 5 दिनों तक मनाया जाता है। ये कार्तिक मास की अमावस्या के दिन सम्पूर्ण भारत के साथ विश्व में भी मनाया जाता है।

इस त्यौहार में लोग अपने घरों को साफ व स्वच्छ बनाते हैं और इनको नये रंग से रंगते हैं। भारत में ऐसी मान्यता है कि साफ सफाई करने से धन की देवी मां लक्ष्मी घर में धन की वर्षा करती है और खुद धन के साथ प्रवेश करती है।

दिवाली की शुरुआत धनतेरस से होती है। इस दिन सभी लोग घर में नये आभूषण, बर्तन, कीमती सामान और वाहन खरीदते है। इन दिन भारत के बाजारों में भारतीय संस्कृति की झलक देखने को मिलती है।

इसके अगले दिन को छोटी दिवाली के रूप में मनाया जाता है। इस दिन हमारे घरों में हमारे अच्छे स्वस्थ के लिए सभी रोगों को दूर करने के लिए सरसों का उबटन किया जाता है।

इसके अगले दिन जो कि दिवाली का मुख्य दिन होता है। इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है, जिससे मां लक्ष्मी प्रशन्न होकर धन की वर्षा करती है।

फिर अगले दिन यानी चौथे दिन हिन्दू केलेंडर के अनुसार नये साल की शुरुआत होती है और अंतिम दिन और पांचवे दिन को भाई और बहन का त्यौहार भाई दूज मनाया जाता है।

दिवाली कब और क्यों मनाई जाती है?

दिवाली प्रतिवर्ष कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाई जाती है। दशहरे के त्यौहार के बाद से दिवाली की तैयारियां शुरू हो जाती है। दिवाली अंग्रेजी केलेंडर के अनुसार अक्टूबर और नवम्बर के बीच में आती है। ये भारत में मनाया जाने वाला 5 दिवसीय त्यौहार है।

इस दिन भगवान श्री राम अपने 14 वर्ष के वनवास को पूरा करके और असुरों के राजा रावण का अंत करके अयोध्या लौट रहे थे। भगवान राम के लौटने की ख़ुशी में अयोध्या के लोगों ने अमावस्या की अंधेरी रात को मिट्टी के दीयों को जलाकर प्रकाश किया था।

उस दिन पूरी अयोध्यानगरी में दीयों से रोशनी की गई थी। सभी लोगों ने अपने घरों में घी से मिट्टी के दिए जलाएं और अमावस्या की काली रात को भी प्रकाश से चमका दिया था। वहां अन्धकार पर प्रकाश की विजय हुई थी। पूरी अयोध्या अमावस्या की रात होने पर भी चमक रही थी।

वहां के सभी लोगों ने उस दिन मिठाइयां बांटी और सबको बधाई दी। उस दिन भगवान राम बुराई पर अच्छाई की जीत हासिल करके आ रहे थे। इस लिए वहां के सभी लोगों ने दीयों से पूरी अयोध्यानगरी को सजा दिया था श्री राम के स्वागत में।

दीपावली का महत्व

भारत में दिवाली का दिन विशेष महत्व रखता है। इस दिन असुरों के राजा रावण पर श्री राम ने विजय पाई थी और इसी दिन भगवान ने अपना 14 वर्ष का वनवास पूरा किया था और अयोध्या लौटे थे। इसी ख़ुशी में लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं और वहां पर धन की देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं, उन्हें प्रशन्न करते हैं।

इसके साथ ही हमारी प्रकृति में भी इस दिन विशेष महत्व है। इस दिन वर्षा ऋतु का अंत होता है और इसकी जगह पर शरद की शुरुआत होती है। अर्थात् इस दिन शरद ऋतु के आने और वर्षा ऋतु के जाने का संकेत होता है।

इतिहास में दिवाली का दिन

  • इस दिन भगवान राम ने अपना 14 वर्ष का वनवास पूर्ण किया था, जिससे वो श्री राम से मर्यादापुरुषोत्तम राम कहलाये।
  • दिवाली के दिन ही धन और सुख-समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी का समुन्द्रमंथन् के दौरान जन्म हुआ था।
  • इस दिन स्वामी रामतीर्थ का जन्म और महाप्रयाण हुआ था।
  • दिवाली के दिन ही आर्य समाज की स्थापना हुई थी।
  • दीपावली के दिन मुगल समाज के सबसे बड़े बादशाह अकबर दौलत खाने में 40 फिट ऊंचा आकाशदीप जलाकर दिवाली मनाना शुरू किया था। इससे हन्दू-मुस्लिम लोगों के बीच प्यार बढ़ गया था।
  • इस दिन पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर का शिलन्यास हुआ था और सिखों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को जेल से रिहाई मिली थी।
  • दिवाली के दिन भगवान महावीर को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी।

भारत के अलावा विभिन्न देशों में दिवाली

दिवाली एक ऐसा त्यौहार है जो भारत में ही नहीं विश्व के और भी कई देशों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। ये त्यौहार मुख्य रूप से भारत में ही मनाया जाता है।

भारत के अलावा ये त्यौहार मलेशिया, संयुक्त राज्य अमेरिका, नेपाल, सिंगापुर, मौरीशस और श्री लंका में भी बहुत ही हर्षोल्लास के मनाया जाता है।

इन देशों में भारतीय मूल के लोग दीपावली का त्यौहार मनाते हैं। दिवाली के दिनों में इन देशों के बाजारों में भारतीय संस्कृति की झलक देखने को मिलती है।

इन सभी देशों में दिवाली भारतीय मान्यताओं के अनुसार ही मनाई जाती है। इनमें से कई देशों ने दिवाली के दिन अवकाश की घोषणा की हुई है।

इन देशों के लोग दीवाली के त्यौहार के दिन लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था करते हैं और सभी अपने घरों को दीयों से सजाते हैं। इन देशों में दिवाली के दिन रोनक छाई रहती है।

उपसंहार

दिवाली एक ऐसा त्यौहार है जो सभी धर्मों के लोगों के द्वारा बहुत ही शांति और मनोभाव से मनाया जाता है। इस दिन का हिन्दू धर्म में बहुत महत्व है। इस दिन हमें भारतीय संस्कृति, भारतीय रीतिरिवाज, भारतीय परम्पराएं आदि की झलक देखने को मिलती है।

अंतिम शब्द

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Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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