हर कोई पाने की ज़िद में हैं, शायद मुझे कोई आज़माने की ज़िद में है। जिसकी चाहत है मुझे बेइंतेहा वो मुझे भूल जाने की ज़िद में है।
जरूरी नही तुम मेरा हर कहना मानो, दहलीज पर रख दी चाहत अब आगे तुम जानो।
हमें शायर समझ के यूं नजर अंदाज न करिये। नजर हम फेर ले तो तेरी चाहतों का बाजार गिर जायेगा।।
किसी की चाहत मे इतने पागल ना हो, हो सकता हे वो तुम्हारी मंज़िल ना हो, उसकी मुस्कुराहट को मोहब्बत ना समझो, कहीं ये मुस्कुराना उसकी आदत ना हो
दिल में चाहत का होना जरूरी है जनाब, याद तो उधार लेने-देने वाले भी करते हैं।
इतनी चाहत के बाद भी तुझे एहसास ना हुआ। जरा देख तो ले दिल की जगह पत्थर तो नहीं।।
सिलसिला ये चाहत का दोनो तरफ से था, वो मेरी जान चाहती थी और मैं जान से ज्यादा उसे..
जो फ़ना हो जाऊं तेरी चाहत में तो ग़ुरूर ना करना, ये असर नहीं तेरे इश्क़ का, मेरी दीवानगी का हुनर है।
तु भी तलाशे कभी खुद को मुझमे। इस फागुन तेरे रंग में यूं रँगने की फ़क़त चाहत सी हैं।।
तेरी चाहत के सिवा अब ना कोई आरज़ू रही तू रहा, तेरी ख़्वाहिश रही और बस तेरी आशिकी रही
एक झलक देखकर जिस शक्श की चाहत हो जाए, उसको पर्दे में भी पहचान लिया जाता है।
सँवर जाऊँ गर तू मेरा हाथ थाम ले, बिखर जाऊँ खुशबू सी गर तू एक बार देख ले। हो जाए मुकम्मल चाहत मेरी भी गर, मेरी बिंदिया और मेहंदी में तू अपना नाम लिख ले।।
मैं कुछ लिखू और तेरा ज़िक्र न हो, वो तो मेरी चाहत की तौहीन होगी |
एक चाहत होती है अपनों के साथ जीने की, वरना पता तो हमें भी है की मरना अकेले ही है।
जर मिली और फसाना हो गया. दिल उसकी चाहत का दीवाना हो गया। जब से आए है वो जिन्दगी मे अंदाज हमारा शायराना हो गया।।
ना जाने क्यों तुझे देखने के बाद भी। तुझे ही देखने की चाहत रहती है।।
अगर तुम समझ पाते मेरी चाहत की इन्तहा तो हम तुमसे नही तुम हमसे मोहब्बत करते
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सुनो छुआ है जबसे मुझको तेरी चाहत ने, वो लम्हे जागते रहते हैं रात भर मुझमें।
Chahat Shayari in Hindi
गुलाब की खुशबू भी फीकी लगती है, कौन सी खूशबू मुझमें बसा गई हो तुम। जिंदगी है क्या तेरी चाहत के सिवा, ये कैसा ख्वाब आंखों में दिखा गई हो तुम।।
तेरे गम को अपनी रूह में उतार लूँ.. जिन्दगी तेरी चाहत में सवार लूँ.. मुलाकात हो तुझ से कुछ इस तरह.. तमाम उमर बस इक मुलाकात में गुजार लूँ
मोहब्बत में हर चीज कूबूल है यारा, पर तेरी चाहतो का बँटवारा नही।
धोखा ना देना कि तुझपे ऐतबार बहुत है, ये दिल तेरी चाहत का तलबगार बहुत है। तेरी सूरत ना दिखे तो दिखाई कुछ नहीं देता, हम क्या करें कि तुझसे हमें प्यार बहुत है।।
अल्फ़ाज़ो के समंदर में आप ऐसे डूबे फिर निकलने की चाहत न रही,आप याद करने लगे फ़ुर्सत के लमहों को जैसे खवाईशो की चाहत न रही…
कोई शर्त नहीं है कोई शिकायत नहीं है तुमसे, बस सीधी सी मुहब्बत है दीदार की चाहत है तुमसे।
तुम्हारी पसंद हमारी चाहत बन जाऐ, तुम्हारी मुस्कुराहट दिल की राहत बन जाऐ। खुदा खुशियाों से इतना खुश कर दे आपको, कि आपको खुश देखना हमारी आदत बन जाऐ।।
उतर के देख मेरी चाहत की गहराई मै सोचना मेरे बारे मै रात की तन्हाई मै अगर हो जाए मेरी चाहत का एहसास तो मिलेगा मेरा अक्स तुम्हे अपनी ही परछाई मै
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।