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चादर देखकर पाँव पसारना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग

चादर देखकर पाँव पसारना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग (Chadar dekhkar paanv pasarana muhavare ka arth)

चादर देखकर पाँव पसारना मुहावरे का अर्थ – अपनी समर्थता के अनुसार खर्च करना।

Chadar dekhkar paanv pasarana muhavare ka arth – apani samarthata ke anusar kharch karana.

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दिए गए मुहावरे का हिंदी में वाक्य प्रयोग

वाक्य प्रयोग: हमें अपनी क्षमता के अनुसार किसी कार्य की योजना बनानी चाहिए नहीं तो हमें बाद में पछताना पड़ता है क्योंकि हमें चादर देखकर पाँव पसारना चाहिए।

वाक्य प्रयोग: हमारे बड़े बुजुर्ग हमें यह समझाते हैं कि हमें अपनी क्षमता अपने दम पर ही किसी कार्य को करने के लिए आगे बढ़ना चाहिए, वरना हमें बाद में पछताना पड़ता है क्योंकि हमें चादर देखकर पाँव पसारना चाहिए।

वाक्य प्रयोग: सीता ने बिना किसी योजना के एक बड़ा सा कार्य प्रारंभ कर दिया और उसने अपनी क्षमता पर भी ध्यान नहीं दिया, जिस वजह से बाद में उसे पछताना पड़ा और उसे काफी हानि भी उठानी पड़ी। इसे कहते हैं जो लोग चादर देखकर पाँव पसारते हैं उसे कभी हानि नहीं होती लेकिन जो लोग चादर देखकर पाँव नहीं पसारते हैं उसे काफी हानि होती है।

वाक्य प्रयोग: जो लोग समझदार होते हैं वह किसी भी कार्य को प्रारंभ करने से पहले अपनी क्षमता और योग्यता को देख लेते हैं जान लेते हैं उसके बाद ही कोई कार्य प्रारंभ करते हैं क्योंकि जो बुद्धिमान लोग होते हैं वह चादर देखकर पाँव पसारते हैं।

यहां हमने “चादर देखकर पाँव पसारना” जैसे बहुचर्चित मुहावरे का अर्थ और उसके वाक्य प्रयोग को समझा। चादर देखकर पाँव पसारना मुहावरे का अर्थ होता है कि अपनी क्षमता के अनुसार किसी कार्य को करना अर्थात जब कोई व्यक्ति किसी कार्य को प्रारंभ करता है या किसी कार्य के लिए योजना बनाता है तो उसे सबसे पहले अपनी क्षमता का आकलन कर लेना चाहिए। ताकि उसे बाद में कोई पछतावा ना हो तभी मैं अपने जीवन में सफलता को प्राप्त कर सकता है और हमारे बड़े बुजुर्ग भी हमें यही समझाते हैं कि हमें हमेशा चादर देखकर ही पांव पसारना चाहिए। चुकी यह मुहावरा है और मुहावरा और असामान्य अर्थ प्रकट करता है इसीलिए यहां इस मुहावरे का अर्थ दोहरा लाभ प्राप्त करने से हैं।

मुहावरे परीक्षाओं में मुख्य विषय के रूप में पूछे जाते हैं। एक शब्द के कई मुहावरे हो सकते हैं।यह जरूरी नहीं कि परीक्षा में यहाँ पहले दिये गए मुहावरे ही पूछा जाए। परीक्षा में सभी किसी का भी मुहावरे पूछा जा सकता है।

मुहावरे का अपना एक भाग है प्रत्येक पाठ्यक्रम में, छोटी और बड़ी कक्षाओं में मुहावरे पढ़ाया जाता है, कंठस्थ किया जाता है। प्रतियोगी परीक्षाओं में यह एक मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है और महत्व दिया जाता है।

परीक्षा के दृष्टिकोण से मुहावरे बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में मुहावरे का अपना-अपना भाग होता है। चाहे वह पेपर हिंदी में हो या अंग्रेजी में यहां तक कि संस्कृत में भी मुहावरे पूछे जाते हैं।

मुहावरे कोई बहुत कठिन विषय नहीं है। यदि इसे ध्यान से समझा जाए तो याद करने की भी आवश्यकता नहीं होती है। इसे समझ समझ कर ही लिखा जा सकता है।

अन्य महत्वपूर्ण मुहावरे और उनका वाक्य प्रयोग

आपे से बाहर होनाउड़ती चिड़िया के पंख गिनना
बड़ी बात होनाअपना घर समझना
आसमान सिर पर उठानाअक्ल चरने जाना

1000+ हिंदी मुहावरों के अर्थ और वाक्य प्रयोग का विशाल संग्रह 

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