अस् (होना) धातु के रूप | As Dhatu Roop | संस्कृत धातु रूप

अस् धातु (होना)
अस् धातु संस्कृत व्याकरण का एक अदादिगणीय धातु शब्द होता हैं। इसी प्रकार अस् धातु के जैसे ही अस् धातु के सभी अदादिगणीय धातु के धातु रूप को भी इन्ही के अनुसार बनाया जाता हैं।
अस् का अर्थ
अस् का अर्थ होता है “होना”।
अस् के धातु रूप
अस धातु के बहुत सारे रुप होते है, जो कि लकारों, पुरुष एवं तीनों वचन से मिलकर बने होते हैं।
यहाँ निम्नलिखित अस् धातु रूप के प्रकार दिये गये है, जो कि सभी लकारों, तीनों वचनों, एवं पुरूष के जोड़ से बने हैं।
अस् धातु लट् लकार (वर्तमान काल)
पुरुष |
एकवचन |
द्विवचन |
बहुवचन |
प्रथम पुरुष |
अस्ति |
स्तः |
सन्ति |
मध्यम पुरुष |
असि |
स्थः |
स्थ |
उउत्तम पुरुष |
अस्मि |
स्वः |
स्मः |
अस् धातु लृट् लकार (भविष्य काल)
पुरुष |
एकवचन |
द्विवचन |
बहुवचन |
प्रथम पुरुष |
भविष्यति |
भविष्यतः |
भविष्यन्ति |
मध्यम पुरुष |
भविष्यसि |
भविष्यथः |
भविष्यथ |
उउत्तम पुरुष |
भविष्यामि |
भविष्यावः |
भविष्यामः |
अस् धातु लोट् लकार (आदेशवाचक)
पुरुष |
एकवचन |
द्विवचन |
बहुवचन |
प्रथम पुरुष |
अस्तु |
स्ताम् |
सन्तु |
मध्यम पुरुष |
एधि |
स्तम् |
स्त |
उउत्तम पुरुष |
असानि |
असाव |
असाम |
अस् धातु लङ् लकार (भूतकाल)
पुरुष |
एकवचन |
द्विवचन |
बहुवचन |
प्रथम पुरुष |
आसीत् |
आस्ताम् |
आसन् |
मध्यम पुरुष |
आसीः |
आस्तम् |
आस्त |
उउत्तम पुरुष |
आसम् |
आस्व |
आस्म |
अस् धातु: विधिलिङ् लकार (चाहिए के अर्थ में)
पुरुष |
एकवचन |
द्विवचन |
बहुवचन |
प्रथम पुरुष |
स्यात् |
स्याताम् |
स्युः |
मध्यम पुरुष |
स्याः |
स्यातम् |
स्यात |
उउत्तम पुरुष |
स्याम् |
स्याव |
स्याम |
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