अक्ल के पीछे लाठी लिये फिरना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग (Akl ke peechhe laathee liye phirana Muhavara ka arth)
अक्ल के पीछे लाठी लिये फिरना मुहावरे का अर्थ – मूर्खतापूर्ण कार्य करना, सदा मूर्खतापूर्ण बातें या काम करते रहना, हर समय मूर्खतापूर्ण कार्य करना।
Akl ke peechhe laathee liye phirana muhaavare ka arth – moorkhataapoorn kaary karana, sada moorkhataapoorn baaten ya kaam karate rahana, har samay moorkhataapoorn kaary karana.
दिए गए मुहावरे का हिंदी में वाक्य प्रयोग
वाक्य प्रयोग: सोहन इतना गैर जिम्मेवार इंसान है कि लोग उससे कोई भी जिम्मेदारी देने से पीछे हटते हैं क्योंकि वह अक्ल के पीछे लड लिए फिरता है।
वाक्य प्रयोग: जो लोग अपने जीवन में सदा मूर्खतापूर्ण कार्य करते हैं या बात करते हैं उनको अपने अक्ल के पीछे लाठी लिए फिरना कहा जाता है।
वाक्य प्रयोग: सीता हर समय मूर्खतापूर्ण कार्य करती रहती है ऐसा लगता है कि वह हमेशा अपने अक्ल के पीछे लाठी लिए फिरती है।
वाक्य प्रयोग: सोहन को उसके शिक्षक ने बहुत ही महत्वपूर्ण जिम्मेवारी सौंपी थी लेकिन सोहन ने मूर्खतापूर्ण कार्य किया जिसके वजह से उसके शिक्षक ने उसे कहा कि तू अपने अक्ल के पीछे लाठी लिए फिरते हो।
यहां हमने “अक्ल के पीछे लाठी लिये फिरना”जैसे बहुचर्चित मुहावरे का अर्थ और उसके वाक्य प्रयोग को समझा। अक्ल के पीछे लाठी लिए फिर नाम का अर्थ होता है कि जो अपनी बुद्धि का सही उपयोग ना करके बल्कि उसका दुरुपयोग करें अर्थात वह अपने बुद्धि को मूर्खतापूर्ण कार्य करने में लगाए सदा मूर्खतापूर्ण बातें करें ऐसे लोगों को कहा जाता है कि वह अपने अक्ल के पीछे लाठी लिए फिरते हैं और सभी काम को गैर जिम्मेवार की तरह करते हैं और सभी काम गलत ही करते हैं । चुकी यह मुहावरा है और मुहावरा और असामान्य अर्थ प्रकट करता है इसीलिए यहां इस मुहावरे का अर्थ दोहरा लाभ प्राप्त करने से हैं।
मुहावरे परीक्षाओं में मुख्य विषय के रूप में पूछे जाते हैं। एक शब्द के कई मुहावरे हो सकते हैं।यह जरूरी नहीं कि परीक्षा में यहाँ पहले दिये गए मुहावरे ही पूछा जाए। परीक्षा में सभी किसी का भी मुहावरे पूछा जा सकता है।
मुहावरे का अपना एक भाग है प्रत्येक पाठ्यक्रम में, छोटी और बड़ी कक्षाओं में मुहावरे पढ़ाया जाता है, कंठस्थ किया जाता है। प्रतियोगी परीक्षाओं में यह एक मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है और महत्व दिया जाता है।
परीक्षा के दृष्टिकोण से मुहावरे बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में मुहावरे का अपना-अपना भाग होता है। चाहे वह पेपर हिंदी में हो या अंग्रेजी में यहां तक कि संस्कृत में भी मुहावरे पूछे जाते हैं।
मुहावरे कोई बहुत कठिन विषय नहीं है। यदि इसे ध्यान से समझा जाए तो याद करने की भी आवश्यकता नहीं होती है। इसे समझ समझ कर ही लिखा जा सकता है।
अन्य महत्वपूर्ण मुहावरे और उनका वाक्य प्रयोग
एक म्यान में दो तलवारें नहीं समा सकती | ओस चाटे प्यास नहीं बुझती |
एक करेला, दूसरे नीम चढ़ा | कुन सिर पर बाँधना |
एक ही थैली के चट्टे-बट्टे | एक मुँह दो बातें |
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