ये तड़प ये आंसू मेरे रातों के साथी है… बस तेरी यादें मेरे जीने के लिए काफी है।
समंदर में उतरता हूँ तो आँखें भीग जाती हैं, तेरी आँखों को पढ़ता हूँ तो आँखें भीग जाती हैं, तुम्हारा नाम लिखने की इजाज़त छिन गई जबसे, कोई भी लफ्ज़ लिखता हूँ तो आँखें भीग जाती हैं।
अब मुमकिन न होगा वापसी का सफर, हम तो निकल चुके हैं आँख से आँसू की तरह।
बहता आँसू एक झलक में कितने रूप दिखाएगा आँख से होकर गाल भिगोकर मिट्टी में मिल जाएगा।
अभी से क्यों छलक आये तुम्हारी आँख में आँसू, अभी छेड़ी कहाँ है दास्तान-ए-ज़िंदगी मैंने
जब लफ्ज़ थक गए तो फिर आँखों ने बात की, जो आँखें भी थक गयीं तो अश्कों से बात हुई।
मुझको ऐसा दर्द मिला जिसकी दवा नहीं, फिर भी खुश हूँ मुझे उस से कोई गिला नहीं, और कितने आंसू बहाऊँ मैं उसके लिए, जिसको खुदा ने मेरे नसीब में लिखा नहीं।
न जाने कौन सा आँसू मेरा राज़ खोल दे, हम इस ख़्याल से नज़रें झुकाए बैठे हैं।
काश बनाने वाले ने हमको आँसू बनाया होता, और मेहबूब की आँखों में बसाया होता, जब गिरते उनकी आँखों से उनकी ही गोद में, तो मरने का मज़ा कुछ अलग ही आया होता।
फिर आज आँसुओं में नहाई हुई है रात, शायद हमारी तरह ही सताई हुई है रात।
******
भर आयी मेरी आँखे जब उसका नाम आया, इश्क नाकाम सही फिर भी बहुत काम आया, हमने मोहब्बत में ऐसी भी गुजारी कई रातें, जब तक आँसू न बहे दिल को आराम न आया।
तू इश्क की दूसरी निशानी दे दे मुझको, आँसू तो रोज गिर कर सूख जाते हैं।
कभी रो के मुस्कुराए, कभी मुस्कुरा के रोए, जब भी तेरी याद आई तुझे भुला के रोए, एक तेरा ही तो नाम था जिसे हज़ार बार लिखा, जितना लिख के खुश हुए उस से ज़यादा मिटा के रोए।
वहाँ से पानी की एक बूँद भी न निकली, तमाम उम्र जिन आँखों को झील लिखते रहे।
कैसे रोकूँ जो अश्क आँखों से ढल जाते हैं, दिल के कुछ दर्द हैं आँखों से निकल जाते हैं।
Aansu Shayari in Hindi
पिरो दिये मेरे आँसू हवा ने शाखों में, भरम बहार का वाकी रहा आँखों में।
तुम मुझे हँसी-हँसी में खो तो दोगे, पर याद रखना फिर आंसुओं में ढ़ूंढ़ोगे।
आंखों में मेरे इस कदर छाए रहे आंसू, कि आईने में अपनी ही सूरत नहीं मिली।
आज अश्क से आँखों में क्यों हैं आये हुए, गुजर गया है ज़माना तुझे भुलाये हुए।
चाहत वो नहीं जो जान देती है, चाहत वो नहीं जो मुस्कान देती है, ऐ दोस्त चाहत तो वो है, जो पानी में गिरा आँसू पहचान लेती है।
जब कुछ सपने अधूरे रह जाते हैं, तब दिल के दर्द आँसू बन कर बह जाते हैं,
जिनकी किस्मत में लिखा हो रोना, वह मुस्कुरा भी दे तो आंसू निकल आते हैं।
बहुत चाहा उसको जिसे हम पा न सके, ख्यालों में किसी और को ला न सके, उसको देख के आँसू तो पोंछ लिए, लेकिन किसी और को देख के मुस्कुरा न सके।
दर्द कितना है बता नहीं सकते ज़ख़्म कितने हैं दिखा नहीं सकते आँखों से खूद समझ लो आँसू गिरे हैं कितने गिना नहीं सकते
मेरी आँखों में आसूं तुझसे हमदम क्या कहूं क्या है, ठहर जाये तो अंगारा है, बह जाये तो दरिया है।
शायद तू कभी प्यासा फिर मेरी तरफ लौट आये, आँखों में लिए फिरता हूँ दरिया तेरी खातिर।
आँसू की कीमत जो समझ ली उन्होने, उन्हे भूलकर भी मुस्कुराते रहे हम।
भीगी भीगी सी ये जो मेरी लिखावट है, स्याही में थोड़ी सी मेरे अश्कों की मिलावट है।
टपक पड़ते हैं आँसू जब तुम्हारी याद आती है, ये वो बरसात है जिसका कोई मौसम नहीं होता।
******
मीठी यादों से गिर रहा था ये आँसू, फिर भी न जाने क्यों यह खारा था।
तासीर किसी भी दर्द की मीठी नहीँ होती गालिब, वजह यही है कि आँसू भी नमकीन होते है.
मेरी आंखों के आंसू कह रहे हैं मुझसे, अब दर्द इतना है कि सहा नहीं जाता, मत रोक पलको से खुल कर छलकने दे, अब इन आँखों में थम कर रहा नहीं जाता।
कभी बरसात का मज़ा चाहो, तो इन आँखों में आ बैठो, वो बरसों में कभी बरसती है, ये बरसों से बरसती हैं।
किसी को बताने से मेरे अश्क़ रुक ना पायेंगे, मिट जायेगी जिंदगी मगर ग़म धुल न पायेंगे।
अच्छा हुआ ये आँसू बेरंग है वरना हर सुबह मेरे तकिये का बदला हुआ रंग मेरी तन्हाई की हकीकत ब्यान कर देता !
होंठो ने मुस्कुराने से मना कर दिया.. आंसुओं ने बह जाने से मना कर दिया.. एक बार जो दिल टूटा प्यार में.. फिर इस दिल ने दिल लगाने से मना कर दिया..
Aansu Shayari in Hindi
आ देख मेरी आँखों के ये भीगे हुए मौसम, ये किसने कह दिया कि तुम्हें भूल गये हम।
अश्क़ ही मेरे दिन हैं अश्क़ ही मेरी रातें, अश्कों में ही घुली हैं वो बीती हुयी बातें।
वही हम थे कि रोते हुओं को हंसा देते थे, वही हम हैं कि थमता नहीं एक आँसू अपना।
ना जाने आखिर इन आँसूओ पे क्या गुजरी, जो दिल से आँख तक आये मगर बह ना सके।
मुझे मालूम है तुमने बहुत बरसात देखी है, मगर मेरी इन्हीं आँखों से सावन हार जाता है।
आँसू आ जाते हैं आँखों में, पर लबों पे हसी लानी पड़ती है, यह मोहब्बत भी क्या चीज़ है यारो, जिससे करते है उसी से छुपानी पड़ती है।
मुस्कुराने की आरजू में छुपाया जो दर्द को, अश्क हमारी आंखों में पत्थर के हो गए।
दो चार आँसू ही आते हैं पलकों के किनारे पे, वर्ना आँखों का समंदर गहरा बहुत है।
आँखों में आंसुओ को… उभरने ना दिया, मिट्टी के मोतियों को बिखरने ना दिया, जिन राहों पर पड़े थे तेरे कदमो के निशान, उन राहों से किसी को गुजरने ना दिया।
दीवार के सहारे, घुटनों में सिर छिपाकर, वो ख्याल में किसी के खोया जरुर होगा।
चुपके-चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है, हम को अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है
तेरी मुस्कराहट तेरे कहकहे किसी और के थे, जो तेरी आँखों से था टपका वो मैं था।
आँखों में आँसुओ के, आने के बाद उसने, धीरे से उसको उसने, पोंछा जरुर होगा।
बह जाती काश यादें भी आँसुओ के साथ, तो एक दिन हम भी रो लेते तसल्ली से बैठ कर।
देख उनको चश्म-ए-नम मैं खुश हुआ हूँ आज यूँ है अभी उम्मीद-ए-उल्फत कायम अपने दरमियां।
भर आई मेरी आँखे जब उसका नाम आया, इश्क़ नाकाम सही फिर भी बहुत काम आया, हमने मोहब्बत में ऐसी भी गुज़ारी कई रातें, जब तक आँसू ना बहे दिल को आराम न आया।
इस जहाँ में किसी से कभी प्यार मत करना, अपने कीमती आँसू इस तरह बर्बाद मत करना, कांटे तो फिर भी दामन थाम लेते हैं, फूलों पर कभी तुम ऐतबार मत करना।
आगोश-ए-सितम में छुपाले कोई, तन्हा हूँ तड़पने से बचा ले कोई, सूखी है बड़ी देर से पलकों की जुबां, बस आज तो जी भर के रुला दे कोई।
हमारे दिल में न आओ वर्ना डूब जाओगे, गम के आँसू का समंदर है मेरे अन्दर।
बारिशें हो ही जाती हैं शहर में फ़राज़, कभी बादलों से तो कभी आँखों से।
सदफ की क्या हकीकत है, अगर उसमें न हो गौहर, न क्यों कर आबरू हो आंख की मौकूफ आंसू पर।
सदियों बाद उस अजनबी से मुलाक़ात हुई, आँखों ही आँखों में चाहत की हर बात हुई, जाते हुए उसने देखा मुझे चाहत भरी निगाहों से, मेरी भी आँखों से आंसुओं की बरसात हुई।
पलकों से अश्क़ गिरा है तो उसे गिरने दो, सीने में कोई पुरानी तमन्ना पिघल रही होगी।
पलकों के बंध तोड़ के दामन पे गिर गया, एक अश्क मेरे ज़ब्त की तौहीन कर गया।
मेरे आँशुओं की कीमत, तुम चुका न पाओगे, मोहब्बत न ले सके, तो दर्द क्या खरीदोगे।
यूँ तो हादसों में गुजरी है हमारी ज़िन्दगी, हादसा ये भी कम नहीं कि हमें मौत न मिली।
नींद मे भी बहने लगते है हमारे आँख़ों से आंसू ! जब कभी तुम ख़्वाबों मे मेरा हाथ छोंड़ देते हो !!
इत्तिफ़ाक़ समझो या मेरे दर्द की हकीक़त, आँख जब भी नम हुई वजह तुम ही निकले।
डूब जाते हैं उम्मीदों के सफ़ीने इस में, मैं नहीं मानती आँसू ज़रा सा पानी है।
हमें क्या पता था मौसम ऐसे रो पड़ेगा, हमने तो आसमान को बस अपनी दास्तां सुनाई थी|
हमें मालूम है तुमने देखी हैं बारिश की बूँदें, मगर मेरी आँखों से ये सावन आज भी हार जाता है।
प्यार कर के कोई जताए ये ज़रूरी तो नहीं, याद कर के कोई बताये ये ज़रूरी तो नहीं, रोने वाले तो दिल में ही रो लेते हैं अपने, कभी आँख में आसूं आये ये ज़रूरी तो नहीं।
तेरी जुबान ने कुछ कहा तो नहीं था, फिर न जाने क्यों मेरी आँख नम हो गयी।
दिल तो पहले होता था सीने में , अब तो दर्द लिए फिरते है |
आया नहीं था कभी मेरी आँख से एक अश्क भी …… मोहब्बत क्या हुई अश्कों का सैलाब आ गया …!!
क्या कहूँ दीदा-ए-तर ये तो मेरा चेहरा है, संग कट जाते हैं बारिश की जहाँ धार गिरे।
मुझे न जाने उस पर इतना यकीन क्यों है, उसका ख्याल भी इतना हसीन क्यों है, सुना है प्यार का दर्द मीठा होता है, तो आँख से निकला आँसू नमकीन क्यों है।
पढ़ने वालों की कमी हो गयी है आज इस ज़माने में, नहीं तो गिरता हुआ एक-एक आँसू पूरी किताब है।
कौन कहता है कि आंसुओं में वज़न नहीं होता, एक भी छलक जाए तो मन हल्का हो जाता है
Aansu Shayari in Hindi
आँसू को कभी ओस का क़तरा न समझना, ऐसा तुम्हें चाहत का समुंदर न मिलेगा।
क्या दुख है समुंदर को बता भी नहीं सकता, आँसू की तरह आँख तक आ भी नहीं सकता।
क्या लिखूं हकीकत-ए-दिल आरज़ू बेहोस है, खत पर आँसू बह रहे हैं कलम खामोश है।
वो कह के चले इतनी मुलाकात बहुत है, मैंने कहा रुक जाओ अभी रात बहुत है, आँसू मेरे थम जाये तो फिर शौक से जाना, ऐसे में कहाँ जाओगे बरसात बहुत है।
एक सफ़र ऐसा भी होता है दोस्तों…. जिसमें पैर नहीं दिल थक जाता है…!!
छलकते आंसुओं को पलकों में छुपा नहीं सकता, मेरे कदम रोकते हैं मुझको उसके पास जा नहीं सकता, न जाने किसकी गलती थी कोई रूठ गया था मुझसे, आज उसे मनाने की ख्वाहिश तो है बहुत… पर दिल मजबूर है इतना कि उसे मना नहीं सकता।
वो आती नही पर निसानी भेज देती हैं.. ख्वाबो में दास्तां पुरानी भेज देती हैं.. कितने मिठे है उनके यादो के मंजर.. कभी-कभी आखो में पानी भेज देती हैं..।
जिस तरह हँस रहा हूँ मैं पी पी के गर्म अश्क. यूँ दूसरा हँसे तो कलेजा निकल पड़े।
आँसू भी मेरी आँख के अब खुश्क हो गए, तू ने मेरे ख़ुलूस की कीमत भी छीन ली।
कोई दुःख बसा है उनकी आँखों में शायद, या मुझे खुद ही वहम सा हुआ है शायद, जब पूछा क्या भूल गए हो हमे तुम, पोंछ कर आँसू अपनी आँख से उसने भी कहा शायद।
******
तेरे इश्क की दुनिया में हर कोई मजबूर है, पल में हँसी पल में आँसू ये चाहत का दस्तूर है।
Aansu Shayari in Hindi
मेरी आँखों से बहने वाला ये आवारा सा आँसू, पूछ रहा है पलकों से तेरी बेवफाई की बजह।
आयेंगे तुझसे मिलने सितारों की रोशनी मे, ऐ पत्थर-ए-सनम एक आँसू अपनी बेवफ़ाई पे बहा देना।
हिम्मत इतनी थी समुन्दर भी पार कर सकते थे, मजबूर इतने हुए कि दो बूँद आँसुओं ने डुबो दिया..!!
जाने कितने आँसू बहाते हैं हम इश्क में हर रोज इतने आँसू पीकर भी ये इश्क प्यासा क्यूँ है खुदा
दिल में हर राज़ दबा कर रखते हैं, होंठों पे मुस्कुराहट सज़ा के रखते हैं, यह दुनिया सिर्फ ख़ुशी में साथ देती है, इसलिए हम अपने आँसुओं को छुपा कर रखते हैं।
वो नदियाँ नहीं आँसू थे मेरे, जिस पर वो कश्ती चलाते रहे, मंजिल मिले उन्हें ये चाहत थी मेरी, इसलिए हम आँसू बहाते रहे।
रूठा था जिस गुरुर से वो भी तो याद कर आँखों में तेरी आज यह आँसू फजूल हैं
आया ही था ख्याल के आँखे छलक पड़ी, आँसू किसी की याद के कितने करीब हैं।
कभी जो कहते थे तुम्हे कभी ना रोने देंगे, आंसू भरी आंख लेकर तुझे कभी सोने देंगे, आखिर वहीं हमारी आंख का आंसू बन गए, जो कहते थे तुमको कभी खोने ना देंगे।
आंसुओसे पलके भिगा लेता हूँ ! याद तेरी आती है तो रो लेता हूँ ! सोचा की भुलादु तुझे मगर ! हर बार फ़ैसला बदल देता हूँ !!
आँसू हमारे पोंछ कर वो मुस्कराते हैं, इसी अदा से वो मेरा दिल चुराते हैं, हाथ उनका छू जाये हमारे चेहरे को, इसी उम्मीद में हम खुद को रुलाते हैं।
उसे पाया नहीं लेकिन उसको खोना भी नहीं है, उसके बगैर आंसू लेकर रोना भी नहीं है, प्यार का रुख नफ़रत में कुछ इस कदर बदला, अब सोचते है कि उसका कभी होना भी नहीं है।
वो मंजर ही मोहब्बत में बड़ा दिलकश गुजरा, किसी ने हाल ही पूछा था और आँखें भर आयी।
मोहब्बत के सपने वो दिखाते बहुत हैं, रातों में वो हमको जगाते बहुत हैं, मैं आँखों में काजल लगाऊ तो कैसे, इन आँखों को सब रुलाते बहुत हैं।
सोचता हूँ तो छलक उठती हैं मेरी आँखें तेरे बारे में न सोचूँ तो अकेला हो जाऊँ।
ज़ख़्म ऐसा दिया की कोई दवा काम नहीं आई आग ऐसी लगाई की पानी से भी बुझ ना पायी आज भी रोते है उनकी याद में जो छोड़ कर चले गए और उन्हें हमारी याद तक ना आई
जिस तरह हंस रहा हूँ मैं पी पी के गरम अश्क, यूँ दूसरा हँसे तो कलेजा निकल जाये।
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।