Yashasvi Jaiswal Biography in Hindi: जब कभी भी क्रिकेट की बात आती है तो सबसे ऊपर भारतीय क्रिकेट टीम के सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर और कैप्टन रह चुके महेंद्र सिंह धोनी और स्टार क्रिकेट प्लेयर विराट कोहली आते हैं। ऐसे में विश्व में ज्यादातर लोग क्रिकेट के क्षेत्र में इन्हीं लोगों के दीवाने हैं। इतना ही नहीं क्रिकेट के क्षेत्र में ज्यादातर लोग हार्दिक पांड्या जैसे अनेकों प्रकार के क्रिकेट प्लेयर्स के बहुत बड़े फैन हैं।
ऐसे में हम में से बहुत ही कम लोग यशस्वी जायसवाल के बारे में जानते हैं। इसी विषय को बहुत ही स्पष्ट करने के लिए आज का यह लेख हमने आपके समक्ष प्रस्तुत किया है। इस लेख के माध्यम से हम बताएंगे कि यशस्वी जायसवाल, जो कि इंडियन टीम के बहुत ही अच्छे क्रिकेट के खिलाड़ी है।
यशस्वी जायसवाल वर्ष 2019 में दोहरा शतक लगाने वाली लिस्ट में सबसे ऊपर आ गये क्योंकि इन्होंने बहुत कम उम्र में ही दोहरा शतक लगा दिया था। इसी कारण इन्हें कम उम्र में ही दोहरा शतक लगाने वाले पहले व्यक्ति का खिताब हासिल है।
इस लेख में यशस्वी जायसवाल का जन्म कब हुआ था, उनके माता पिता का नाम क्या है, इन्होंने क्रिकेट में अपने करियर बनाने से पहले क्या-क्या कार्य किया और उनके निजी मामलों के विषय में हम विस्तार से जानेंगे।
यदि आप यशस्वी जायसवाल के बारे में संपूर्ण जानकारी (Yashasvi Jaiswal Biography in Hindi) प्राप्त करना चाहते हैं तो यह लेख आपके लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाला है। हमारे द्वारा लिखे गए इस महत्वपूर्ण लेख को अंत तक अवश्य पढ़े।
क्रिकेटर यशस्वी जायसवाल का जीवन परिचय (जन्म, परिवार, कास्ट, रिकार्ड्स) | Yashasvi Jaiswal Biography in Hindi
यशस्वी जयसवाल की जीवनी एक नज़र में
नाम | यशस्वी जायसवाल |
जन्म और स्थान | 28 दिसंबर 2001, सुरियावां गांव, भदोही (उत्तर प्रदेश) |
पिता का नाम | भूपेंद्र जायसवाल |
माता का नाम | कंचन जायसवाल |
पेशा | क्रिकेटर |
यशस्वी जायसवाल कौन है?
यशस्वी जायसवाल एक बहुत ही अच्छे क्रिकेट प्लेयर हैं। यशस्वी जयसवाल टीम मुंबई के लिए खेलते हैं, वर्ष 2019 में उन्होंने दोहरा शतक लगाया था। यशस्वी जायसवाल ने दोहरा शतक बहुत ही कम उम्र में लगा था, इसलिए इन्हें बहुत ही कम उम्र में दोहरा शतक लगाने वाले सर्वश्रेष्ठ भारतीय के रूप में प्रमुख ख्याति प्राप्त है। इस क्रिकेट मैच के बाद वर्ष 2020 में यशस्वी जायसवाल को राजस्थान रॉयल्स की तरफ से खेलने के लिए लगभग 2.4 करोड़ रुपए का प्रस्ताव आया था।
यशस्वी जायसवाल इस टीम के तरफ से खेलने के लिए इस रकम में राजी हो गए और उन्होंने साइन कर दिया था। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2020 में राजस्थान रॉयल्स की तरफ से आईपीएल खेला। यशस्वी जायसवाल अपने कुल 6 भाई-बहन में चौथे स्थान पर है। यशस्वी जयसवाल के पास अपना कोई भी स्थान ना होने के कारण एक मैदान में टेंट लगाकर के रह रहे थे।
यशस्वी जायसवाल का जन्म और प्रारंभिक जीवन
यशस्वी जायसवाल का जन्म उत्तर प्रदेश राज्य के भदोही जिले में एक सुरियावां नामक गांव में 28 दिसंबर 2001 को हुआ था। इनका जन्म यह एक बहुत ही गरीब परिवार में हुआ था। इनका जन्म इतने गरीब परिवार में हुआ था कि इनके पास अपनी खुद की कोई जमीन जगह इत्यादि नहीं थी। इन्हें अलग-अलग जगहों पर टेंट इत्यादि लगाकर के रहना पड़ता था।
जैसा कि हमने बताया यशस्वी जायसवाल अपने माता-पिता के 6 बच्चों में से चौथे पुत्र है और यशस्वी जायसवाल के पिताजी का नाम भूपेंद्र जायसवाल है, उनके पिता एक छोटे से हार्डवेयर स्टोर के मालिक हैं। वहीं इनकी मां का नाम कंचन जायसवाल है, इनकी माता एक बहुत ही अच्छी गृहणी हैं।
यशस्वी जायसवाल अपने बचपन के समय में पढ़ लिख ना सके क्योंकि वह बहुत ही गरीब परिवार से संबंध रखते थे। परंतु इनका झुकाव क्रिकेट की तरफ था, इसके लिए उन्होंने यह निश्चय किया कि वे मुंबई जाएंगे। ऐसे में यशस्वी जायसवाल लगभग 10 वर्ष की उम्र में ही मुंबई चले गए। यशस्वी जायसवाल मुंबई इसीलिए गए थे ताकि यह क्रिकेट का प्रशिक्षण बढ़िया अच्छी तरीके से प्राप्त कर सके।
यशस्वी जायसवाल मुंबई जाने के बाद दादर में रहने लगे। परंतु दादर और मुंबई के मध्य बहुत ही बड़ा अंतर था, जिसके लिए वह कालबादेवी के पड़ोस में स्थानांतरित हो गए, जहां पर उन्होंने रहने के लिए एक दुकान में निम्न कार्य करना शुरू किया, जिसके लिए उन्हें उसी दुकान में रहने के लिए थोड़ी सी जगह मिल गई। बाद में उन्हें उस दुकान से निकाल दिया गया क्योंकि वह अपने क्रिकेट के प्रशिक्षण के समय दुकान में बहुत ही कम ध्यान देते थे।
जैसा कि हमने पहले बताया यशस्वी जायसवाल के पास अपनी खुद की कोई भी जगह नहीं थी, जिसके कारण उन्हें एक टेंट में रहना पड़ा। यशस्वी जायसवाल एक मैदान में टेंट लगाकर के रुके हुए थे, उनके पास पैसों की कमी थी, जिसके कारण वे ज्यादातर भूखे ही सो जाते थे।
यशस्वी जायसवाल अपने प्रशिक्षण को पूरा करने के लिए बहुत से निम्न कार्यों को करते थे (जिनका विवरण नीचे दिया हुआ है)। यशस्वी जायसवाल लगभग 3 वर्षों तक उसी टेंट में रहे थे, उसके पश्चात यशस्वी जायसवाल की क्रिकेट की प्रतिभा को अग्नि देने के लिए ज्वाला सिंह ने वर्ष 2013 में दिसंबर को एक संता क्रूज में क्रिकेट अकादमी की स्थापना की और उसे संचालित किया।
ज्वाला सिंह ने यशस्वी जायसवाल को अपने पंखों की तरह उपयोग किया। ज्वाला सिंह ने उनकी स्थिति देखने के पश्चात उन्हें सरकारी अभिभावक और वकालत की शक्ति प्रदान करवाने से पहले उन्होंने इन्हें रहने के लिए एक स्थान दिया। यहीं से शुरू होती है यशस्वी जायसवाल की क्रिकेट करियर की शुरुआत।
यशस्वी जायसवाल ने अपनी आजीविका चलाने के लिए कौन-कौन से काम किए हैं?
इनके पिताजी का कहना है कि मुंबई में यशस्वी जायसवाल ने आजाद मैदान के बाहर रहना पसंद किया था। क्योंकि मुंबई में उनका कोई भी खुद का जमीन या फिर कोई फ्लैट इत्यादि नहीं था, जिसके लिए इन्हें उसी मैदान के बाहर टेंट लगाकर के रहना पड़ा था। ऐसे में यशस्वी जायसवाल वहां अपना जीवन यापन करने के लिए कुछ ना कुछ तो करना ही था, इसके लिए यशस्वी जायसवाल उसी मैदान के बाहर गोलगप्पे की दुकान पर काम किया करते थे।
यशस्वी जायसवाल ना केवल इस गोलगप्पे की दुकान पर काम किया अपितु एक दूध वाले की दुकान पर भी काम किया है। यशस्वी जायसवाल उस डेरी में एक सफाई कर्मी की तरह काम किया करते थे, जिसके लिए उन्हें प्रतिदिन का लगभग ₹20 मिलता था।
यशस्वी जायसवाल यहां पर लगभग 4 से 5 महीनों तक काम किया था, इसके बाद वे इस काम से निकाल लिए गए। यशस्वी जायसवाल को इस नौकरी से इसलिए निकाला गया था, क्योंकि उस डेरी के मालिक का यह कहना था कि यह पूरा दिन खेलता और सोता है।
वह मुलाकात जिसने बदल दी यशस्वी जायसवाल की तकदीर
यशस्वी जायसवाल के पिता का यह कहना है कि यशस्वी महज 13 वर्ष की उम्र से ही एक क्रिकेट टीम में खेल रहे थे, वह क्रिकेट टीम अंजुमन इस्लामिया की टीम थी, जो कि आजाद ग्राउंड पर खेल रही थी। इसी टीम की तरफ से यशस्वी जायसवाल खेल रहे थे, जहां पर उन्होंने अपना बहुत ही अच्छा प्रदर्शन दिया था। वहां पर यशस्वी जायसवाल की मुलाकात इसी लीग में बहुत ही प्रसिद्ध क्रिकेट टीम के कोच ज्वाला सिंह से हुई। ज्वाला सिंह की सांताक्रुज में एक एकेडमी थी।
ज्वाला सिंह यशस्वी जायसवाल के खेल से काफी प्रभावित हुए थे, जिसके बाद उन्होंने यशस्वी जायसवाल से पूछा “तुम्हें क्रिकेट का प्रशिक्षण देने वाला कोच कौन है?” यशस्वी जायसवाल ने बड़ी ही आसानी से इसका उत्तर दिया कि “उनका कोई कुछ नहीं है और मैं बड़े लोगों को खेलता देख कर सीखता हूं।”
उनकी यह बात सुनकर के ज्वाला सिंह ने उनके पिता से जा करके बात की। इसके बाद उन्होंने मात्र 2 दिन बाद ही यशस्वी जायसवाल को अपने क्रिकेट एकेडमी में ले गए। यही वह मुलाकात थी, जिसके कारण यशस्वी जायसवाल की पूरी जिंदगी ही बदल गई।
यशस्वी जायसवाल का करियर
अपने इस क्रिकेट कोच की सहायता से वे बहुत ही अच्छा प्रदर्शन करने लगे, जिसके कारण यशस्वी जायसवाल वर्ष 2015 तक तो सुर्खियों में आ गए थे। उन्होंने अपने पहले मैच में 319 रन बनाए और इतना ही नहीं गिल्स शील्ड मैच में इन्होंने एक ऐसा ऑलराउंडर रिकॉर्ड कायम कर दिया, जिसे किसी ने भी अब तक नहीं किया था, उन्होंने महज 13/99 रन बनाए थे। जिसके लिए उन्हें लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड से मान्यता भी प्राप्त हुई थी।
इसके बाद भारत क्रिकेट टीम के द्वारा 19 मुंबई क्रिकेट टीम के अंतर्गत लगभग 16 टीमों में चुना गया था। यशस्वी जायसवाल वर्ष 2018 में एसीसी के अंतर्गत एशिया कप में सर्वाधिक रन बनाने वाले व्यक्ति बन गए थे, जिन्होंने इस मैच में लगभग 318 रन बनाए थे और इसके अलावा यशस्वी जायसवाल टूर्नामेंट के खिलाड़ी भी हैं। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2019 में दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध टेस्ट मैच में लगभग 220 गेंदों में से 173 गेंदों का सामना किया।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हुए इस मैच में यशस्वी जायसवाल ने लगभग 152 और 50 रन बनाकर एक पारी की जीत हासिल करवाई और आउट हो गए। इस वर्ष के बाद यशस्वी जायसवाल कुल 7 मैचों में 294 रन बनाए, जिसमें चार मैचों में अर्धशतक भी बनाए थे।
इसके बाद दिसंबर 2019 से 2020 के अंतर्गत उन्हें क्रिकेट विश्वकप के लिए भारत की टीम में चुना गया था। जायसवाल टूर्नामेंट के स्कोरर बने और इन्होंने सेमीफाइनल में पाकिस्तान के विरुद्ध शतक भी बनाया था। यशस्वी जायसवाल ने वर्ष 2018 से 2019 में मुंबई के लिए रणजी ट्रॉफी में प्रथम श्रेणी में अपना पहला प्रदर्शन किया था, इन्होंने यह प्रदर्शन 7 जनवरी 2019 को किया था।
इसके उपरांत 16 अक्टूबर 2019 को इन्होंने झारखंड के विरुद्ध इसी मैच में दोहरा शतक बनाया, इस मैच के बाद यह दोहरा शतक लगाने वाले प्रथम ऐसे व्यक्ति बन गए जो कि बहुत ही कम उम्र के थे। यशस्वी जायसवाल को कम उम्र में दोहरा शतक लगाने का खिताब प्राप्त है।
यशस्वी जायसवाल ने वर्ष 2019 से 20 के मध्य विजय हजारे ट्रॉफी में सबसे अधिक रन बनाने वाले प्रसिद्ध व्यक्तियों में से एक हो गए और इसके उपरांत यशस्वी जायसवाल ने लगभग 6 मैचों में 564 रन बनाए। इन्होंने इन सभी मैचों में लगभग 112.80 की औसत से 564 रनों की उपलब्धि प्राप्त की थी।
इन सभी के पश्चात वर्ष 2020 की आईपीएल में नीलामी के दौरान इनको राजस्थान रॉयल्स की तरफ से खेलने का प्रस्ताव आया था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया और यशस्वी जायसवाल ने 22 सितंबर 2020 के दिन आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स के लिए T20 में पदार्पण किया।
इस मैच को खेलने के लिए राजस्थान रॉयल्स के द्वारा इनको लगभग 2.4 करोड रुपए देकर के खरीदा गया था। यशस्वी जायसवाल इस वर्ष बहुत ही अधिक पैसों में बिकने वाले खिलाड़ी थे। क्योंकि यह बहुत ही कम उम्र के थे, जिस वर्ष इनकी नीलामी हुई थी। इस वर्ष जे मात्र 18 वर्ष के ही थे।
साल 2021 में आयोजित आईपीएल में 2.4 करोड़ रुपए में राजस्थान रॉयल्स ने अपनी टीम में खेलने के लिए खरीद लिया। सन 2021 के आईपीएल मैच में यशस्वी जयसवाल ने 10 मैचों में 10 छक्के और 32 चौके के साथ 249 रन बनाए। साल 2022 में राजस्थान रॉयल्स ने चार करोड़ की रकम देकर यशस्वी जैस्वाल को खरीदा।
यशस्वी जयसवाल के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
- यशस्वी जायसवाल आर्थिक रूप से बहुत ही कमजोर थे और उनके पिता एक छोटे से हार्डवेयर का स्टोर चलाते थे।
- यशस्वी जायसवाल के चाचा ने इन्हें मुंबई के आजाद मैदान में मुस्लिम यूनाइटेड क्रिकेट टीम में जगह प्राप्त करवाने के लिए काफी मदद प्रदान की थी।
- यशस्वी जायसवाल इस क्रिकेट क्लब में प्रवेश होने के बाद नियमित रूप से क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया, वह इस मैदान में बागानों में तंबू में रहते थे और शाम को फल और पानी पूरी इत्यादि बेचकर के अपना जीवन यापन करते थे।
- साल 2020 में साउथ अफ्रीका में आयोजित अंडर-19 वर्ल्ड कप में 4 फरवरी 2020 को इंडिया और पाकिस्तान के बीच मैच था, जिसमें टोस करने के बाद बल्लेबाजी का पहला मौका पाकिस्तान को मिला। पाकिस्तान टीम ने 43.1 ओवर में 172 रन बनाकर ऑल आउट हो गई। शेष बचे 88 गेंद में भारत की टीम ने 172 रन बनाया। इस मैच में यशस्वी जैस्वाल का विशेष योगदान था। यशस्वी जयसवाल ने अपने बारी में 113 गेंदों में 105 रन की शतकीय पारी खेली। यह अंडर-19 वर्ल्ड कप में सेमीफाइनल में शतक मारने चौथी बल्लेबाज बन गई।
- यशस्वी जयसवाल एक मध्यमवर्गीय परिवार से आती थी, जिसके कारण पिता के द्वारा कुछ खर्चे भेजने के बावजूद कम पड़ जाते थे। अपने खर्चे से निपटने के लिए यशस्वी जयसवाल ने गोलगप्पे तक बेचे हैं। दरअसल आजाद मैदान में जब भी रामलीला होता था तो उस दौरान यह गोलगप्पे बेचकर पैसे कमाती थी। हालांकि उन्हें इस बात का भी डर रहता था कि कहीं इनके साथी खिलाड़ी इन्हें गोलगप्पा बेचते हुए देख ना ले। आजाद मैदान में जब भी मैच आयोजित होता था तो उसमें अक्सर यशस्वी जयसवाल बोल खोज कर देती थी, जिसके बदले में इन्हें कुछ रुपए मिल जाते थे। यहां पर टेंट में रहते हुए यह रोटी बनाने का काम करती थी, जिससे इन्हें दोपहर और रात का खाना मिल जाता था।
- यशस्वी जायसवाल सुर्खियों में तब आए थे, जब वह बहुत ही कम उम्र में दोहरा शतक लगाने वाले प्रथम व्यक्ति बने थे।
- महज 11 वर्ष की उम्र में यशस्वी ने भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेलने के अपने सपने को पूरा करना चाहा, जिसके लिए वह मुंबई आने का फैसला कर लिया।
- यशस्वी जायसवाल के चाचा मुंबई में रहते थे, यशस्वी जायसवाल अपने चाचा को बहुत ही कम जानते थे, उनके चाचा वर्ली में रहते थे। उनके चाचा जी उन्हें अपने घर में समायोजित नहीं कर पाए क्योंकि उनका घर काफी छोटा था।
- यशस्वी जायसवाल के पिता ने उन्हें क्रिकेट मैच को छोड़ने के लिए नहीं कहा क्योंकि वह अपने परिवार के चारों लोगों का भरण पोषण करने में सक्षम नहीं थे और इसी कारण वह घर में दूसरे व्यक्ति के लिए जगह नहीं थी, जिसके लिए उन्होंने ने मना नहीं किया।
FAQ
यशस्वी जैस्वाल के पिता का नाम भूपेंद्र कुमार जयसवाल है, जो इनके स्थानीय गांव भदोही में एक छोटी से हार्डवेयर की दुकान के मालिक हैं।
यशस्वी जयसवाल के कोच का नाम श्री ज्वाला सिंह है।
मात्र 11 वर्ष की उम्र में यशस्वी जयसवाल भारतीय क्रिकेट टीम के खेलने के सपने को लेकर मुंबई आई थी। यशस्वी जयसवाल बहुत कम उम्र में दोहरा शतक लगाने वाली प्रथम महिला क्रिकेटर है।
निष्कर्ष
आज के इस लेख यशस्वी जायसवाल बायोग्राफी (Yashasvi Jaiswal Biography in Hindi) के माध्यम से हमने यशस्वी जायसवाल के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करवाई। हम उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा शेयर की गई यह जानकारी आपको पसंद आई होगी, इसे आगे शेयर जरूर करें। आपको यह जानकारी कैसी लगी, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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