Home > Sanskrit Vyakaran > व्यंजन संधि (हल् संधि, परिभाषा, उदाहरण, प्रकार और नियम)

व्यंजन संधि (हल् संधि, परिभाषा, उदाहरण, प्रकार और नियम)

व्यंजन संधि (हल् संधि, परिभाषा, उदाहरण, प्रकार और नियम) | Vyanjan Sandhi in Sanskrit

Vyanjan Sandhi in Sanskrit
Vyanjan Sandhi in Sanskrit

जो स्वर और व्यंजन के योग होने से जो परिवर्तन होता हैं, वह व्यंजन संधि कहलाता है। व्यंजन संधि को हल संधि के नाम से भी जाना जाता हैं।

जैसे:

Follow TheSimpleHelp at WhatsApp Join Now
Follow TheSimpleHelp at Telegram Join Now

  • उत् + घाटन = उद्घाटन
  • दिक् + अम्बर = दिगम्बर

व्यंजन संधि की परिभाषा

ऐसे दो वर्ण जिसमें संधि हो रही होती हैं, उसमें से यदि पहला वर्ण व्यंजन और दूसरा वर्ण स्वर अथवा व्यंजन हो तो इस प्रकार की संधि व्यंजन संधि कहलाती हैं। व्यंजन संधि को ही हल संधि भी कहते है।

व्यंजन संधि के उदाहरण

  • जगत्+नाथ = जगन्नाथ
  • सत् + धर्म = सद्धर्म
  • सत् + जन = सज्जन

व्यंजन संधि के प्रकार

  1. श्चुत्व संधि – स्तो श्चुनाश्चु
  2. ष्टुत्व संधि – स्तो ष्टुनाष्टु
  3. जश्त्व संधि – झालम् जशोऽन्ते

व्यंजन संधि के उदाहरण

  • षट् + आनन = षडानन
  • दिक् + गज = दिग्गज
  • वाक् + ईश = वागीश
  • अप् + ज = अब्ज
  • अच् + अंत = अजंत
  • सत् +भावना = सद्भावना
  • अप् + मय = अम्मय
  • वाक् + ईश = वागीश
  • परि + छेद = परिच्छेद

यह भी पढ़े

संस्कृत धातु रुपसंस्कृत वर्णमालासमास प्रकरण
संस्कृत में कारक प्रकरणलकारप्रत्यय प्रकरण
संस्कृत विलोम शब्दसंस्कृत में संधिसंस्कृत शब्द रूप
संस्कृत धातु रुपहिंदी से संस्कृत में अनुवाद

Follow TheSimpleHelp at WhatsApp Join Now
Follow TheSimpleHelp at Telegram Join Now

Related Posts

Leave a Comment