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विजय शेखर शर्मा का जीवन परिचय

Vijay Shekhar Sharma Biography in Hindi: पेटीएम आज पूरे देश की सबसे लोकप्रिय डिजिटल पेमेंट एप्लीकेशन बन चुका है। भारत में पेटीएम एप्लीकेशन ऑनलाइन पेमेंट के लिए प्रत्येक जगह देखने को मिलेगा। आपको पेटीएम एप्लीकेशन भारत के ज्यादातर मोबाइल फोंस में देखने को मिल जाएगा। पेटीएम एप्लीकेशन भारत में काफी लोकप्रिय है परंतु ऐसे में क्या आप जानते हैं पेटीएम के फाउंडर कौन है?, पेटीएम के फाउंडर एक भारत के छोटे से शहर के बहुत ही साधारण परिवार से संबंधित हैं।

आप में से ज्यादातर लोग इनके बारे में तो जानते ही होंगे। परंतु जिन लोगों को पेटीएम के फाउंडर के विषय में जानकारी प्राप्त नहीं है। हम उन्हें बता देना चाहते हैं कि पेटीएम एप्लीकेशन के फाउंडर भारतीय युवा विजय शेखर ही हैं। विजय शेखर को अंग्रेजी का थोड़ा भी ज्ञान नहीं था, परंतु इसके बावजूद भी इन्होंने पेटीएम जैसे एप्लीकेशन की खोज कर डाली। इन्होंने अपनी 12वी की पढ़ाई को मात्र 14 साल की उम्र में ही पूरी कर ली थी, जो कि कोई साधारण बात नहीं है।

Vijay Shekhar Sharma Biography in Hindi
Image: Vijay Shekhar Sharma Biography in Hindi

आज के इस लेख में आप सभी लोगों को जानने को मिलेगा कि विजय शेखर कौन है?, विजय शेखर का जन्म, विजय शेखर का पारिवारिक संबंध, विजय शेखर का प्रारंभिक जीवन, विजय शेखर को प्राप्त शिक्षा, विजय शेखर की सक्सेस स्टोरी, क्यों चर्चा में है विजय शेखर, विजय शेखर को प्राप्त पुरस्कार इत्यादि। चलिए बिना देर किए शुरू करते हैं, अपना यह लेख और जानते हैं विजय शेखर के विषय में।

विजय शेखर शर्मा का जीवन परिचय | Vijay Shekhar Sharma Biography in Hindi

विजय शेखर के विषय में संक्षिप्त जानकारी

नामविजय शेखर
पूरा नामविजय शेखर शर्मा
जन्म15 जुलाई 1978
जन्म स्थानअलीगढ़ उत्तर प्रदेश
पितासुलोम प्रकाश शर्मा
माताआशा शर्मा
पत्नीमृदुला शर्मा
बच्चेविवान शर्मा
शिक्षाइंजीनियरिंग
पेशाउद्यमी
उद्योग प्रकारएटीएम के फाउंडर
नेट वर्थ2.3 अरब डॉलर
उपलब्धिडीएससीटॉप फिफ्टी इंप्रेशन इंडियंस पीपलटॉप फिफ्टी पावरफुल ह्यूमन (18वां स्थान)
Vijay Shekhar Sharma Biography in Hindi

विजय शेखर कौन है?

विजय शर्मा पेटीएम कंपनी के फाउंडर हैं। विजय शेखर शर्मा ने इस उपलब्धि को प्राप्त करने के लिए अपने प्रारंभिक जीवन में बहुत सी कठिनाइयों का सामना किया है। आप सभी लोग इनके प्रारंभिक जीवन में इनकी कठिनाइयों का इसी बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि अंग्रेजी न आते हुए भी इंग्लिश मीडियम विद्यालय से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। विजय शेखर शर्मा वर्तमान समय में अरब और डॉलर संपत्ति के मालिक हैं।

विजय शेखर अमीर बच्चों की तरह अपने बचपन में ऐसो आराम की जिंदगी तो नहीं जी पाए, परंतु अपने माता पिता के संस्कार बखूबी प्राप्त किए। विजय शेखर शुरुआती समय में अपनी पढ़ाई को लेकर काफी इच्छुक रहते थे और वह अपने क्लास में अन्य बच्चों की तुलना में सबसे तेज थे और हमेशा क्लास में फर्स्ट आते थे। विजय शेखर शर्मा की काबिलियत का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि मात्र 14 वर्ष की उम्र में इन्होंने 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली।

विजय शेखर शर्मा एक मध्यमवर्गीय परिवार से संबंध रखते थे, उन्हें पैसों की अहमियत भली-भांति पता थी। जब विजय शेखर शर्मा अपनी पढ़ाई को पूरा कर रहे थे, उसी बीच पढ़ाई के दौरान ही अपने एक दोस्त के साथ मिलकर उन्होंने इस बिजनेस को शुरू कर दिया था और कोई विशेष कमाई ना होने के कारण इन्होंने बिजनेस को अमेरिकन कंपनी लोटस इंटर वर्क को बेच दिया। अपनी कंपनी को बेच देने के बाद जिए अपनी ही कंपनी में खुद काम करने लग गए और इससे उन्हें काफी अच्छी खासी इनकम भी होने लगी।

विजय शेखर शर्मा मात्र एक साल बाद ही फिर से कुछ अलग करने की सोच ली है और उन्होंने इस कंपनी से रिजाइन कर दिया। अपनी नौकरी छोड़ने के बाद विजय शेखर शर्मा ने अपनी एक नई कंपनी शुरू की, जिसका नाम इन्होंने one97 रखा। परंतु यह कंपनी भी ठीक से नहीं चल सकी और साल भर के बाद इन्हें काफी घाटा भी सहना पड़ा था। इसके बाद इनकी कंपनी घाटे में जाने लगी और इनका हालात काफी खराब होने लग गया।

उनकी हालत इस हद तक खराब हो गई थी कि वीडियो गेम उन्हें अपने एक-एक पैसे बचाने के लिए बहुत ही कड़ी मेहनत करनी पड़ती थी। वह अपने पैसे बचाने के लिए ही बस से नहीं बल्कि पैदल जाने लगे। इनकी हालत ऐसी हो गई थी कि कभी कभी अपना पूरा दिन यह सिर्फ दो कप चाय के साथ ही बिता देते थे, इतना ही नहीं उनके साथ कोई भी शादी करने को तैयार नहीं था। इन सभी के बाद धीरे-धीरे बोल लोगों के घर जाकर कंप्यूटर रिपेयरिंग का काम करने लगे।

जब उनके जीवन में अपने एक एक पैसे बचाने की कीमत पता चली और अपने पैसे बचाने के लिए इन्हें बहुत सी तकलीफ में भी सहनी पड़ती थी। क्योंकि उन्होंने ऐसा देखा कि चाहे ऑटो वाला हो, दुकान वाला हो या चाहे रिक्शावाला हो प्रत्येक जगह छुट्टे के लिए बहुत ही परेशान होना पड़ता था और यही सब बातों को दिमाग में रखकर उन्हें एक आइडिया आया कि क्यों ना एक ऐसा एप्लीकेशन बनाया जाए, जिससे लोग अपने बैंक से उतना ही पैसे दे जितना जरूरत है।

इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने वर्ष 2010 में डिजिटल पेमेंट एप्लीकेशन को शुरू किया, जिसका नाम इन्होंने पेटीएम रखा। वर्तमान समय में विजय शेखर की इस पेटीएम कंपनी में चाइना की नामिक इ कॉमर्स कंपनी अलीबाबा के मालिक जैक मा और टाटा ग्रुप ऑफ कंपनी के मालिक माननीय रतन टाटा जी अपने शेयर्स रखते हैं। विजय शेखर अपने संघर्षों के इस सफर में को ध्यान में रखते हुए कहा है, कि “कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस जगह से आए हैं, बस सक्सेस होने के लिए कुछ चाहिए तो वह लगन”।

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विजय शेखर का जन्म

विजय शेखर शर्मा का जन्म 15 जुलाई वर्ष 1978 ईस्वी में हुआ था। विजय शेखर शर्मा का जन्म एक बहुत ही मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था, इनका जन्म उत्तर प्रदेश राज्य के अलीगढ़ जिले के एक छोटे से शहर में हुआ था।

विजय शेखर शर्मा अपने शुरुआती समय में उन सभी चीजों से वंचित रह गए, जो एक मध्यमवर्गीय परिवार के लिए अफोर्ड करना मुश्किल है। लेकिन अब विजय शेखर शर्मा किसी भी प्रकार की पहचान के मोहताज नहीं है। विजय शेखर शर्मा को न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी पेटीएम के फाउंडर के रूप में जाना जाता है।

विजय शेखर शर्मा बहुत ही अच्छे विचारधारा वाले व्यक्ति हैं और यह अपनी इंस्पिरेशन चाइना की जानी-मानी ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा के संस्थापक जैक मा और मसाओशी को मानते हैं।

विजय शेखर का पारिवारिक संबंध

विजय शेखर शर्मा का पारिवारिक संबंध उनके परिवार के सभी सदस्यों से बहुत ही घनिष्ट था। विजय शेखर शर्मा के माता पिता विजय शेखर शर्मा की शिक्षा को लिए को लेकर बहुत ही ज्यादा इच्छुक थे और उन्होंने इन्हें इंजीनियरिंग की शिक्षा भी प्राप्त कराई। विजय शेखर शर्मा एक ऐसे बच्चे थे, जिन्हें अमीर बच्चों की तरह ऐसो आराम की जिंदगी तो नहीं बल्कि माता-पिता के अच्छे संस्कार अवश्य मिले थे।

विजय शेखर शर्मा के पिता का नाम सुलोम प्रकाश शर्मा है, विजय शेखर शर्मा के पिता एक विद्यालय में अध्यापक के पद पर कार्यरत थे। इनके पिता अपने परिवार के सदस्यों की देखरेख में ही अपनी पूरी सैलरी गवा देते थे। विजय शेखर शर्मा की माता का नाम आशा शर्मा है, विजय शेखर की माता आशा शर्मा एक हाउसवाइफ है। विजय शेखर शर्मा की माता अपने बच्चों को हमेशा अच्छे संस्कार दिए हैं और सदैव अपने परिवार का ध्यान भी रखा।

विजय शेखर का प्रारंभिक जीवन

विजय शेखर शर्मा का प्रारंभिक जीवन बहुत ही कष्ट में तरीके से व्यतीत हुआ है। विजय शेखर शर्मा अपने बचपन में उन सभी चीजों से वंचित रह गए जो एक बच्चे को विशेष रुप से मिलनी चाहिए। इन सभी के बावजूद भी विजय शेखर शर्मा ने कभी भी इस बात का अफसोस नहीं जताया। क्योंकि यह अपने परिवार की स्थिति को समझते थे।

विजय शेखर शर्मा ने बचपन में यह सोच लिया था कि वह बड़े होकर बहुत ही पैसे वाले इंसान बनेंगे। इसके लिए उन्होंने कई बिजनेस में इन्वेस्ट किया, परंतु उन्हें कोई अच्छा लाभ नहीं प्राप्त हुआ और इन सभी के बाद इन्होंने पेटीएम की खोज की और यहीं से इनके जीवन की गाड़ी आगे बढ़ी।

विजय शेखर को प्राप्त शिक्षा

विजय शेखर शर्मा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपनी जन्मस्थली से प्राप्त किया। विजय शेखर शर्मा अपनी पढ़ाई में शर्मा ने पढ़ाई में बहुत ही रुचि रखते थे और अपनी रूचि के कारण है इन्होंने 12वीं की परीक्षा मात्र 14 वर्ष की अवस्था में ही उत्तीर्ण कर लिया, जो कि बहुत ही विशेष बात है। विजय शेखर शर्मा ने अपनी उच्च शिक्षा की प्राप्ति के लिए दिल्ली के दिल्ली कॉलेज आफ इंजीनियरिंग में एडमिशन ले लिया। विजय शेखर शर्मा शुरुआती पढ़ाई तो हिंदी माध्यम से किए थे, परंतु दिल्ली यूनिवर्सिटी में इन्हें अंग्रेजी का सामना करना पड़ा।

दिल्ली यूनिवर्सिटी में दी जाने वाली शिक्षा अंग्रेजी में दी जाती थी, जो इनके समझ के परे थी। क्योंकि यह शुरुआती पढ़ाई हिंदी मीडियम से पढ़े हुए थे, इसीलिए इन्हें अपने कॉलेज के समय में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। इन्हीं सभी परेशानियों से जूझ कर यह अपने कॉलेज में बंक मारने लगे।

इन्हें कई बार ऐसा लगा कि अब इन्हें पढ़ाई छोड़ देनी चाहिए और घर आकर परिवार की देखरेख में समय बिताना चाहिए। परंतु इन्होंने अपना इरादा फिर बदला और अंग्रेजी सीखने की ठानी। इन्होंने अंग्रेजी की शिक्षा ना किसी अध्यापक के द्वारा बल्कि खुद से ही सिर्फ किताबें पढ़कर प्राप्त की।

विजय शेखर ने अंग्रेजी की शिक्षा प्राप्त करने के लिए जिस तकनीकी को अपनाया वह वाकई में काबिले तारीफ थी। इन्होंने अंग्रेजी शिक्षा प्राप्त करने के लिए किताबों के हिंदी वर्जन और अंग्रेजी वर्जन दोनों ही खरीद लाते थे और दोनों को एक साथ पढ़ते थे। इनका ऐसा मानना था कि इंसान की सबसे बड़ी ताकत उसकी इच्छा होती है, उन्होंने इसी हौसले के दम पर कुछ ही महीनों के अंतराल पर अंग्रेजी पर अपनी अच्छी पकड़ बना ली।

विजय शेखर की सक्सेस स्टोरी

जिस समय मार्केट में स्मार्टफोन काफी तेजी से पॉपुलर हो रहा था और इन्हीं सभी बातों के साथ-साथ उनके साथ छुट्टे पैसे को लेकर काफी दिक्कत भी होती थी, जिसके लिए उन्होंने स्मार्टफोन और अपनी जिंदगी का कंप्रेशन करके कैशलैस ट्रांजैक्शन का आईडिया बना लिया।

इन्होंने अपनी दूसरी कंपनी one97 के बोर्ड के सामने पेमेंट इकोसिस्टम में एंट्री करने का तरीका भी रखा। परंतु यह 19 राइटिंग मार्केट था और कंपनी बहुत ही अच्छी प्रॉफिट कमा रही थी, इसीलिए कंपनी कोई भी रिस्क उठाने के लिए तैयार नहीं थी।

इसके बावजूद भी विजय शेखर ने हार नहीं मानी और अपने इस आइडिया को लेकर वे कई कंपनियों के साथ बातें की परंतु किसी ने भी उनके प्रपोजल को एक्सेप्ट नहीं किया। अपने इस आइडिया को अपनी अलग कंपनी खोलकर शुरू करने की सोची, परंतु उनका ऐसा कहना था कि कोई और पार्टनर होता तो वह अपनी इक्विटी बेचकर अपनी खुद की कंपनी खड़ी कर देते हैं।

विजय शेखर ने अपनी पर्सनल इक्विटी को एक परसेंट अपने पर्सनल बिजनेस में लगाया और वर्ष 2010 में होने एक नई कंपनी के साथ पेटीएम की शुरुआत की। विजय शेखर ने अपनी इस कंपनी को नोएडा से शुरू किया था। शुरू में पेटीएम एप्लीकेशन में बहुत सारी कमियां थी, जिन्हें बाद में धीरे-धीरे सुधार किया गया।

पहले तो इस एप्लीकेशन में सिर्फ कैशलेस पेमेंट और प्रीपेड रिचार्ज काही सुविधा होता था। बाद में अन्य संशोधन के कारण इसमें डीटीएच रिचार्ज की भी सुविधा दी जाने लगी। विजय शेखर अपनी कंपनी को बढ़ाने के लिए हम सदैव सोचा करते थे और इसीलिए उन्होंने अन्य चीजों पर ध्यान देना भी शुरू कर दिया। एक और संशोधन में इन्होंने इलेक्ट्रिसिटी बिल और गैस बिल की सुविधा को भी ऐड कर दिया। पेटीएम के द्वारा कैशलेस ट्रांजेक्शन के साथ-साथ युवा को ट्रांजैक्शन की भी सुविधा दी जाने लगी।

इन सभी के बाद पेटीएम ने ऑनलाइन प्रोडक्ट सेल करना भी शुरू कर दिया। इसके बाद नोटबंदी के समय पेटीएम की काफी ग्रोथ हुई और ऐसा कहा जाने लगा कि नोटबंदी पेटीएम के लिए जमीन से आसमान तक पहुंचने का बहुत ही आसान जरिया बन गया था। ऐसा भी कहा जाने लगा था कि पेटीएम के लिए नोटबंदी एक लॉटरी का काम कर रही थी।

देखते ही देखते पेटीएम कंपनी करोड़ों लोगों तक पहुंच गई और वर्तमान समय में पीटीएम भारत की सबसे बड़ी और विश्वसनीय कंपनी बन गई है। वर्तमान समय में पेटीएम भारत की सबसे लोकप्रिय ऑनलाइन पेमेंट एप्लीकेशन और साइट बन गई है और इतना ही नहीं वर्तमान समय में पेटीएम की का कुल कारोबार 15 हजार करोड़ से भी अधिक हो गया है।

क्यों चर्चा में है विजय शेखर

पेटीएम देश भर की सबसे लोकप्रिय मोबाइल एप्लीकेशन बन गई थी, जिसके बाद विजय शेखर ने इसे और भी ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए योजनाएं बनाते चले गए और वर्तमान समय में यह अपनी कंपनी का आईपीओ भी शुरू कर रहे हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि पेटीएम आईपीओ संपूर्ण भारत का सबसे बड़ा आईपीओ होगा।

निष्कर्ष

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राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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