तत्पुरुष समास (Tatpurush Samas): हिंदी व्याकरण शब्द सुनने में काफी सरल है। लेकिन हिंदी व्याकरण के बारे में संपूर्ण जानकारी हासिल करना लोगों के लिए काफी मुश्किल हो रहा है। हिंदी व्याकरण में संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण के साथ-साथ समास भी मुख्य रूप से हिंदी व्याकरण का अंग है।
समास हिंदी व्याकरण की एक प्रमुख शाखा है। आज यहां पर समास के एक भाग तत्पुरुष समास के बारे में जानकारी प्राप्त करने वाले है। यहां पर हम तत्पुरुष समास को निम्न स्टेप्स में जानेंगे:
- तत्पुरुष समास किसे कहते है? (Tatpurush Samas in Hindi)
- तत्पुरुष समास के भेद (Tatpurush Samas ke Bhed)
- तत्पुरुष समास के उदाहरण (Tatpurush Samas ke Udaharan)
समास के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करने के लिए यहां पर क्लिक करें समास (परिभाषा, भेद और उदाहरण)
तत्पुरुष समास किसे कहते है?
तत्पुरुष समास की परिभाषा: जिन शब्दों में उत्तर पद प्रधान होता है और प्रथम पद का गौण होता है। साथ ही साथ उत्तर पद की प्रधानता होती है, उन शब्दों को तत्पुरुष समास कहा जाता है।
इस प्रकार के शब्दों के माध्यम से समास करते वक्त बीच की विभक्ति का लोभ भी हो जाता है। तत्पुरुष समास के अंतर्गत आने वाले कुछ शब्द जैसे: को, से, के लिए, का इत्यादि।
- चित्र को बनाने वाला – चित्रकार
- मूर्ति को बनाने वाला – मूर्तिकार
- देश को धोखा देने वाला – देशद्रोही
- स्वयं को मारने वाला – आत्मघाती
- मांस को खाने वाला – मांसाहारी
- गाड़ी को चलाने वाला – गाड़ी वाला
- राजा को धोखा देने वाला – राजद्रोही
तत्पुरुष समास के भेद
तत्पुरुष समास को कारक चिन्ह के आधार पर विभाजित किया गया है। कारक चिन्ह के आधार पर तत्पुरुष समास को मुख्य रूप से छह भागों में विभाजित किया गया है।
- कर्म तत्पुरुष समास
- करण तत्पुरुष समास
- सम्प्रदान तत्पुरुष समास
- अपादान तत्पुरुष समास
- सम्बन्ध तत्पुरुष समास
- अधिकरण तत्पुरुष समास
कर्म तत्पुरुष समास
कर्म तत्पुरुष समास जिसमें को चिन्ह कारक का लोप बनता है। जैसे:
- शहरगत – शहर को गया हुआ।
- नर्कगत – नर्क को गया हुआ।
- इतिहासकार – इतिहास को लिखने वाला।
- मूर्तिकार – मूर्ति को बनाने वाला।
- चित्रकार – चित्र को बनाने वाला।
- माखनचोर – माखन को चुराने वाला।
प्रयुक्त उदाहरण में आप देख सकते हैं कि सभी शब्दों में उत्तर पद प्रधान है और पूर्व पद का गौण हो रहा है। जब इनका समास किया जाता है तो इन शब्दों के बीच में को योजक का लोप हो जाता है। इसलिए इनको कर्म तत्पुरुष समास के अंतर्गत रखा गया है।
करण तत्पुरुष समास
करण तत्पुरुष समास यहां पर दो कारक चिन्ह “से और के” के द्वारा लोप बनता है। उनको इस श्रेणी के अंदर रखा जाता है जैसे:
- कलापूर्ण – कला से पूर्ण।
- कलानिपुण – कला से निपुण।
- मनमाना – मन से माना हुआ।
- कष्टसाध्य – कष्ट से साध्य।
- परशुरामरचित – परशुराम द्वारा रचित।
- रसभरा – रस से भरा हुआ।
ऊपर दिखाए गए उदाहरण में देख सकते हैं कि इन सभी शब्दों में उत्तर पद प्रधान है एवं पूर्व पद का गौण हैं। साथ ही साथ जब इन शब्दों का समास किया जाता है तो इनके बीच में से योजक चिन्ह का लोप हो रहा है। इसलिए इन उदाहरणों को करण तत्पुरुष समास के अंतर्गत रखा गया है।
सम्प्रदान तत्पुरुष समास
इस समास के अंतर्गत कारक चिन्ह के रूप में “के लिए” का लोप होता है। जैसे:
- डाकघर – डाक के लिए घर।
- दवाईखाना – दवाई के लिए खाना।
- विद्यालय – विद्या के लिए आलय।
- गौशाला – गाय के लिए शाला।
- रसोईघर – रसोई के लिए घर।
- राज्यभवन – राज्य के लिए भवन।
इन उदाहरण में देख सकते हैं कि इन सभी में उत्तर पद प्रधान है एवं पूर्व पद गौण है। साथ ही साथ जब इन शब्दों का समास किया जाता है तब इनके बीच में के लिए योजक चिन्ह का लोप हो जाता है। इसलिए इन उदाहरण को संप्रदान तत्पुरुष समास के अंतर्गत रखा गया है।
अपादान तत्पुरुष समास
ऐसे समास शब्द जिनमें अपादान कारक चिन्ह “से” का लोप हो रहा हो, उनको अपादान तत्पुरुष समास के अंतर्गत रखा जाता है।
- सजामुक्त – सजा से मुक्त।
- विद्यारहित – विद्या से रहित।
- कर्जमुक्त – कर्ज से मुक्त।
- धनहीन – धन से हीन।
- बीमारीमुक्त – बीमारी से मुक्त।
- नेत्रहीन – नेत्र से हीन।
ऊपर उदाहरण में आप देख सकते हैं कि उत्तर पद प्रधान है और पूर्व पद का गौण हो रहा है और जब इन शब्दों का समास किया जाता है तो इनके बीच से योजक चिन्ह का लोप होता है। इसलिए इन उदाहरण को अपादान तत्पुरुष समास के अंतर्गत रखा गया है।
सम्बन्ध तत्पुरुष समास
संबंध तत्पुरुष समास में संबंध कारक के चिन्ह का, के, की, का लोप होता है। उनको संबंध तत्पुरुष समास कहा जाता है। जैसे:
- अंगदान – अंग का दान।
- जीवदानी – जीव का दान।
- भारतरत्न – भारत का रतन।
- जलधारा – जल की धारा।
- लोकसभा – लोक की सभा।
- देशरक्षा – देश की रक्षा।
अधिकरण तत्पुरुष समास
इस समास में कार्य चिन्ह के रूप में “मैं और पर” शब्द का लोप होता है। इनको अधिकरण तत्पुरुष समास कहा जाता है जैसे:
- दुकानप्रवेश – दुकान में प्रवेश।
- शहरवास – शहर में वास।
- जलसमाधि – जल में समाधि।
- खुदबीती – खुद पर बीती।
- पर्वतारोहण – पर्वत पर आरोहण।
हमने क्या सिखा?
हमने यहां पर तत्पुरुष समास के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की है। तत्पुरुष समास की परिभाषा (Tatpurush Samas ki Paribhasha) और तत्पुरुष समास के उदाहरण को बहुत ही गहराई से समझा है। यदि आपका कोई सवाल है तो हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
समास के अन्य भाग
- अव्ययीभाव समास (परिभाषा और उदाहरण)
- कर्मधारय समास (परिभाषा और उदाहरण)
- द्विगु समास (परिभाषा और उदाहरण)
- द्वंद्व समास (परिभाषा और उदाहरण)
- बहुव्रीहि समास (परिभाषा, भेद और उदाहरण)