Speech on Indian Culture in Hindi : आज हम आप सभी के समक्ष भारतीय संस्कृति पर भाषण प्रस्तुत करने जा रहे हैं। भारतीय संस्कृति जो दुनिया भर में बहुत ही प्रसिद्ध है और हम भारतीय को भी भारतीय संस्कृति पर बहुत ही अधिक गर्व है। परंतु आजकल की पीढ़ी अपनी भारतीय संस्कृति को भूलते जा रही है। ऐसे में अगर आप लोगों को भारतीय संस्कृति के लिए संबोधित करना चाहते हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
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भारतीय संस्कृति पर भाषण | Speech on Indian Culture in Hindi
भारतीय संस्कृति पर भाषण (500 शब्द)
माननीय अतिथि गण, उपाध्यक्ष, प्रधानाचार्य, शिक्षक गण, एवं मेरे प्यारे मित्रों। आप सभी को मेरा प्यार भरा शुभ प्रभात। आज हम इस शुभ अवसर पर एकत्रित हुए हैं। अब मैं आप सभी का यहां पर स्वागत करता हूं। आज के शुभ अवसर पर मैं आप सभी के समक्ष एक महत्वपूर्ण विषय पर बात करने जा रहा हूं भारतीय संस्कृति, जो आज की युवा पीढ़ी भूलती ही जा रही है।जैसा कि आप जानते हैं हमारा कॉलेज भारतीय संस्कृति के लिए जाना जाता है। आइए ऐसे में आज मैं आप सभी को अपनी भारतीय संस्कृति से रूबरू करवाने जा रहा हूं।
भारतीय संस्कृति जो पूरे देश में जानी जाती है।अपनी सभ्यता के लिए भारतीय संस्कृति पूरे देश में विख्यात है। भारत देश में अनेक प्रकार की विविधता पाई जाती है। इसके बावजूद भी यहां पर सभी धर्म के लोग एक साथ मिलजुल कर एकता के साथ रहते हैं। यहां पर हिंदू धर्म, जैन धर्म, इस्लाम, सिख, इसाई, सभी धर्मों के लोग पाए जाते हैं।
सब एक दूसरे के संस्कृति का बहुत ही अधिक सम्मान करते हैं। सभी एक दूसरे के साथ त्योहार मिलजुलकर बनाते हैं। लोग सभी प्रकार के त्योहारों पर प्रार्थना करते हैं, दावत करते हैं, मेले में जाते हैं, नृत्य करते हैं, रंगीन कपड़े पहनकर उत्साह मनाते हैं। इसके लिए कोई भी एक दूसरे के त्यौहार में भेदभाव नहीं करता है, इसी के साथ एक दूसरे के त्यौहार को बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं।
इस समय तो आने वाली पीढ़ी जो है, वही हमारे देश का भविष्य है और हम यही चाहते हैं, कि आने वाली हमारी पीढ़ी अपनी भारतीय संस्कृति का आदर सम्मान करें। इसे सद्भाव और शांति के साथ बढ़ावा देती रहें लेकिन समाज में इस समय बहुत ऐसे तत्व पनप रहे हैं, जिसकी वजह से हमारी भारतीय संस्कृति को बहुत ही अधिक नुकसान पहुंच रहा है।
ऐसे में हम सभी का फर्ज बनता है कि हम अपने भारतीय संस्कृति की रक्षा करें। इसकी वजह से लोग प्रभावित नहीं होनी चाहिए बल्कि, लोगों को अपनी संस्कृति पर गर्व होना चाहिए क्योंकि, यही हमारी पहचान है।
हमारे देश में बहुत महान व्यक्ति रहे हैं, जैसे कि महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर। इन्होंने शांतिपूर्ण सभी आदेशों का पालन किया। हमें भी इन्हीं के चरण कदम पर चलना चाहिए और अपनी भारतीय संस्कृति की परंपरा को निभाना चाहिए।
जैसा कि आप जानते हैं हमारा कॉलेज भारतीय परंपरा को बहुत ही अधिक मानता है। इसीलिए यहां पर सभी त्योहार मिलजुलकर एक साथ मनाए जाते हैं, जैसे कि दिवाली, दशहरा, होली, क्रिसमिस, गुरु पर्व, पोंगल, बिहू इत्यादि त्योहार बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाते हैं। इसीलिए हम लोगों को हमेशा उत्साहित करते हैं कि वह बढ़-चढ़कर सभी त्योहारों के उत्सव में हिस्सा लें, जिसके जरिए वह एक दूसरे की संस्कृति का सम्मान कर सके।
भारत देश हमेशा से ही अपने सांस्कृतिक समृद्धि के लिए जाना जाता है। इसी के साथ साथ विज्ञान ने भी भारत को सर्वोपरि कर दिया है। यहां पर एक से एक नए वैज्ञानिक अनेक ऊंचाई हासिल कर रहे हैं, जिसके जरिए भारत देश को नई प्रसिद्धि और नई पहचान मिलती जा रही है।
इसी के साथ में अंत में आप सभी से केवल इतना ही कहना चाहूंगा कि संस्कृति का निर्माण करना अभी भी बहुत ही आसान है, परंतु इसे संभाल कर रखना मुश्किल है। इसीलिए संस्कृति को बनाने में उमर लग गई और इसे बिगाड़ने में एक पल भी नहीं लगता है।
हमेशा अपनी संस्कृति को बचाकर रखें और मुझे यकीन है। अगर हम सब एकत्रित होकर यह काम करें तो, हम इसमें सफलता जरूर हासिल कर लेंगे। इसी के साथ में यहीं पर अपनी वाणी को विराम देता हूं।
धन्यवाद!
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भारतीय संस्कृति पर भाषण (500 शब्द)
देवियो और सज्जनों, आप सभी को सादर नमस्कार। मैं आप सभी का यहां पर स्वागत करता हूं कि आप इस भव्य समारोह में सम्मिलित हुए। इसी के साथ आपका धन्यवाद भी करता हूं, कि आप सभी ने मुझे अपने समक्ष संबोधित करने का यह अवसर प्रदान किया। आज हम आपसे बहुत ही महत्वपूर्ण विषय में बात करने जा रहे है। मैं आप सभी के साथ भारतीय संस्कृति पर अपने विचार साझा करने जा रहा हूं।
मैं एक भारतीय हूं और मुझे इस पर बहुत ही अधिक गर्व है। इसी के साथ मुझे उससे भी ज्यादा गर्व अपनी भारतीय संस्कृति पर है क्योंकि हमारी भारतीय संस्कृति हमें लोगों का आदर करना सिखाती है। इसी के साथ यह भी सिखाती है कि हमें लोगों से किस तरह से व्यवहार करना चाहिए।
लोगों में बिल्कुल भी भेदभाव नहीं करना चाहिए और भी कई अन्य चीज हमें भारतीय संस्कृति के द्वारा सीखने को मिलती है। केवल मुझे ही नहीं बल्कि हम सभी भारतीय लोगों को अपनी भारतीय संस्कृति पर गर्व होना चाहिए। इसी के साथ दुनिया में भारतीय संस्कृति जानी और पहचानी जाती है।
लोग भारतीय संस्कृति की मिसाल देते हैं क्योंकि भारतीय संस्कृति जैसी संस्कृति किसी भी देश में नहीं पाई जाती है, इसीलिए भारतीय संस्कृति का बाहर के लोग भी बहुत ही अधिक सम्मान करते हैं।
भारत देश एक ऐसा देश है, जहां पर हर प्रकार के धर्मों के लोग पाए जाते हैं। इसी के साथ भारत में 29 राज्य और 7 केंद्र शासित राज्य भी हैं। यहां पर अनेक तरह की भाषा बोली जाती है। भारतीय संस्कृति हमें अनेकता में एकता सिखाती है। भारतीय संस्कृति की ताकत एक अलग ही ताकत है, जो पूरी दुनिया में ही अपनी नई पहचान हासिल कर चुकी है।
यहां पर अनेक प्रकार के भोजन बनाए जाते हैं, इसी के साथ यहां पर हर त्योहार को बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। चाहे वह किसी भी धर्म का त्यौहार क्यों ना हो, सभी एक दूसरे का सम्मान करते हैं। कोई किसी भी व्यक्ति के त्यौहार का अपमान नहीं करता है बल्कि उसका खुले दिल के साथ स्वागत करता है और यही भारतीय संस्कृति और परंपरा है जो हमें लोगों का स्वागत करना सिखाते हैं।
भारत पर भूतकाल में बहुत सारी ऐसी परेशानियां आई है, जिसकी वजह से भारतीय संस्कृति का हनन हुआ है। परंतु हमारे देश के कुछ शहीद और सेनानी ऐसे रहे हैं, जिनकी वजह से भारतीय संस्कृति बच पाई है, जिसकी वजह से ही आज भारत देश एक समृद्ध देश बन पाया है। भारत देश में अनेक तरह के रीति रिवाज परंपराएं पाई जाती हैं, जिसके बलबूते पर भारत एक समृद्ध देश बन पाया है।
केवल मुझे ही नहीं बल्कि, हम सभी को अपने भारतीय संस्कृति पर गर्व है इसीलिए हमें अपने भारतीय संस्कृति को बनाए रखना होगा। इसके लिए युवा पीढ़ी को बहुत ही अधिक मेहनत करने की आवश्यकता है क्योंकि आज की युवा पीढ़ी अपने भारतीय संस्कृति को भूलती जा रही है। निरंतर प्रयास करते रहिए और सभी लोगों को भारतीय संस्कृति के प्रति जागरूक करते रहिए।
अंत में मैं आप सभी से केवल इतना ही कहना चाहूंगा कि हमें अपने भारतीय संस्कृति पर गर्व होना चाहिए और अपने देश पर भी गर्व होना चाहिए। इसी के साथ हमें अपनी भारतीय संस्कृति को नहीं भूलना चाहिए क्योंकि भारतीय संस्कृति को बनाए रखने के लिए पूरी उम्र लग जाती है और इसे बिगाड़ने के लिए एक पल ही काफी होता है।
इसीलिए अपनी आने वाली पीढ़ी को भारतीय संस्कृति से रूबरू करवाते रहें। उन्हें अपने भारतीय संस्कृति के बारे में बताएं और खुद भी भारतीय संस्कृति को अपनाएं इसी के साथ में यहीं पर अपनी वाणी को विराम देता हूं।
धन्यवाद!
निष्कर्ष
इस आर्टिकल के जरिए हमने आपको भारतीय संस्कृति पर भाषण (Speech on Indian Culture in Hindi) पर भाषण दिया है। अगर आप किसी स्कूल या कॉलेज की छात्रा है या किसी अन्य समारोह में आपको भारतीय संस्कृति से संबंधित लोगों को संबोधित करना है, या जागरूक करना है, तो यह आर्टिकल आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। इसी के साथ इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।
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