Home > Speech > रक्षाबंधन पर भाषण

रक्षाबंधन पर भाषण

रक्षाबंधन भारत के प्रमुख त्यौहार में से एक है। श्रावण माह के पूर्णिमा के दिन आने वाला यह त्यौहार भाई बहन के अटूट प्रेम का प्रतिक है। पूरे देश में यह त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। हर धर्म और जाती के लोग रक्षाबंधन को आनंद के साथ मनाते हैं।

Raksha-Bandhan-Speech-in-Hindi

इस आर्टिकल में आपको रक्षाबंधन पर भाषण (Raksha Bandhan Speech In Hindi) के बारे में बेहद सरल भाषा में माहिति प्रदान करेंगे। यह भाषण हर कक्षा के विद्यार्थियों के लिए मददगार साबित होगा।

Raksha Bandhan Speech in Hindi

यहां उपस्थित मेरे प्यारे श्रोतागणों, सभी को मेरा नमस्कार।

भारत का प्रमुख त्यौहार रक्षाबंधन को मनाने के लिए आज हम सब यहां एकत्रित हुए है। भारत एक संस्कृति और सभ्यता का देश है। यहां सभी रिश्तों को मान दिया जाता है। रक्षाबंधन भाई बहन के अटूट प्रेम और विश्वास का त्यौहार है।

वैसे तो भाई बहनों के बीच का प्रेम और कर्तव्य किसी एक दिन का मोहताज नहीं हैं। लेकिन ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व की वजह से ही यह त्यौहार हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण बन गया है। वैसे तो यह पर्व सभी धर्म के लोग मानते है लेकिन हिंदी और जैन धर्म का यह प्रमुख त्योहार है।

रक्षा बंधन भारत के प्राचीनतम पर्वों में से एक है, जो श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता हैं। रक्षाबंधन का दूसरा नाम राखी, सलूनो, श्रावणी हैं। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है। राखी का धागा बहन भाई के प्रेम और विश्वास का प्रतीक माना जाता है।

साथ साथ बहन अपने भाई के अच्छे स्वस्थ और लंबे जीवन की कामना करती है। उनके बदले में भाई अपनी बहन को आशीर्वाद देते है और जीवन भर उनकी रक्षा करने की प्रतिज्ञा करते है। साथ साथ वो अपनी बहनों को यथाशक्ति उपहार देता है।

ऐसा माना जाता है कि रक्षा बंधन की शुरुआत लगभग 6 हजार वर्ष पहले हुई थी। पौराणिक कथा के अनुसार राजा बलि को वचन देकर जब विष्णु पाताल जा पहुंचे तो श्रावण माह की पूर्णिमा को ही लक्ष्मी ने रक्षा सूत्र बांधकर विष्णु को मांगा था।

दूसरी पौराणिक कथा के अनुसार शिशुपाल का वध करते समय भगवान कृष्ण की तर्जनी अंगुली में चोट आ गई थी। उस समय द्रोपदी ने अपनी साड़ी का पल्लू फाड़कर भगवान कृष्ण की ऊँगली पर बाँध दिया था।

यह घटना श्रावण पूर्णिमा के दिन हुई थी। कृष्ण ने भी भाई का फ़र्ज़ निभाते हुए द्रौपदी के चीर पुरकर उनकी रक्षा की थी। तभी से इस दिन को रक्षा बंधन के रूप में मनाया जाता रहा हैं। विभिन्न क्षेत्रीय मान्यताओं और लोक परम्परा के अनुसार इसके विविध रूप भारत में ही देखने को मिलते हैं।

वर्तमान समय में रक्षाबंधन की परम्परा का धीरे धीरे वैश्विकरण हो रहा हैं। भाई बहन के रिश्तों के मायने का अस्तित्व मिट रहा है। लोग इस पर्व के मूल्यों को हल्के से ले रहे है।

रक्षा बंधन का नाम सुरक्षा के बंधन को बताता है, जो एक ऐसे समाज को सुनिश्चित करता है, जहां लड़कियां पूरी तरह से सुरक्षित हो और कोई भी भाई किसी की बहन को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा। लेकिन आज जगह- जगह पर बहनें खुद को असुरक्षित महसूस कर रही है।

दिन ब दिन लड़कियों पर अत्याचार बढ़ते जा रहे है। इन सबके बीच राखी का मूल्य कही खो गया है। हर भाई को बहन की राखी का आदर सत्कार करना चाहिए। बहन के प्रेमभाव और राखी के मूल्यों को समझना चाहिए।इन्ही के साथ मैं अपने रक्षा बंधन भाषण को यही पर पूर्ण करना चाहूंगा।

रक्षाबंधन  प्रेम, त्याग और कर्तव्य का बंधन है। मुझे उम्मीद है की आप भी रक्षा बंधन के महत्व को समझे और उन्हें अपने जीवन में उतरने की कोशिश करें।

धन्यवाद।

रक्षा बंधन क्यों मनाया जाता है? इतिहास, महत्व और पौराणिक कथा आदि के बारे में विस्तार से जानने के लिए यहां क्लिक करें।

Speech on Raksha Bandhan in Hindi

आदरणीय अतिथि और मेरे प्यारे श्रोतागणों,

सबको मेरा प्यार भरा नमस्कार।

आज इस मंच पर मुझे आप लोगों ने बोलने का मौका दिया, इसके लिए में दिल से शुक्रगुज़ार हूँ। आज हम यहाँ सब भाई बहन के प्रेम का त्यौहार रक्षा बंधन मनाने के लिए इकठ्ठा हुए है।

कहते है भारत त्यौहार का देश है और हर त्यौहार के पीछे कोई न कोई ऐतिहासिक और धार्मिक कारण जरूर होता ही है। इस त्यौहार के पीछे भाई बहन बीच के प्रेम भाव छुपा हुआ है। भारत में बड़े उल्लास के साथ यह त्यौहार मनाया जाता है।

श्रावण के महीने में पूर्णिमा तिथि के दिन आनेवाला यह त्यौहार का सामाजिक, पौराणिक, धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व है। यह एक ऐसा पर्व है जिसे भारत का हर वर्ग बड़ी खुशी के साथ मनाते है।

सभी बहनें इस पर्व का बड़ी बेसब्री से इंतज़ार करती है। बाजारों में कई दिन पहले से तरह तरह की रंगीबेरंगी राखियां मिलनी शुरू हो जाती है। मिठाई और कपड़े की दुकानों पर लोगों की बडी भीड़ लगी रहती है। बाजार की कुछ अलग ही रंगत नजर आती है।

रक्षाबंधन के दिन बहनें जल्दी तैयार हो जाती है और आरती की थाली सजाती है। अपने भाई को माथे पर तिलक लगाती है और हाथ की कलाई पर राखी बांधती है और बाद में अपने भाई का मुंह मीठा करवाती है। भाई भी बहन को उपहार देता है और साथ में जीवन भर उनकी रक्षा करने की प्रतिज्ञा लेता है।

इस पर्व के पीछे कई पौराणिक कथाएं जुडी हुई है। कहते है शिशुपाल के वध के दौरान कृष्ण को चोट लगने पर द्रोपदी ने अपना चीर फाड़कर कृष्ण की ऊँगली पर बाँध दिया था और कृष्ण ने भी द्रोपदी का मान सन्मान रखने का वचन दिया था।

उस दिन श्रावण के महीने में पूर्णिमा तिथि का दिन था। कृष्ण ने अपने वचन को चीरहरण के दौरान उसे निभाया भी था। वैसे रक्षा बंधन हिन्दुओं और जैनों का त्यौहार है, लेकिन उसे हर धर्म के लोग मानते भी है और निभाते भी है।

चितोर की रानी कर्णावती जो एक विधवा थी और सुल्तान बहादुर शाह के हमले से अपने राज्य को बचाना चाहती थी। अपने राज्य को बचाने के लिए असमर्थ रानी कर्णावती ने एक राखी सम्राट हुमायूँ को अपनी रक्षा करने के लिए भेजी।

हुमायूँ मुसलमान होते हुए भी अपनी बहन की रक्षा के हेतु अपनी एक सेना की टुकड़ी चित्तोर भेजी और बहादुर को पीछे हटना पड़ा। इतिहास में ऐसे हिन्दू मुस्लिम भाई-बहन की कई कहानियां मोजूद है।

रक्षाबंधन का त्यौहार समाज में प्यार और भाईचारा बढ़ता है। पूरी दुनिया में यह त्यौहार सबसे अलग है क्योंकि यह त्यौहार देश के प्राचीन और गौरवशाली संस्कृति की हमें याद दिलाती है।

इस भाषण के अंत में मैं यही कहना चाहता हूँ कि हमें इस पर्व का महत्व समझना चाहिए। हमें अपनी और दूसरों की बहनों को मान सन्मान देना चाहिए और एक भारतीय भाई होने के नाते हमें भारत की हर बहन की रक्षा के लिए सदा आगे खड़ा रहना चाहिए। रक्षाबंधन के मायने को हर हाल में साकार करना चाहिए।

धन्यवाद।

Raksha Bandhan Par Speech

सबसे पहले सभी भाई-बहन को रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाएं।

राखी का पर्व एक ऐसा पर्व है, जो बड़े और छोटे सभी के लिए खुशियां लाता है। यह पर्व भारत के हर कोने में अलग अलग तरीकों से मनाया जाता है। भाई बहन के शुद्ध प्यार का प्रतीक यह त्योहार हमें भारतीय संस्कृति का गौरव दिलाता है।

हमारी संस्कृति में हर रिश्ते को मान दिया जाता है, इसलिए हर रिश्ते के पीछे एक पर्व जुड़ा हुआ होता ही है। भाई बहन का यह पर्व दोनों के बीच प्यार और शांति को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है।

रक्षा बंधन श्रावण महीने के पूर्णिमा दिवस पर मनाया जाता है। पश्चिमी घाट में राखी पूर्णिमा को नारियल पूर्णिमा भी कहा जाता है। उत्तरी भारत में रक्षा बंधन को कजरी पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है।

इस पर्व के दौरान खेत में गेहूं और दुसरे अनाज को बिछाया जाता है। दक्षिण भारत में, रक्षा बंधन को श्रावणी या ऋषि तर्पण भी कहा जाता है। रक्षा बंधन के दिन किये गए पुण्य के कार्य से मनुष्य के पापों का नाश होता है, इसलिए इस पर्व को ‘पापनाशक’ पर्व भी कहते है।

रक्षा बंधन का मतलब है रक्षा का धागा । यह भाई बहन के बंधन को मजबूत करने के लिए रक्षा बंधन का काफी महत्व माना जाता है। हर साल बहन अपने भाई की कलाई में विधि अनुसार राखी बांधती है और अपने भाई से अपनी सुरक्षा का  का वचन मांगती है।

रक्षा बंधन से जुड़ी कुछ धार्मिक और ऐतिहासिक कहानियां भी जुडी हुई है। माना जाता है की रक्षा बंधन की शुरुआत प्राचीन काल के दौरान हुई थी।  देवाताओं और दैत्यों के बीच एक बार युद्ध हुआ, जिस में असुर बलि ने भगवान इंद्र को हरा दिया और अमरावती पर अपना अधिकार जमा लिया।

इंद्र की पत्नी सची भगवान विष्णु के पास पहुंची। भगवान विष्णु ने सची को इंद्र की कलाई में बांधने वाला एक धागा दिया और इंद्र  के सफलता की कामना की। सची ने इंद्र की कलाई में धागा बांध दिया। इसके बाद भगवान इंद्र ने बलि को हरा दिया।

प्राचीन काल से इस त्योहार को उसी तरीके से और परंपरा से मनाया जाता आ रहा है। चूँकि जैसे जैसे लोगों की जीवनशैली बदल रही है वैसे ही इस पवित्र त्यौहार को मानाने की परंपरा बदलती जा रही है। आज आधुनिकरण के दौर में रिश्तों के बीच दूरियां आ गई है।

आज इंसान को इंसान के लिए समय नहीं है। बहन भाई के बीच के प्यार के मायने बदल रहे है आज त्यौहार में भाव ना रहकर सिर्फ दिखावा रह गया है। समय की व्यस्तता के कारण राखी का पर्व में कम सक्रियता नज़र आने लगी है। अब मोबाइल पर ही राखी की शुभकामनाएं दे दी जाती हैं।

राखी एक पवित्र धागा है। भारतीय परंपरा में राखी के धागे को लोह से मजबूत माना जाता है क्योंकि यह आपस में प्यार और विश्वास की परिधि में भाइयों और बहनों को दृढ़ता से बांधता है। हमारे पर्व हमारी और हमारी संस्कृति की पहचान है। हमें इसे बदलने का प्रयास नहीं करना चाहिए।

Rakshabandhan Speech in Hindi

मेरे प्यारे श्रोतागणों को मेरा नमस्कार।

रक्षा बंधन एक ऐसा त्योहार है, जो भाई और बहन के बंधन का जश्न मनाता है। यह त्योहार हिंदू धर्म में मनाया जाता है। यह उनके सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। साथ ही साल भर बहन-भाई इसका बेसब्री से इंतजार करते हैं। भारत में लोग इसे बहुत जोश और उत्साह के साथ मनाते हैं।

हर उम्र के भाई-बहन रक्षा बंधन मनाते हैं। रक्षा का अर्थ है सुरक्षा और ‘बंधन’ का अर्थ बंधन है। रक्षा बंधन हिंदू कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है। यह सावन के महीने में आता है और लोग इसे महीने के आखिरी दिन मनाते हैं। यह शुभ त्योहार आमतौर पर अगस्त के आसपास ही पड़ता है।

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भाई-बहन का खास बंधन बहुत ही अनोखा होता है। एक-दूसरे के लिए उनकी जो देखभाल है, उसकी कोई सीमा नहीं है। आपस में कितनी भी लड़ाई क्यों न हो, सपोर्ट में हमेशा उनके पीछे खड़े रहते हैं। छोटी-छोटी बातों पर भाई-बहन आपस में झगड़ जाते हैं।

दूसरे शब्दों में, वे एक ऐसा बंधन साझा करते हैं, जो चिढ़ाने और प्यार से भरा होता है। जीवन के हर पड़ाव पर उनके बीच का बंधन मजबूत होता है। बड़े भाई अपनी बहनों को लेकर काफी प्रोटेक्टिव होते हैं।

इसी तरह बड़ी बहनें अपने छोटे भाइयों का बहुत ख्याल रखती हैं। छोटे अपने बड़े भाई-बहनों की ओर देखते हैं। रक्षा बंधन  दोनों द्वारा साझा किए गए अद्वितीय और विशेष संबंधों का प्रतीक है। यह उनके प्यार, एकजुटता और एक दूसरे में विश्वास के प्रतीक के रूप में कार्य करता है।

रक्षा बंधन बहनों के लिए लाड़ प्यार करने का समय है। इस शुभ अवसर पर बहनें अपने भाई की कलाई पर पवित्र धागा यानी राखी बांधती हैं। ऐसा अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र की कामना के लिए किया जाता है।

दूसरी ओर, भाई, बदले में, अपनी बहनों को आशीर्वाद देते हैं और उनकी रक्षा करने और जीवन भर उनकी देखभाल करने का वचन देते हैं। इस दिन बहनों को बहुत प्यार और लाड़  चॉकलेट, उपहार, पैसे, कपड़े और बहुत कुछ के रूप में मिलते है।

हम देखते हैं कि बाजार रंग-बिरंगी राखियों और उपहारों से सराबोर हैं। हर साल, फैशनेबल और नयी नयी राखियाँ बाजार में घूमती हैं। महिलाएं अपने भाइयों के लिए उत्तम राखी की खरीदारी करती हैं और पुरुष अपनी बहनों के लिए उपहार खरीदने के लिए बाहर जाते हैं।

रक्षा बंधन प्रेम और सद्भाव का प्रतीक है, लेकिन अगर हम हिंदू पौराणिक कथाओं का अध्ययन करते हैं तो राखी केवल भाइयों और बहनों द्वारा नहीं की जाती थी।

भगवान इंद्र देव और सची के पौराणिक मिथक में भगवान इंद्र जब खतरे में थे, तब उनकी पत्नी सची ने उनकी कलाई पर एक पवित्र कंगन बांध दिया, जो उन्हें भगवान विष्णु ने दिया था।

इस प्रकार, प्राचीन काल में विवाहित जोड़ों के लिए धागा बांधने की परंपरा बन गई है, लेकिन वर्तमान समय में, यह भाई-बहनों से लेकर हर तरह के रिश्ते तक फैल गया है। ब्रिटिश राज के दौरान, यह पवित्र त्योहार विभिन्न समुदायों के बीच दोस्ती और एकता को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता था।

राखी एक पवित्र पर्व है। हमें इस पर्व की महत्ता को समझना चहिए ताकि आने वाली पीढ़ी को भी हम इसका महत्व समझा सके।

निष्कर्ष

हम उम्मीद करते हैं कि आपको रक्षाबंधन पर भाषण (Raksha Bandhan Speech In Hindi) पसंद आये होंगे। इसे आगे शेयर जरूर करें और कोई सुझाव या सवाल हो तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Read Also

गणतंत्र दिवस पर भाषण

स्वतंत्रता दिवस पर भाषण

शिक्षक दिवस पर भाषण

Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

Related Posts

Leave a Comment