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प्रधानाचार्य के लिए स्वतंत्रता दिवस पर भाषण

Speech on Independence Day for Principal in Hindi: हमें शिक्षित करने वाले महान पुरुष लोग यदि हमें अपने शब्दों से प्रेरित तथा मोटिवेट करते हैं और अपने द्वारा किए गए अनुभवों से उस पथ पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं तो हमारा जीवन धन्य हो जाता है। यदि किसी राष्ट्रीय पर्व पर हमारे कॉलेज के प्रमुख अर्थात प्रधानाचार्य द्वारा हमें कुछ आकर्षक शब्दों से प्रेरित किया जाए तो हमारा जीवन बुलंदियों की ऊंचाइयों को छूने के लिए ललक उठेगा।

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Image : Speech on Independence Day for Principal in Hindi

हम इस आर्टिकल में आपको प्रधानाचार्य के लिए स्वतंत्रता दिवस पर भाषण ( Speech on Independence Day for Principal in Hindi) के बारे में बेहद सरल भाषा में माहिति प्रदान करेंगे। यह भाषण हर कक्षा के विद्यार्थियों के लिए मददगार साबित होगा।

प्रधानाचार्य के लिए स्वतंत्रता दिवस पर भाषण | Speech on Independence Day for Principal in Hindi

प्रधानाचार्य के लिए स्वतंत्रता दिवस पर भाषण (500 शब्द)

स्वतंत्रता दिवस के इस पर्व पर आए हुए अतिथि गण तथा सभी प्यारे विद्यार्थियों और इस विद्यालय के स्टाफ को स्वतंत्रता दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं देना चाहूंगा।

मैं विनय चौधरी, विद्यालय का प्रधानाचार्य पिछले 10 वर्षों से इस विद्यालय में प्रधानाचार्य के पद पर हूँ तथा इस विद्यालय के कार्यभार को मैं पिछले 10 वर्षों से अपनी पूर्ण क्षमता को महत्वपूर्ण तथा अच्छी लगन से संभालता आ रहा हूं। इस विद्यालय ने मेरे पिछले कार्यकाल में कई चढ़ाव वह उतार हुए हैं।

विद्यालय की नींव भी हमने देखी है तथा इसे मेरे तथा मेरे शिक्षको के द्वारा फिर से खड़ा कर दिया गया। मैं उन शिक्षकों का धन्यवाद कहना चाहूंगा, जिन्होंने मेरे साथ मिलकर इस कॉलेज तथा इस विद्यालय के लिए उतना ही आत्मसमर्पण तथा त्याग किया है, जितना मेरे जीवन में रहा।

आज स्वतंत्रता दिवस के 75 वें अवसर पर आज विशेष उत्सव का आयोजन किया जाएगा। आज के दिन ही हमारे पूर्वज तथा हजारों सैनिकों ने अपनी कुर्बानी देकर इस देश को आजाद करवाया था। हमारे क्रांतिकारी वीर सपूतों ने अपने शौर्य का परिचय अपनी धरती पर लहरा कर अंग्रेजों को घुटनों के बल वापस किया था।

आज का दिन ऐतिहासिक दिन है। आज राष्ट्रीय पर्व मैं एक महान पर्व माना जाता है। भारत एक समानता तथा अखंडता का देश है। भारत में अनेक प्रकार की जनजाति निवास करती हैं, परंतु भारत में कुछ लोगों द्वारा भेदभाव को भी माना जाता है लेकिन इस नींव को हमारे कानून में कोई स्थान प्राप्त नहीं है। हम यहां सभी वर्ग जाति धर्म के लोगों साथ मिलजुल कर रहते हैं तथा यहाँ सभी प्रकार के त्योहारों को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।

हमारे भारत की कुछ खास बात है हमारे भारत में अनेक जातियां निवास करती हैं और यह असमानता का कोई प्रतीक नहीं है हमारे देश की पृष्ठभूमि को एक विशेष दर्जा प्राप्त है। इस देश में आने वाले अतिथि को देवता के समान माना जाता है तथा अतिथि देवो भव के रूप में जाना जाता है।

अतिथि को देवता के समान जो सम्मान मिलता है उससे अतिथि अपने आपको इतना गौरवान्वित तथा सम्मानित महसूस करता है। यही हमारे देश की परंपरा है। पिछले 71 सालों में हमारा देश प्रगति के रास्ते पर चलता रहा है। निरंतर उसने अपनी छवि को पूरे विश्व में वितरित किया है चाहे वह टेक्नोलॉजी से संबंधित हो या फिर मेडिकल साइंस से या फिर किसी अन्य क्षेत्र से।

पिछले 71 सालों में विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र हमारे भारत का है। हमारा भारत जैसा लोकतंत्र तथा मजबूत देश विश्व के लिए एक उदाहरण है। भारत एक अखंड देश है।

भले ही हमारे भारत की आजादी के कई वर्ष हो गए हैं, परंतु उन क्रांतिकारी तथा हमारे राष्ट्रपति बापूजी जैसे महान पुरुषों को नहीं भूलना चाहिए। उनके प्रति हमेशा सजग रहना चाहिए। उनके सम्मान में हमारा सर हमेशा झुक जाना चाहिए। उनके द्वारा बताए गए आदर्शों तथा मार्गों का अनुसरण हमें अपने जीवन में करना चाहिए।

विद्यार्थी के लिए उन्होंने अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मान लिया है। उन्होंने कई ऐसे उपदेश दिए हैं जिनके अनुसरण से विद्यार्थी को सफलता की राह मिल सकती है। उन्होंने इस देश के लिए कई बलिदान दिए हैं। उनके द्वारा चलाए गए दांडी मार्च यात्रा असहयोग आंदोलन सहयोग आंदोलन जैसे आंदोलनों से इस देश को कहीं न कहीं आजादी की ओर सामर्थ्य मिला और आज हमारा देश 75वा स्वतंत्र दिवस के रूप में आपके समक्ष प्रस्तुत हैं। आज का भारत एक बहुत प्रिय भारत है।

देश के कई व्यक्तियों द्वारा हमारे देश को जाति धर्म में बांटने का प्रयत्न किया गया। परंतु हमारा भारत अखंड रहा है और अखंड रहेगा। इन सब को पीछे हटाते हुए भारत एक नए भारत के रूप में बढ़ता जा रहा है। यह डिजिटल इंडिया के रूप में अपनी छवि पूरे विश्व में प्रचलित करता जा रहा है।

आज का भारत पिछले कई वर्षों के भारत से बेहतर बन चुका है। जहां पर हमारी संस्कृति का सम्मान किया जाता है तथा व्यक्ति के अंदर देश के प्रति जो भावना है वह देश प्रेमी की गुहार लगाती है।

तो चलिए इस बेहतरीन भारत का विकास बढ़ाते है। इसी क्रम में हमारे बच्चों द्वारा कई सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा गीत संगीत व नृत्य का आयोजन किया गया है। मैं बस अंतिम वाणी में इतना कहना चाहूंगा कि ऊपर जो दिख रहा है वह आसमान है और यहां जो दिख रहा है, यह भारत नहीं हिंदुस्तान है।

धन्यवाद।

प्रधानाचार्य के लिए स्वतंत्रता दिवस पर भाषण (500 शब्द)

आए हुए सभी अतिथि महोदय तथा इस विद्यालय के समस्त अध्यापकों और हमारे प्यारे बच्चों को स्वतंत्रता दिवस पर ढेरों शुभकामनाएं।

हर साल की तरह इस साल भी हमारे शिक्षक, हमारे छात्रों द्वारा तथा विद्यालय के कर्मचारियों द्वारा इस विद्यालय में स्वतंत्रता दिवस के पर्व के लिए इतने कम समय में जितनी तैयारियां की गई हैं यह प्रशंसा की बात है। इस विद्यालय में उपस्थित छात्र व शिक्षकों की मेहनत इस विद्यालय को एक विशेष रूप में प्रचलित किया। मैं इस विद्यालय के समस्त शिक्षकों का सम्मान करता हूं।

स्वतंत्रता दिवस के विषय में, मैं आपको बताने से पहले बच्चों से पूछना चाहूंगा कि आप क्या इस स्वतंत्रता दिवस को सिर्फ एक स्वतंत्र दिवस के रूप में या एक स्वतंत्र व्यक्ति के रूप में जानते हैं क्या? आप इसके विषय में बस इतना जानते हैं यह हमारे क्रांतिकारी सैनिकों द्वारा दी गई आजादी है तथा हम उनके द्वारा आजाद हुए हैं।

आपको बता देना चाहूंगा कि स्वतंत्रता मिलना एक हमारा कर्तव्य है। स्वतंत्र व्यक्ति हमेशा से अराजकता की ओर जाता है और अराजकता उसे एक बुरा व्यक्ति बनाने की मांग करती है अर्थात वह बुरे कार्यों को अपनाने लगता है लेकिन मैं आशा करता हूं कि हम अराजकता की ओर न जाकर अपने कर्तव्य की ओर आत्मसमर्पण करें तथा मुझे पूरा विश्वास है कि आप सब अपने कर्तव्य को समझेंगे।

स्वतंत्रता पाना एक हमारा कर्तव्य है, जो हमारे क्रांतिकारी सैनिकों ने हमें आजादी देकर दी है। आपका भी कर्तव्य है की क्रांतिकारियों द्वारा दिए गए स्वतंत्र भारत पर कोई आंच ना आए तथा इसे और भी सुंदर और अखंड भारत के रूप में निर्माण करें।

यह आपका कर्तव्य होना चाहिए। हमें दृढ़ संकल्प लेना चाहिए कि इस भारत देश में फैल रहे भ्रष्टाचार को हम दूर करेंगे तथा हम अपने पेड़ पौधों को काटने से बचाएंगे। खत्म हो रहे नदी झरने को हम बचाएंगे, जिससे हमारा देश वैसा ही रहे जो पूर्व क्रांतिकारियों ने हमें उपहार में दिया था।

आज अर्थात 2021 में मनाए जाने वाले स्वतंत्रता दिवस 75 वां है अर्थात हमारी स्वतंत्रता दिवस की वर्षगांठ 75वीं है, जिसे हम अमृत महोत्सव के नाम से भी जानते हैं। हमारे देश को अंग्रेजों द्वारा इतना खोखला कर दिया गया था कि हमारा देश अपने पैरों पर खड़े होने के काबिल नहीं बचा।

परंतु कुछ महापुरुषों द्वारा इस देश को कुछ स्तंभ लगाकर अपने पैरों पर खड़े होने के काबिल बनाया। इस देश के संविधान का निर्माण किया। संविधान से चलने वाला हमारा भारत देश जो एक विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक गणराज्य अपने भारतीय बच्चों का हित सोचता है।

जैसा कि मैंने पहले ही बताया हमारा देश सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। यहां पर सबको समानता प्राप्त है तथा सबको किसी के कार्य में अहित न करने के अलावा अपने कार्य को संपन्न करने की शक्ति प्राप्त है। एक नागरिक को अपने तरीके से जीवन जीने का अधिकार मिला हुआ है।

वह किसी भी राज्य में किसी भी भाषा को बोल सकता है तथा लोकतंत्र के इस बड़े भारत में अभी कई ऐसे कार्य हैं, जो विकासशील की गद्दी पर हैं। जिससे हमारा भारत विकासशील भारत कहलाता है लेकिन यह लगातार विकसित देश की ओर बढ़ता जा रहा है। जिसके विषय में तथा जिस का कर्तव्य जिसकी शक्ति हमारा युवा है। युवा शक्ति ही हमारे देश को विकसित करेगा जिस का भविष्य हम सबको साफ दिख रहा है

हमें कई गंभीर ऐसे मुद्दों पर सोचना चाहिए तथा कई ऐसे कार्यों को अपने कर्तव्य में जोड़ना चाहिए, जो आप इस देश को विकसित देश की ओर ले जाएं। आप कभी भी अपने सिद्धांतों के साथ समझौता न करिएगा क्योंकि सिद्धांतों के साथ समझौते से आप सीमित क्षेत्र में रह जाएंगे।

आपसे निकलने वाला इंजीनियर डॉक्टर पॉलिटिक्स लीडर इस देश को विकसित देश की ओर लेकर जाएगा। मैं आशा करता हूं कि आप किसी भी ऐसे गैर संवैधानिक तथा गैर कानूनी कार्यों में न पड़ेंगे जो आपके भविष्य को कुचल दें।

अपनी अंतिम शब्दों में बस बस इतना कहना चाहूंगा कि देश आपका है देश की रक्षा आपको करनी है। आप देश के युवा और देश के भविष्य की डोर भी आपके हाथों में है।

धन्यवाद।

प्रधानाचार्य के लिए स्वतंत्रता दिवस पर भाषण (500 शब्द)

मैं इस विद्यालय का प्रधानाचार्य, आए हुए मुख्य अतिथि विधायक जी तथा इस विद्यालय के समस्त शिक्षक गणों और इस विद्यालय के छात्र छात्राओं को मैं इस राष्ट्रीय पर्व पर स्वतंत्रता दिवस की ढेरों शुभकामनाएं देना चाहूंगा।

आज 15 अगस्त है, जिसे स्वतंत्रता दिवस के नाम से जानते हैं। आज से लगभग 75 वर्ष पहले 15 अगस्त सन 1947 को हमारा भारत अंग्रेजों के चंगुल से आजाद हुआ था। इस आजादी के पीछे कई क्रांतिकारी सैनिकों तथा कई महान पुरुषों ने अपने बलिदान को दिया। बलिदान ही नहीं अपितु उन्होंने अपने परिवार को भी खोया।

इस स्वतंत्र दिवस को हमें बड़े जश्न और उल्लास के साथ मनाना चाहिए तथा अपने कर्तव्य से कभी पीछे नहीं हटना चाहिए। आज इस विद्यालय में स्वतंत्र दिवस को मनाने के लिए कई कार्यक्रम संगीत नृत्य तथा नाटक किए जाएंगे, जो काफी सांस्कृतिक हैं लेकिन उसके पूर्व हमें उन क्रांतिकारी महापुरुषों को याद कर लेना चाहिए।

जिन्होंने हमें शपथ दिलाई है जिन का बलिदान इस देश को स्वतंत्र करना था। हमारे कुछ महान पुरुष जो महात्मा गांधी, शहीद भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस, डॉ राजेंद्र प्रसाद, दादाभाई नौरोजी, लाल बहादुर शास्त्री, लाला लाजपत राय, सरदार वल्लभभाई पटेल आदि जैसे महान स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करनी चाहिए।

इन सभी महान पुरुषों को मेरा आदर सम्मान प्रणाम। इन महापुरुषों ने अपने धैर्य, धीरज तथा शौर्य पराक्रम से इस देश को आजाद करवाया जो काबिले तारीफ है।

उन्होंने स्वतंत्रता के लिए लंबे समय तक संघर्ष किया। अंग्रेजों द्वारा दिए गए उत्पीड़न से वे अपने कर्तव्य से कभी पीछे नहीं हटे।  मुझे बड़ा गर्व होता है। हमें अपनी स्वतंत्र सेनानियों द्वारा दिए गए बलिदानों को कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। हमें उनके बलिदानों को याद कर के अपने आप में एक आक्रोश की भावना पैदा करनी चाहिए।

उनके द्वारा दिए गए इस देश के आत्मसमर्पण को हमें याद करना चाहिए तथा उनके द्वारा बताए गए मार्गदर्शन ऊपर चल कर इस देश की रक्षा करनी चाहिए। यह देश हमारा है और इस देश की रक्षा का भार हमारे कंधों पर है। हमें इस देश की रक्षा करनी चाहिए।

हमें इस देश में हो रहे भ्रष्टाचार को रोकना चाहिए। इन अपराधियों को रोकना चाहिए। उन पर आवाज उठाना चाहिए हमें कानून का सहारा लेकर उन अपराधियों को जेल तक ले जाना चाहिए तथा हमें अपने देश को अपने भारत देश में स्वच्छता जैसे कार्यक्रम को भी आगे बढ़ना चाहिए।

यह हमारा मूल कर्तव्य होना चाहिए हमारा देश जो कई बलिदानों को तथा कई क्रांतिकारियों को खोया है। उन बलिदानों उन क्रांतिकारियों का मूल्य व्यर्थ नहीं जाना चाहिए। आइए हम सब मिलकर, अपराध मुक्त भारत का निर्माण करने के लिए दृढ संकल्प लें।

तथा मैं अपने अंतिम शब्दों में बस इतना ही कहना चाहूंगा कि यह देश हमारा है, इसकी रक्षा भी हमें ही करनी होगी।

धन्यवाद।

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