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गणतंत्र दिवस पर भाषण

भारत में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस बड़े धामधूम से बनाया जाता है। इस दिन देशभर में विविध स्थानों पर छोटे बड़े कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। जिसमें gantantra diwas par bhashan दिए जाते हैं।

इस लेख में गणतंत्र दिवस पर भाषण हिंदी में शेयर कर रहे हैं। यह सभी भाषण बहुत भी सरल और सीधे शब्दों में लिखे गये हैं। इन्हें आसानी से याद किया जा सकता है। आप इसे आसानी से प्रस्तुत कर सकते हैं।

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यह गणतंत्रता दिवस पर भाषण अलग अलग शब्द सीमा में लिखे गये हैं। आप अपनी पसंद और सरलता के अनुसार चयन कर सकते हैं। चलिए जानते हैं 26 जनवरी पर भाषण हिंदी में

गणतंत्र दिवस पर भाषण

आदरणीय अतिथिगण, मेरे साथियों और मेरे प्यारे देशवासियों को मेरा सत सत नमस्कार।

सबसे पहले में सबको गणतंत्र दिवस की बधाई देना चाहूंगा।

जैसा कि हम सब जानते है कि पूरे भारत में आज यानि कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। 150 साल अंग्रेजों की गुलामी करने के बाद 15 अगस्त के दिन भारत को आज़ादी मिली और 26 जनवरी यानि कि आज के दिन साल 1950 में देश का संविधान लागू हुआ था।

आज का दिन, देश-विदेश में रहने वाले सभी भारतीयों के लिए राष्ट्रीय गौरव का दिन है। यह दिन हमें हमारे उन संघर्ष की याद दिलाता है जब अंग्रेजों के खिलाफ हमारे स्वतंत्रता सैनानियों ने बड़ी बहादुरी से अहिंसा नामक शस्त्र का उपयोग करके हमें आज़ादी दिलाई थी।

आज हम उस लोकतांत्रिक देश में रह रहे हैं, जहाँ प्रत्येक नागरिक को समानता, स्वतंत्रता, सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकार का समान हक मिला है। भारत को आज़ादी मिलने के बाद भारतीय संविधान देश की संसद द्वारा 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन पूरे करने के बाद आज के दिन पारित किया गया था।

इसके बाद, भारत ने खुद को लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया था। आज भारत का नाम विश्व के सबसे बड़े और जीवंत लोकतन्त्र में शामिल है। गणतंत्र दिवस के त्योहार का एक अलग ही महत्व है। क्योंकि यह भारतीय सांस्कृतिक और सामाजिक विरासत को प्रदर्शित करता है।

सभी भारतीय के लिए यह एक अभिमान का दिन है। इस पर्व के मौके पर भारत की राजधानी दिल्ली में राजपथ पर तिरंगा फहराया जाता है। गणतंत्र दिवस उत्सव भारत के राष्ट्रपति की उपस्थिति में आयोजित किया जाता है, जहां उन्हें 21 तोपों की सलामी दी जाती है। गणतंत्र दिवस उत्सव का प्रमुख आकर्षण दिल्ली के विजय चौक से लाल किले तक होने वाली परेड है।

देश और विदेश में से कई अतिथि को आमंत्रित किये जाते है। गांव से लेकर शहरों तक हर जगह पर राष्ट्रभक्ति के गीतों की गूंज सुनाई देती है। देश के हर नागरिक के दिल में फिर से एक बार राष्ट्रभक्ति की भावना जागृत होती है।

आज का दिन हमारे सभी नागरिकों के बीच विविधता, बंधुत्व और समानता में एकता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने का दिन है। यह भारतीय रक्षा क्षमता को भी प्रदर्शित करता है।

इस प्रतिष्ठित अवसर पर हमारे देश के वीरों, जवानों को भुलाया नहीं जा सकता, जिसने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। इस दिन उन सभी शहीदों को पुरस्कार और चक्र दिए जाते है, जो अपनी मातृभूमि के लिए शहीद हो गए।

इस भाषण के अंतिम चरण में यही कहना चाहूंगा कि हमें अपने देश को विश्व के सभी देशों से बेहतर बनाने की कोशिश करनी चाहिए। इसके लिए हमें एक जुट होना पड़ेगा और इसके लिए हमें गरीबी, बेकारी, भ्रष्टाचार, अशिक्षा, ग्लोबल वॉर्मिंग, असमानता जैसे दानव का जमकर मुकाबला करना पड़ेगा।

इस दिन सभी नागरिकों को मिलकर ये वादा करना चाहिये कि हम अपने देश के संविधान की सुरक्षा करेंगे, देश की शांति और समरसता को बनाए रखेंगे। देश के विकास में सहयोग देने के लिए एक साथ खड़े रहेंगे।

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Gantantra Diwas Par Bhashan

नमस्कार। आदरणीय अतिथि और मेरे प्यारे साथियों,

आज का दिन भारत भारत का ऐतिहासक दिन माना जाता है। गणतंत्र दिवस उस ऐतिहासिक क्षण को याद करने के लिए मनाया जाता है, जब हमारा देश एक स्वतंत्र गणतंत्र देश बना था। हमारे देश को 15 अगस्त 1947 के दिन स्वतंत्रता मिली थी, लेकिन देश अंग्रेजों द्वारा लागू कानूनों द्वारा शासित था।

26 नवंबर 1949 के दिन डॉ बी आर अम्बेडकर की अध्यक्षता में एक समिति रची गई। उन्होंने भारतीय संविधान का एक मसौदा प्रस्तुत किया, जिसे आधिकारिक तौर पर 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। इस लिए गणतंत्र दिवस प्रत्येक भारतवासी के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है।

‘गणराज्य’ शक्ति का प्रतीक है क्योंकि गणतंत्र देश में रहने वाला हर एक निवासी राष्ट्र का नेतृत्व करने के लिए अपने प्रतिनिधियों को चुनने के अधिकार की सराहना करता है।

गणतंत्र दिवस उत्सव राष्ट्रीय राजधानी, नई दिल्ली में, राजपथ पर भारत के राष्ट्रपति की उपस्थिति में आयोजित किया जाता है। यह त्योहार राष्ट्रपति भवन के दरवाजे से शुरू होता है।

इस दिन राजपथ पर औपचारिक जुलूस निकलते है। इंडिया गेट के पास राजपथ पर रायसीना हिल गणतंत्र दिवस समारोह का मूल आकर्षण है, जहाँ पुरे देश की संस्कृति को पेश किया जाता है।

विभिन्न राज्यों द्वारा भारतीय संस्कृति और रीति-रिवाजों का एक बड़ा प्रदर्शन भी किया जाता है। देश के लिए शहीद होने वाले वीरों को भी याद किया जाता है और राष्ट्रपति द्वारा उन्हें पुरस्कार से नवाजा भी जाता है।

यह दिन पूरे भारत में एक ऊर्जा के साथ मनाया जाता है। हर स्कूल, कॉलेज और कार्यालय में विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं, जिनमें नृत्य, गायन और गणतंत्र दिवस भाषण देना शामिल है। यह पर्व हर भारतवासी को गर्व और सन्मान दिलाता है। विदेश में बसे भारतीय भी इस दिन को जरूर याद करते है।

आज भारत देश आगे बढ़ रहा है और दुनिया के हर क्षेत्र में अपनी जगह बना रहा है। जिस तरह से अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में भारत को आज भारी समर्थन मिल रहा है, वह उस प्रभाव का संकेत है कि भारत आज विकास के पथ पर चल रहा है।

आज के दिन हमें  हमारे महान नेताओं को जरूर याद करना चाहिए। उनके जीवन और विचारों पर ध्यान करने के लिए इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए।

समानता हमारे गणतंत्र के लिए काफी आवश्यक है। सामाजिक समानता ग्रामीणों, महिलाओं, हमारे समाज के कमजोर वर्गों, अर्थात् अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति, दिव्यांग-जन और बुजुर्ग लोगों के लिए गरिमा की गारंटी देती है।

देश के विकास के लिए हमें नैतिकता की राह पर चलना होगा। ‘संवैधानिक नैतिकता’ का महत्व भी बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने संविधान का मसौदा पेश करते हुए अपने भाषण में स्पष्ट बताया था।

अब में अपने इस भाषण को यही पर समाप्त करने जा रहा हूँ। लेकिन अंत में यही कहना चाहूंगा कि आज के दिन हमें अपने देश को एक वादा करना होगा कि हम अपने आनेवाली पीढ़ी को दुनिया के सबसे बड़े गणतंत्र देश का मूल्य और महत्व समझाएंगे। देश के विकास के लिए हमारी ज़िंदगी का हर एक पल देश के नाम न्योछावर कर देंगे।

जय हिन्द, जय भारत।

Republic Day Speech in Hindi

माननीय अतिथि और यहाँ उपस्थित मेरे प्यारे साथियों,
सबको मेरा नमस्कार।

सबसे पहले में आप सबको मेरी तरफ से गणतंत्र पर्व की बधाइयाँ देता हूँ। आज हम सब मिलकर यहाँ हमारा 72वां गणतंत्र दिवस माना रहा है। यह हमारे देश भारत और हर एक भारतवासियों के लिए बड़े गर्व की बात है।

हर साल भारत में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस बड़ी धाम धूम के साथ माना जाता है। 26 जनवरी 1950 के दिन भारत के प्रथम राष्‍ट्रपति डॉ. राजेन्‍द्र प्रसाद ने भारत के इस ऐतिहासिक दिन की घोषणा की थी और साथ साथ में उन्होंने 21 तोपों की सलामी के बाद भारतीय राष्‍ट्रीय ध्‍वज को फहराया था।

150 साल की गुलामी के बाद हम अंग्रेजो के शासनकाल से मुक्त होकर हमारा देश स्‍वतंत्र हुआ और दुनिया में एक धर्मनिरपेक्ष और लोकतन्त्र राष्‍ट्र का निर्माण हुआ। 26 जनवरी 1950 को हमारे देश का संविधान बाबा साहब डॉक्टर भीम राव अंबेडकर द्वारा बनाया गया था।

भारत के शूरवीर क्रांतिकारियों ने सन 1930 के इस दिन ही भार‍त को आजाद और पूर्णरूपेण स्‍वतंत्रता को साकार करने का सपना देख लिया था। इस सपने को हकीकत बनाने के लिए उन्होंने अपनी जान की कुर्बानी तक दे दी।

आज के दिन भारत के लिए शहीद हुए हर सैनिक की कुर्बानी को हम नज़र अंदाज़ नहीं कर सकते। क्योंकि इसकी बदौलत कि हम आज अपने देश में सुख शांति के साथ जीवन बसर कर रहे है।

भारत के गणतंत्र दिवस समारोह पर पूरी दुनिया की नजरें रहती है। हर साल इस दिन भारत की राजधानी दिल्ली में राजपथ पर हमारे राष्‍ट्रपति तिरंगा फहराते है। इसके बाद भव्य परेड निकाली जाती है, जो देश की एकता और अखंडता के साथ भारत की सैन्य ताकत को भी दर्शाती है।

इस दिन पूरे देश में छुट्टी होती है। सभी नागरिकों के दिल में देश के प्रति देशभक्ति दिखाई देती है। कई जगहों पर देशभक्ति के गाने बजाये जाते है। इस दिन देश में सभी नागरिकों का एक अलग ही अंदाज़ होता है।

इस राष्ट्रीय पर्व का संबंध किसी धर्म या जाति से न होकर राष्ट्र से होता है। सभी धर्मों के लोग इस दिन को समान भाव से मनाते हैं। हम सबको भी इस दिन का महत्व जरूर समझना चाहिए। एक अच्छे नागरिक होने के नाते हमें देश के विकास में सहयोग जरूर देना चाहिए। देश के प्रति अपने कर्तव्य का पालन जरूर करना चाहिए।

आज देश में काफी बुराईयों ने अपना सिक्का जमा लिया है, इस बुराइयों से देश को छुटकारा देने के लिए हमें एकजुट होना होगा क्योंकि एकता में ताकत होती है।

हमारे स्वतंत्रता का संघर्ष अहिंसा, सहयोग, अभेदभाव जैसे कुछ उच्च सिद्धांतों और विचारों पर आधारित था। इस संघर्ष में कई महान आत्माओं ने अपना बलिदान दे दिया।

हमें आज इन महान विभूतिओं को जरूर याद करना चाहिए। मैं इस भाषण को उन महान आत्माओं के लिए मौन के क्षण के साथ समाप्त करना चाहता हूं।

मुझे आप सभी के सामने खड़े होने और अपने विचार व्यक्त करने का यह शानदार अवसर देने के लिए मैं आप सबको धन्यवाद देना चाहता हूँ।

जय हिंद।

26 January Speech in Hindi

हमारे आदरणीय प्रधानाचार्य, मेरे शिक्षकों, मेरे वरिष्ठों और सहयोगियों को सुप्रभात।

आज हम अपने गणतंत्र दिवस मनाने के लिए यहां एकत्रित हुए हैं। दुनिया के सबसे बड़े और सबसे जीवंत लोकतंत्र के गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर आप सभी को बधाई। इस दिन, मैं आपको इस विशेष अवसर के बारे में कुछ तथ्य बताना चाहता हूं।

हमारे देश को स्वतंत्रता १५ अगस्त १९४७ को मिली थी, लेकिन हमारे संविधान को लागू होने में कुछ समय, ढाई साल लग गए। 26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान पूर्ण रूप से लागू हुआ। तब से हमने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाने की इस परंपरा की शुरुआत की, जिसे गणतंत्र दिवस के रूप में भी जाना जाता है।

इस शुभ दिन पर हमारा कर्तव्य है कि हम सभी उन स्वतंत्रता सेनानियों याद करें, जिन्होंने हमारी भलाई के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने बहुत कुछ त्याग दिया था। यही वजह है कि इस दिन को हमारे देश के आत्मगौरव और सम्मान से भी जोड़ा जाता है।

विविधता से समृद्ध हमारी इस भूमि में कई त्योहारों के साथ, हमारे राष्ट्रीय त्योहार सभी देशभक्ति के उत्साह के साथ मनाते हैं। हम गणतंत्र दिवस के राष्ट्रीय त्योहार को उत्साह के साथ मनाते है।

देश और विदेश में रहने वाले सभी भारतीयों के लिए यह दिन बहुत मायने रखता है। हम सभी के लिए यह दिन संविधान द्वारा प्रतिपादित मूल मूल्यों पर  विचार करने का भी है।

हमारे संविधान में न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व पर भी प्रकाश डाला गया है। इसका स्थायी पालन न केवल उन लोगों के लिए है, जिन्हें शासन करना अनिवार्य है बल्कि हम जैसे आम नागरिकों के लिए भी मायने रखता है।

यह अकारण नहीं है कि संविधान बनाने वाले बुद्धिमान पुरुषों और महिलाओं ने इन चार शब्दों को संविधान की शुरुआत में ही उस नींव को बनाने के लिए चुना जिस पर हमारे लोकतंत्र की इमारत टिकी हुई है।

बाल गंगाधर ‘तिलक’, लाला लाजपत राय, महात्मा गांधी और सुभाष चंद्र बोस जैसे महान नेताओं और विचारकों की एक आकाशगंगा ने हमारे स्वतंत्रता संग्राम को प्रेरित किया। उनके पास मातृभूमि के शानदार भविष्य के विविध सपने थे।

मैं चाहता हूं कि हम इतिहास में और पीछे जाएं और पूछें कि इन मूल्यों ने हमारे राष्ट्र-निर्माताओं का मार्गदर्शन क्यों किया।

इस भूमि और इसके निवासियों ने अनादि काल से इन आदर्शों को पोषित किया है। जैसा कि स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने समय में किया था, वैसे ही हमें अपने समय में करना चाहिए।

इन प्रमुख सिद्धांतों को हमारे विकास के मार्ग पर प्रकाश डालना चाहिए। भारत का नागरिक एक स्तंभ है, जिस पर भारत गणराज्य की विरासत है खड़ा है। हम सभी को मिलकर भारत की विरासत को आगे ले जाना चाहिए।

एक विशाल राष्ट्र को प्रगति और समृद्धि के पथ पर ले जाना वास्तव में एक बड़ी परियोजना है। इसके लिए हम में से प्रत्येक के प्रयास की आवश्यकता होगी। जो तभी संभव है, जब हम एकजुट रहें और के सिद्धांतों की प्रशंसा करें।

अलविदा।

निष्कर्ष

हम उम्मीद करते हैं कि आपको 26 जनवरी पर भाषण (Speech on Republic Day in Hindi) पसंद आये होंगे। इसे आगे शेयर जरूर करें और कोई सुझाव या सवाल हो तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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