Sharabi Shayari in Hindi
शराबी शायरी | Sharabi Shayari in Hindi
शराबी बनकर खुश हो लेता हूँ,
हर जाम से दर्द भर लेता हूँ,
एक बेवफा का नशा तो मुझे हर पल रहता है,
इस शराब से थोड़ा होश संभाल लेता हूँ,
कहो सनम से मुझे और पीने दे,
यारों थोड़ा अपने लिए भी जी लेता हूँ…
मैं तोड़ लेता अगर वो गुलाब होती!
मैं जवाब बनता अगर वो सवाल होती!
सब जानते हैं मैं नशा नहीं करता,
फिर भी पी लेता अगर वो शराब होती!
ना कभी पीते थे ना कभी पिलाते थे,
हम तो बस उनकी नज़रों से नज़र मिलाते थे,
ना जाने कैसे हम उनसे आँखें मिला बैठे,
जो सिर्फ अपनी निगाहों से पिलाते थे
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Sharabi Shayari in Hindi
पीके रात को हम उनको भुलाने लगे,
शराब में गम को मिलाने लगे,
दारू भी बेवफा निकली यारों,
नशे में तो वो और भी याद आने लगे…
उसने हाथो से छू कर दरिया के पानी को
गुलाबी कर दिया, हमारी बात तो और थी
उसने मछलियों को भी शराबी कर दिया
आती हैं जब भी हिचकियाँ अब,
शराब मैं पी लेता हूँ….
अब तो वो वहम भी छोड़ दिया है,
कि कोई मुझे भी याद करता है…..
शराब शरीर को खत्म करती है
शराब समाज को ख़तम करती है
आओ आज इस शराब को खत्म करते हैं
एक बॉटल तुम खत्म करो
एक बॉटल हम खत्म करते है
है ये शराब दर्द की दवा मेरे,
इसे पीने में कोई खराबी नहीं,
होता है जब दिल में दर्द तो पी लेता हूँ,
वैसे हूँ मैं शराबी नहीं |
जाम पे जाम पिने से क्या फायदा,
शाम को पी सुबह उतर जाएगी,
अरे दो बूँद मेरे प्यार की पी ले,
ज़िन्दगी सारी नशे में ही गुजर जाएगी…
मंजिल उन्हीं को मिलती है,
जिनके हौसलों में जान होती है…
और बंद भट्ठी में भी दारू उन्हीं को मिलती है,
जिनकी भट्ठी में पहचान होती है!
दुःख इस तरह मिला कि घबराकर पी गए हम,
ख़ुशी अगर थोड़ी मिली तो उसे भी मिलाकर पी गए हम,
यूं तो ना थी जनम से पीने की आदत हमें,
देखा जब शराब तो अकेला तो तरस खाकर पी गए हम …!!!
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दूसरों के लिए ख़राब ही सही,
हमारे लिए तो ज़िन्दगी बन जाती है,
सौ ग़मों को निचोड़ने के बाद ही,
एक कतरा शाराब बन जाती है…
इतनी पीता हू की मदहोश रहता हू,
सब कुछ समझता हू, पर खामोश रहता हू,
जो लोग करते है मुझे गिराने की कोशिश,
मै अक्सर उन्ही के साथ रहता हू
दर्द की इस महफ़िल में एक शेर मैं भी अर्ज़ करता हूँ,
ना किसीसे दवा और ना दुआओं की उम्मीद करता हूँ,
कई चेहरें लेकर जीते हैं लोग यहाँ इस दुनिया में,
मैं तो इन आंसुओं को एक चेहरें के लिए पीया करता हूँ !!
यादों से सलाम लेता हूँ,
वक्त के हाथ थाम लेता हूँ,
ज़िन्दगी थम जाती है पल भर के लिए,
जब हाथों में शराब-ए-जाम लेता हूँ…
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तुम्हारे नैनो के ये जो प्याले हैं,
मेरे लिए अँधेरी रातों में उजाले हैं,
पीता हूँ शराब के जाम तुम्हारे नाम के,
हम तो शराबी बे-शराब वाले हैं !!
तेरी आँखों के ये जो प्याले हैं,
मेरी अँधेरी रातों के उजाले हैं,
पीता हूँ जाम पर जाम तेरे नाम का,
हम तो शराबी.. बे-शराब वाले हैं…
अब के सावन में सबका हिसाब कर दूंगा
जिसका जो वाकी है वो भी हिसाब कर दूंगा
और मुझे इस गिलास में ही कैद
रख वरना पूरे शहर का पानी शराब कर दूंगा ||
Sharabi Shayari in Hindi
दुःख इतना मिला कि हम घबरा कर पी गए,
ख़ुशी अगर थोड़ी सी भी मिली तो उसे मिलाकर पी गए,
यूं तो ना थी हमें शराब पीने कि आदत,
पर शराब को तनहा देखा तो तरस खाकर पी गए !!
रात चुप है मगर चाँद खामोश नहीं,
कैसे कहूँ आज फिर होश नहीं,
इस तरह डूबा हूँ तेरी मोहब्बत की गहराई में,
हाथ में जाम है और पीने का होश नहीं..
कुछ नशा आपकी बात का है
कुछ नशा धीमी बरसात का है
हमें आप युही शराबी मात कहिये ये
दिल पर असर आपसे पहली मुलाकात का है
पीता था शराब मैं,
उसने दी छुड़ा अपनी कसम देकर,
जब गया महफ़िल में मैं,
तो दोस्तों ने पीला दी उसी की कसम देकर !!!
दिल के दर्द से बड़ा कोई दर्द नहीं होता,
आशिकों का शराब के सिवा कोई हमदर्द नहीं होता,
जब दिल टूटता है तो आँसू उनके भी निकलते हैं,
जो कहते हैं कि “मर्द को दर्द नहीं होता..”
पी चुके हैं शराब हम हर गली हर दूकान से,
एक रिश्ता सा बन गया है शराब के ज़ाम से,
पाये हैं ज़ख्म हमने इश्क़ में ऐसे,
कि नफ़रत सी हो गयी है हमें इश्क़ के नाम से !!
लोग कहते हैं पिये बैठा हूँ मैं,
खुद को मदहोश किये बैठा हूँ मैं,
जान बाकी है वो भी ले लीजिये,
दिल तो पहले ही दिये बैठा हूँ मैं।
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कुछ सही तो कुछ खराब कहते हैं;
लोग हमें बिगड़ा हुआ नवाब कहते हैं;
हम तो बदनाम हुए कुछ इस कदर;
कि पानी भी पियें तो लोग शराब कहते हैं।
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तुम क्या जानो शराब कैसे पिलाई जाती है!
खोलने से पहले बोतल हिलाई जाती है!
फिर आवाज़ लगायी जाती है
आ जाओ दर्दे दिलवालों!
यहाँ दर्द-ऐ-दिल की दावा पिलाई जाती है!
आज अंगूर की बेटी से मोहब्बत कर ले
शेख साहब की नसीहत से बगावत
कर ले इसकी बेटी ने उठा रखी है
सर पर दुनिया ये तो अच्छा हुआ
अंगूर को बेटा न हुआ
पीना चाहते थे हम सिर्फ एक जाम मगर पीते पीते
शाम से सवेयर हो गयी बहके बहके
कदम धीरे धीरे चले इसलिए
आने में ज़ारा सी देर हो गयी
Sharabi Shayari in Hindi
हम तो जी रहे थे उनका नाम लेकर,
वो गुज़रते थे हमारा सलाम लेकर,
कल वो कह गये भुला दो हुमको,
हमने पुछा कैसे.. वो चले गये हाथो मे जाम देकर!
यह शायरी लिखना उनका काम नहीं;
जिनके दिल आँखों में बसा करते हैं;
शायरी तो वो शख्श लिखता है;
जो शराब से नहीं कलम से नशा करता है।
रात गुम सी है मगर चैन खामोश नही,
कैसे कह दूँ आज फिर होश नही,
ऐसा डूबा तेरी आँखों की गहराई में ,
हाथ में जाम है मगर पीने का होश नही
लबो पे आज उनका नाम आ गया,
प्यासे के हाथ में जैसे जाम आ गया,
डोले कदम तो गिरा उनकी बाहों में जाकर,
आज हमारा पीना ही हमारे काम आ गया
चारों तरफ तन्हाई का साया है,
ज़िन्दगी में प्यार किसने पाया है,
हम यादों में झूमते हैं उनकी,
और ज़माना कहता है
आज फिर पीकर आया है…
हम तो जी रहे थे उनका नाम लेकर वो गुजर रहे थे
हमारा सलाम लेकर कल वो कह गये
भुला दो हमको हमने पोछा
कैसे वो चले गये हाथों में जाम देकर
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हर किसी बात का जवाब नहीं होता
हर जाम इश्क में ख़राब नहीं होता यूँ
तो झूम लेते है नशे में रहने वाले
मगर हर नशे का नाम शराब नहीं होता
पी के रात को हम उनको भुलाने लगे;
शराब मे ग़म को मिलाने लगे;
ये शराब भी बेवफा निकली यारो;
नशे मे तो वो और भी याद आने लगे।
अब के सावन में सब का हिसाब कर दूगा,
जिसका जो भी बाकी है वो भी हिसाब कर दूगा,
और मुझे इस गिलास में कैद ही रख वरना,
पुरे शहर का पानी शराब कर दूगा,
आंखों से कह रहा हूँ समझ जाना ,
जुबां से कहूँगा तो बन जायेगा अफसाना ।।
इस तरह सबके सामने देखा न करो ।
उंगलियां उठाने लगेगा बेदर्द जमाना ।।
फिर ना पीने की कसम खा लूँगा;
साथ जीने की कसम खा लूँगा;
एक बार अपनी आँखों से पिला दे साकी;
शराफत से जीने की कसम खा लूँगा।
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हो चुकी मुलाकात अभी सलाम बाकी है
तुम्हारे नाम की दो घूँट शराब बाकी है
तुमको मुबारक हो खुशियूं का
शामियाना मेरे नसीब मे अभी दो गज़ ज़मीन बाकी है
कुछ नशा तो आपकी बात का है;
कुछ नशा तो धीमी बरसात का है;
हमें आप यूँ ही शराबी ना कहिये;
इस दिल पर असर तो आप से मुलाकात का है।
हम लाख अच्छे सही लोग ख़राब कहते है
बिगड़ा हुआ वो हमको नवाब कहते है
हम तो ऐसे ही बदनाम हो गए है
की पानी भी पीये तो लोग शराब कहते है
बैठे हैं दिल में ये अरमां जगाये;
कि वो आज नजरों से अपनी पिलायें;
मजा तो तब है पीने का यारो;
इधर हम पियें और नशा उनको आये।
पीना चाहते थे हम सिर्फ एक जाम,
मगर पीते-पीते शाम से सवेर हो गयी,
बहके बहके कदम धीरे धीरे चले,
इसलिए आने में ज़रा सी देर हो गयी
Sharabi Shayari in Hindi
इतनी पीता हूँ कि मदहोश रहता हूँ,
सब कुछ समझता हूँ पर खामोश रहता हूँ,
जो लोग करते हैं मुझे गिराने की कोशिश,
मैं अक्सर उन्ही के साथ रहता हूँ।
हमने पूछा कैसे, वो चले गए हाथों मे जाम देकर।
नशा मोहब्बत का हो या शराब का होश दोनों में खो जाते है
फर्क सिर्फ इतना है की शराब सुला देती है
और मोहब्बत रुला देती है
मेरी कब्र पे मत गुलाब लेके आना ना ही
हाथों में चिराग लेके आना प्यासा हू मैं
बरसो से जानम बोतल शराब की
और एक ग्लास लेके आना
महफ़िल – ऐ -इश्क सजाओ तो कोई बात बने
दौलत-ऐ -इश्क लुटाओ तो कोई बात बने
जाम हाथों से नहीं है पीना मुझको कभी
आँखों से पिलाओ तो कोई बात बने
आँखो मे हर घड़ी तेरी तस्वीर रहेगी मेरे दिल
मे तेरे नाम की तहरीर रहेगी अपने रूश्वाई का
दर नही है मेरी जान-ए-मॅन मेरे
पाव मे तेरे ज़ुलफ की ज़ंजीर रहेगी
मदहोश हम हरदम रहा करते हैं,
और इल्ज़ाम शराब को दिया करते हैं,
कसूर शराब का नहीं उनका है यारों,
जिनका चेहरा हम हर जाम में तलाश किया करते हैं!!
यूं मुस्कुरा कर नजरें झुकाया न करो ।
इस अदा पर होता है मेरा दिल दीवाना ।।
तुम्हारे होंठ नशीले जाम से नहीं कम ।
और तुम्हारी आँखें हैं मदमस्त मैखाना ।।
उम्मीद नहीं है फिर भी जिए जा रहा हूँ,
खाली है बोतल फिर भी पिए जा रहा हूँ,
पता नहीं वो मिलेंगे या नहीं,
इज़हार-ए-मोहब्बत के लिए पिए जा रहा हूँ!!
तुम हसीन हो गुलाब जैसी हो
बहुत नाजुक हो ख्वाब जैसी हो दिल की
धड़कन मे आग लगाती हो हाथो से
लगाकर पी जाऊ तुम्हें सर से
पाँव तक शराब जैसी हो
बैठे हैं दिल में ये अरमां जगाये,
के वो आज नजरों से अपनी पिलाये,
मजा तो तब ही आये पीने का यारो,
शराब हम पियें और नशा उनको हो जाए!!
रात क्या हुयी रौशनी को भूल गये,
चाँद क्या निकला सूरज को भूल गये,
माना कुछ देर हमने आपको SMS नही किया,
तो क्या आप हमे याद करना भूल गये.
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नशा हम करते हैं,
इलज़ाम शराब को दिया जाता है,
मगर इल्ज़ाम शराब का नहीं उनका है,
जिनका चेहरा हमें हर जाम में नज़र आता है!
कितनी जल्दी ज़िन्दगी गुज़र जाती है,
प्यास भुझ्ती नहीं बरसात चली जाती है,
तेरी याद कुछ इस तरह आती है,
नींद आती नहीं मगर रात गुज़र जाती है।
एक जैसे दोस्त सारे नही होते,
कुछ हमारे होकर भी हमारे नहीं होते,
आपसे दोस्ती करने के बाद महसूस हुआ,
कौन कहता है ‘तारे ज़मीं पर’ नहीं होते.
जो नजरो का हुआ मिलना लब तेरे भी मुस्कुराये थे,
ईश्क के हर जूर्म में मेरे तेरी मोहोब्बत के साये थे,
मेरी हर रात में सजनी तेरी सेजो के साये थे,
रात को ख्वाब में मेरे ख्वाब तेरे मिलने आये थे।
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Sharabi Shayari in Hindi
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Sharabi Shayari in Hindi
दुसरे देशों में लोग कह्ते है घर जाओ
तुमने पि रखी है हमारे देशों में कह्ते है
अब घर मत जा तुमने पि रखी है
पी है शराब हर गली की दुकान से
दोस्ती सी हो गयी है शराब के जाम से गुजरे है
हम कुछ ऐसे मुकाम से की
आँखें भर आती है मोहब्बत के नाम से.
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