Kisan Credit Card Scheme: भारत में एक कृषि प्रधान देश है और यहां की आधी से ज्यादा आबादी कृषि पर निर्भर रहती है। इनकी रोजी रोटी भी कृषि पर ही निर्भर रहती है। भारत की अर्थव्यवस्था और विकास में कृषि का विशेष योगदान है।
कृषि इस प्रकार का व्यवसाय है, जिसमें इनकम आने में समय लगता है। इस कारण किसानों को पैसों की कमी से परेशानी होती है। इसलिए सरकार द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की गई है। आज हम इसके बारे में विस्तार से जानकारी देने जा रहे हैं।
आज के समय में भारत के किसानों की क्या स्थिति है, ये आप सब जानते ही है। फ़सल को उगाया जाता है फिर इसके पकने तक इंतजार करना और पक जाने के बाद इसकी कटाई कर बाजार में बेचने पर किसानों को इसकी आय मिल पाती है। इस बीच इनकी स्थिति दयनीय हो जाती है और किसानों को पैसों की जरूरत होती है।
पैसों की कमी के कारण किसान यदि किसी बैंक से साधारण लोन लेते है तो उनकी ब्याज दर इतनी ज्यादा होती है कि वह समय पर इसे नहीं चुका पाते। इस कारण भारत सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना की शुरुआत की।
इस योजना से किसान कम समय में ही अच्छा लोन ले सकता है, वो भी कम ब्याज दर पर। आज हम आपको इस पोस्ट में हम किसान क्रेडिट कार्ड कैसे बनता है, किसान क्रेडिट कार्ड क्या है?, किसान क्रेडिट कार्ड ब्याज दर और किसान क्रेडिट कार्ड योजना से जुड़ी पूरी जानकारी बतायेंगे।
किसान क्रेडिट कार्ड से लोन कैसे लें? (Kisan Credit Card Loan Kaise Le)
किसान क्रेडिट कार्ड क्या है?
फ़सल के पकने और इसके कटाई में बहुत समय लगता है। इस कारण किसानों की आय जब होती है तब ये फ़सल बाजारों में बिकती है। तब तक किसानों को फ़सल की उगाई, बीजों आदि के लिये पैसों की जरूरत होती है और किसानों को बैंक से लोन लेना पड़ता है।
बैंक के लोन की ब्याज दर अधिक होने के कारण किसान इसको चुका नहीं पाते। इस कारण 1998 में भारत सरकार ने किसानों की इस समस्या को देखते हुए किसान क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत की। इस योजना के अंतर्गत किसान बैंक से अच्छा लोन कम ब्याज दर में ले सकता है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य यही है कि किसान को अनौपचारिक बैंक से पैसे लेने के लिए उस पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है।
दूसरा उद्देश्य किसानों को साहुकारो के द्वारा होने वाले शोषण से मुक्त करना है क्योंकि जब किसानों को खेती के लिए पैसे की आवश्यकता पड़ती है तो वे ज्यादातर किसी बड़े साहूकार के पास जाते हैं और साहूकारों के मजबूरी का फायदा उठाते हुए ज्यादा ब्याज दर पर ऋण देते हैं, जिसे वे कभी भी चुकाने में सक्षम नहीं हो पाते।
यहां तक कि किसी प्राकृतिक आपदा के कारण जब किसानों की फसल खराब हो जाती हैं तब आत्महत्या करने को भी मजबूर हो जाते हैं। लेकिन अब किसान क्रेडिट लोन के कारण किसानों को किसी भी साहुकार के द्वारा शोषण का शिकार होने की जरूरत नहीं है। कम ब्याज दर पर सरकार उन्हें ऋण मुहैया कराती है।
किसान क्रेडिट कार्ड आप किसी भी सरकारी या निजी बैंक से बनवा सकते हैं और इस योजना का लाभ भारत का हर किसान ले सकता है। इस योजना में लोन लेना बहुत ही आसान है और इसे चुकाने की प्रकिया भी दूसरे लोन के मुकाबले आसान है। यदि अपने इस योजना के अंतर्गत लोन लिया और आपकी इस लोन से की हुई फ़सल को ख़राब मौसम या किसी भी प्राकृतिक आपदा से नुकसान होता है तो आप लोन भुकतान को और भी आगे बढ़ा सकते हैं।
किसान क्रेडिट कार्ड के लिए आवश्यक दस्तावेज़
- आपकी परिचय के सत्यापन के लिए आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड, राशन कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस आदि।
- आप जमीन के मालिक है, इसका रिकॉर्ड।
- पासपोर्ट साइज़ की रंगीन फोटो।
- एक गवाह जिसका भी अकाउंट उसी बैंक हो, उसके हस्ताक्षर।
- यदि अपने पहले भी कोई लोन लिया हुआ है तो उसका पूरा रिकॉर्ड।
- किसान क्रेडिट कार्ड Application Form PDF पूरा सही से भरा हुआ हो।
- किसान क्रेडिट कार्ड लोन राशि यदि ज्यादा है तो आपको इसके लिए अपनी जमीन को बैंक में गिरवी रखना पड़ सकता है।
- यदि आपने पहले से बैंक से लोन लिया है तो आपका सिविल स्कोर भी देखा जाएगा। सिविल स्कोर यह दर्शाता है कि आपने बैंक द्वारा लिया गया लोन सही समय पर चुकाया है कि नहीं।
किसान क्रेडिट कार्ड कैसे बनाएं?
किसान क्रेडिट कार्ड लोन लेने के लिए आपको सबसे पहले एक बैंक का चुनाव करना होगा, जो बैंक आपके लिए उपयुक्त हो। कई सारे बैंक ऐसे होते हैं, जो KCC Offer देते हैं। इसलिए आपको बैंक में जाकर इसका पता करना होगा कि आपके लिए कौनसा बैंक बेहतर होगा। जिसका आप ऋण कम किस्तों में और आसानी से चुका सकते हैं।
बैंक का चुनाव कर लेने के बाद आप इस बैंक में जाकर किसान क्रेडिट कार्ड की पूरी जानकारी लेनी होगी। जैसे आप इस योजना में कितना लोन ले पाएंगे और इसके लिए कितना ब्याज दर होगा।
फिर इसके लिए जरूरी कागजात की जानकारी लें। इसके बाद बताए सभी दस्तावेज़ की दूसरी कॉपी बनवाएं और किसान क्रेडिट कार्ड अप्लाई के लिए एप्लीकेशन फॉर्म लें। फिर इस फॉर्म में सही जानकारी भरें। इस जानकारी को भरने के लिए आप बैंक के किसी कर्मचारी की सहायता लें। आपको आसानी होगी।
इसके बाद बैंक आपकी क्रेडिट हिस्ट्री और जमीन का वेरिफिकेशन करेगा। सत्यापन यदि सही साबित होता है तो आपको इस योजना के अंतर्गत लोन की सुविधा उस बैंक के द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।
यदि आप किसान क्रेडिट कार्ड ऑनलाइन अप्लाई करना चाहते हैं तो आप जिस बैंक से लोन लेना चाहते हैं, उस बैंक की शाखा में लॉग इन करके केसीसी प्राप्त कर सकते हैं।
- KCC के उधारकर्ता के नाम पर एक ATM सह डेबिट कार्ड जारी किया जायेगा।
- इस खाते में कोई जमा शेष राशि रहने पर बचत खाते के सामान ब्याज मिलेगा।
- 3 लाख रूपये तक की राशि पर Processing Fee नहीं लगाया जाता है।
किसान क्रेडिट कार्ड के लिए योग्यता
- किसान क्रेडिट कार्ड लोन के लिए भारत का हर वो किसान आवेदन कर सकता है, जो फ़सल के उत्पादन से किसी प्रकार से भी जुड़ा हो। जैसे कि स्वयं के खेत में खेती करता हो या किसी अन्य के खेत में खेती करता हो।
- कास्तकार, स्वामित्वधारी किसान, जुबानी पट्टाधारी और सांझा किसान भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
किसान क्रेडिट कार्ड लोन लिमिट और ब्याज दर
जैसा कि पहले बता चुके हैं कि इस योजना पर लिए गए लोन पर ब्याज दर किसी और लोन की ब्याद दर से काफी कम होती है। इस योजना से लिए गये लोन 2 केटेगरी में होते है।
- Crop Loan – ये लोन आपको कितना मिलेगा वो आपकी क्रडिट हिस्ट्री और बैंक के ऑफर पर निर्भर करता है। ये लोन 3 लाख तक का होता है। इसका 7% सालाना ब्याज होता है जिसका यदि किसान सही समय पर भुकतान करता है तो 3% तक सब्सिडी मिल जाती है और ये 4% तक रह जाता है।
- Term Loan – ये लोन 3 लाख से ऊपर लिया जाता है, जो बैंक निर्धारित करता है कि देना है या नहीं। इस पर सरकार की तरफ से कोई सब्सिडी नहीं मिलती। इस लोन पर ब्याज भी बैंक ही तय करता है।
किसान क्रेडिट कार्ड स्कीम में बीमा
किसान क्रेडिट कार्ड जिन किसानों के पास होता हैं, उनके लिए बीमा की भी सुविधा होती है, वे उनका भी लाभ ले सकते हैं। यदि किसान का एक्सीडेंट हो जाता है तो किसान Insurance Cover भी ले सकता है। यदि किसान की एक्सीडेंट से मौत होती है तो 50,000 रूपये और चोट से विकलांग होने पर 25,000 रूपये तक मिलते हैं। इस बीमे का लाभ लेने के लिए किसान की उम्र 70 वर्ष से कम होनी चाहिए।
इस योजना की विशेषताएं
- किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ भारत का हर छोटे से छोटे किसान ले सकता है।
- इस योजना में किसान को बीमा योजना का भी लाभ मिलता है।
- किसान क्रेडिट कार्ड किसान के सेविंग बैंक अकाउंट से जुड़ा होता है, जिससे यदि अकाउंट में पैसे होते हैं, उनका भी ब्याज मिलता रहता है।
- किसान क्रेडिट कार्ड लोन बेहद कम दर पर मिलता हैं, जो कि किसान आसानी से चुका सकते हैं।
- ये लोन लेने के लिए प्रक्रिया बहुत ही आसान है, जो हर किसान कर सकता है और इसमें किसान को एक बार ही अपने कागजात देने होते हैं।
किसान क्रेडिट कार्ड लोन देने वाली भारतीय बैंकों के नाम
भारतीय स्टेट बैंक
किसान क्रेडिट कार्ड लोन प्रदान करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक सबसे बड़े बैंक में से एक है। यह बैंक इस योजना के तहत ₹300000 तक के लोन राशि पर प्रतिवर्ष 2% तक का कम ब्याज दर लगाती हैं।
पंजाब नेशनल बैंक
पंजाब नेशनल बैंक में किसान क्रेडिट लोन देती है और किसान क्रेडिट लोन के लिए सबसे अधिक इसी बैंक को अनुरोध किया जाता है। क्योंकि यहां आवेदन प्रक्रिया भी काफी ज्यादा आसान है।
एचडीएफसी बैंक
किसान क्रेडिट कार्ड लोन लेने के लिए एचडीएफसी बैंक भी काफी ज्यादा प्रख्यात है, जो इस लोन के लिए 9% की ब्याज दर प्रदान करती हैं, जो अधिकतम ₹300000 तक क्रेडिट सीमा देती हैं। ₹25000 की क्रेडिट सीमा वाली चेक बुक भी जारी करती है और यदि प्राकृतिक आपदा के कारण किसानों की फसल खराब हो जाती है। ऐसे में 4 साल या उससे अधिक का समय देती है। यहां तक कि बीमा कवरेज भी प्रदान करती है।
इसके अतिरिक्त निम्न लिखित बैंक भी किसान क्रेडिट लोन प्रदान करती है:
इसके अतिरिक्त निम्न लिखित बैंक भी किसान क्रेडिट लोन प्रदान करती है:
Allahabad Bank – किसान क्रेडिट कार्ड
- Syndicate Bank – सिंडीकेट किसान क्रेडिट कार्ड
- Vijay Bank – विजय किसान क्रेडिट कार्ड
- Punjab National Bank – पी.एन.बी. कृषि कार्ड
- Oriental Bank of Commerce – ओरियंटल ग्रीन कार्ड
- Dena Bank – किसान गोल्ड क्रेडिट कार्ड
- Bank of India – किसान समाधान कार्ड
- Bank of Baroda – बी किसान क्रेडिट कार्ड
- Andhra Bank – ए.बी. किसान ग्रीन कार्ड
कृषि ऋण बंधक करने की प्रक्रिया
बैंक किसी को भी लोन देने से पहले उसके संपत्ति को बंधक कर सकती है। बात रहीं कृषि क्रेडिट लोन की तो किसान क्रेडिट लोन में नियम है कि यदि कोई भी किसान ₹160000 से अधिक लोन के लिए आवेदन करता है तो ऐसे में बैंक उसके जमीन को बंधक कर सकती है, जिसके लिए किसान से इस समझौता प्रारूप पर हस्ताक्षर करवाया जाता है।
यह प्रारूप पांच प्रति का होता है, जिनमें हस्ताक्षर होने के बाद बैंक के द्वारा ऋण देने के 30 दिनों के अंदर ही इस बंधक पत्र को रजिस्ट्री कार्यालय में भेजा जाता है। जहां पर दो प्रति रजिस्ट्रार कार्यालय में एवं दो प्रति तहसील अधिवक्ता के माध्यम से भेजा जाता है। उसके बाद तहसील में इसका प्रभार दर्ज करके एक एक प्रती को बैंक को वापस भेज दिया जाता है।
इन प्रक्रिया के द्वारा बैंक किसान को लोन देने के बाद उसकी जमीन को बंधक बना लेती है और यदि किसान आगे चलकर लोन चुकाने में सक्षम नहीं हो पाता तो बैंक इस बंधक संपत्ति का नीलामी भी कर सकती हैं।
किसान क्रेडिट कार्ड हेल्पलाइन नंबर
भारत सरकार और भारतीय कृषि मन्त्रालय ने 21 जनवरी 2004 को पूरे भारत में एक साथ किसान कॉल सेंटर की शुरुआत की। Kisan Call Center की शुरुआत करने का मुख्य उद्देश्य यही है कि किसान की किसी भी समस्या का एक कॉल पर ही समाधान कर देना।
Kisan Call Centre Toll Free Number: 1800-180-1551 या 1551
FAQ
देश के किसानों को आर्थिक मदद देने के लिए किसान क्रेडिट लोन में दुर्घटना बीमा की सुविधा भी होती है, जिसमें किसानों को 3 वर्षों तक मात्र ₹5 प्रीमियम देना होता है। इसके अलावा बैंक भी इसके लिए ₹10 देती है। इस तरह कुल ₹15, 3 वर्ष के लिए बीमा कंपनी प्रीमियम देना होता है, जिसके बाद यदि किसान की दुर्घटना हो जाती है तो ऐसे में ₹50000 का बीमा किसान को मिलता है। इस बीमा के लिए 70 वर्ष उम्र तक के किसान पात्र होते हैं।
यदि कोई किसान ₹160000 से अधिक कृषि क्रेडिट लोन योजना के तहत लोन लेता है तो उसे अपनी संपत्ति बंधक के तौर पर रखना पड़ता है। ऐसे में यदि वह लोन नहीं चुका पाता है तो उसके संपत्ति का बैंक नीलामी कर सकती है। लेकिन यदि वह ₹160000 से कम रुपए की श्रण लेता है और यदि वह ऋण को सही समय पर नहीं चुका पाता है तो बैंक उनसे कानूनी रूप से कोर्ट के चक्कर भी लगवा सकता है। यहां तक की जेल भी भिजवा सकता है।
किसान क्रेडिट लोन से ₹160000 बिना किसी गारंटी के मिल जाता है।
किसान क्रेडिट लोन का फायदा भारत का कोई भी किसान, संयुक्त किसान, एसएचजी, शेयरक्रॉपर, जेएलजी और किरायेदार किसान ले सकता है।
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