किम् शब्द के नपुंसकलिंग शब्द रूप | Kim ke napunsakaling shab roop in sanskrit
किम् शब्द रूप नपुंसकलिंग संस्कृत में: किम् शब्द के नपुंसकलिंग रूप एक सर्वनाम होता है और किम् शब्द सर्व्वादि के तुल्य रूप होने के कारण सर्वनाम के रूप में इसका बनता है। इसके अलावा नपुंसकलिंग में प्रथमा और द्वतीया के एकवचन में भी किम् शब्द के जैसे अन्य शब्द जैसे कि यत्, तत्, एतत्, त्यत्, आदि होता है।
किम् शब्द के नपुंसकलिंग में शब्दों के रूप जैसे या, सा, एषा, स्या, का, बन जाता है। सर्वनाम का सम्बोधन नहीं किया जाता है। यदादि – यद्, तद्, एतद्, किम्। यह सभी शब्दों का क्रमशः य: , स: , एष: , स्य: , क: में लिखा जाता है।
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | किम् | के | कानि |
द्वितीया | किम् | के | कानि |
तृतीया | केन | काभ्याम् | कैः |
चतुर्थी | कस्मै | काभ्याम् | केभ्यः |
पंचमी | कस्मात् | काभ्याम् | केभ्यः |
षष्ठी | कस्य | कयोः | केषाम् |
सप्तमी | कस्मिन् | कयोः | केषु |
संस्कृत के अन्य महत्वपूर्ण शब्द रूप
संस्कृत व्याकरण
संस्कृत धातु रुप | संस्कृत वर्णमाला | लकार |
संस्कृत में कारक | संस्कृत में संधि | समास प्रकरण |
प्रत्यय प्रकरण | उपसर्ग प्रकरण | संस्कृत विलोम शब्द |