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ख्याली पुलाव पकाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग

ख्याली पुलाव पकाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग ( khyaalee pulaav pakaana muhaavare ka arth)

ख्याली पुलाव पकाना मुहावरे का अर्थ – कल्पनाओं में रहना, असंभव बातें करना, बेसिर पैर की बातें करना, असंभवं बातें सोचना, मनमानी कल्पनाएं करना।

khyaalee pulaav pakaana muhaavare ka arth – kalpanaon mein rahana, asambhav baaten karana, besir pair kee baaten karana, asambhavan baaten sochana, manamaanee kalpanaen karana.

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दिए गए मुहावरे का हिंदी में वाक्य प्रयोग

वाक्य प्रयोग: आजकल के युवाओं में ज्यादातर ख्याली पुलाव पकाने के ही सपने देखे जाते हैं जिसके वजह से उसे बाद में पछताना पड़ता है।

वाक्य प्रयोग: सोहन हमेशा ही ख्याली पुलाव पकाते रहता है जिस वजह से उसके माता-पिता उसे समझाते हैं कि तुम कुछ काम तो करते नहीं सिर्फ ख्याली पुलाव पकाते रहते हो जो कि तुम्हें बाद में पछताना पड़ेगा।

वाक्य प्रयोग: अक्सर हमारे बड़े बूढ़े हमें समझाते हैं कि ख्याली पुलाव पकाने से कुछ भी हासिल नहीं होता है हासिल तभी होता है जब आप परिश्रम करते हैं।

वाक्य प्रयोग: अगर ख्याली पुलाव पकाने से पैसे आते तो इस दुनिया के सारे लोग हर वक्त ख्याली पुलाव पकाते रहते लेकिन जीवन में कुछ भी सफलता हासिल करने के लिए मेहनत की आवश्यकता होती है ना की ख्याली पुलाव पकाने की।

यहां हमने “ख्याली पुलाव पकाना” जैसे बहुचर्चित मुहावरे का अर्थ और उसके वाक्य प्रयोग को समझा। ख्याली पुलाव पकाना मुहावरे का अर्थ होता है कि कल्पनाओं में रहना, असंभव बातें करना, बिना सर पैर की बातें करना, असंभव बातें सोचना, मनमानी कल्पनाएं करना। अपने लोगों में देखा होगा कि लोग ज्यादातर ख्याली पुलाव पकाने में लगे रहते हैं या ख्याली पुलाव पकाने में आनंद तो बहुत आता है लेकिन इससे हाथ में कुछ नहीं मिलता है अगर जीवन में सफलता चाहिए तो उसके लिए आपको मेहनत और परिश्रम तो करना ही पड़ेगा। चुकी यह मुहावरा है और मुहावरा और असामान्य अर्थ प्रकट करता है इसीलिए यहां इस मुहावरे का अर्थ दोहरा लाभ प्राप्त करने से हैं।

मुहावरे परीक्षाओं में मुख्य विषय के रूप में पूछे जाते हैं। एक शब्द के कई मुहावरे हो सकते हैं।यह जरूरी नहीं कि परीक्षा में यहाँ पहले दिये गए मुहावरे ही पूछा जाए। परीक्षा में सभी किसी का भी मुहावरे पूछा जा सकता है।

मुहावरे का अपना एक भाग है प्रत्येक पाठ्यक्रम में, छोटी और बड़ी कक्षाओं में मुहावरे पढ़ाया जाता है, कंठस्थ किया जाता है। प्रतियोगी परीक्षाओं में यह एक मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है और महत्व दिया जाता है।

परीक्षा के दृष्टिकोण से मुहावरे बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में मुहावरे का अपना-अपना भाग होता है। चाहे वह पेपर हिंदी में हो या अंग्रेजी में यहां तक कि संस्कृत में भी मुहावरे पूछे जाते हैं।

मुहावरे कोई बहुत कठिन विषय नहीं है। यदि इसे ध्यान से समझा जाए तो याद करने की भी आवश्यकता नहीं होती है। इसे समझ समझ कर ही लिखा जा सकता है।

अन्य महत्वपूर्ण मुहावरे और उनका वाक्य प्रयोग

कूप मंडूक होनानिजात पाना
अक्ल पर पत्थर पड़नाआस्तीन का सांप होना
आसमान सिर पर उठानाआसमान टूट पड़ना

1000+ हिंदी मुहावरों के अर्थ और वाक्य प्रयोग का विशाल संग्रह 

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