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कार्यालयी पत्र किसे कहते है?, प्रारूप, नमूना और उदाहरण

पत्र लेखन के कई प्रकार होते हैं, उन्हीं में से कार्यालय पत्र भी होता है। इस लेख में कार्यालय पत्र हिंदी में (Karyalayi Patra in Hindi) के बारे में जानेंगे, जिसमें कार्यालय पत्र कौन से होते हैं, कार्यालय पत्र के प्रकार, कार्यालय पत्र का उदाहरण, कार्यालय पत्र की विशेषताएं आदि जानेंगे।

Karyalayi Patra
Image:Karyalayi Patra

अपने विचारों को, बातों को, निर्देशकों को या किसी भी तरह के सूचना को पत्रों के जरिए किसी तक पहुंचाने की यह परंपरा भारत में प्राचीन काल से चली आ रही है।

आज के इंटरनेट और सोशल मीडिया के समय में यह प्रचलन काफी कम हो चुका है। लेकिन आज भी जब भी औपचारिक तौर पर कोई भी सूचना भेजा जाता है तो कार्यालय पत्र का प्रयोग किया जाता है।

कार्यालय पत्र किसे कहते हैं? (Karyalayi Patra in Hindi)

कार्यालय पत्र औपचारिक पत्र के स्वरूप में लिखे जाते हैं और यह पत्र आमतौर पर किसी अन्य कार्यालय, मंत्रालय व विभागों को भेजे जाते हैं या उन विभागों या कार्यालयों के द्वारा अन्य विभागों में भेजे जाते हैं।

इस तरह ऐसे पत्रों का प्रयोग दो सरकारों के बीच, कार्यालयों के बीच व दो सचिवालयो के बीच होता है।

कार्यालयी पत्रों के प्रकार

कार्यालयी पत्र के कई प्रकार होते हैं, जो निम्नलिखित है:

  • कार्यालय आदेश
  • अनौपचारिक टिप्पणियां
  • परिपत्र
  • तार
  • मितव्यय पत्र
  • पावती
  • सूचना
  • प्रेस विज्ञप्ति
  • कार्यालय में ज्ञापन
  • अर्द्धसरकारी पत्र
  • अधिसूचना वाले पत्र
  • पृष्ठांकन
  • संकल्प

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कार्यालय आदेश

कार्यालय आदेश का प्रयोग मंत्रालयों, विभागों एवं कार्यालयों में स्थानीय प्रयोजनों के उद्देश्य से किया जाता है।

किसी भी अधिकारियों के बीच कार्य का विभाजन करना हो, किसी कर्मचारी को छुट्टी देना हो या उसके स्थानतरण से संबंधित कोई विषय हो, किसी नए कर्मचारी को तैनात करना हो, उसके पदोन्नति से संबंधित कोई आदेश हो तो इस तरह के पत्र प्रसारित किए जाते हैं। कार्यालय आदेश को ऑफिस ऑर्डर भी कहा जाता है।

कार्यालय आदेश का प्रारूप

  • कार्यालय आदेश पत्र को अन्य पुरुष शैली में लिखा जाता है बाकी नियम अन्य पत्रों की तरह ही लागू होता है।
  • इस तरह के पत्र में अन्य सामान्य पत्र की तरह ही सबसे ऊपर पत्र भेजने वाले का नाम वह पता अंकित होता है।
  • पत्र में भवदीय या आपका प्रिय जैसे स्वनिर्देशित शब्द का इस्तेमाल नहीं होता।
  • पत्र के बीचो बीच कार्यालय आदेश और संख्या लिखी जाती हैं।
  • पत्र के अंत में दाहिने तरफ आदेश देने वाले विभाग या अधिकारी के पद का नाम व हस्ताक्षर होता है।

कार्यालय आदेश का नमूना

कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी,
जिला- उदयपुर
क्रं /शिक्षा /आर.एम.एस.ए./2023/616

दिनांक- 22.3.2023

आदेश

उदयपुर जिले में लगातार 1 सप्ताह से बारिश होने के कारण जिले में समस्त बोर्ड के अंतर्गत संचालित विद्यालयों में कक्षा नर्सरी से 12वीं के समस्त विद्यार्थियों के लिए 24 मार्च 2023 शुक्रवार को अवकाश रहेगा। यह अवकाश विद्यालयों के शिक्षकों पर लागू नहीं होगा।

कलेक्टर महोदय द्वारा आदेशित।

जिला शिक्षा अधिकारी
जिला- उदयपुर

अनौपचारिक टिप्पणियां

इस तरह के नॉन ऑफिसियल लेटर का प्रयोग किसी मंत्रालय या कार्यालयों के बीच किसी प्रस्ताव पर अन्य मंत्रालयों के विचार या उसके टीका टिप्पणी प्राप्त करने के लिए या फिर कोई सूचना या कागज पत्र मंगवाने के लिए होता है।

अनौपचारिक टिप्पणी का प्रारूप

  • इस तरह के पत्र को विशेष औपचारिक रूप से नहीं लिखा जाता है।
  • इस तरह के पत्र अपने आप में पूर्ण होते हैं, इसमें ना ही संबोधन होता है ना ही संख्या डाली जाती हैं।
  • इस तरह के पत्र के ऊपर मंत्रालय व विभाग का नाम, स्थान का नाम, दिनांक इत्यादि सामान्य पत्र की तरह ही होते हैं।
  • इस तरह के पत्र को दो रूपों में भेजा जाता है। पहला संबंधित विभाग में उसी से संबंधित फाइल पर टिप्पणी करके उसी मंत्रालय को वापस भेज दिया जाए या फिर दूसरा टिप्पणी स्वतंत्र रूप से लिखी जाए, फाइल को वापस मंत्रालय ना भेजा जाए।

परिपत्र

ऐसा पत्र जिसके माध्यम से किसी सूचना या निर्देश को एक साथ अनेक मंत्रालय, कार्यालय व विभागों और अधिकारियों के पास पहुचानी होती है या वह जानकारी जिसे अनेकों स्थान से मंगानी होती है।

परिपत्र का प्रारूप

  • इस तरह के पत्र में सबसे ऊपर दाएं ओर संख्या लिखी जाती है और शेष स्वरूप वही रहता है, जिस रूप में वह जारी होता है।
  • इस तरह के पत्र में पत्र प्रेषित जिन्हें किया जा रहा है, उनके पद का नाम और उनका पता पत्र के अंत में बाई तरफ लिखा जाता है।
  • इस तरह के पत्र को अन्य पुरुष शैली में लिखा जाता है। इस तरह के पत्र को गश्ति पत्र भी कहा जाता है।
  • इस तरह के पत्र में स्वनिर्देशित शब्द आपका विश्वासपात्र या भवदीय इस्तेमाल नहीं होता है।
  • इस तरह के पत्र में सरकारी पत्र की तरह ही स्थान, दिनांक, संख्या होता है।

परिपत्र का उदाहरण

प्रेषक
पत्र संख्या खा0आ0म0/2020-23
भारत सरकार
खाद्य एवं आपूर्ति मंत्रालय,
नई दिल्ली

दिनांक 22.3.23

सेवा में,
समस्त राज्य सरकारें

विषय- खाद्यान्नों की वसूली के संदर्भ में।

महोदय,
मुझे यह सूचित करने का निर्देश दिया गया है कि कई राज्यों में इस वर्ष अत्यधिक वर्षा के कारण फसलें बर्बाद हो गई है। सरकार ने निर्णय लिया है कि जिन राज्यों में फसलें अच्छी हुई है, उस राज्यों में खाद्दानों की वसूली की जाए ताकि जल्द से जल्द इस आपदा को निपटाया जा सके। खाद्दानों की मात्रा और उनके मूल्य आदि से संबंधित विस्तृत सूचना जल्द ही भेजी जाएगी।

  1. राज्य सरकार इस संदर्भ में जो भी कार्यवाही करेगी, उससे संबंधित एवं खाद्दान वसूली के प्रगति का साप्ताहिक विवरण खाद्य एवं आपूर्ति मंत्रालय को भेजते रहें।

भवदीय
हस्ताक्षर
सचिव,
खाद्दान मंत्रालय

तार

तार का इस्तेमाल कोई तत्काल कार्यवाही के लिए किया जाता है। इसे संक्षिप्त रूप में लिखा जाता है अर्थात कम शब्दों में अधिक से अधिक बात कही जाती है और काफी सावधानी बरती जाती हैं।

हालांकि आजकल फेक्स, s.m.s. और इंटरनेट की सुविधा के कारण इसकी उपयोगिता काफी हद तक कम हो चुकी है।

तार का प्रारूप

  • तार को 2 स्वरूपों में लिखा जाता है पहला सरल और स्पष्ट तार और दूसरा कूट भाषा वाला तार।
  • पहले प्रकार के तार को लिखने के लिए बहुत ही सरल भाषा का प्रयोग किया जा सकता है, जिसे बहुत ही आसानी से समझ सके।
  • वहीं दूसरे प्रकार के तार में गोपनीय भाषा का प्रयोग किया जाता है, जिसमें गुप्त संदेश होते हैं।
  • पहले प्रकार के तार का पुष्टिकरण डाक से पत्र भेजकर कर सकते हैं। लेकिन दूसरे प्रकार के कूट भाषा वाले तार का पुष्टिकरण जरूरी नहीं होता है।

मितव्यय पत्र

मितव्यई पत्र को कूट पत्र भी कहा जाता है। जब विदेश में तैनात दूतावास द्वारा कोई पत्र विदेशी सरकार को भेजा जाता है और उसमें किसी गोपनीय बातों का उल्लेख होता है तब उस तरह के पत्र को कूट भाषा में लिखना आवश्यक हो जाता है। इस तरह के पत्र को रजिस्ट्री बीमा या राजनयिक थैले के द्वारा भेजा जाता है।

मितव्यय पत्र का उदाहरण

भारत सरकार
विदेश मंत्रालय
नई दिल्ली

सेवा में,

भारत दूतावास, तुर्की

तुर्की की सरकार को सूचित किया जाए कि हाल ही में तुर्की में आए भयंकर भूकंप से पीड़ित लोगों की सहायता के लिए भारत सरकार के द्वारा 1000 टन चावल 5000 टन दूध पाउडर और 2 करोड जीवन रक्षक गोलियां तुरंत भेजी जा रही है।

हस्ताक्षर
सचिव,
भारत सरकार
विदेश मंत्रालय

सूचना

सूचना के द्वारा किसी विशेष वर्ग या सर्वसाधारण को जानकारी जानकारी पहुंचाई जाती है। इसे परिपत्र की तरह सभी अनुभवों में भेजा जाता है। कुछ मामलों में डाक के माध्यम से भी प्रेषित किया जाता है।

यह काफी हद तक प्रेस विज्ञप्ति जैसी ही प्रकाशित होता है बस अंतर इतना होता है कि इसमें सरकार जन साधारण जीवन के हितों के लिए जो फैसला लेती है जैसे रोजगार, न्यायालय इत्यादि विषय से संबंधित सूचनाओं को प्रकाशित किया जाता है। ज्यादातर सरकारी विज्ञापन नोटिस के श्रेणी में ही होते हैं।

सूचना का प्रारूप

  • नोटिस में विषय का लिखा जाना महत्वपूर्ण होता है और विषय को आकर्षक होना भी जरूरी है।
  • नोटिस अन्य पत्रों के तुलना में बड़े आकार में लिखा जाता है।
  • सूचना हमेशा एक बॉक्स के अंदर लिखा जाता है और मुख्य भाग में सूचना लिखने का कारण, घटना, अवसर की जानकारी, समय, स्थान व दिनांक के बारे में उल्लेख किया गया होता है।
  • सूचना के अंत में प्रकाशित करने वाले व्यक्ति का नाम, उसके पद का नाम और उसका हस्ताक्षर होता है।

सूचना का उदाहरण

क्रमांक: लेखा/हड्डी/23/505

कार्यालय पंचायत समिति,
जयपुर

दिनांक 19.9.2023

नीलामी हड्डी ठेका वर्ष 2021

सर्वसाधारण को सूचनार्थ प्रकाशित किया जाता है कि पंचायत समिति जयपुर क्षेत्र के मृतक पशुओं की हड्डियाँ उठाने का ठेका 2023 के लिए पंचायत समिति मुख्यालय पर दिनांक 24.3.2023 को सुबह 9:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक खुली बोली द्वारा नियमानुसार नीलाम किया जायेगा।

बोली लगाने से पहले 10000/- रुपये धरोहर राशि के रूप में जमा कराने होंगे। शेष शर्तों और नियमों संबंधित जानकारी कार्यालय समय में अधोहस्ताक्षरी से प्राप्त कर सकते हैं।

हस्ताक्षर
विकास अधिकारी,
पंचायत समिति, जयपुर

पावती पत्र

पावती पत्र दूसरे को यह जाने की अनुमति देता है कि आप उसके समय और राय को महत्व देते हैं। उदाहरण के लिए देश के प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या अन्य किसी भी मंत्रियों को देश की जनता किसी अधिकारी की शिकायत या उनके योजना से संबंधित समस्या का निवारण हेतु व्यक्तिगत रूप से पत्र भेजती है। लेकिन हर दिन हजारों की संख्या में जनता के द्वारा मंत्रियों को पत्र भेजे जाते हैं।

ऐसे में सभी का पत्र उनके पास पहुंच पाना संभव नहीं होता। इसीलिए उनके पत्र को उनके निजी सचिव व सहायक पढते हैं और आगे की कार्यवाही के लिए अधिकारियों को प्रेषित करते हैं।

लेकिन पत्र जिसने भेजा है, उस व्यक्ति को संतोष प्राप्त करने के लिए दोबारा उन्हें पत्र प्राप्ति की सूचना देने के लिए पत्र लिखा जाता है, जिसे पावती पत्र कहा जाता है।

पृष्ठांकन

जब किसी आदेश के मूल पत्रिका व उसकी प्रतिलिपि को उसे भेजने वाले को ही या किसी और मंत्रालय या संबंध या अधीनस्थ कार्यालय को लौटाना हो तब इसका प्रयोग होता है। पृष्ठांकन को बहुत ही संक्षेप में लिखा जाता है। इसका समापन कभी भी औपचारिक संबोधन या उपसंहार के साथ नहीं किया जाता।

पृष्ठांकन का उदाहरण

संख्या 55/का.शि.नि./30/205

उत्तर प्रदेश सरकार
गृह विभाग, लखनऊ

दिनांक 22.3.2023

प्रतिलिपि निम्नांकित को सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित है-

1.विधि विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार

  1. वित्त विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार
  2. कार्मिक विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार

हस्ताक्षर
उपसचिव,
गृह विभाग,
राजस्थान सरकार

संकल्प

सरकारी पत्राचार का एक विशेष स्वरुप संकल्प को विशेष परिस्थितियों में ही प्रयोग किया जाता है। जैसे जांच आयोग के प्रतिवेदनो पर कोई घोषणा करना हो, जब सरकार नीति से संबंधी किसी महत्वपूर्ण प्रश्न पर सार्वजनिक घोषणा करती हो या जब किसी जांच आयोग की घोषणा की जाती है और उसके शक्तियों का उल्लेख किया जाता है तब संकल्प पत्र जारी किए जाते हैं।

संकल्प का प्रारूप

  • संकल्प पत्र को पुरुष शैली में लिखा जाता है, इसे राजपत्र में प्रकाशित किया जाता है।
  • इस तरह के पत्र में संबोधन का प्रयोग नहीं किया जाता।
  • इसमें प्रस्तावना, संकल्प, आवश्यक निर्देश व आदेश में चार अंग होते हैं।

संकल्प का उदाहरण

संख्या 85 / 3. वि. / 145/201

बिहार सरकार
शासन सचिवालय
पटना

दिनांक 22.3.23

बिहार राज्य के कई क्षेत्रों में सांप्रदायिक और जातिगत संघर्ष एवं तनाव देखने को मिल रहे हैं जिसके कारण बिहार सरकार ने एक समिति का गठन किया है और यह समिति इन संघर्ष और तनाव के कारणों पर विचार एवं उसके निवारण के लिए अपने सुझाव को दिनांक 25.5.23 बिहार सरकार को देगी। इस समिति के अध्यक्ष श्री केशव चंद्र यादव जी होंगे। समिति में निम्नलिखित सदस्य होंगे:

श्री राम बिहारी वर्मा, सचिव, गृह विभाग, बिहार सरकार
श्री शंकर दास यादव शर्मा, संसद सदस्य
मौलाना श्री अब्दुल खान, अध्यक्ष, साम्प्रदायिक शान्ति सेना।

हस्ताक्षर
मुख्य सचिव,
बिहार सरकार, पटना

संख्या 49 / म.स./73/501

प्रेस विज्ञप्ति

सरकार के द्वारा लिए गए बड़े निर्णय, महत्वपूर्ण जानकारी या सरकार के अन्य कोई निर्देश जिसे पूरी जनता तक पहुंचाने है तो उसे समाचार पत्रों में प्रकाशित करने के लिए इस तरह के प्रेस विज्ञप्ति भेजी जाती हैं।

प्रेस विज्ञप्ति में कोई भी हेयर फेयर नहीं हो सकता है। इसे जिस स्वरूप में प्रकाशित करने के लिए भेजा जाता है वैसे ही प्रकाशित करना होता है। कोई भी बदलाव नहीं कर सकते हैं। हालांकि कोई भी सामग्री छपने से पहले संपादक चाहे तो अपने हिसाब से उसके आकार को छोटा बड़ा कर सकता है।

प्रेस विज्ञप्ति का प्रारूप

  • प्रेस विज्ञप्ति में सबसे ऊपर प्रकाशित तिथि लिखना महत्वपूर्ण होता है।
  • यहां स्वयं का शीर्षक उपलब्ध होता है। इसमें संबोधन या निर्देश नहीं होते हैं।
  • इसके अंत में नीचे बाए तरफ हस्ताक्षर व पद का नाम अंकित किया गया होता है। इसके साथ ही मंत्रालय विभाग का नाम और तिथि भी लिखा होता है।
  • प्रेस विज्ञप्ति को सबसे पहले सूचना अधिकारी के पास भेजा जाता है।

प्रेस विज्ञप्ति का उदाहरण

दिनांक 29.3.2023 के पूर्व प्रकाशित और प्रसारित न किया

प्रेस विज्ञप्ति

भारत और बांग्लादेश के बीच वर्षों से चले आ रहे सीमा विवाद पर समझौता हो चुका है। समझौते पर दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कर समझौता कर लिया है। सीमा रेखा के निर्धारण के लिए विवादग्रस्त क्षेत्र के मध्य भाग की रेखा सीमा मानकर दोनों देशों का मान्य समाधान स्वीकारा गया।

सूचना अधिकारी, प्रेस सूचना ब्यूरो, भारत सरकार नई दिल्ली के प्रकाशनार्थ प्रेषित।

हस्ताक्षर
सचिव,
भारत सरकार

परराष्ट्र मंत्रालय,
नई दिल्ली

दिनांक 4.3.2023

अनुस्मारक या स्मरण पत्र

अनुस्मारक व स्मरण पत्र को अंग्रेजी भाषा में रिमाइंडर भी कहा जाता है। इस तरह के पत्र का प्रयोग याद दिलाने के लिए किया जाता है। अनुस्मारक पत्र का प्रारूप मूल पत्र की तरह ही होता है।

यदि मूल पत्र कार्यालय ज्ञापन था तो अनुस्मारक भी कार्यालय ज्ञापन के प्रारूप में ही लिखा जाएगा। वहीं यदि मूल पत्र अर्ध सरकारी पत्र के रूप में था तो इसे भी अर्ध सरकारी पत्र के रूप में ही लिखा जाएगा।

लेकिन इसमें पहले की तुलना में थोड़ी शख्त भाषा का प्रयोग किया जाता है। जब कभी किसी कार्यालय या अन्य विभाग में किसी काम को करवाने के लिए पत्र भेजा जाता है लेकिन उसका कोई उत्तर नहीं मिलता तब एक और पत्र भेजकर पहले पत्र का स्मरण कराया जाता है।

यदि अनुस्मारक पत्र के बाद और भी अनुस्मारक पत्र भेजने की जरूरत पड़ती है तब सभी पत्रों और उनकी संख्या का उल्लेख करना होता है। अनुस्मारक का आकार थोड़ा छोटा होता है।

अर्द्धशासकीय अर्द्धसरकारी पत्र

अर्ध सरकारी पत्र सरकारी पत्र के प्रारूप में हीं होता है लेकिन यह थोड़ा अनौपचारिक होता है। सरकारी अधिकारियों के आपसी पत्र व्यवहार में विचारों और सूचनाओं के आदान-प्रदान करने के लिए इस तरह के पत्रों का प्रयोग किया जाता है। इस प्रकार के पत्र में विषय का उल्लेख नहीं किया जाता है।

यह पत्र व्यक्तिगत रूप से किसी अधिकारी को उसके नाम से लिखे जाते हैं। इस तरह के पत्र को लिखने का उद्देश्य किसी कार्यालय के कार्य को जल्द से जल्द संपन्न कराने के लिए या फिर किसी अधिकारी का किसी विशेष मुद्दे पर ध्यान आकर्षित कराने के उद्देश्य से लिखा जाता है।

अर्ध सरकारी पत्र डाक सामग्री की तरह कार्यालय में नहीं खोला जाता बल्कि व्यक्तिगत रूप से किसी अधिकारी के हाथ में दिया जाता है।

अर्धशासकीय प्रारूप

  • अर्ध शासकीय या अर्ध सरकारी पत्र किसी अधिकारी को उसके व्यक्तिगत नाम से लिखा जाता है।
  • इस तरह के पत्र का अंत “आपका” से किया जाता है।
  • इस प्रकार के पत्र में एकवचन की शैली “मैं” का प्रयोग किया जाता है।
  • इस तरह के पत्र लिखते समय अधिकारी पत्र के नीचे हस्ताक्षर करते समय अपना नाम आमतौर पर नहीं लिखता है।
  • इस तरह के पत्र को मैत्री भाव वाले शब्दों के प्रयोग से लिखा जाता है।
  • इस तरह के पत्र में संबोधन के लिए प्रिय, श्रीयुत जैसे शब्द लिखे जा सकते हैं।
  • इस तरह के पत्र में विषय भी नहीं लिखा जाता है नहीं पता अंकित करने की जरूरत होती है। बस ऊपर बाएं ओर पत्र भेजने वाले अधिकारी का नाम और पदनाम लिखा जाता है।

अर्धशासकीय पत्र का उदाहरण

भारत सरकार
मानव संसाधन मंत्रालय,
नई दिल्ली

प्रिय श्री मेहता

कृपया इस विभाग के पत्रांक 23(1) 2020-23 दिनांक 22.3. 23 को देखने का कष्ट करें पत्र में मांगी गई सूचना अभी तक प्राप्त नहीं हुई है। प्रधानमंत्री रोजगार योजना के क्रियान्वयन के यथा तथ्य आंकड़े अपनी टिप्पणी सहित अविलंब भेजने का प्रयास करें।

शुभकामनाओं सहित
आपका हस्ताक्षर

सेवा में,
श्री जयचंद मेहता
मुख्य सचिव, भारत सरकार
नई दिल्ली

अधिसूचना वाले पत्र

इसका प्रयोग नियमो और प्रशासनिक आदेशों की घोषणा, अधिकारियों की नियुक्ति, छुट्टी, उनकी तरक्की, शक्तियों का सौंपा जाना, अध्यादेश अधिनियम, विधायक की स्वीकृति या संकटकालीन घोषणा आदि विषयों के लिए किया जाता है।

इस तरह सरकार के द्वारा जारी की गई अधिसूचना सरकारी कार्यालय से संबंधित अधिकारियों व जनसाधारण को जानकारी के लिए इस तरह के पत्र लिखे जाते हैं।

अधिसूचना का प्रारूप

  • इस तरह के पत्र को पुरुष शैली में लिखा जाता है।
  • इस तरह के अधिसूचना वाले पत्रों में महोदय जैसे संबोधन शब्दों का प्रयोग नहीं किया जाता।
  • इस प्रकार के पत्रों में ना ही अंत में किसी भी प्रकार का भवदीय या स्वर निर्देशित शब्द का प्रयोग किया जाता है।
  • ऐसे पत्रों में मंत्रालय व कार्यालय का नाम, पदनाम व हस्ताक्षर का उल्लेख किया जाता है।

अधिसूचना के उदाहरण

भारत सरकार
गृह मंत्रालय
नियुक्ति अनुभाग -1
संख्या-2015/दो-1-2020-23
नई दिल्ली,

दिनांक. 23.3.23

अधिसूचना

श्री केशव चंद्र उपाध्यक्ष आईएएस को 22 मार्च 2023 से भारत सरकार के गृह मंत्रालय में अवर सचिव के रूप में नियुक्त किया जाता है।

हस्ताक्षर
प्रमुख सचिव,
गृह मंत्रालय

उपर्युक्त अधिसूचना की प्रतिलिपि निम्नलिखित को सूचनार्थ प्रेषित है:

  1. श्री अ ब स, अवर सचिव, गृह मंत्रालय, भारत सरकार।
  2. स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार नई दिल्ली
  3. निदेशक, मुद्रण एवं लेखन सामग्री, नई दिल्ली को इस अनुरोध के साथ कि इस अधिसूचना को गजट के हिंदी संस्करण में प्रकाशित किया जाए।
  4. गार्ड फाइल

कार्यालय में ज्ञापन

इस तरह के पत्र का प्रयोग आमतौर पर विभिन्न मंत्रालयों के द्वारा आपसी पत्राचार हेतु किया जाता है। इस तरह अलग-अलग मंत्रालयों के बीच सूचनाओं का आदान प्रदान करने के लिए इस तरह के पत्र का प्रयोग होता है।

कार्यालय ज्ञापन का प्रारूप

  • ज्ञापन वाले पत्रों में विषय का उल्लेख करना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है।
  • इस तरह के पत्र में भवदीय आदि नहीं लिखा जाता है।
  • कार्यालय ज्ञापन पत्र को पुरुष शैली में लिखा जाता है।
  • इस तरह के पत्र के अंत में लिखने वाले का पद नाम और हस्ताक्षर होते हैं।
  • लेकिन भेजने वाले अधिकारी का नाम और पता अंकित नहीं होता है।
  • जिस मंत्रालय को यह पत्र भेजा जाता है, उसका नाम हस्ताक्षर के नीचे बिल्कुल बाईं ओर पृष्ठ पर लिखा जाता है।
  • इस तरह के पत्र की शुरुआत प्रिय या महोदय जैसे शब्दों से नहीं किया जाता है।
  • इस तरह के पत्र को लिखने की शुरुआत “अधोहस्ताक्षरी को यह निर्देशित हुआ है कि” से आमतौर पर किया जाता है।

कार्यालय ज्ञापन का उदाहरण

संख्या- 471/5/2022-23

भारत सरकार
गृह मंत्रालय
राजभाषा विभाग

दिनांक 23.3.23

विषय: उत्पादों पर राजभाषा हिन्दी का प्रयोग

केन्द्र सरकार के उद्यमों द्वारा अनेक प्रकार के वस्तुओं का उत्पादन होता है और आमतौर पर देखा गया है कि उन वस्तुओं से संबंधित विवरण अंग्रेजी भाषा में लिखे गए होते हैं जो राज्य भाषा हिंदी के नीति के विरुद्ध है।

अतः वित्त मंत्रालय से अनुरोध है कि वह अपने नियंत्रण में आने वाली कंपनियों एवं निगमों को यह निर्देश करें कि भविष्य में वे जिन भी वस्तुओं का उत्पादन करें उनके विवरण केलिए अंग्रेजी भाषा सहित हिंदी भाषा का भी प्रयोग करें।

इस सम्बंध में जारी किए गए आदेश की एक प्रति इस विभाग को भी सूचनार्थ भेजी जाए।

हस्ताक्षर
मुख्य सचिव
वित्त मंत्रालय
भारत सरकार, नई दिल्ली

कार्यालय पत्र कैसे लिखा जाता है?

  • कार्यालय पत्र लिखते समय पत्र के ऊपर दाएं ओर सबसे पहले जिस विभाग को पत्र लिखा जा रहा है, उस विभाग, संस्था या फिर कार्यालय या फिर मंत्रालय का नाम लिखा जाता है।
  • उसके नीचे भेजने वाले का नाम व पता इसके साथ ही पिनकोड लिखा जाता है।
  • पत्र के नीचे वाले भाग में अंत में बाई ओर दिनांक लिखा जाता है।
  • उसके बाद पत्र जिस विषय से संबंधित लिखा जा रहा है, उस विषय का उल्लेख करना जरूरी है। हालांकि कार्यालय पत्र के विभिन्न प्रकारों में कुछ प्रकार के पत्र में विषय का उल्लेख करना जरूरी नहीं होता।
  • उसके बाद प्रषिती को संबोधित करने के लिए “महोदय” या “मान्यवर” जैसे संबोधन सूचक शब्दों का प्रयोग करना चाहिए। लेकिन कार्यालय पत्र के कुछ प्रकारों में इस तरह के संबोधन सूचक शब्दों का प्रयोग नहीं किया जाता है, इसका ध्यान रखना जरूरी है।
  • पत्र भेजने वाले को यदि पहले से ही कोई अन्य पत्र भेजा गया है तो उसका उल्लेख व उसकी संख्या, तारीख का उल्लेख करना जरूरी होता है।
  • कार्यालय पत्र लिखते समय शुद्ध भाषा का ही प्रयोग करना चाहिए।
  • कार्यालय पत्र के ज्यादातर प्रकार में अन्य पुरुष शैली का प्रयोग किया जाता है, जिसमें यह, वह, इन्हें, उन्हें का प्रयोग होता है।
  • कार्यालय पत्र में उतम पुरुष शैली जैसे – मैं, हम का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  • कार्यालय पत्र में भाषा सरल, शिष्ट व सुसंगत होना चाहिए।
  • पत्र समाप्ति के बाद अंत में बाई ओर भवदीय, सद्भावनापूर्वक या विश्वासपात्र जैसे विशेष शब्द का प्रयोग कर सकते हैं।
  • उसके बाद हस्ताक्षर व हस्ताक्षर के नीचे कोष्टक में अपना नाम भी अंकित करना चाहिए।
  • पत्रों में अत: संलग्न क्रम संख्या डालकर पत्र को अंतिम रूप देना चाहिए।

कार्यालयीन पत्र की विशेषताएं

  • कार्यालय पत्र की यह खास विशेषता होती है कि पत्र को संक्षिप्त रूप में लिखा जाता है। कम शब्दों में अधिक से अधिक बातें बताने का प्रयास कार्यालय पत्र में किया जाता है।
  • कार्यालय पत्र में केवल उन्हीं शब्दों का इस्तेमाल होता है, जिसकी आवश्यकता है आवश्यकता से ज्यादा और अनावश्यक शब्दों का प्रयोग नहीं होता।
  • कार्यालय पत्र लिखते समय सरल, सभ्य और औपचारिक भाषा का प्रयोग किया जाता है। कार्यालय में जिस तरह के शब्दों का उपयोग होता है, उन्ही शब्दों में कार्यालय पत्र लिखे जाते हैं।
  • कार्यालय पत्र को हमेशा मूल विषय को ध्यान में रखकर लिखा जाता है, पत्र में तारतम्यता होती है।
  • कार्यालय पत्र की एक और विशेषता उसकी सुस्पष्टता है। कार्यालय पत्र किसी भी प्रकार और किसी भी उद्देश्य से लिखा जाए लेकिन उसमें स्पष्टता की विशेषता दिखनी चाहिए।
  • कार्यालय पत्र में उपयोग किए गए शब्द प्रभावी होते हैं ताकि पत्र जिस उद्देश्य से लिखा जाता है उद्देश्य पूरा हो जाए। उदाहरण के लिए भी कोई कार्यालय पत्र किसी विलंब काम को जल्दी से करवाने के उद्देश्य से लिखा जा रहा है तो शब्द इस तरह होते हैं कि सामने वाला पत्र को पढ़कर जल्द से जल्द काम को करवाने का प्रयास करता है।
  • कार्यालय पत्र में एक आदेश एवं एक सूचना को एक ही पैराग्राफ में लिखा जाता है। दूसरे सूचना या दूसरी बात को 2 संख्या डालकर दूसरे पैराग्राफ से शुरू किया जाता है।
  • कार्यालय पत्र में राजभाषा की शब्दावली रखी जाती है।

कार्यालयीन पत्र लेखन हिंदी pdf

यहां पर हम कार्यालय पत्र pdf के रूप में उपलब्ध कर रहे हैं, जिन्हें आप आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं। यह कार्यालय पत्र पीडीऍफ़ अपने प्रोजेक्ट आदि के रूप में भी काम ले ले सकते हैं।

FAQ

ज्ञापन क्या है?

किसी को कोई बात बताना, याद कराना, जानकारी देना ही ज्ञापन कहलाता है।

ज्ञापन पत्र लिखते समय सबसे पहले क्या लिखा जाता है ?

ज्ञापन पत्र लिखते समय सबसे ऊपर फाइल संख्या, मंत्रालय व विभाग का नाम लिखा जाता है।

अर्ध सरकारी पत्र और सरकारी पत्र में क्या अंतर होता है?

अर्ध सरकारी पत्र सरकारी पत्र की तुलना में थोड़ा कम औपचारिक होता है। इसे थोड़ा अनौपचारिक स्वरूप में लिखा जाता है।

शासनादेश वाले पत्र को अंग्रेजी में क्या कहा जाता है?

शासनादेश वाले पत्र को गवर्नमेंट आर्डर कहा जाता है।

निष्कर्ष

पत्र लिखने की शैली पत्र भेजने वाले व्यक्ति पर निर्भर करती है। पत्र औपचारिक और अनौपचारिक दो तरीके से लिखे जाते हैं।

आज के इस लेख में आपने कार्यालय पत्र के बारे में जाना। जिसमें कार्यालय पत्र क्या होता है और कार्यालय पत्र के विभिन्न प्रकारों के बारे में जाना तथा उन पत्रों को लिखने के नियम जाने।

हमें उम्मीद है कि यह लेख आपके लिए जानकारीपूर्ण रहा होगा। यदि यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए अन्य लोगों के साथ भी जरूर शेयर करें।

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Rahul Singh Tanwar
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राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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