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विज्ञापन (परिभाषा, प्रकार, विज्ञापन लेखन के उदाहरण)

विज्ञापन लेखन, परिभाषा, प्रकार, उदाहरण | Vigyapan in Hindi | Vigyapan Lekhan

Vigyapan in Hindi
Image: Vigyapan in Hindi

विज्ञापन क्या है?

विज्ञापन शब्द का अर्थ ‘विशिष्ट जानकारी’ से है। अर्थात वस्तु के गुणों को बढ़ाकर विज्ञापन में विशेष जानकारी प्रस्तुत किया जाता है। जो उपभोक्ता को आकर्षित करता है और उन्हें सामान खरीदने के लिए मजबूर करता है। विज्ञापन का उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों तक किसी वस्तु या सेवा की जानकारी पहुंचता है।

आज के जमाने में अपनी वस्तु की बिक्री बढ़ाने के लिए दुकानदार कंपनी नई नई प्रचार-प्रसार के तरीके ढूंढती है और विज्ञापन के माध्यम से उपभोक्ता को आकर्षित करती हैं।

यह लोग उपभोक्ता को क्यों आकर्षित करते हैं? क्योंकि उनकी वस्तु अधिक से अधिक लाभ कमा सके। उत्पादक अपनी बिक्री कर अधिक लाभ कमाना चाहते हैं। तो उपभोक्ता उनका प्रयोग कर सुख एवं संतुष्टि पाना चाहते हैं। ग्राहक को इसी तरह आकर्षित कर उसका फायदा उठाते हैं और दुकानदार तरह-तरह के प्रोडक्ट का  प्रयोग करते हैं।

जैसे वे विज्ञापन है अर्थात की वर्तमान जमाने में देखेंगे की वस्तुओं की उत्पाद को बढ़ाने के लिए वस्तुओं के अधिक से अधिक बिक्री के लिए अगर लोगों के पास कोई हथियार है तो वह है, “विज्ञापन”।

विज्ञापन का संसार विस्तार हो चुका है, विज्ञापन का अर्थ है कि विज्ञापन शब्द विज्ञापन में उपसर्ग लगने से बना है। अर्थात इसे जो ज्ञापन हैं मूल शब्द है, जिसका अर्थ होता है विशेष जानकारी प्रदान करना। यह जानकारी उत्पादित वस्तु और सेवा से जुड़ी होती है। यह जानकारी संबंधित होती है, जिस वस्तु की हमें बिक्री करनी होती है। दुकान में वस्तुओं के गुणों को बढ़ा चढ़ाकर प्रस्तुत किया जाता है।

यह क्यों किया जाता है क्योंकि उपभोक्ता लालच में आकर खरीदने के लिए विवश हो जाए, उपभोक्ता को वस्तु की जानकारी तुलनात्मक दाम एवं चयन का विकल्प मिल जाता है। उपभोक्ता टीवी देख रहे हैं, रेडियो पर कोई कार्यक्रम सुन रहे हैं। तो बीच-बीच में विज्ञापन आते रहते हैं तो यह क्यों आते हैं? क्योंकि उपभोक्ता उसे सुने, उसे देखें और वस्तुओं को खरीदे। आज के समय में समाचार पत्र, पत्रिका पढ़े, तो उसमें भी जगह-जगह विज्ञापन दिए रहते हैं।

अब आप घर से बाहर जाए, तो हम आप क्या देखते हैं, मकानों की दीवारों पर विज्ञापन लगे होते हैं। उसमें उपहार ऑफर लिखा रहता है, कहीं भाड़े की मकान खाली, आज फलाने दुकान में यह खरीदने पर आपको यह उपहार मिलेगा इत्यादि है। विभिन्न विभिन्न प्रकार के विज्ञापन देखने को मिलता है।

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विज्ञापन बनाने का उद्देश्य

किसी उत्पाद खरीदना और बेचना या उसी को बढ़ावा देना, अन्य उत्पाद कंपनियों के उत्पादन की तुलनात्मक जानकारी, किसी संस्थान में रिक्त स्थान, नौकरी चाहिए, किराए के लिए घर नाम बदलना, गुमशुदा की तलाश शादी हेतु वर या वधू चाहिए स्कूल आदि में प्रवेश दुकान में सेल खाने-पीने किसी अन्य दुकान या शोरूम खोलने की सूचना देना, चुनाव प्रचार, किसी शिविर का आयोजन, जमीन खरीदना बेचना आदि।

विक्रय  की सहायता करना

विज्ञापन के माध्यम से ग्राहकों को वस्तुओं के लक्षण, गुणों, प्राप्ति, स्रोत आदि के बारे में बहुत सारी जानकारी दी जाती है। इससे विक्रेताओं का काम सरल हो जाता है, उन्हें अपनी वस्तु या सेवा को बेचने के लिए प्रयास करना पड़ता है।

व्यापारिक संबंधों को सुधारना

विज्ञापन पुराने व्यापारियों को आश्वस्त करता है और नए व्यापारियों को उत्पाद की वस्तु बनाने के लिए प्रेरित करता है।

नई वस्तुओं का बाजार में प्रवेश करना। किसी भी वस्तु को बाजार में लेने से पहले ग्राहकों को उसके बारे में पर्याप्त जानकारी देनी पड़ती है और उन वस्तुओं की मांग उत्पन्न करती है और विज्ञापन क्या है वस्तु की पूरी जानकारी देकर इसकी मांग करता है और विज्ञापन वस्तु के नाम पैकिंग कीमत आदि आदि में परिवर्तन करके  ग्राहकों को जानकारी दी जाती है।

मध्यस्थों को वस्तु बेचने के लिए विवश करना

यह इस बात के लिए मध्यस्थों को वस्तु बेचने के लिए विवश करता है, जिससे मेडिएटर्स को वे उस निर्माण की वस्तुओं को अपने यहां बिक्री के लिए रखें, जिससे कि विज्ञापन किया जा रहा है और यह सब तभी मुमकिन है। जब ग्राहक विज्ञापनों से प्रभावित होकर वस्तु खरीदने के लिए विक्रेताओं से पूछताछ करें।

दूसरा प्रमुख उद्देश्य यह है कि विक्रेताओं को इस बात के लिए विवश करना है कि वह उस निर्माण की वस्तुओं को अपने यहां बिक्री के लिए रखें, जिनका विज्ञापन किया जा रहा है। तभी मुमकिन है जब वह विज्ञापनों से प्रभावित होकर वस्तु को खरीदने के लिए मध्यस्थ विक्रेताओं से पूछताछ करें।

ब्रांड वरीयता बनाना

विज्ञापन इस उद्देश्य से किया जाता है कि ब्रांड के प्रति परीता बन जाए जिससे उपभोक्ता उसी ब्रांड को खरीदे और प्रतियोगियों के लिए कठिनाई उत्पन्न कर दें कि वह अपनी वस्तुओं को बेच सके।

उपभोक्ताओं को याद दिलाना

विज्ञापन के द्वारा ग्राहकों को वस्तुओं को खरीदने के लिए याद दिलाया जाता है और यह याद दिलाने के लिए बार-बार विज्ञापन किया जाता है और हमने देखा है कि इसके उद्देश्यों में बार-बार पुनरावृत्ति इसी कारण की जाती है। आपको एक तो बार-बार याद दिला जाता है दूसरा आपको खरीदने के लिए प्रेरित किया जाता है।

प्रतियोगी विज्ञापन को प्रभावित करना

प्रतियोगी विज्ञापन का उद्देश्य होता है प्रतियोगी कंपनी के द्वारा किए जा रहे विज्ञापन के प्रभाव को शून्य करना है। जैसे कि आप देखते हैं कि उसी दाम पर किसी वस्तु को दो यूनिट खरीदे जा सकते हैं या फिर उस बस में भारी मात्रा में छूट देकर विज्ञापन किया जाता है। ताकि अधिक से अधिक ग्राहक खरीदने के लिए प्रेरित हों।

उपभोक्ताओं को शिक्षित करना

विज्ञापन का उद्देश्य उपभोक्ताओं को शिक्षित करना है और विज्ञापन के द्वारा विज्ञापित वस्तु की उपलब्धता पहचान और उसकी प्रयोग के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान कर उपभोक्ताओं को शिक्षित किया जाता है।

विक्रय करता की पहुंच से बाहर के लोग से संपर्क करना

विज्ञापन एक सार्वजनिक प्रसारण है, उसे बाहर के लोगों से संपर्क करना भी विज्ञापन का प्रमुख उद्देश्य है। आप जानते हैं कि विज्ञापन का जो दायरा है बहुत बड़ा होता है यह एक सार्वजनिक प्रशासन है और इसकी सूचना है दूर-दूर तक अधिक व्यापक क्षेत्र में प्रसारित होती है। इसलिए विज्ञापन के द्वारा उन लोगों तक पहुंचा जा सकता है, जिनके पास विक्रेता नहीं पहुंचती है और उन लोगों तक की मांग बनाई जा सकती है।

दूसरी महत्वपूर्ण यह है कि विज्ञापन का उद्देश्य से और ब्राह्मण विचारों को दूर करना भी है और यह विज्ञापन वस्तुओं की बिक्री के मार्ग में उत्पन्न होने वाले गलत और भ्रमित विचारों को दूर करता है और विज्ञापित वस्तु को लोकप्रिय बनाने के लिए भी बहुत ही महत्वपूर्ण उद्देश्य है विज्ञापन का।

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विज्ञापन के लाभ

विज्ञापन संप्रेषण का माध्यम के लाभ निम्नलिखित हैं जैसे एडवर्टाइजमेंट कम्युनिकेशन एक संप्रेषण का माध्यम है, जिसके उत्पाद की जानकारी एक प्रोड्यूसर से उत्पादन करता है उससे उपभोक्ता तक पहुंचाई जाती है तो क्या है एडवर्टाइजमेंट एडवर्टाइजमेंट एक संप्रेषण का माध्यम है, जिससे निर्माताओं से जानकारी गांव तक पहुंचाई जाती है।

मितव्ययिता

विज्ञापन के माध्यम से बड़ी संख्या में जो दूर-दूर फैले हुए व्यक्ति हैं उनकी पास यह इंफॉर्मेशन पहुंचाई जाती है। तुमको प्रोडक्ट की जानकारी दी जाती है, जिससे क्या होता है विज्ञापन का कुल खर्च है, वह घटकों में बट जाता है। अलग-अलग पार्ट में डिवाइड हो जाता है और प्रति लेझीम की इकाई हो जाता है। प्रोडक्ट कीमत कम हो जाता है, विज्ञापन से क्या मालूम चला विज्ञापन का एक भेद है। इसमें मितव्ययिता है खर्च कम आता है।

स्पष्टता (CLARITY)

विज्ञापन एक ऐसा माध्यम है, जिसके द्वारा नया गांव के अंदर भी नई रुचि जागरूक की जाती है। मतलब ऐसे लोग जो अपने लोग अपनी प्रोडक्ट यूज नहीं करते हम उस प्रोडक्ट के लिए रुचि जागृत करते हैं। एडवर्टाइजमेंट के द्वारा की जाती है।

कंप्यूटर डिजाइन एवं ग्राफिक्स इन सब का न्यूटीलाइट कर कर के जो विज्ञापन का माध्यम है। उसको वितरित किया जाता है और इसके कारण ही चीजों की यूटिलाइजेशन के कारण जो सिंपल प्रोडक्ट है वे और आकर्षित नजर आने लगते हैं, जिससे लोगों के अंदर प्रोडक्ट के लिए रुचि जागृत हो जाती है।

सूचना (Information)

विज्ञापन एक ऐसा संचार माध्यम है जो उपभोक्ताओं को आवश्यकता पूरी करने के लिए बाजार में उपलब्ध प्रोडक्ट की जानकारी देती है। इसमें जो विज्ञापन हैं, ग्राहकों की जरूरत पूरी करता है, उनकी जरूरत कैसे पूरी करती है जो प्रोडक्ट बाजार में है उसे ग्राहक को बाजार में उपलब्ध प्रोडक्ट वस्तुएं उनकी जानकारी प्रदान करती है और इसके द्वारा उपभोक्ताओं को यह पता चल जाता है कि किस तरीके से बाजार मे वस्तुएं उपलब्ध है। उनको किस तरह से फायदा पहुंचाएगी।

 विश्वास व आश्वासन

प्रत्येक उपभोक्ता और निर्माता आपस में सीधे संपर्क में नहीं रह सकते क्योंकि पता है आपको जो उपभोक्ता होते हैं। वह दूर दूर होते हैं, जरूरी नहीं पार्टिकुलर एरिया में रहे, ऐसी स्थिति में जो निर्माता है। उपभोक्ताओं को विश्वास दिलाने के लिए विज्ञापन का सहारा लेता है।

विज्ञापन क्या हुआ एक तरह का सहारा हो गया जो निर्माताओं और उपभोक्ताओं के बीच विश्वास दिलाता है। उपभोक्ता प्राचीन ब्रांड वाली वस्तुओं को अधिक महत्व देता है चाहे उसे खरीदने के लिए ज्यादा पैसा देना पड़ता और उपभोक्ताओं को यह विश्वास विज्ञापन से ही मिलता है।

सुविधा

विज्ञापन है वह वस्तु की ब्रांड इमेज बनाता है, जितनी बार किसी पार्टी कूलर वस्तु का एडवर्टाइजमेंट विज्ञापन होगा ब्रांड इमेज का ब्रांड इमेज होती है। एक अच्छे ब्रांड की वस्तु खरीदने और बेचने में सुविधा होती है क्योंकि उपभोक्ता उस वस्तु को जानता नहीं है पढ़ता नहीं है, जिस वस्तु की ब्रांड में बनी होती यह ब्रांड इमेज किसके द्वारा बनाए जाते हैं एडवाइजमेंट के द्वारा बनाई जाती है या हम कहे विज्ञापन के द्वारा बनाई जाती है। वस्तु के पैकेट डिब्बे पर वस्तु का वजन, रंग, संख्या आदि लिखी होती है और उसमें मूल्य भी लिखी रहती है जिसमें उपभोक्ता और बिक्री करता के बीच समय का भी बचत होती है और थोड़े दिन और लेने में  सुविधा होती है।

पसंद की स्वतंत्रता

वह उपभोक्ता किसी भी प्रोडक्ट को खरीद सकता है। आज के इस भौतिक युग में  बहुत सारी ऐसी प्रोडक्ट उपलब्ध है जो कि कंपटीशन के अंदर है एक ही प्रोडक्ट एक ही तरह से न्यूटीलाइट अलग-अलग दाम पर उनके उत्पादित करती है। ऐसी स्थिति में अगर उपभोक्ता किसी एक ब्रांड पर संयुक्त नहीं होता वह दूसरे ब्रांड का प्रोडक्ट उपभोक्ता वस्तुओं को खरीद सकता है।

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विज्ञापन के प्रकार

ऐसे तो विज्ञापन कई प्रकार के होते हैं, परंतु मोटे तोड़ पर हम छ: विज्ञापन को यहां विस्तारपूर्वक जानेंगे:

  1. स्थानीय विज्ञापन
  2. राष्ट्रीय विज्ञापन
  3. वर्गीकृत विज्ञापन
  4. औद्योगिक विज्ञापन
  5. जनकल्याण संबंधी विज्ञापन
  6. सूचनाप्रद विज्ञापन

स्थानीय विज्ञापन

स्थानीय शब्द से क्या मतलब है स्थान विशेष। इन छोटे क्षेत्र से इन छोटे क्षेत्र से इनका प्रचार प्रसार का क्षेत्र छोटा होता है। स्थानीय स्तर का होता है, क्षेत्रीय स्तर का होता है। क्षेत्र विशेष तक जानकारी पहुंचाने के जैसे उनका प्रचार चित्र जितना छोटा होता है कि इसके लिए हमें आवश्यकता से छूट नामी योजनाओं का जिक्र करना पड़ता है।

जैसे हम कई बार देखते हैं जब कहीं कपड़ों की सेल लगती है। किसी विशेष प्रकार की मेले की छोटे-मोटे छूट चलती है या कपड़े जूते चप्पल खिलौने इत्यादि की सेल चलती है। इस प्रकार के अलग-अलग क्षेत्रों में इस प्रकार की छूट मिलती है। कहीं मेला लग रहा है तो इस प्रकार की छूट से अन्य प्रकार का बिक्री करने में प्रयास करते हैं। इसके लिए जो विज्ञापन प्रसारित किए जाते हैं, इसे स्थानीय विज्ञापन कहते हैं।

खास तरह के विज्ञापन खाद उत्पादन होता है आमतौर पर यह जरूरतों के लिए होता है। यह विज्ञापन प्रत्यक्ष बिक्री बढ़ाने के लिए होती है। यह डायरेक्ट सेलिंग बढ़ाने के लिए प्रत्यक्ष बिक्री को बढ़ाने के लिए इसका प्रसारण स्थानीय क्षेत्र में होता है। इस विज्ञापन का क्षेत्र होता है।

जैसे मान लेते हैं कि एक पेपर सिर्फ एक सिटी में ही बढ़ेगी, वह दूसरा स्ट्रीट नहीं जा सकती तो उसे स्थानीय विज्ञापन भी कहते हैं। कई तरह के छोटे-छोटे बैनर भी लगा दिए जाते हैं जैसे- मॉल पर स्टेशन बस रेलवे स्टेशन टीवी रेडियो समाचार पत्र इन सभी में छोटे-छोटे अपना एडवर्टाइजमेंट करते हैं तो इस तरह के विज्ञापन को स्थानीय विज्ञापन इस प्रकार के होते हैं।

राष्ट्रीय विज्ञापन

इसमें संस्थान द्वारा जो है, जनमत तैयार कर योजना  प्राप्त करने के लिए विज्ञापन के जरिए सूचना दी जाती है। मतलब लोगों की मानसिकता क्या है यह विज्ञापन के जरिए  जानने का प्रयास किया जाता है। वह राष्ट्रहित के लिए किन रूपों में शामिल हो सकता है। इसकी जानकारी प्राप्त की जाती है। अनेक राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय कंपनियां हैं जो शिपिंग कंपनियां हैं जो बड़े-बड़े उद्योग समूह बीमा कंपनियां, राष्ट्रहित बीमा कंपनियां है।

सारी कंपनियां राष्ट्रहित संबंधी विज्ञापन देकर जनता की जो मानसिकता है, उनका वह प्राप्त करते हैं और उसके माध्यम से फिर अपना व्यवसाय वृद्धि का प्रयास करते हैं तो यह राष्ट्रहित संबंधी विज्ञापन कंपनियां लोगों की मानसिकता के लोगों की मानसिकता जानने के लिए इस तरह के विज्ञापनों का प्रयोग किया जाता हैं।

वर्गीकृत विज्ञापन

आपने देखा होगा समाचार पत्र में जो है इस तरह के विज्ञापन वर्गीकृत विज्ञापन आपको देखने के लिए मिलेंगे। जो छोटे-छोटे विज्ञापनों से भरा हुआ जो पेज हैं, वह वर्गीकृत विज्ञापन का होता है। इसमें कौन सी बातें होती हैं कि किसी को घर खरीदना होता है, किसी को घर बेचना होता तो क्रय विक्रय संबंधी वस्तुओं के क्रय विक्रय कार खरीदना बेचना खरीदने और बेचने के संदर्भ में कई बार जो है कोई खो जाता है तो खोया पाया कि कई बार जो है मृत्यु होती है तो वह शोक संदेश जन्मदिन की बधाई वाला विज्ञापन है कि अच्छी बहू चाहिए विज्ञापन से संबंधित विज्ञापन से संबंधित विज्ञापन नौकरी से संबंधित विज्ञापन प्रॉपर्टी से संबंधित नीलामी मेडिकल किराया किराए पर मकान ऑटोमोबाइल ज्योतिष वर वधु आवश्यकता के विषय में विज्ञापन प्रकाशित किए जाते हैं वर्गीकृत विज्ञापन होते है।

औद्योगिक विज्ञापन

औद्योगिक विज्ञापन जो होता है, वह सामान्य ग्राहकों से संबंधित नहीं होता है। इस विज्ञापन में उद्योग से संबंधित कच्चा माल उद्योग से संबंधित उपकरण आदि को बेचने खरीदने के संदर्भ में है, यह विज्ञापन प्रसारित किया जाता है। सारी जानकारी प्रस्तुत करना है इसका उद्देश्य होता है।

इस प्रकार के विज्ञापन में प्रमुख रूप से जो है औद्योगिक विज्ञापन प्रक्रिया जो होती है, उसे प्रकाशित किया जाता है। इस प्रकार के विज्ञापन का उद्देश्य होता है, सामान्य व्यक्ति को आकर्षित करना नहीं होता है। बल्कि जो उद्योग जगत से जुड़े हुए जो लोग हैं जो संस्थाएं हैं उद्योग निर्माता है उनको अपनी ओर आकर्षित करना। इस प्रकार के विज्ञापन का उद्देश्य होता है तो औद्योगिक विज्ञापन कहते हैं।

जनकल्याण संबंधी विज्ञापन

यह विभिन्न प्रकार के विज्ञापन है जैसे नगर पालिका है, महानगरपालिका है, नगर निगम है, ग्राम पंचायत हैं, जो संस्था है, जो सरकारी संस्थान है, इनके द्वारा समाज सुधार के संबंध में कल्याण के संदर्भ में सार्वजनिक कल्याण के संदर्भ में समय-समय पर जो है विज्ञापन प्रकाशित किए जाते हैं, जिसमें लोगों के हित की जानकारी होती है, इन्हें विज्ञापन करते हुए हैं।

यात्रा संबंधी सावधानी हटी दुर्घटना घटी घर पर कोई आपकी प्रतीक्षा कर रहा है तो यह क्या है इससे जनकल्याण की भावना से लेकर जुड़ा हुआ यह विज्ञापन है। लोगों के सावधानी से है घर पहुंचना चाहिए या दुर्घटना को हटाना चाहिए इस तरह का संदेश दिया जाता है।

सूचनाप्रद विज्ञापन

इस प्रकार के विज्ञापन में सूचना प्रसारित करने वाला विज्ञापन इस प्रकार के विज्ञापन में विज्ञापन सूचनाओं को प्रकाशित करता है और अपने जो व्यापारिक जो मत है जो अभिव्यक्ति है वह लोगों के सामने रखता है। व्यापार संबंधी जो भी सूचनाएं हैं, वह इस विज्ञापन के माध्यम से लोगों तक पहुंचाई जाए साथ ही इस विज्ञापन का यह उद्देश्य होता है कि जो साधारण सामान्य है जो सामान्य लोग हैं उनको शिक्षित करना भी इस विज्ञापन का उद्देश्य लिविंग स्टैंडर्ड से है उसको उठाने का उद्देश्य आध्यात्मिक उन्नति के लिए प्रेरित करना उन्नति के लिए उन्हें प्रेरित करना भी इस विज्ञापन का उद्देश्य होता है।

सामुदायिक विकास सुधार संबंधित सूचनाएं दी जाती है, अंतरराष्ट्रीय सद्भाव संबंधित सूचनाएं दी जाती वन्य प्राणी की रक्षा के संदर्भ में सूचनाएं दी जाती है। वन्य प्राणी की रक्षा के संदर्भ में सूचनाएं दी जाती है। आजकल यातायात की बहुत बड़ी समस्या है तो यातायात की सुरक्षा के संदर्भ में सूचनाएं दी जाती है। तो यह सारी सूचनाओं को प्रसारित करने वाला जो विज्ञापन होता है, उसे सूचना पर विज्ञापन कहा जाता है और यह सूचना पर विज्ञापन लोगों को सूचनाएं देकर सूचना प्रसारित करके लोगों में जागरूकता उत्पन्न करता है। तो इस दृष्टि से सूचना प्राप्त हुई ज्ञापन भी लोगों की दृष्टि से बहुत मायने रखता है।

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विज्ञापन के कार्य

विज्ञापन की कार्य बहुत सारे होते हैं, जैसे कि निम्नलिखित है:

  • नवीन वस्तुओं और सेवाओं की सूचना देना।
  • किसी वस्तु की उपयोगिता एवं श्रेष्ठ बताते हुए उसकी और लोगों का ध्यान आकर्षित करना।
  • उपभोक्ताओं मे वस्तु के प्रति रुचि तथा विश्वास उत्पन्न करना।
  • उपभोक्ताओं की स्मृति को प्रभावित करना।
  • विशेष छूट आदि की जानकारी देते हुए उपभोक्ता मांग में वृद्धि करना।
  • किसी वस्तु की उपभोक्ता को बताते हुए लोगों को आकर्षित करना।
  • उपभोक्ताओं को वस्तु के प्रति रुचि बढ़ाना या विश्वास बढ़ाना।
  • विज्ञापन अन्य उत्पाद कंपनियों के उत्पादों की तुलनात्मक जानकारी देता है।

विज्ञापन बनाते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए

  • वह आकर्षण होना चाहिए।
  • प्रभावशाली तरीके से कम शब्दों में अधिक शब्द कहना चाहिए।
  • कोई पंक्ति ऐसे लिखने चाहिए जो ‘स्लोगन’ की तरह हो और ध्यान आकर्षित करके याद रह जाने वाली हो।
  • इसमें किसी चित्र या रेखाचित्र का प्रयोग करना चाहिए। 
  • मैं ध्यान रखते हुए यह बात महत्वपूर्ण है कि जो आपसे कहा गया है इस गोले में उस तरह से प्रस्तुत करें जो प्रवक्ता को प्रभावशाली लगे।
  • प्रभावशाली बनाने के लिए रंगीन रंग का प्रयोग भी किया जाता है।
  • बाजार में आई किसी नई वस्तु की जानकारी लोगों तक पहुंचाना।
  • वस्तुओं की गुणवत्ता उपयोगिता व विशेषता की जानकारी लोगों तक पहुंचाना।
  • प्रतिस्पर्धा में खड़े अन्य उत्पादों की तुलना में अपने उत्पाद को बेहतर बनाना।
  • लोगों के मन मानसिकता को प्रभावित करना।
  • उपभोक्ताओं का ध्यान उत्पाद के प्रति आकर्षित करना ताकि बिक्री ज्यादा से ज्यादा हो।
  • ग्राहक को प्रोडक्ट के प्रति मन में भरोसा दिलाया जाता है।

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विज्ञापन लेखन कैसे करें?

विज्ञापन बनाना कोई आसान काम नहीं है। विज्ञापन लेखन एक कला है, आर्ट हैं। तो हम जानेंगे एक अच्छा विज्ञापन किस प्रकार से बनाया जा सकता है और विज्ञापन बनाते समय हमें निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना होता है, तो चलिए हम जानते हैं एक अच्छा विज्ञापन के लिए हमें किन आवश्यक बातों को ध्यान में रखना है।

  • सबसे पहले विज्ञापन बनाने के लिए एक बॉक्स बनाना है। वह बॉक्स आयताकार भी हो सकता है, वर्गाकार भी हो सकता है या आप एक गोल भी बना सकते हैं। यानी आपकी संरचनात्मक सोच है, आप अपना विज्ञापन किस आकार से बनाना चाहते हैं। चकोर पेज पर देना चाहते हैं, या आयताकार पेज पर देना चाहते हैं या फिर गोल घेरे में देना चाहते है। तो सामान्य अधिकारी के लोग क्या करते हैं। उसको वर्गाकार में लेते हैं तो हमें एक वर्गाकार बॉक्स बनाना है, उस बॉक्स बनाने के बाद, जिस वस्तु के विज्ञापन के बारे में बात की जा रही है, उसका नाम सेंटर में आएगा बिल्कुल बॉक्स के सेंटर में यानी मध्यम। बिल्कुल टॉप, बॉक्स के ऊपरी हिस्सा है उसका मध्य में लिखना है। मान लीजिए, हमें “दीया बाती” के नाम पर विज्ञापन तैयार करना है, विज्ञापन के सबसे ऊपर टॉप क्या लिखेंगे- दीया बाती। यदि हमें विज्ञापन “रूपा साड़ी” के नाम पर बनाना है, तो क्या लिखेंगे- “रूपा सारी” ठीक है।
  • विज्ञापन में कहा गया है, सेल लगी है-साड़ी की सेल लगी है तो दाएं और बाएं तरफ लिखना है- “सेल सेल सेल सेल”। वह पंच टाइप की चीजें होते हैं, जो लोगों को अपनी और आकर्षित करती है। जब कोई पढ़ता है तो उसमें लिखा “सेल”, तो वह उस विज्ञापन को पूरा पढ़ना चाहता है। ‘सेल’ किस बात की ‘सेल’ है, क्या सेल है, हमें क्या फायदा हो रही है, किस बातों की ‘सेल’ है, या ‘बंपर धमाका’ जैसे गाड़ी हो दीपावली के टाइम और बिक्री की विवरण होती है, तब हम लिखते हैं “बंपर धमाका”, तो उससे क्या होता है ‘बंपर धमाका’ दीया है, गाड़ी पर कितना की छूट है, गाड़ी किस प्रकार मिलेगी, कितना किस्त देना होगा, डाउन पेमेंट की क्या होगा, इस प्रकार “खुशखबरी खुशखबरी खुशखबरी”। तो ऐसे शब्द होते हैं, जो लोगों को आकर्षित करते हैं। लेकिन इन शब्द को प्रयोग हम वही करेंगे, जहां इनकी जरूरत हो, अगर आप अपना पुराना घर बेच रहे हैं, तब आप यह थोड़ी ना लिखेंगे, “बंपर सेल”, “खुशखबरी” इन तीन तरह का वर्ड का प्रयोग नहीं करना है।
  • बाएं और मध्य में विज्ञापित वस्तु का उल्लेख करना है अर्थात जैसे आप की कॉपी है, आपके सामने वह आपका उल्टा हाथ है, बाया हाथ है उस तरफ, जो हमारे वस्तु विज्ञापन हैं, मान लीजिए “दीया बाती की गुण” है। हम उसके बाएं तरफ लिखेंगे, जैसे ‘चलने में मजबूत टिकाऊ फैंसी रेडीमेड उचित रेट पर उपलब्ध है’। उसके गुण हो गई इसे कहा लिखे बाएं तरफ लिखना है।
  • दाहिनी और मध्य में वस्तु का चित्र देखना चाहिए जो हमारा सीधा हाथ है या तो उस तरफ चित्र बना दीजिए या मध्य में चित्र बना दीजिए साड़ी चप्पल दो से चार होना चाहिए किस से क्या होता है हमारा विज्ञापन आकर्षित बनता है और लोग उसे देखते ही देखते रह जाते हैं उसे अच्छा लगता है उनको पढ़ना चाहते हैं।
  • स्टॉक सीमित जल्द करें जैसे पीड़ित शब्द का प्रयोग किसी डिजाइन में होना चाहिए यानी हम साड़ी की बात कर रहे थे कि हर दुकान पर उपलब्ध है या यही सेल है तो स्टॉक लिमिट है स्टॉक सीमित है जल्दी करें नहीं तो साड़ी बिक जाएगी सेल खत्म हो जाएगा स्टॉक सीमित है।
  • मुफ्त मिलने वाले सामानों का झूठ का उल्लेख पूरा करना चाहिए मान लीजिए कि आप रूपा साड़ी दो बड़े एक मुफ्त दो साड़ी पर एक फैंसी साड़ी मिलेगी इस तरह के शब्द का प्रयोग करेंगे।
  • ऊपर जगह देखते ही एक तुकबंदी जिसमें पढ़ने वाला आकर्षित हो जाए जैसे कयामत से कयामत आई है आज ना जाने किस-किस की मौत आई है। मेरी जान आज फिर लाल साड़ी पहन आई है। या यूं तो हर कपड़े में खूबसूरत दिखती है पर साड़ी में तो हद ही पार कर देती है। इस तरह की तुकबंदी का प्रयोग करते हैं।

बॉक्स के नीचे छोटा सा एक बॉक्स बनाकर लंबा में पूरा जाएगा बॉक्स के सटीक तरह ठीक है। हम वहां लिखेंगे जैसे हमारा पता सामान खरीदने के लिए संपर्क करें फिर अपना पूरा नंबर लिख देंगे, उसके बाद यदि कोई दुकान का पता लिखा उसे भी लिखना जैसे कि उपभोक्ता देखते ही आकर्षित हो जाए।

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Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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