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कान पर जूं न रेंगना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग

कान पर जूं न रेंगना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग (kaan par joon na rengana Muhavara ka arth)

कान पर जूं न रेंगना मुहावरे का अर्थ – कुछ असर न होना, कुछ प्रभाव न होना, कुछ भी ध्यान न देना।

kaan par joon na rengana Muhavara ka arth – kuchh asar na hona, kuchh prabhaav na hona, kuchh bhee dhyaan na dena.

दिए गए मुहावरे का हिंदी में वाक्य प्रयोग

वाक्य प्रयोग: महाभारत की कथा में श्री कृष्ण ने दुर्योधन को बहुत समझाया था लेकिन उसके कानों पर जूं तक न रेंगी ।

वाक्य प्रयोग: मोहन को रात में बाहर निकलने से मना किया गया लेकिन उसे लाख समझाने के बावजूद भी वह रात को बाहर गया उसके कान पर जूं तक नहीं रेंगी।

वाक्य प्रयोग: सोहन कुछ लड़कों से लड़ने की वजह से वह जेल में बंद हो गया उसे लाख लोगों ने समझाया कि तुम इस लड़ाई झगड़े में मत पढ़ो लेकिन उसके उस समय कान पर जूं तक नहीं रेंगी और आज वह इस हालत में पड़ा है।

वाक्य प्रयोग: सोहन को उसके शिक्षक ने बहुत ही समझाया की पढ़ाई पर ध्यान दो लेकिन सोहन के कान पर जूं तक नहीं रेंगी और वह परीक्षा में फेल हो गया।

यहां हमने “कान पर जूं न रेंगना” जैसे बहुचर्चित मुहावरे का अर्थ और उसके वाक्य प्रयोग को समझा। कान पर जूं न रेंगना मुहावरे का अर्थ होता है कि किसी भी बात का कोई असर ना होना, किसी भी बात को ध्यान ना देना, लोग आपको कितना भी समझा ले लेकिन आप उस बात को ना सुनते हैं, तो आपके लिए कान पर जूं न रेंगना मुहावरे का उपयोग किया जाता है। जैसे कि उदाहरण के तौर पर अगर हम समझे तो विद्यार्थी को उसके शिक्षक बहुत समझाते हैं कि पढ़ाई पर ध्यान दो ध्यान दो ध्यान दो लेकिन वह होता है कि वह अपने खेल में मगर रहता है अपनी इच्छा के अनुसार कार्य करता है और अंतिम परीक्षा का समय आता है तो वह उस पर कुछ भी ध्यान ना पाने के कारण परीक्षा में अच्छा से लिख नहीं पाता जिस वजह से वह परीक्षा में अनुत्तीर्ण हो जाता है अर्थात विद्यार्थी शिक्षक की बातों को अनसुना कर देता है। शिक्षक की बातों का विद्यार्थी पर कान पर जूं न रेंगना जैसी हालत हो जाती है। चुकी यह मुहावरा है और मुहावरा और असामान्य अर्थ प्रकट करता है इसीलिए यहां इस मुहावरे का अर्थ दोहरा लाभ प्राप्त करने से हैं।

मुहावरे परीक्षाओं में मुख्य विषय के रूप में पूछे जाते हैं। एक शब्द के कई मुहावरे हो सकते हैं।यह जरूरी नहीं कि परीक्षा में यहाँ पहले दिये गए मुहावरे ही पूछा जाए। परीक्षा में सभी किसी का भी मुहावरे पूछा जा सकता है।

मुहावरे का अपना एक भाग है प्रत्येक पाठ्यक्रम में, छोटी और बड़ी कक्षाओं में मुहावरे पढ़ाया जाता है, कंठस्थ किया जाता है। प्रतियोगी परीक्षाओं में यह एक मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है और महत्व दिया जाता है।

परीक्षा के दृष्टिकोण से मुहावरे बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में मुहावरे का अपना-अपना भाग होता है। चाहे वह पेपर हिंदी में हो या अंग्रेजी में यहां तक कि संस्कृत में भी मुहावरे पूछे जाते हैं।

मुहावरे कोई बहुत कठिन विषय नहीं है। यदि इसे ध्यान से समझा जाए तो याद करने की भी आवश्यकता नहीं होती है। इसे समझ समझ कर ही लिखा जा सकता है।

अन्य महत्वपूर्ण मुहावरे और उनका वाक्य प्रयोग

चेहरे पर हवाइयाँ उड़नाचींटी के पर निकलना
चीं बोलनाचमड़ी उधेड़ना
चिराग तले अँधेराचमक उठना

1000+ हिंदी मुहावरों के अर्थ और वाक्य प्रयोग का विशाल संग्रह 

Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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