सरकारी नौकरी की तरह गुजर गई वो सामने से और में सामान्य वर्ग था जो देखता रहा।
मेरी तरह ज़रा भी तमाशा किये बगैर, रो कर दिखाओ, आंखों को गीला किये बगैर!
बात कहूं तो बहस चुप रहु.. तो घमंड आजकल हमारी जिंदगी कुछ ऐसी चल रही है
नौकरी पाना इतना भी आसान मत समझो, बस इतना समझ ली जिये, आग का दरिया है। और उसमे जिंदगी काट लेते हैं।।
इन दिनों ऐसा हथियार बन गया हे सरकारी नौकरी जिसे सिर्फ दिखाने भर से ही अच्छे रिश्ते आने लगते हे।
ये भी हुआ है रात को जब लोग सो गएं, तन्हाइयां और मैं तेरी बातों में खो गए..
देश को बदलने का ज़ज़्बा लेकर Govt Job में आते है, Job मिल जाते ही ये दामाद-सा लुफ्त उठाते है
जीवन की राह में इंसा के जज्बात बदल जाते है, वक्त की गिनती में हालत बदल जाते है, सोचता था, काम कर करके रिकॉर्ड बना दू, लेकिन बॉस की सैलरी देख ख्याल बदल जाते है…
****
कठिन परिश्रम से ही इन्सान आगे बढ़ सकता है, और उसके लिए परिश्रम करना बहुत जरूरी होता है।
जिंदगी एक मजाक सी हो गई हे सरकारी नौकरी के पीछे इतना इसके पीछे फैल हो रहे हे की वो हमें नालायक निकम्मा समझने लगी हे।
हर सुबह तेरी दुनिया में रौशनी कर दे, रब तेरे गम को तेरी ख़ुशी कर दे, जब भी टूटने लगे तेरी सांसें, खुद तुझमें शामिल मेरी ज़िन्दगी कर दे!!
Job Shayari In Hindi
गोरमेंट के वादों की शक्ल में थी उसकी वफायें सभी, कागज़ों पर ही दम तोड़ दिया, अम्ल ही न हो पाई कभी..!!
पैसा-पैसा सब करें, सेविंग करे न कोय, गर्लफ्रेंड पर पैसा खर्च करे और माह के अंत में रोय…
एक सपना जादू से हकीकत नहीं बन सकता , इसमें पसीना , दृढ संकल्प और कड़ी मेहनत लगती है।
नौकर बनने से अच्छा हे एक बड़ा एक छोटा मालिक बन जाये।
बचपन में बोला पढ़ लिख के अपना टाइम आयेगा। सरकार ने बोला ज्यादा पढ़े तो आया जो भी जायेगा।।
कौन कहता है कि दिल सिर्फ सीने में होता है, तुझको लिखूँ तो मेरी उंगलियाँ भी धड़कती है।
माँ बाप ने सोचा पढाई लिखाई, बनाएगी बेटे का इक दिन फ्यूचर। क्या पता इक दिन बन जाएगी, बेटे का फ्यूचर मिटाने वाली डस्टर।।
डिग्री देख बादशाह समझे, पाकर बने गुलाम। Queen पाने के सिर्फ सपने, क्योंकि नहीं मिला कोई काम।।
गोरमेंट की नौकरी का रूतबा बड़ा ही कमाल का होता है गोरमेंट की नौकरी का जितना नखरा है सुंदर छोकरी का..!!
पढ़ लिख कर बन गए नवाब। अब नवाब देखे जॉब का ख्वाब।।
मन का रिश्ता जुड़ा था जो निभाने के लिए, अब गोरमेंट की मोहरें लग रही है उसे बचाने के लिए..!!
मुहब्बत नहीं है नाम सिर्फ पा लेने का, बिछड़ के भी अक्सर दिल धड़कते हैं साथ-साथ।
सालों किताब का बोझ का उठाया। परिणाम में जॉब ढूंढना आया।।
तेरा ख़याल तेरी तलब और तेरी आरज़ू, इक भीड़ सी लगी है मेरे दिल के शहर में।
आठ घन्टे काम करते लेकिन फिर भी नहीं भरता मन हमारा, क्योंकि घर की टपकती छत ने छीन रक्खा है चैन हमारा। न जाने कब बरसेंगी हमपे भी रहमत उपरवाले की, जाने कब करम देख हमें जानेगा जग सारा।
ज़िन्दगी तस्वीर भी है और तक़दीर भी, फर्क तो सिर्फ रंगों का है। मनचाहे रंगों से बने तो तस्वीर, और अनजाने रंगों से बने तो तक़दीर।
हौसलों के तरकश में कोशिशों का, वह तीर जिंदा रखो हार जाओ चाहे। जिंदगी में सब कुछ फ़िर से, जीतने की उम्मीद जिंदा रखो।
ज़िंदगी है थोड़ा आहिस्ता चल, कट ही जाएगा सफ़र आहिस्ता चल, एक अंधी दौड़ है किस को ख़बर, कौन है किस राह पर आहिस्ता चल!
अगर नौकरी करेंगे तो सरकारी ही करेंगे वरना, पतासी का लगाकर बचेंगे गोलगप्पे।
लहरों का शांत देखकर ये मत समझना, की समंदर में रवानी नहीं है, जब भी उठेंगे तूफ़ान बनकर उठेंगे, अभी उठने की ठानी नहीं है…
रिश्तेदारों में मैं प्यारा बहुत था , मां का मैं दुलारा बहुत था। सरकारी नौकरी जो मिल गई थी मुझे, वरना में नाकारा बहुत था।
ज़िंदगी जिसका बड़ा नाम सुना है हमने, एक कमजोर सी हिचकी के सिवा कुछ भी नहीं।
नौकरी कभी आपको भूखा मरने नहीं देगी, लेकिन यह कभी आपको आगे बढ़ने नहीं देगी।
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।