Indian Forts History in Hindi: भारत ऐतिहासिक और सांस्कृतिक समृद्ध देश है, जहां पर कई सारे किले और स्मारक हैं। वैदिक काल से लेकर प्राचीन काल और प्राचीन काल से लेकर मध्यकाल तक आधुनिक काल के भी कुछ समय तक भारत में कई सारे किलों का निर्माण किया गया था।
उस समय भारत में कई ऐसे शासक थे, जिन्होंने उस समय के वास्तुकला का प्रयोग करके बहुत ही खूबसूरत और रहस्यमई किलों का निर्माण करवाया है, जिसे देखकर आज की पीढ़ी आश्चर्यचकित हो जाती हैं। इनमें से कुछ किले यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज के सूची में भी शामिल है।
भले ही उस समय अधिक संसाधन नहीं थे लेकिन उसके बावजूद जिस बारीकी और अनोखे तरीके से इन किलों का निर्माण किया गया है और इसमें खूबसूरत नक्काशी कार्य हुआ है। इन किलों को देखने वाले लोगों को सोच में डाल देती हैं।
ये किले भारत की शान है और इन्हीं किलों के कारण देश-विदेश के लाखों पर्यटक हर साल भारत घूमने के लिए आते हैं। वैसे तो भारत में छोटे-बड़े कई सारे किले हैं लेकिन आज के इस लेख में हम आपको कुछ प्रमुख किलों के बारे में बताने वाले हैं, जो देश विदेश तक प्रख्यात है।
किला क्या होता है?
प्राचीन और मध्यकाल में शासन कर रहे राजा अपने परिवार की शत्रु से सुरक्षा के लिए जिस इमारत का निर्माण करते थे, उसी को किला या दुर्ग के नाम से जाना जाता है। इन्हें गढ़ या कोट भी कहा जाता है। ये किले अलग-अलग तरह के बलुवे पत्थर, संगमरमर की मदद से ऊंची और चौड़ी दीवार होती है, जिसके बीच में ऊंची बुर्जे तथा विशाल फाटक होते हैं। इसी के भीतर राजा, सरदार और सेना के सिपाही रहा करते थे।
सैनिक छावनी और राज्य प्रसाद की सुरक्षा के लिए किलों के निर्माण की परंपरा बहुत ही प्राचीन काल से चली आ रही थी। हालांकि किलों का निर्माण तो प्राचीन काल से चला आ रहा था, लेकिन मध्य काल में भारत में किलों का विस्तार काफी ज्यादा हुआ। क्योंकि मध्य काल के दौरान कई सारे शासक देश में शासन कर रहे थे और उस समय के ज्यादातर किले पहाड़ियों के ऊपर देखने को मिलते हैं।
आधुनिक युग में शत्रुओं का सामना करने के लिए कई तरह के एडवांस सुरक्षा शस्त्र आ चुके हैं, जिस कारण ऐसे किलों का महत्व अब समाप्त हो चुका है। हालांकि पहले निर्माण किए गए यह किले आज भी देश विदेश के पर्यटकों के लिए आकर्षक का केंद्र बने हुए हैं।
भारत के प्रमुख किले (Indian Forts History in Hindi)
भारत में कई किले है, जो अपनी अपनी पहचान लिए हुए है। यहाँ पर हम भारत के प्रमुख किलों की सूची में कुछ प्रसिद्ध किलों के बारे में बता रहे है।
आगरा का किला (आगरा, उत्तर प्रदेश)
आगरा का किला उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में स्थित है, जो खूबसूरत नक्काशी, बेहतरीन वास्तुशिल्प और सुंदर रंग-रोगन के कारण देश विदेश तक प्रख्यात है। माना जाता है पहले इस किले पर राजपूत राजा पृथ्वीराज चौहान का शासन था। बाद में इस पर मोहम्मद गजनी ने भी कब्जा कर लिया था। इस किले का निर्माण कार्य 1573 ईसवी में मुगल शासक बादशाह अकबर ने किया था।
इस किले के अंदर कई सारी बेहतरीन कला का नमूना पेश करता हुआ इमारते हैं, जिस कारण बहुत से इतिहासकार इसे चारदीवारी से गिरी प्रसाद महल नगरी मानते हैं। इस किले के अंदर दीवाने आम, मोती मस्जिद जो संगमरमर से बनी हुई है, दीवाने खास, मुसम्मन बुर्ज, जहांगीर पैलेस, खास महल और शीश महल जैसे कुछ खास ईमारते हैं।
इस किले के अंदर भारत के कई मुगल सम्राट रह चुके हैं। यह किला अपनी खूबसूरत बाध्यता के कारण यूनेस्को विश्व धरोहर में भी शामिल है। इस किले से लगभग 2.5 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में विश्व प्रसिद्ध ताजमहल स्थित है।
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मेहरानगढ़ किला (जोधपुर, राजस्थान)
500 साल से भी ज्यादा पुराना मेहरानगढ़ का किला जो राजस्थान के जोधपुर शहर में स्थित है। इसे भारत का सबसे बड़ा और सबसे पुराना किला माना जाता है। इस किले को राव जोधा द्वारा 1459 में निर्मित किया गया था। जिसके अंदर 7 द्वार है, जिनमें से प्रत्येक को राजा ने युद्ध में जितने के बाद स्मारक के तौर पर बनवाया था।
इस किले के अंदर जायापॉल गेट राजा मानसिंह ने बनवाया था। इस किले के अंदर चामुंडा देवी का मंदिर और यहां पर म्यूजियम भी है, जहां पर इतिहास की घटना एवं शासकों के बारे में और उनके शस्त्रों के बारे में जान सकते हैं। इसके अंदर शीश महल और मोती महल जैसे भवन भी हैं, जो बहुत ही खूबसूरत है।
यह किला खूबसूरती के कारण देश-विदेश तक प्रख्यात है। यहां तक कि इसके अंदर कई सारे बॉलीवुड और हॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग भी हो चुकी है, जिनमें से द डार्क नाइट, राइजेज ऑफ हिंदुस्तान तथा द लायन किंग प्रख्यात है।
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लाल किला (दिल्ली)
लाल किला को भारत का राष्ट्रीय गौरव माना जाता है, जिसकी इतिहास में बहुत दिलचस्प है। यह अकेला देश की आन बान शान और देश की आजादी का प्रतीक है। यह किला भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित है। यह किला राजशाही और ब्रिटिश के खिलाफ गए संघर्ष की दास्तान बयां करता है।
करीब 250 एकड़ जमीन में फैले इस किले का निर्माण मुगल बादशाह शाहजहां के द्वारा किया गया था, जिसका उद्घाटन वर्ष 1647 में हुआ था। इस किले का निर्माण लाल बलुआ पत्थर से किया गया था। इस किले की दीवार लाल रंग के होने के कारण इस किले को लाल किला के नाम से जाना जाता है।
इस किले के अंदर लाहौर और दिल्ली गेट करके दो प्रवेश द्वार है। साल 2007 में इस जिले को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था। यह किला मुगल काल में बादशाहो का न सिर्फ राजनीतिक केंद्र बल्कि औपचारिक केंद्र भी हुआ करता था।
माना जाता है इस किले के अंदर 200 सालों तक मुगल वंश के शासकों का राज रहा था। 1648 में इस किले के अंदर एक सुंदर सा संग्रहालय का भी निर्माण किया गया था। यह किले की मुगलकालीन वास्तुकला सृजनात्मकता और सौंदर्य का अनुभव और अनूठा उदाहरण है, जिसकी सौंदर्य, भव्यता और आकर्षण को देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं।
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सोनार किला (जैसलमेर, राजस्थान)
सोनार किला भारत का सबसे गर्म राज्य राजस्थान के जैसलमेर शहर में स्थित है। जैसलमेर का आधे से ज्यादा भाग रेगिस्तान से घिरा हुआ है। रेगिस्तान के बीचो-बीच स्थित इस किले को रेगिस्तान का दुर्ग भी कहा जाता है। वैसे इस किले की विशेषता यह है कि इस किले पर सुबह के समय जब सूर्य की किरण पड़ती है तब यह सोने की तरह चमकता है, जिस कारण यह सोनार किला के नाम से प्रख्यात है।
इस किले के अंदर एक राजमहल है और इसके अंदर पहले राजा महाराजा एवं उनके परिवार रहा करते थे। इसके अतिरिक्त इस किले का प्रथम प्रवेश द्वार जिसे गोपाचौक कहते हैं अपनी विशाल और भव्य पत्थर की नक्काशी कारीगरी के लिए बहुत ही प्रख्यात है।
इस दुर्ग के अंतिम द्वार हावड़पोल के पास दशहरा चौक स्थित है, जो इस दुर्ग का खास दर्शनीय स्थल है। यहां पर टूरिस्ट खरीदारी भी कर सकते हैं। जैसलमेर के सोनार किले को दुनिया के सबसे बड़े किलों में से एक माना जाता है। जिसके चारों ओर से 99 गढ़ बने हुए हैं, जिनमें से 92 घरों का निर्माण 1633 से लेकर 1647 के बीच हुआ है।
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कांगड़ा किला (काँगड़ा, हिमाचल प्रदेश)
कांगड़ा के शाही परिवारों के द्वारा बनाए गए कांगड़ा किला भारत के उत्तरी राज्य हिमाचल प्रदेश में स्थित है। यह किला बाणगंगा और मांझी नदियों के ऊपर स्थित है, जो 500 राजाओं की वंशावली के पूर्वज ‘त्रिगतरा’ भूमि की राजधानी थी। इस किले को नगरकोट या कोट कांगड़ा के नाम से भी जाना जाता है, जिसे दुनिया के सबसे पुराने किलों में से एक माना जाता है।
यह किला धन-संपत्ति के भंडार के लिए बहुत ज्यादा प्रसिद्ध था, जिस कारण मोहम्मद गजनी भारत में अपने चौथे अभियान के दौरान पंजाब को हराकर सीधे इस किले तक पहुंच गया था। 1615 ईसवी में मुगल सम्राट अकबर ने भी इस किले पर घेराबंदी की थी।
हालांकि वह असफल रहा था, जिसके बाद इसके 5 साल के बाद अकबर के पुत्र जहांगीर ने भी इस क्षेत्र के सभी राजाओं में से सबसे बड़े राजा चंबा को मजबूर करके इस किले पर कब्जा कर लिया था। उसके बाद उसने सूरजमल की सहायता से अपने सैनिकों को इस किले में प्रवेश कराया था।
गोलकुंडा का किला (हैदराबाद, आंध्र प्रदेश)
गोलकुंडा का किला आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद में मुख्य शहर से 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मुसी नदी के किनारे ग्रेनाइट की एक पहाड़ी पर बनाया गया है, जिसमें कुल 8 दरवाजे हैं। यह किला 3 मीटर लंबे मजबूत दरवाजे से घिरा हुआ है। इस किले का निर्माण 14वीं शताब्दी में वारंगल के राजा ने कराया था।
हालांकि बाद में इस किले पर बहमनी राजाओ का शासन आ गया, जिसके बाद यह मोहम्मदनगर के नाम से जाना जाने लगा। 1512 ईसवी में इसके ऊपर कुतुबशाही राजाओं ने शासन कर लिया और फिर 1687 में इस किले को मुगल शासक औरंगजेब ने जीत लिया। इस किले की सुंदर संरचना और भव्यता के कारण आज यह हर दिन हजारों की संख्या में पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
ग्वालियर का किला (ग्वालियर, मध्य प्रदेश)
ग्वालियर का किला मध्य प्रदेश शहर के ग्वालियर में गोपाचल पर्वत पर बना हुआ है। यह किला भारत के सबसे बड़े किलों में से एक है। यहां तक इसके लिए के महत्व को हमेशा बनाए रखने के लिए नाम पर डाक टिकट भी जारी किया गया था। यह किला 100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और किले के बाहर की दीवार लगभग 2 मीटर लंबी और चौड़ाई लगभग 200 मीटर है।
इस किले का निर्माण राजा मानसिंह तोमर ने किया था। उस समय यह किला उत्तर और मध्य भारत के सबसे सुरक्षित किलों में से एक था। इस किले में सास बहू मंदिर, गुजरी महल प्रमुख आकर्षण में से एक हैं। गुजरी महल का निर्माण 15वीं शताब्दी में किया गया था।
यह राजा मानसिंह और गुजरी रानी मृगनैनी के प्रेम का प्रतीक है। यह किला प्राचीन और मध्यकालीन भारतीय वास्तुकला का अद्भुत नमूना है। इस किले पर किए गए सुंदर नक्काशी, रंग रोगन और शिल्पकारी यहां आने वाले पर्यटकों को खूब लुभाती हैं।
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कुम्भलगढ़ का किला (राजसमंद, राजस्थान)
किले के चारों ओर 36 किलोमीटर लंबी और 15 फीट चौड़ी दीवार है, जो विश्व की दूसरी सबसे बड़ी दीवार है। यह किला राजस्थान के राजसमंद में स्थित है, जिसका निर्माण महाराणा कुंभा ने करवाया था। यह पूरे भारत का एक ऐसा अवैध अकेला है, जिसे दुश्मन कभी भी अपने बल पर जीत नहीं पाए।
इस किले के अंदर 360 से ज्यादा मंदिर हैं, जिनमें से 300 प्राचीन जैन मंदिर और बाकि हिंदू मंदिर हैं। इस किले के अंदर जीवन यापन करने के लिए हर तरह की सुविधा की गई थी जैसे कि समतल भूमि का उपयोग यहां पर कृषि के लिए किया गया। वहीं ढलान वाले भागों का इस्तेमाल जलाशय के लिए किया गया था।
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चित्तौड़गढ़ का किला (चित्तौड़गढ़, राजस्थान)
चित्तौड़गढ़ का किला राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में स्थित है, जो बैराच नदी के किनारे हैं। इस किले पर 16वीं सदी तक राजपूत वंश का शासक था। यह किला 700 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ 500 फुट की ऊंची पहाड़ी पर निर्मित है। महल, मंदिर, दुर्ग, मजबूत प्रवेशद्वार, बुर्ज, और जलाशय स्टील की महत्वपूर्ण विशेषताएं हैं।
इस किले के पूर्वी दिशा में एक प्रवेश द्वार है, जिसे सूरजपोल कहा जाता है। यहां पर विजय स्तंभ और राणा कुंभा के नाम से दो प्रसिद्ध जलाशय भी है। इस किले में कुल साथ प्रवेश द्वार है, जिसमें पहले प्रवेश द्वार का नाम पैदल पोल है।
उसके बाद भैरव पोल, हनुमान पोल, गणेश पोल, जोली पोल, लक्ष्मण पोल और अंत में में राम पोल है। बेजोड राजपूत वास्तुकला के कारण आज भी यह किला देश विदेश के लोगों के बीच बहुत ही प्रसिद्ध है।
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FAQ
राजस्थान कई किलों और महलों का घर है। यहां पर बहुत सारे प्राचीन और मध्यकालीन किले हैं, जिससे ज्यादातर राजपूत राजाओं ने निर्माण किए हैं। राजस्थान में स्थित चित्तौड़गढ़ किला, बीकानेर किला, लोहागढ़ किला, जयगढ़ किला, जैसलमेर किला और अंबर किला कुछ मुख्य किले हैं।
भारत की राजधानी दिल्ली में भी कुछ किले हैं जैसे पुराण किला, लाल किला, दौलताबाद किला आदि और इनमें लाल किला बहुत ही प्रख्यात और प्रमुख किला है, जिसका निर्माण मुगल काल में मुगल शासक शाहजहां ने करवाया था।
भारत में मौजूद किले भारत के गौरवपूर्ण इतिहास को बयां करते हैं। यह किले मध्यकाल में गौरवशाली क्षण और जीवन के लिए किए गए युद्ध का इतिहास दर्शाता है। यह सब किले अपनी भव्यता के लिए प्रसिद्ध है, जिससे आज की पीढ़ी प्राचीन और मध्यकालीन वास्तुकला से भली-भांति परिचित हो पाते हैं।
निष्कर्ष
इस तरह उपरोक्त लेख में आपने भारत के कुछ महत्वपूर्ण किलों (Indian Forts History in Hindi) के बारे में जाना। हालांकि इन सबके अतिरिक्त भी बहुत से किले हैं। प्राचीन समय में इन किलों का निर्माण राजा अपने राज्य को सुरक्षित रखने के लिए एक रक्षा तंत्र के रूप में किए थे, जो आज देश विदेश के सेनानियों के लिए प्रसिद्ध पर्यटन स्थल बन चुका है।
इन कीलो के नक्काशी आज भी जैसी की तैसी है और यह सुंदर नक्काशी और वास्तुकला पर्यटकों को खूब आकर्षित करती हैं। भारत में लगभग ज्यादातर किलों से एक लंबा इतिहास जुड़ा हुआ है। ये किले भारत की शान है और भारत को मुख्य पर्यटन स्थल बनाते हैं।
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