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मेरा परिवार पर निबंध

Essay on My Family in Hindi: एक छत के नीचे रहने वाले कई व्यक्तियों का समूह जिनके बीच खून का संबंध होता है, उसी को परिवार कहा जाता है। लेकिन असल परिवार वही होता है, जिनमें एक दूसरे के प्रति प्रेम, लगाव और समर्पण की भावना होती हैं।

परिवार में सदस्यों की संख्या के आधार पर इसके कई प्रकार होते हैं। परिवार को एकल परिवार और संयुक्त परिवार में विभाजित किया गया है। एकल परिवार में सदस्यों की संख्या कम होती है जबकि संयुक्त परिवार में दो से अधिक पीढ़ी निवास करते हैं।

Essay on My Family in Hindi
mera parivar essay in hindi

दोनों ही तरह के परिवार का अपना-अपना महत्व है। विद्यालयों में अक्सर बच्चों को परिवार का महत्व बताने के लिए उन्हें निबंध लिखने दिया जाता है।

इसलिए इस लेख में मेरा परिवार निबंध (Mera Parivar Essay in Hindi) लेकर आए हैं। यह निबन्ध अलग अलग शब्द सीमा में लिखे गए है, जिससे विद्यार्थियों को निबंध लेखन में सहायता मिले।

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मेरा परिवार पर निबंध (Essay on My Family in Hindi)

मेरा परिवार पर निबंध 100 शब्दों में

हर एक व्यक्ति के जीवन में सबसे पहले उसका परिवार ही महत्व रखता है। क्योंकि परिवार से ही हर व्यक्ति जुड़ा हुआ है। जीवन के अंत समय तक केवल परिवार ही साथ देता है।

हमारे सुख दुख में खड़ा होने वाला हमारा परिवार ही होता है और हर कोई अपने परिवार के लिए ही मेहनत करता है। मेरा परिवार भी ऐसा ही छोटा सा प्यारा परिवार है, जिसमें मेरे माता-पिता और मेरे भाई बहन के अतिरिक्त मेरे दादा दादी रहते हैं।

हमारे परिवार में हमारे चाचा चाची भी है लेकिन वह गांव में रहते हैं। छुट्टियों में हम अपने पूरे परिवार से मिलते हैं और एक साथ अच्छे पल बिताते हैं। लंबे समय के बाद अपने भाई बहनों से मिलने का एक अलग ही उत्साह रहता है।

हम एक साथ खूब खेलते कूदते हैं, दादी के साथ बैठकर कहानियां सुनते हैं। मेरे परिवार का हर एक सदस्य घर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

मेरा परिवार पर निबंध 150 शब्दों में

परिवार वह होता है, जहां पर एक घर में माता-पिता, दादा दादी, चाचा चाचा, भाई बहन एक साथ रहते हैं। एक दूसरे के प्रति प्रेम, चिंता, लगाव और समर्पण का भाव रखते हैं। परिवार में सदस्यों की संख्या निश्चित नहीं होती है।

सदस्यों की संख्या के आधार पर परिवार को भी कई भागों में बांटा गया है, जिसमें से एक प्रकार संयुक्त परिवार का आता है। संयुक्त परिवार में माता-पिता, दादा दादी, चाचा चाची और अपने भाई बहन के साथ ही चचेरे भाई-बहन भी रहते हैं।

मेरा परिवार भी संयुक्त परिवार के श्रेणी में ही आता है, जिसमें मेरे माता-पिता, मेरे दादा दादी और मेरे तीन भाई बहन हैं। मेरे परिवार की खासियत यह है कि यह संयुक्त परिवार होने के बावजूद सब एक दूसरे के साथ मिलजुल कर रहते हैं, एक दूसरे की चिंता करते हैं, समस्याओं में एक दूसरे की मदद करते हैं।

हम पूरा परिवार छुट्टियों में घूमने के लिए जाते हैं। पूरे परिवार के साथ यात्रा का एक अलग ही आनंद आता है। न केवल यात्रा बल्कि हर त्योहार भी पूरे परिवार के साथ मनाने में ही आनंद आता है।

मेरे परिवार में बड़े बुजुर्ग भी हैं और छोटे बड़े बुजुर्गों की इज्जत करते हैं, उन्हें सम्मान देते हैं। हमारे बड़े बुजुर्ग भी हमें मार्गदर्शित करते हैं। वे जीवन के हर एक अनुभवों से गुजर चुके हैं, जिसके कारण जीवन में कुछ भी समस्या आती है तो हम अपने दादा दादी से सलाह लेते हैं।

इस तरह मेरा परिवार विभिन्न रंग वाले फूलों से भरे बाग की तरह है, जहां हर एक सदस्य का एक समान महत्व है।

mera parivar essay in hindi

मेरा परिवार पर निबंध 200 शब्दों में

परिवार प्यार का दूसरा नाम और हमारी व्यक्तिगत पहचान है। परिवार हमें ईश्वर की तरफ से मिला हुआ वरदान है। हमें जिंदगी के मूल संस्कार और आचार – विचार परिवार से ही प्राप्त होते है। परिवार के साये के तले हम खुद को सुरक्षित महसूस करते है।

मेरा परिवार बहुत छोटा है। मेरे परिवार में दादा, दादी, माता, पिता और मेरी एक बड़ी बहन है। मेरे दादा की खुद की एक किराने की दुकान है। मेरी दादी जी घर में रहकर पूजा पाठ करती है।

मेरे पिता एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करते है। मेरी माता घर में रहकर कुशलता से घर का काम करती है और साथ साथ हमें पढ़ाती भी है। मेरी बड़ी बहन दसवीं कक्षा में पढ़ाई करती है।

रात का खाना हम सब मिलकर खाते हैं। खाने के टेबल पर हम दिन में हुई घटनाओं को एक दूसरे के साथ शेयर करते हैं। सोने से पहले मेरे दादाजी मुझे कहानियां सुनाते हैं और साथ-साथ जिंदगी जीने का मार्गदर्शन भी देते है। हम लोग सप्ताह में एक बार साथ में पिकनिक जरूर जाते है।

परंपरा, प्यार और एकता के दम पर बना मेरा यह परिवार दुनिया का सबसे आदर्श परिवार है। मेरे परिवार को दुनिया की कोई भी ताकत तोड़ नहीं सकती।

परिवार हमें अच्छा आचरण सिखाता है, जो हमारी जिंदगी में बहुत ही अहम भूमिका निभाता है। सच में मेरे पास एक अद्भुत और प्यार भरा परिवार है और इसके लिए मैं ईश्वर का ऋणी हूं।

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प्रस्तावना

जीवन में परिवार का बहुत महत्व है। परिवार अगर अच्छा हो तो जीवन बहुत ही अच्छे से गुजरता है। जिस तरीके से एक बाग में भाती भाती के फूल एक साथ खुशबू फैलाते हैं। ठीक परिवार में भी अलग-अलग सदस्य अपना अलग-अलग महत्व रखते हैं और मकान को घर बनाते हैं।

परिवार वह होता है, जिसमें एक दंपती के अतिरिक्त कई सदस्य रहते हैं। जिस परिवार में माता-पिता, बच्चे, दादी-दादा, चाचा-चाची रहते हो ऐसे परिवार को संयुक्त परिवार कहा जाता है।

बात करू मैं अपने परिवार की तो मेरा परिवार संयुक्त परिवार है। मेरे परिवार में मेरे माता-पिता के अतिरिक्त मेरा एक-भाई, दादा-दादी, चाचा-चाचा और दो चचेरे भाई-बहन हैं।

मैं अपने आपको बहुत खुशनसीब समझता हूं कि मेरा जन्म ऐसे संयुक्त परिवार के भीतर हुआ, जिसमें हर एक सदस्य मेरा बहुत ख्याल रखते हैं। मेरा परिवार न केवल मेरा ख्याल रहता है बल्कि जीवन के हर एक कठिनाई में सब मिलकर मेरा साथ देते हैं।

परिवार में हर एक सदस्यों के बीच एकता है। कोई भी अगर किसी भी समस्या से गुजरता है तो एक दूसरे से अपनी समस्या साझा करते हुए उसे हल करने का प्रयत्न करते हैं।

परिवार में बड़ों का महत्व

परिवार में बड़े बुजुर्गों का बहुत ही महत्व रहता है। परिवार में अगर बड़ों का महत्व न हो तो परिवार के छोटे या बच्चे जीवन के कई महत्वपूर्ण मूल्यों को समझने से वंचित रह जाते हैं।

परिवार में बड़े बुजुर्ग अगर समझदार होते हैं तो बच्चों को भी सही राह दिखाते हैं। उनके पास जीवन की हर एक चीज का अनुभव होता है, जिसके कारण वह छोटे को उनके जीवन में आने वाली समस्याओं से उन्हें आगाह करते हैं, समस्याओं से लड़ने की हिम्मत देते हैं।

न केवल शिक्षा के मामले में बल्कि परिवार के बड़े बुजुर्ग बच्चों के मनोरंजन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। दादा-दादी बच्चों को कहानी सुनाते हुए उनका मनोरंजन करते हैं।

मेरे परिवार में एकता

मेरा परिवार संयुक्त परिवार होने के बावजूद परिवार के हर एक सदस्यों के बीच गहरा रिश्ता है। सब मिलजुल के एक साथ रहते हैं, एक दूसरे की मदद करते हैं। मां और चाची एक दूसरे की मदद करते हुए खाना बनाती है। घर के हर एक काम में मां चाची की मदद करती हैं।

घर की आर्थिक स्थिति में पिताजी और चाचाजी दोनों ही एक समान भूमिका निभाते हैं। घर में किसी एक सदस्य की सफलता पूरे परिवार की सफलता मानी जाती है और हम मिलजुलकर एक दूसरे की सफलता का आनंद लेते हैं।

त्योहार के समय पूरे परिवार के साथ बहुत ही आनंद आता है। अपने चचेरे भाई बहनों के साथ हर एक त्यौहार को मनाने का एक अलग ही आनंद देता है।

परिवार में एक दूसरे के प्रति प्यार की भावना

परिवार में एक से अधिक सदस्य होते हैं और वह हर एक दूसरे की चिंता करते हैं। मेरे परिवार में हर सदस्य एक दूसरे से बहुत प्यार करता है, एक दूसरे की सुरक्षा के लिए किसी से भी लड़ने को तैयार हो जाते हैं।

परिवार का हर एक सदस्य एक दूसरे के लिए सुरक्षा कवच के रूप में खड़ा रहता है। परिवार का हर सदस्य दूसरों से पहले खुद समस्या का सामना करना चाहते हैं। वे एक दूसरे की चिंता करते हैं। घर में अगर मेरी तबीयत खराब हो जाती है तो मेरा पूरा परिवार चिंतित रहता है।

चिंता का यह भाव परिवार के हर एक सदस्य के चेहरे पर नजर आता है। जीवन के मुश्किल समय में ही परिवार का महत्व पता चलता है। क्योंकि जीवन के हर एक राह पर केवल परिवार ही साथ देने के लिए खडा रहता है।

जीवन में कई लोगों से रिश्ते बनते हैं लेकिन परिवार जितना गहराई किसी भी रिश्ते में नहीं होता। जीवन के शुरुआत से लेकर जीवन के अंत समय तक पारिवारिक हमारे साथ रहता है।

निष्कर्ष

हर एक व्यक्ति के लिए उसका परिवार सबसे ज्यादा महत्व रखता है। वह जीवन में कुछ भी करता है तो अपने परिवार के लिए ही करता है।

कोई व्यक्ति खुद से पहले अपने परिवार के बारे में सोचता है। अपने परिवार के लिए ही वह जीवन में सफल बनना चाहता है ताकि वह अपने परिवार को एक अच्छा जीवन दे सके।

मेरा परिवार पर निबंध 600 शब्दों में

प्रस्तावना

किसी ने खूब कहा है कि, “रोटी कमाना कोई बड़ी बात नहीं, लेकिन परिवार के साथ रोटी खाना बहुत बड़ी बात है”। परिवार ईश्वर की देन है क्योंकि हम अपने परिवार को नहीं सुन सकते। एक आदर्श परिवार मिलना हमारे लिए भाग्यशाली की बात है।

जैसे पूरी दुनिया में घर से सुरक्षित कोई जगह नहीं है, उसी तरह कोई भी व्यक्ति परिवार से बेहतर नहीं हो सकता। व्यक्ति का पहला विद्यालय उनका परिवार ही है। क्योंकि यहीं से उनको मूल संस्कार प्राप्त होते हैं। परिवार एक पेड़ की तरह है।

परिवार में हर सदस्य की भूमिका

मेरा परिवार एक आदर्श और खुशहाल परिवार है। मेरे परिवार में दादा-दादी, माताजी, पिताजी, चाचा, चाची, चाची के दो बेटे और मेरी बहन इस तरह मिलाकर हम 10 सदस्य साथ रहते हैं। मेरा परिवार एक संयुक्त परिवार है।

मेरे दादा और दादी घर में सबसे बड़े और बुजुर्ग व्यक्ति है। परिवार के सभी लोग उनका आदर और सम्मान करते हैं। दादा आर्मी में थे और अभी रिटायर्ड जीवन बिता रहे हैं। दादा घर में बागबानी करते हैं और घर के छोटे बड़े कामों में हाथ बताते हैं। दादी भी हर काम में उनका साथ देती है।

रात को दादा सोने से पहले सभी बच्चों को कहानियां सुनाते हैं और साथ-साथ अच्छा शिक्षण भी देते हैं। परिवार के सभी सदस्य कोई भी कार्य करने से पहले दादा और दादी की राय जरूर लेते हैं।

मेरे पिताजी बैंक में नौकरी करते हैं और माताजी घर में पूरा दिन काम करती रहती है। मेरी माताजी को नए नए पकवान बनाने का बहुत शौक है। घर के सभी सदस्य उनके खाने की तारीफ करते रहते हैं। उसके अलावा माताजी घर के बच्चों को पढ़ाती भी है।

मेरी बड़ी बहन कॉलेज में स्नातक की पढ़ाई करती है और मेरे चाचा और चाची एक मल्टी नेशन कंपनी में जॉब करते हैं। उनके दोनों बेटे हायर सेकेंडरी में पढ़ाई करते है।

सुबह 10:00 बजे तक सब लोग अपने काम के लिए घर से निकल जाते हैं और 6:00 बजे तक सब लोग घर में वापस आ जाते हैं।

मैं घर में सबसे छोटा हूं। इसलिए सभी लोग मुझे बेहद प्यार करते है। किसी भी चीज को लेकर मुझे मना नहीं करते। रात के समय सभी सदस्य मिलकर खाना खाते हैं। उस समय हम हमारे दिन में हुई घटनाओं को परिवार के सदस्य के साथ शेयर करते हैं।

किसी टॉपिक को लेकर भी कई बार चर्चा भी करते है। पूरे दिन में यही समय है, जिसके लिए मैं इंतजार करता रहता हूं क्योंकि इस समय में मेरे परिवार के काफी नजदीक होता हूं।

परिवार का महत्व

मेरे परिवार में अनुशासन और शिष्टाचार का बहुत महत्व है। घर के सभी लोग अपनी अपनी जिम्मेदारी खुद निभाते हैं।

इसलिए तो इतना बड़ा परिवार होने के बावजूद भी सभी कार्य समय अनुसार होते हैं और किसी को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं रहती। चाहे बड़े त्यौहार हो या छोटी जन्मदिन की पार्टी सब लोग साथ में रहकर ही खुशियां मनाते हैं।

अगर किसी को कोई भी प्रकार की तकलीफ हो तो साथ मिलकर उसे हल करते हैं। इतना बड़ा परिवार होने के कारण छोटे-छोटे झगड़े तो होते रहते हैं लेकिन उसे शांति और संयम से मिलकर सुलझा भी देते हैं।

उपसंहार

मेरा परिवार परंपरा, विनम्रता, सहानुभूति और एकता के ठोस नीम पर खड़ा है। जीवन का शारीरिक, आर्थिक और बौद्धिक विकास के लिए परिवार ही जिम्मेदार होता है।

परिवार से ही हमें व्यक्तिगत पहचान मिलती है। सच में मेरे पास एक अद्भुत परिवार है। मेरा दिल और आत्मा हमेशा इस घर में मेरे परिवार के साथ ही होते है। मेरा परिवार जीवन का एक सच्चा मार्गदर्शक है।

अंतिम शब्द

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Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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