मेरा परिवार पर निबंध

Essay on My Family in Hindi: हम यहां पर मेरा परिवार पर निबंध शेयर कर रहे है। इस निबंध में मेरा परिवार से सम्बंधित सभी जानकारी का वर्णन किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

Essay on My Family in Hindi

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मेरा परिवार पर निबंध | Essay on My Family in Hindi

मेरा परिवार पर निबंध (200 शब्द)

परिवार प्यार का दूसरा नाम और हमारी व्यक्तिगत पहचान है। परिवार हमें ईश्वर की तरफ से मिला हुआ वरदान है। हमें जिंदगी के मूल संस्कार और आचार – विचार परिवार से ही प्राप्त होते है। परिवार के साये के तले हम खुद को सुरक्षित महसूस करते है।

मेरा परिवार बहुत छोटा है। मेरे परिवार में दादा, दादी, माताजी, पिताजी और मेरी एक बड़ी बहन है। मेरे दादाजी की खुद की एक किराने की दुकान है। मेरी दादी जी घर में रहकर पूजा पाठ करती है। मेरे पिताजी एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करते है। मेरी माता जी घर में रहकर कुशलता से घर का काम करती है और साथ-साथ हमें पढ़ाती भी है। मेरी बड़ी बहन दसवीं कक्षा में पढ़ाई करती है।

रात का खाना हम सब मिलकर खाते हैं। खाने के टेबल पर हम दिन में हुई घटनाओं को एक दूसरे के साथ शेयर करते हैं। सोने से पहले मेरे दादाजी मुझे कहानियां सुनाते हैं और साथ-साथ जिंदगी जीने का मार्गदर्शन भी देते है। हम लोग सप्ताह में एक बार साथ में पिकनिक जरूर जाते है।

परंपरा, प्यार और एकता के दम पर बना मेरा यह परिवार दुनिया का सबसे आदर्श परिवार है। मेरे परिवार को दुनिया की कोई भी ताकत तोड़ नहीं सकती। परिवार हमें अच्छा आचरण सिखाता है, जो हमारी जिंदगी में बहुत ही अहम भूमिका निभाता है। सच में मेरे पास एक अद्भुत और प्यार भरा परिवार है और इसके लिए मैं ईश्वर का ऋणी हूं।

मेरा परिवार पर निबंध (600 शब्द)

प्रस्तावना

किसी ने खूब कहा है कि, “रोटी कमाना कोई बड़ी बात नहीं, लेकिन परिवार के साथ रोटी खाना बहुत बड़ी बात है”। परिवार ईश्वर की देन है क्योंकि हम अपने परिवार को नहीं सुन सकते। एक आदर्श परिवार मिलना हमारे लिए भाग्यशाली की बात है। जैसे पूरी दुनिया में घर से सुरक्षित कोई जगह नहीं है, उसी तरह कोई भी व्यक्ति परिवार से बेहतर नहीं हो सकता। व्यक्ति का पहला विद्यालय उनका परिवार ही है। क्योंकि यहीं से उनको मूल संस्कार प्राप्त होते हैं। परिवार एक पेड़ की तरह है।

परिवार में हर सदस्य की भूमिका

मेरा परिवार एक आदर्श और खुशहाल परिवार है। मेरे परिवार में दादा-दादी, माताजी, पिताजी, चाचा, चाची, चाची के दो बेटे और मेरी बहन इस तरह मिलाकर हम 10 सदस्य साथ रहते हैं। मेरा परिवार एक संयुक्त परिवार कहलाता है। मेरे दादा और दादी घर में सबसे बड़े और बुजुर्ग व्यक्ति है। परिवार के सभी लोग उनका आदर और सम्मान करते हैं। दादा आर्मी में थे और अभी रिटायर्ड जीवन बिता रहे हैं। दादा घर में बागबानी करते हैं और घर के छोटे बड़े कामों में हाथ बताते हैं। दादी भी हर काम में उनका साथ देती है। रात को दादा सोने से पहले सभी बच्चों को कहानियां सुनाते हैं और साथ-साथ अच्छा शिक्षण भी देते हैं। परिवार के सभी सदस्य कोई भी कार्य करने से पहले दादा और दादी की राय जरूर लेते हैं।

मेरे पिताजी बैंक में नौकरी करते हैं और माताजी घर में पूरा दिन काम करती रहती है। मेरी माताजी को नए नए पकवान बनाने का बहुत शौक है। घर के सभी सदस्य उनके खाने की तारीफ करते रहते हैं। उसके अलावा माताजी घर के बच्चों को पढ़ाती भी है। मेरी बड़ी बहन कॉलेज में स्नातक की पढ़ाई करती है और मेरे चाचा और चाची एक मल्टी नेशन कंपनी में जॉब करते हैं।  उनके दोनों बेटे हायर सेकेंडरी में पढ़ाई करते है। सुबह 10:00 बजे तक सब लोग अपने काम के लिए घर से निकल जाते हैं और 6:00 बजे तक सब लोग घर में वापस आ जाते हैं।

मैं घर में सबसे छोटा हूं। इसलिए सभी लोग मुझे बेहद प्यार करते है। किसी भी चीज को लेकर मुझे मना नहीं करते। रात के समय सभी सदस्य मिलकर खाना खाते हैं। उस समय हम हमारे दिन में हुई घटनाओं को परिवार के सदस्य के साथ शेयर करते हैं। किसी टॉपिक को लेकर भी कई बार चर्चा भी करते है। पूरे दिन में यही समय है जिसके लिए मैं इंतजार करता रहता हूं क्योंकि इस समय में मेरे परिवार के काफी नजदीक होता हूं।

परिवार का महत्व

मेरे परिवार में अनुशासन और शिष्टाचार का बहुत महत्व है। घर के सभी लोग अपनी अपनी जिम्मेदारी खुद निभाते हैं इसलिए तो इतना बड़ा परिवार होने के बावजूद भी सभी कार्य समय अनुसार होते हैं और किसी को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं रहती। चाहे बड़े त्यौहार हो या छोटी जन्मदिन की पार्टी सब लोग साथ में रहकर ही खुशियां मनाते हैं।अगर किसी को कोई भी प्रकार की तकलीफ हो तो साथ मिलकर उसे हल करते हैं। इतना बड़ा परिवार होने के कारण छोटे-छोटे झगड़े तो होते रहते हैं लेकिन उसे शांति और संयम से मिलकर सुलझा भी देते हैं।

निष्कर्ष

मेरा परिवार परंपरा, विनम्रता, सहानुभूति और एकता के ठोस नीम पर खड़ा है। जीवन का शारीरिक, आर्थिक और बौद्धिक विकास के लिए परिवार ही जिम्मेदार होता है। परिवार से ही हमें व्यक्तिगत पहचान मिलती है। सच में मेरे पास एक अद्भुत परिवार है। मेरा दिल और आत्मा हमेशा इस घर में मेरे परिवार के साथ ही होते है। मेरा परिवार जीवन का एक सच्चा मार्गदर्शक है।

अंतिम शब्द

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