नमस्कार दोस्तों, यहां पर हमने ऊँट पर निबंध (Essay on Camel in Hindi) शेयर किया है। इस हिंदी निबंध से हमने ऊँट के बारे में पूरी जानकारी शेयर करने की कोशिश की है। इस निबंध से कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और साथ और भी उच्च शिक्षा के विद्यार्थियों को भी ऊँट पर निबंध हिंदी में लिखने में मदद मिलेगी।
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ऊँट पर निबंध – Essay on Camel in Hindi
ऊंट एक विशाल पशु होता है, जिसका रंग हल्का भूरा या गहरा भूरा होता है जो विदेश से आया है। यह भारत के रेगिस्तान के क्षेत्र सबसे अधिक पाया जाता है। क्योंकि ये रेत में भी पानी के समान दौड़ सकता है। इसलिए ऊंट को रेगिस्तान का जहाज भी कहा जाता है। ऊंट की चार लम्बी टांगे, दो कान, दो आंखें, दो लटके हुए होठ, एक छोटी पूंछ और पीठ पर एक बड़ा कूबड़ होता है। ऊंट की गर्दन लम्बी होती है।
ऊंट की चार टांगे जो होती है जिससे वह रेगिस्तान में लगभग 60 से 70 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ सकता है। ऊंट को प्यास कम लगती है इस कारण वह बिना पानी के एक महीने तक रह सकता है। पानी के संग्रहण के लिए इसके पेट में एक विशेष प्रकार की थैली होती है जो अपने अंदर पानी और भोजन का संग्रहण करती है।
ऊंट की एक विशेषता यह भी है कि उसे पसीना कम होता है। क्योंकि उसके अंदर अधिक मात्रा में पानी होती है और इसकी चमड़ी की मोटाई भी अधिक होती है। ऊंट के घुटनों पर कठोरता होती है। जिससे जब ऊंट बैठता है तो उसे रगड़ से बचाव होता है।
ऊंट एक शाकाहारी पशु है जो अपने भोजन में कांटेदार झाड़ियां, हरे पते, घास, गन्ने और अनाज लेता है। इसके मुंह में 34 दांत होते है जो भोजन को पूरी तरह से पीस देता है। ऊंट एक दिन में लगभग 35 लीटर तक पानी पीता है। ऊंट का दूध बहुत पोष्टिक होता है जिसके इसलिए रेगिस्तान में कई लोग इसके दूध का उपयोग करते हैं।
ऊंट के पैर गद्दीदार होते हैं जिसके कारण वह रेगिस्तान में तेजी से चल पाता है और इतना बड़ा शरीर होने पर भी वह रेत में नहीं धसता है। ऊंट की आँखों से थोड़ा ऊपर बाल होते हैं जो आँखों को उड़ती हुए रेत से बचाने का काम करते हैं। ऊंट के नाक में नथुने होते हैं। तेज आंधी आने पर ये बंद कर देता है फिर नाक में रेत नहीं घुस पाती है। ऊंट रेगिस्तान में बहुत दूर तक आसानी से देख पाता है।
ऊंट की बुद्धि बहुत ही तेज होती है। ये एक बार जिस रास्ते से गुज़र जाता है, उस रास्ते को फिर वह कभी नहीं भूलता।
ऊंटनी के दूध में ऊर्जा भरपूर मात्रा में होती है। इसमें विटामिन, मिनरल्स और ताम्बा पाया जाता है। ऊंटनी का दूध स्वाद में बहुत ही अच्छा होता है। काफी लोग इसे पीने में भी काम लेते हैं। इसका स्वाद क्रीम जैसा और सफ़ेद रंग का होता है। ऊंटनी के दूध की एक विशेषता है कि उसके दूध का दही नहीं जमता है।
एक स्वस्थ ऊंटनी एक दिन में लगभग 6 से 8 लीटर तक दूध देती है। इसका विशेष रूप से उपयोग मधुमेह, आइसक्रीम बनाने में आदि में किया जाता है। एक बार में ऊंटनी एक बच्चे को ही जन्म देती या फिर कभी कभी दो बच्चों को भी जन्म दे देती है। उसके बच्चे दो दिन तक अपने पैरों पर खड़े भी नहीं हो पाते और जन्म के समय इनके कूबड़ भी नहीं निकला होता है।
ऊंट के शरीर के बाल भी समय समय पर काटे जाते हैं और इन्हें नहलाया भी जाता है। ऐसा माना जाता है कि इनके बाल काटकर और कीचड़ से नहलाने पर इनके बाल और भी ज्यादा सुंदर और कोमल हो जाते हैं। उनके बालों का उपयोग कपड़े बनाने की फक्ट्रियों में किया जाता है जिसमें रस्सी, थैली, कोट, ऊन आदि विशेष है।
रेगीस्तान में ऊंट यातायात के साधन के रूप में उपयोग में लिया जाता है। सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने में भी ऊंट का अधिक उपयोग किया जाता है। ऊंट पुराने ज़माने में भी राजा महाराजाओं का विशेष वाहन रहा है। साथ ही गणतंत्रता दिवस पर ऊंटों पर सैनिक बैठकर विभिन्न प्रकार के करतब दिखाते है और लोग ऊंट की सवारी का भी आनंद लेते है। राजस्थान में पाकिस्तान बॉर्डर पर सैनिक दुश्मनों पर नज़र रखने के लिए ऊंटों की मदद रखते हैं।
इसके साथ किसान ऊंट से खेती भी करते हैं। ऊंट के शरीर पर अधिक बाल होने के कारण इसे ना तो अधिक सर्दी लगती है और ना ही अधिक गर्मी लगती है। एक ऊंट का जीवन काल 50 साल तक होता है और जब ऊंट की मृत्यु भी हो जाती है तो इसके बाद भी इसके शरीर से कई प्रकार की सामग्री बनती है जो बहुत महँगी और महत्वपूर्ण होती है। इसके चमड़े से जूते भी बनाये जाते हैं। ऊंट के गोबर को इंधन के रूप में भी काम में लिया जाता है और खाद भी बनाई जा सकती है।
राजस्थान में ऊंट कई लोगों की रोजगार का भी साधन है। इससे आने वाले पर्यटक इसकी सवारी का आनंद भी ले लेते है और ऊंट के मालिक को इसकी आमदनी भी हो जाती है। ऊंट पर कई प्रकार की राजस्थानी कलाकृतियां भी बनाई जाती है जो देखने में बहुत ही सुंदर होती है और हर किसी के मन को भा जाती है।
ऊंट पर 10 वाक्य – 10 Lines Essay on Camel in Hindi
- ऊंट को रेगिस्तान का जहाज कहा जाता है।
- ऊंट बिना पानी के एक महीने तक रह सकता हैं।
- ऊंट का जीवनकाल 50 वर्ष तक होता है।
- ऊंट की गर्दन लम्बी और पूंछ छोटी होती है।
- ऊंट एक कूबड़ के भी होते है और दो कूबड़ के भी होते हैं।
- ऊंट के पेट में एक थैली होती है जो पानी और भोजन का सग्रह करती है।
- ऊंट अपने भोजन में कांटेदार झाड़ियां, पते, घास, गन्ने और अनाज लेता है।
- ऊंट को पसीना बहुत ही कम होता है क्योंकि इसके शरीर में पानी अधिक मात्रा में होता है।
- एक ऊंट का वजन 400 से 600 किलो तक होता है।
- ऊंट चौपाया जानवर है।
- ऊंट के पांव गद्दीदार होते हैं जिसके कारण वह रेत में नहीं धसते।
- ऊंट की बुद्धि बहुत तेज होती है।
- ऊंट एक दिन में लगभग 35 लीटर तक पानी पीता है।
- ऊंट के मुंह में 34 दांत होते हैं।
- ऊंट का रंग हल्का भूरा या फिर गहरा भूरा होता है।
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