Home > Essay > बाघ पर निबंध

बाघ पर निबंध

Essay on Tiger in Hindi: बाघ भारत का राष्ट्रीय पशु है। आज हमने यहां पर बाघ पर निबंध शेयर किया है। यह निबन्ध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

Essay on Tiger in Hindi
Image: Essay on Tiger in Hindi

Read Also: हिंदी के महत्वपूर्ण निबंध

बाघ पर निबंध (Essay on Tiger in Hindi)

प्रस्तावना

बाघ जिसको भारत का राष्ट्रीय पशु माना जाता है। विज्ञान के अनुसार देखा जाए तो बाघ जिसे बिल्ली की प्रजाति का जानवर कहा जाता है। बाघ का वैज्ञानिक नाम पैंथेरा टाइग्रिस है। बिल्ली प्रजाति का सबसे बड़ा जानवर बाघ है। बाघ के शरीर पर अलग-अलग रंग की धारियां होती है। मुख्य रूप से इस धारियों में काला, सफेद, नारंगी, नीला रंग देखने को मिलता है। बाघ के दांत बहुत लंबे और नुकीले होते हैं। बाघ जो कि एक हिंसक जानवर है। बाघ कि एक मजबूत पूछ होती है।

बाघ का व्यवहार

बिल्ली प्रजाति का सबसे बड़ा जानवर बाघ है। यह जानवर जिसे जंगली जानवर के नाम से भी पहचाना जाता है। क्योंकि इस जानवर का रहना जंगल में होता है। भाग से सभी जानवर भयभीत रहते हैं। क्योंकि यह ताकतवर और सबसे तेज भागने वाला जानवर है। इसके अलावा बाघ निर्दयी जानवर भी कहलाता है। बाघ के शरीर में बहुत दूर से छापटा मारने की क्षमता होती है। जिस जानवर पर बाघ की नजर पड़ जाती है, वह जानवर बाघ का शिकार बन जाता है। बाघ उस जानवर को किसी भी हालत में नहीं छोड़ता हैं।

अन्य जानवरों के प्रति देखा जाए तो बाघ जो कि सबसे तेज भागने वाला जानवर है। बाघ में 10 फीट तक ऊंचाई में छलांग लगाने की क्षमता है। साथ ही साथ यह जानवर 90 से 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से भागता है। बाघ का वजन करीब 150 किलोग्राम के आस पास होता है। बाघ मांसाहारी जानवर है। यह जंगल में रहकर अन्य जानवरों को अपना शिकार बनाता है। बाघ को जंगल का भगवान भी कहा जाता है। क्योंकि जिस जानवर को बाघ मारना चाहता है, उस जानवर को वह मार सकता है।

पूरी दुनिया की तुलना में भारत में 50 प्रतिशत बाघ भारत में पाए जाते हैं। इससे आपको समझ में आ रहा होगा कि भारत में अन्य देशों की तुलना में बाघों की संख्या बहुत अधिक है। भारत में पिछले कई सालों से बाघ को राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया और बाघ का संरक्षण भी किया गया।

जिस प्रकार से आपको पता होगा कि बाघ जो मांसाहारी पशु है, यह जान और मांस खाने का शौकीन है। बाघ अपना भोजन खुद बनाता है। बाघ जो कि अपने भोजन के लिए अन्य जानवरों को शिकार बनाता है। यह जानवर दिन में ज्यादा समय तक सोता रहता है और रात के समय शिकार की तलाश में निकलता है। जंगली जानवरों को रात को अपने ताकत के दम पर मारकर उसे अपना भोजन बना लेता है।

बाघ का जीवन चक्र

बाघ प्रजाति में नर व मादा दोनों के जीवन चक्र की बात की जाए तो नर बाघ जो जन्म के पश्चात करीब चार से पांच साल बाद परिपक्व हो जाता है और मादा बाघ जिसको परिपक्व होने में 3 से 4 साल लगते हैं। मादा बाघ की गर्भावस्था की अवधि 95 दिन से 112 दिन की होती है।

मादा बाघ जब एक बार प्रजनन करती है तब करीब 1 से लेकर 5 बच्चों को एक साथ जन्म देती है। भारत का सबसे प्रिय जानवर बाघ माना जाता है और इसीलिए इस जानवर को राष्ट्रीय पशु घोषित किया है। रॉयल बंगाल बाघ भारतीय मुद्रा एवं भारतीय डाक की टिकटों पर भी बाघ का चिन्ह छापा गया है।

बाघ की लाइफ़स्टाइल

बाघ को रोजाना भोजन में नए जानवर का शिकार करना पसंद है। शिकार के रूप में बाघ रोजाना चितल, जंगली सूअर, भैसे, जंगली हिरण और मौका मिलने पर मनुष्य को खाना पसंद करता है। बाघ की पहचान शरीर की धारियों से होती है। इसके अलावा इस जानवर में सुघने, देखने और सुनने की क्षमता काफी तीव्र होती है।

बाघ जानवर जिसे किसी भी जानवर पर हमला करने से पहले वह योजना बनाता है और हमेशा पीछे से हमला करता है। इसलिए बाघ से अन्य जानवरों में डर बना रहता है। बाघ अपने शिकार को बहुत ही आसानी से हासिल कर लेता है। बाघ का शरीर बहुत भारी होता है। यह दिन भर में करीब 20 शिकार करता है, जिसमें से एक से दो शिकार को अपना भोजन बनाता है। बाकी अन्य शिकार को ऐसे ही छोड़ देता है। मनुष्य की भांति बाद भी छोटी उम्र में अपनी मां के साथ शिकार करना सीखता है।

बाघ राष्ट्रीय पशु के रूप मे 

यह जानवर काफी चालाक, शक्तिशाली, तेज रफ्तार की क्षमता अपने पास रखता है। बाघ को 18-11-1972 को राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया। बाघ को जंगल का राजा माना जाता है। साथ ही बाघ की तस्वीरें भारतीय मुद्रा व अशोक के स्तंभ पर भी चित्रित है। भारतीय डाक की टिकटों पर भी आपने बाघ की तस्वीरें छपी हुई देखी होगी।

बाघ भारत का सबसे लोकप्रिय जानवर है। लेकिन मनुष्य द्वारा पुराने समय में बाघ का शिकार बहुत अधिक किया जाता था और उसी वजह से बाघ की प्रजाति संकट में आ गई। सन 1972 में जब भारत को भारत का राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया। उसके पश्चात यदि कोई व्यक्ति बाघ का शिकार करता है तो उस व्यक्ति को सजा दी जाती है। बाघ की कई प्रजातियां शिकार की वजह से लुप्त हो चुकी है।

बाघों की अन्य प्रजातियाँ

यह जानवर जो पूरे विश्व भर में पाया जाता है। वर्तमान में बाघ की कुल 8 प्रजातियां वर्तमान में उपलब्ध है, जिसमें भारतीय बाघ को रॉयल बंगाल टाइगर नाम से पहचाना जाता है। भारत के उत्तरी पश्चिमी इलाके में बाघ बिल्कुल ना के बराबर पाए जाते हैं। यहां पर बाघ की सभी प्रजातियां लुप्त हो चुकी है। वर्तमान में भारत में बाघ का संरक्षण किया जा रहा है। ताकि जिन प्रजातियों पर भारत में संकट छाया हुआ है, उन प्रजातियों को बचाया जा सके।

बाघो का संरक्षण

वर्तमान में बाघ की कुल 8 प्रजातियां उपलब्ध है, उनकी प्रत्येक प्रजाति के बाघ का आकार और वजन में अंतर है। मतलब यह है कि अलग-अलग प्रजाति के बाघ दिखने में अलग-अलग होते हैं। बाघ की सभी प्रजातियां जिनमें साइबेरियन टाइगर सबसे बड़ा होता है।

मनुष्य द्वारा भारत का लगातार शिकार शुरू हुआ और दिन प्रतिदिन बाघों की संख्या में कमी देखने को मिली। तब भारत सरकार ने बाघों के संरक्षण को बढ़ावा दिया और अप्रैल 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर नाम का एक मिशन शुरू किया। जिस मिशन के जरिए बाघ के शिकार पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी।

प्रोजेक्ट टाइगर नाम का जो मिशन शुरू किया गया। उस मिशन के माध्यम से 23 स्थानों पर बाघों की सुरक्षा के लिए कड़े प्रावधान वह आवासों का निर्माण किया गया और उसका फायदा सन 1993 में देखने को मिला। 1973 की संख्या के मुकाबले 1993 की संख्या में काफी ज्यादा बढ़ोतरी देखने को मिली।

बाघ का इतिहास

वर्तमान समय में जो भारत का राष्ट्रीय पशु बाघ है, वह पुराने जमाने में चीन में हुआ करता था। एक खोज में इन बाघों के निशान चीन में मिले थे। बाघ के भारत में आने का रास्ता वर्तमान में रेशम मार्ग के नाम से पहचाना जाता है। इसी रास्ते से भारत में बाघ प्रवेश किया करते थे।

चीन से भारत का यह रेशम मार्ग जिसके माध्यम से बाघों ने भारत में प्रवेश किया। वैज्ञानिकों की खोज में स्पष्ट हुआ कि एशिया में पाए जाने वाले भाग 1980 में विलुप्त हो गए थे। लेकिन अन्य खोज में सामने आया कि रूस में यह बाद वापस मिले।

निष्कर्ष 

Essay on Tiger in Hindi

भारत सरकार द्वारा बाघ को बचाने के लिए बहुत सारे प्रयास किए गए हैं। वर्तमान में बाघ संरक्षण क्षेत्र करीब 33406 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। जहां पर मनुष्य को हथियार लेकर जाना पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जा चुका है।

इसके अलावा यदि कोई वहां हथियार लेकर जाता है तो उस व्यक्ति को सरकार द्वारा अपराधी माना जाएगा और अपराधी मानते हुए सरकार द्वारा उस व्यक्ति पर जुर्माना भी लगाया जाएगा। बाघ को भारत का राष्ट्रीय पशु घोषित करने के पश्चात भागों को मारना कानूनी अपराध है।

हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह जानकारी “बाघ पर निबंध (Essay on Tiger in Hindi)” पसंद आई होगी, इसे आगे शेयर जरूर करें। आपको यह जानकारी कैसी लगी, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

यह भी पढ़े

Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

Related Posts

Leave a Comment