Home > Muhavara > एक पंथ दो काज मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग

एक पंथ दो काज मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग

एक पंथ दो काज मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग (Ek panth do kaaj Muhavara ka arth)

एक पंथ दो काज मुहावरे का अर्थ– एक ही उपाय से दो कार्यों का करना, एक साथ दो लाभ प्राप्त करना, एक काम से दो काम पूरे होना, एक काम से दूसरा काम हो जाना।

Ek panth do kaaj Muhavara ka arth– ek hee upaay se do kaaryon ka karana, ek saath do laabh praapt karana, ek kaam se do kaam poore hona, ek kaam se doosara kaam ho jaana.

दिए गए मुहावरे का हिंदी में वाक्य प्रयोग

वाक्य प्रयोग: मोहन को उसके कविता सम्मेलन में जाने के लिए दिल्ली जाने का मौका मिला और मोहन सोचा कि एक पंथ दो काज हो जाएंगे अर्थात वह सबसे पहले कवि सम्मेलन में शामिल होगा साथ-साथ दिल्ली जाकर वहां के ऐतिहासिक इमारतों को भी देखने का सुनहरा मौका मिलेगा।

वाक्य प्रयोग: सोहन को आगरा जाने का एक सुनहरा अवसर मिला क्योंकि सोहन की बहन आगरा में ही रहती है तो वह अपनी बहन से भी मिलेगा साथ ही साथ आगरा में जो सबसे मशहूर इमारत है ऐतिहासिक इमारत है वह है ताजमहल उसे भी देख पाए इसे कहते हैं एक पंथ दो काज।

वाक्य प्रयोग: छोटे बच्चे अक्सर अपने विद्यालय बंद होने में काफी खुश होते हैं क्योंकि उसे एक तो पढ़ाई से छुट्टी मिल जाती है दूसरा उसे खेलने से कोई नहीं रोकता है।

वाक्य प्रयोग: सोहन को ट्रेनिंग के लिए शिमला जाने का मौका मिला सोहन इस बात से काफी खुश हुआ क्योंकि वहां उसके रिश्तेदार भी रहते हैं और उसे शिमला जो कि काफी सुंदर शहर है उसे घूमने का उसे इतना अच्छा सुनहरा मौका मिला।

यहां हमने “एक पंथ दो काज” जैसे बहुचर्चित मुहावरे का अर्थ और उसके वाक्य प्रयोग को समझा। एक पंथ दो काज मुहावरे का अर्थ होता है एक ही उपाय से दो कार्यों को करना, एक साथ दो लाभ की प्राप्ति करना, एक काम से दो काम हो जाना या फिर एक काम से कहीं गए और उसके साथ साथ एक और काम हो जाना। अक्सर बड़ी-बड़ी कंपनियां अपने सामान की मुनाफा के लिए ऑफर को निकालती है जिसमें लिखा होता है एक साथ दो लाभ प्राप्त इस वजह से कई लोग आकर्षित होते हैं और वह जाकर उन सामानों को खरीद लेते हैं इनसे इन बड़ी-बड़ी कंपनियों को काफी फायदा होता है एक तो ग्राहकों का भीड़ लग जाता है दूसरे उसके सामान की बिक्री में बढ़ोतरी होती है एक ही उपाय से दो कार्यों को करना। चुकी यह मुहावरा है और मुहावरा और असामान्य अर्थ प्रकट करता है इसीलिए यहां इस मुहावरे का अर्थ दोहरा लाभ प्राप्त करने से हैं।

मुहावरे परीक्षाओं में मुख्य विषय के रूप में पूछे जाते हैं। एक शब्द के कई मुहावरे हो सकते हैं।यह जरूरी नहीं कि परीक्षा में यहाँ पहले दिये गए मुहावरे ही पूछा जाए। परीक्षा में सभी किसी का भी मुहावरे पूछा जा सकता है।

मुहावरे का अपना एक भाग है प्रत्येक पाठ्यक्रम में, छोटी और बड़ी कक्षाओं में मुहावरे पढ़ाया जाता है, कंठस्थ किया जाता है। प्रतियोगी परीक्षाओं में यह एक मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है और महत्व दिया जाता है।

परीक्षा के दृष्टिकोण से मुहावरे बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में मुहावरे का अपना-अपना भाग होता है। चाहे वह पेपर हिंदी में हो या अंग्रेजी में यहां तक कि संस्कृत में भी मुहावरे पूछे जाते हैं।

मुहावरे कोई बहुत कठिन विषय नहीं है। यदि इसे ध्यान से समझा जाए तो याद करने की भी आवश्यकता नहीं होती है। इसे समझ समझ कर ही लिखा जा सकता है।

अन्य महत्वपूर्ण मुहावरे और उनका वाक्य प्रयोग

आपे से बाहर होना उड़ती चिड़िया के पंख गिनना
बड़ी बात होनाअपना घर समझना
आसमान सिर पर उठानाअक्ल चरने जाना

1000+ हिंदी मुहावरों के अर्थ और वाक्य प्रयोग का विशाल संग्रह 

Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

Comment (1)

  1. अति सराहनीय कार्य है और आम आदमी के सामान्य ज्ञान में वृद्धि भी होती है।इस प्रकार, हमें हिन्दी भाषा के मुहावरों को और उनके अर्थों का बोध होना चाहिए। आपने 🙏🏼 अनेकों उदाहरण दिए हैं और यह बताने में भी सफल हुए हैं कि हम इनकों प्रयोग में कैसे लाएं और अपनी दिनचर्या में उन्हें कैसे शामिल किया जाए, इसमें हमारी रूचि होनी चाहिए। बहुत खूबसूरत अंदाज है।👍🙏🏼

    प्रतिक्रिया

Leave a Comment