एक हाथ से ताली नहीं बजती मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग (Ek haath se taalee nahin bajatee Muhavara ka arth)
एक हाथ से ताली नहीं बजती मुहावरे का अर्थ – झगड़ा एक ओर से नहीं होता, किसी विवाद में एक ही व्यक्ति का दोष नहीं होना, किसी के सहयोग के बिना काम का न होना।
Ek haath se taalee nahin bajatee Muhavara ka arth – jhagada ek or se nahin hota, kisee vivaad mein ek hee vyakti ka dosh nahin hona, kisee ke sahayog ke bina kaam ka na hona.
दिए गए मुहावरे का हिंदी में वाक्य प्रयोग
वाक्य प्रयोग: किसी दुकान में कुछ ग्राहक बहुत ही चिल्लम चिल्ली कर रहे थे तो कुछ लोगों ने दुकानदार से पूछा कि यहां पर इतना चिल्ला क्यों रहे हैं तब दुकानदार ने कहा कि मैंने इन लोगों को अच्छा सामान दिया था लेकिन ग्राहक बोल रहे हैं यह सारे सामान गलत है उन्होंने कहा कि आखिर तुमने कुछ ना कुछ तो गलत दिया ही होगा क्योंकि एक हाथ से ताली नहीं बजती।
वाक्य प्रयोग: किसी कक्षा में सभी विद्यार्थियों को शिक्षक ने सजा के तौर पर अपने हाथ उठाकर खड़ा करवा दिया तब दूसरे शिक्षक ने आकर उस शिक्षक से पूछा कि क्यों अपने सभी बच्चे को सजा दी है तब दूसरे शिक्षक ने कहा कि जरूर बच्चे ने कुछ शरारत किया होगा इसीलिए शिक्षक ने भी सभी को सजा दे दी क्योंकि एक हाथ से ताली नहीं बजती।
वाक्य प्रयोग: किसी कारण दो लोगों को पुलिस ने पकड़ लिया और उन दोनों से उनका जुर्म कबूल करवाने के लिए उन लोगों पर दबाव डालने लगे क्योंकि एक हाथ से ताली नहीं बजती जब कुछ किया होगा तभी तो दोनों को पुलिस ने पकड़ा है।
वाक्य प्रयोग: मोहनलाल के घर में काफी पहरेदारी और काफी सुरक्षा होने के बावजूद भी उसके घर में चोरी हो गई इस पर पुलिस ने 2 लोगों को पकड़ा एक तो उसका नौकर था और दूसरा चोर था जब नौकर से पूछताछ की गई तो नौकर अपने जुर्म को कबूल करने से इंकार कर रहा था तब पुलिस ने कहा कि एक हाथ से ताली नहीं बजती तुमने जरूर इन चोरों का साथ दिया होगा तभी वह इतनी सुरक्षित जगह पर चोरी कर पाए हैं।
यहां हमने “एक हाथ से ताली नहीं बजती” जैसे बहुचर्चित मुहावरे का अर्थ और उसके वाक्य प्रयोग को समझा। एक हाथ से ताली नहीं बजती मुहावरे का अर्थ होता है कि चाहे कोई भी विवाद हो, कोई भी झगड़ा हो, किसी एक व्यक्ति के सहयोग से कभी नहीं होता। इसमें 2 लोगों का होना अनिवार्य होता है किसी भी कार्य को करने के लिए हमें दूसरे व्यक्ति से सहायता लेनी ही पड़ती है। हम सभी एक समाज में रहते हैं और समाज में हर व्यक्ति हर किसी के साथ की जरूरत पड़ती है क्योंकि एक हाथ से ताली नहीं बजती। हर किसी को हर किसी की मदद की आवश्यकता होती है और इसीलिए समाज का निर्माण भी किया जाता है। चुकी यह मुहावरा है और मुहावरा और असामान्य अर्थ प्रकट करता है इसीलिए यहां इस मुहावरे का अर्थ दोहरा लाभ प्राप्त करने से हैं।
मुहावरे परीक्षाओं में मुख्य विषय के रूप में पूछे जाते हैं। एक शब्द के कई मुहावरे हो सकते हैं।यह जरूरी नहीं कि परीक्षा में यहाँ पहले दिये गए मुहावरे ही पूछा जाए। परीक्षा में सभी किसी का भी मुहावरे पूछा जा सकता है।
मुहावरे का अपना एक भाग है प्रत्येक पाठ्यक्रम में, छोटी और बड़ी कक्षाओं में मुहावरे पढ़ाया जाता है, कंठस्थ किया जाता है। प्रतियोगी परीक्षाओं में यह एक मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है और महत्व दिया जाता है।
परीक्षा के दृष्टिकोण से मुहावरे बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में मुहावरे का अपना-अपना भाग होता है। चाहे वह पेपर हिंदी में हो या अंग्रेजी में यहां तक कि संस्कृत में भी मुहावरे पूछे जाते हैं।
मुहावरे कोई बहुत कठिन विषय नहीं है। यदि इसे ध्यान से समझा जाए तो याद करने की भी आवश्यकता नहीं होती है। इसे समझ समझ कर ही लिखा जा सकता है।
अन्य महत्वपूर्ण मुहावरे और उनका वाक्य प्रयोग
अपने पाँव पर आप कुल्हाड़ी मारना | चाँद पर थूकना |
चार चाँद लगाना | अक्ल चरने जाना |
आसमान सिर पर उठाना | आड़े हाथों लेना |
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