द्विगु समास (Dvigu Samas): हिंदी व्याकरण में बहुत सारे भाग है। जिसमें समास मुख्य रूप से शामिल है। समास बहुत ही बड़ा हिस्सा हिंदी व्याकरण का माना जाता है। हिंदी व्याकरण में संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण के साथ-साथ समास भी मुख्य रूप से हिंदी व्याकरण का अंग है।
समास हिंदी व्याकरण की एक प्रमुख शाखा है। आज यहां पर समास के एक भाग द्विगु समास के बारे में जानकारी प्राप्त करने वाले है। यहां पर हम द्विगु समास को निम्न स्टेप्स में जानेंगे:
- द्विगु समास किसे कहते है? (Dvigu Samas in Hindi)
- द्विगु समास के उदाहरण (Dvigu Samas ke Udaharan)
समास के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करने के लिए यहां पर क्लिक करें समास (परिभाषा, भेद और उदाहरण)
द्विगु समास किसे कहते है?
द्विगु समास की परिभाषा: वह समास जिसमें पहला पद संख्यावाचक विशेषण हो और अन्य सभी पद किसी समूह या किसी समाहार का बोध करवाते हो, उन वाक्यों को द्विगु समास कहा जाता है।
द्विगु समास के उदाहरण
- दशक: दस सालों का समूह
- शताब्दी: सौ सालों का समूह
- सप्ताह: सात दिनों का समूह
- महीना: तीस दिनों का समूह
- सप्ततंत्र: सात तंत्रों का समाहार
- दोपहर : दो पहरों का समाहार
ऊपर जो उदाहरण दिए गए हैं इनमें पूर्व पद संख्यावाचक विशेषण है। यह स्पष्ट रुप से दिखाई दे रहा है और बाकी अन्य समस्त पद किसी ने किसी समूह या समाहार का बोध करवा रहे हैं। जिस प्रकार देख सकते हैं कि दोपहर में पहला पद जो संख्यावाचक विशेषण है और बाद में समाहार का बोध हो रहा है।
इसके अलावा सप्ताह में आप देख सकते हैं कि सात शब्द का प्रयोग संख्यावाचक विशेषण के रूप में हुआ है और उसके पश्चात समूह शब्द का प्रयोग भी किया गया है। अतः यह उदाहरण द्विगु समास के अंतर्गत आएगा।
- चौराहा: चार राहों का समूह
- तिरंगा: तीन रंगों का समूह
- पचरंगा: पाचं रंगों का समूह
- चतुर्थकौण: चार कोणों का समूह
- चौराहा : चार राहों का समूह
उदाहरण के रूप में ऊपर जो वाक्य दिए गए हैं, इन वाक्य में पूर्व पद संख्यावाचक विशेषण है और बाकी समस्त पद किसी समूह या समाहार का बोध करवा रहे हैं। जैसे: तिरंगा शब्द में पहले अक्षर ती का मतलब तीन होता है और यह एक संख्यावाचक विशेषण है और समस्त पद में रंगों के समूह का बोध हो रहा है। अतः यह उदाहरण द्विगु समास के अंतर्गत रखा जाएगा।
- त्रिपाई: तीन पैरों का समूह
- चतुमुर्ख: चार मूर्खों का समाहार
- चतुर्थभवन: चार भवनों का समाहार
- त्रिराहा: तीन रास्तों का समाहार
- नवरत्न: नौ रत्नों का समूह
उदाहरण के रूप में ऊपर जो वाक्य दिया गया है, इस वाक्य में पहला पद संख्यावाचक विशेषण है और समस्त पद किसी समूह और समाहार का बोध करवा रहे हैं।
ऊपर दिए गए उदाहरण में देखा जाए तो नवरत्न में पहला कदम जो कि संख्यावाचक विशेषण के रूप में उपयोग किया गया है और इस नव शब्द का मतलब नौ होता है। समस्त पदों में नौ रत्नों का समाहार का बोध हो रहा है। अतः यह उदाहरण द्विगु समास के अंतर्गत रखा जाएगा।
- तिमाही: तीन महीनों का समाहार
- त्रिधातु: तीन बातों का समाहार
- चतुर्थवेणी: चार वेणियो का समाहार
- अठकोना : आठ कोनो का समाहार
- चौमासा : चार मासों का समाहार
प्रयुक्त उदाहरण में आप देख सकते हैं कि पहला पद जो संख्यावाचक विशेषण के रूप में प्रयोग हुआ है और समस्त पदों में समाहार का बोध हो रहा है। अतः इस उदाहरण को द्विगु समास के अंतर्गत रखा जाएगा।
द्विगु समास के अन्य उदाहरण
- नवरात्रा: नौ रात्रियों का समूह
- त्रिलोक: तीन लोगों का समाहार
- पंच सिंधु: पाचं सिन्धुओं का समूह
- पंचतत्व: पांच तत्वों का समूह
- चतुर्वर्ण: चार वर्णों का समाहार
उदाहरण के रूप में ऊपर दिए गए सभी वाक्य दिन में पहला पद संख्यावाचक विशेषण के रूप में उपयोग हुआ है और बाकी समस्त पद में समूह और समाहार का बोध स्पष्ट दिखाई दे रहा है। अतः सभी उदाहरण द्विगु समास के अंतर्गत आएंगे।
हमने क्या सिखा?
हमने यहां पर द्विगु समास के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की है। द्विगु समास की परिभाषा (Dvigu Samas ki Paribhasha) और द्विगु समास के उदाहरण को बहुत ही गहराई से समझा है। यदि आपका कोई सवाल है तो हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
समास के अन्य भाग
- अव्ययीभाव समास (परिभाषा और उदाहरण)
- तत्पुरुष समास (परिभाषा, भेद और उदाहरण)
- कर्मधारय समास (परिभाषा और उदाहरण)
- द्वंद्व समास (परिभाषा और उदाहरण)
- बहुव्रीहि समास (परिभाषा, भेद और उदाहरण)