Brahman Status
ब्राह्मण स्टेटस | Brahman Status
मैं झुक नहीं सकता…!
मैं शौर्य का अखंड भाग हूं।
जला दे जो दुश्मनों की रूह तक…!
मैं ब्राह्मणत्व की वही आग हूं।
जय परशुराम
जब परशुराम का फरशा और
बाजीराव की तलवार उठी है
बिना पराजय वाली ब्राह्मणों का
स्वर्णिम इतिहास लिखी गई हैं
पंडित की संतान हैं हम, इतना रुतबा रखते हैं।
इतिहास क्या चीज है, हम तो भूगोल बदलने का दम रखते हैं!
जय परशुराम
अंगारे नहीं फौलाद हैं हम,
परशुराम की औलाद हैं हम,
ब्राह्मण वंश के हम चीते हैं,
जो खुद के जिगर पर जीते हैं।
कोशिश तो सब करते है,
लेकिन सबसे हासिल ताज नही होता…!
शोहरत तो कोई भी कमा ले,
पर पंडित वाला अंदाज नहीं होता…!
हमारा कोई क्या बुरा करेगा जनाब,
घर से हम माँ की दुआ
और बापू की पिस्तौल साथ लेकर निकलते हैं।
जय श्री राम जय परसुराम
किसी ने कहा लोहा हैं हम,
किसी ने कहा फौलाद हैं हम,
माँ कसम वहा भाग दौड मच गई,
जब हमने कहा ब्राह्मण पंडित है हम…!
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बड़े-बड़े स्वर्णिम अक्षरों में लिखा ब्राह्मणों का इतिहास हैं
क्यों लेता तू पन्गा पंडितों से हमेशा उन्हीं का राज हैं.
देख मेरा टोरा में ब्रामण का छोरा कोई ठंग मिली मारे ते,
इतना बढ़ा ना हो रहा खिलोना पिस्टल दो नाली पड़ी मेरे घर ते..!!
कोई कितनी भी कोशिश करले हम जैसा बनने की,
शेर पैदा होते हैं बनाए नहीं जाते,
जय ब्राह्मण सम्राज्य, जय परशुराम जी।
ब परशुराम का फरशा और बाजीराव की तलवार उठी है,
बिना पराजय वाली ब्राह्मणों का स्वर्णिम इतिहास लिखी गई हैं..!!
दिखे ना जो नयनो से ज्ञानचक्षु से उसने उसे देखा हैं
मानव कल्याण के लिए वह ब्राह्मण रात भर नहीं सोता हैं.
ब्राह्मण आते हैं तो वसंत ऋतू आता हैं
वसंत ऋतू आने से प्रकृति सुधर जाती हैं
ब्राह्मण के आने से संस्कृति सुधर जाती हैं.
यारी करे तो यारो के यार हे BRAHMAN
और दुशमन के लिए तुफान हे BRAHMAN
तभी तो दुनिया कहती है
बाप रे खतरनाक हे
पंजे को कमल का फूल बना देते काँटो को भी धूल बना देते
एकता नहीं हैं ब्राह्मणो में नहीं तो
अयोध्या क्या मक्का-मदीना में राम मंदिर बनवा देते.
पंडित भूखा तो सुदामा कहलाता हैं
गर जो पंडित समझा चाणक्य बन जाता हैं
रूठा जो पंडित तो परशुराम हो जाता हैं.
यमराज से जो डरे उसे यमदूत कहते हैं,
यमराज जिससे डरे, उसे पंडित कहते हैं,
अगर विश्वास नहीं होता तो रावण का इतिहास पढ़ ले।
ब्राह्मणों की ताकत तूफान बन गई…!
बाजीराव की वीरता हिंदुस्तान की शान बन गई!
जब जब उठाया फरसा ब्राह्मणों ने…!
दुश्मनों की धरती शमशान बन गई!!
जय परशुराम
गर जो नहीं सुधरे, सुधारेंगे हम
क्या करें धर्महित में
भगवान् परशुराम की
तरह फरसा उठा लेंगे हम
गर जो उठ गया फरसा त्राहि-त्राहि मच जायेगा।
फिर क्या मक्का-मदीना तेरा बाप भी बचा नहीं पायेगा।
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शास्त्र और शस्त्र जिनसे जन्म लिए
उसकी बात पुरानी हैं,
पृथ्वी को भी स्वर्ग बनाया था
जिसने यह उस ब्राह्मण की कहानी हैं..!!
ब्राह्मण ही प्रथम हैं ब्राह्मण ही अनंत हैं
पंडित ही आरम्भ हैं ब्राह्मण ही अंत हैं.
ब्राह्मण प्रचंड हैं, करता जब कोई अधर्म हैं.
मैं भारत पुत्र लिखूं तुम ब्राह्मण समझ लेना
जब भी मैं त्याग की कहानी कहूँ
तुम ब्राह्मण की कहानी समझ लेना
जब भी मानवता की बात करूँ
तुम ब्राह्मणत्व समझ लेना
जब भी युद्ध की बात करूँ
तुम परशुराम समझ लेना।
गीजगढ़ का बाजार हो,
“Black Safari Car” हो, पिछे बैठे मेरे यार हो,
और देखने वाला कहे,
काश ये ””ब्रामण का छोरा”” मेरी छोरी का yaar हो।
तप कर बने फौलाद हैं हम भगवान् परशुराम की औलाद हैं हम,
ब्राह्मण समाज के हम चीते हैं अपने बल-बुत्ते पर जीते है..!!
यारी करे तो यारो का यार हैं ब्राह्मण
दुश्मनी करे तो तूफ़ान हैं ब्राह्मण
इसीलिए अधर्मी कहते हैं -‘बाप रे बाप!’
बड़ा खतरनाक हैं ब्राह्मण।
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प्रेम इतना की चींटी को भी हाथ जोड़ लेते हैं
हम हैं पंडित अंगारो से भी खेल लेते हैं,
क्रोध इतना की हजारो हड्डियाँ भी तोड़ देते हैं.
शतरंज कि चालो का खोफ तो उनहे होता हैं,
जो सियासत करते हैं,
हम तो भगवान परशुराम के बंशज है
ना हार का फिक्र और ना जीत का जिक्र।
ब्राह्मण जैसे हैं उन्हें वैसे ही रहने दो
अगर हम बिगड़ गए ना तो वही,
अंदाज होगा और अपना हर जगह राज होगा ।
ना नेवला हैं ना साप हैं
क्या कांग्रेस और क्या आप हैं
न पुण्य का लालच हैं ना करते हम पाप हैं,
पर एक बात कान खोल कर सुन लो
पंडित का छोरा ही सबका बाप हैं.
एक झोली साथ में बस वस्त्र की
एक जोड़ी फिर भी स्थापित करे,
जो विश्व की सबसे बड़ी साम्राज्य ब्राह्मण ही हैं
वो चाणक्य उसका नाम..!!
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शेर जैसा जिगरा हैं,
बराबरी में बैठ जाये हर किसी की अवकात नहीं,
सारे जग में ढूंढ लिया ब्राह्मण जैसी
दूसरी कोई जात नहीं..!!
ब्राह्मण पुत्र हैं हम, करेजा दमदार रखते हैं,
इतिहास की क्या बिसात हम तो
पूरा ब्रह्माण्ड बदलने की ताकत रखते हैं..!!
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ब्राह्मण पंजे को कमल बना देते, ब्राह्मण काटों को फुल बना देते,
लेकिन ऐकता नही हैं ब्राह्मण में, नहीं तो अयोध्या में क्या,
पाकिस्तान में भी हर दिन एक राम मंदिर बना देते।
“ब्रामण” के ठाठ देख कर तो
आजकल शहर की छोरियां भी कहने लगी हैं
ना दवा चाहिए ना दर्द चाहिए,
हमें तो बस ब्राह्मणो का लड़का चाहिए।।
ब्राह्मण बदलते तो बदलते सारे नतीजे हैं
सारा मंजर, सारा अंजाम बदल जाता हैं,
कौन कहता हैं परशुराम अब नहीं हैं,
यहाँ सभी ब्राह्मणो के हृदय में
भगवान् परशुराम पाए जाते हैं.
चलता रहा हुँ अगनीपथ पर ” चलता चला जाऊंगा”
ब्राह्मण बन कर जन्म लिया मैंने “ब्राह्मण बन कर हि मर जाऊंगा”
मेला लग जाएगा उस दिन शमशान में,
जिस दिन ये पंडित मरके जाएगा आसमान में..।
जब तक रगो में आखिरी कतरा हैं,
शरीर पर रूह का कब्जा रहेगा,
हम पंडित Ji हैं,
और यही Pandito वाला jajba रहेगा।।
पंडित बुरी या दुनिया बुरी इसका फैसला हो ना सका,
और पंडित तो हो गया सबका लेकिन पंडित का कोई हो ना सका..!!
यदि समाज में सबसे ज्यादा योगदान किसी का रहा हैं
तो वह ब्राह्मण समाज का रहा हैं,
अंग्रेजो से लड़ना हो या लड़ना हो मुग़ल जैसे पिचाश से
ब्राह्मण समाज सबसे आगे लड़ा हैं.
राजनीति, कूटनीति के जन्मदाता हम
हम पंडित हैं तभी राजसिंघासन सुरक्षित हैं,
वरना आज तो हर जगह आरक्षित हैं.
पूरा विश्व देवताओं के अधीन हैं,
देवता मन्त्र के अधीन हैं,
और मन्त्र ब्राह्मणो के अधीन हैं.
जय जय परशुराम !
कर्म की भूमी पर, किस्मत के फूल खिलते हैं,
नसीब अगर बुलंदी पर हो तो ही
ब्राह्मण के घर जन्म मिलते हैं..!!
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ब्राह्मण हैं तो देश हैं,
ब्राह्मण की धड़कन जब तक चलेगी
हे भारत माँ तुझ पे कोई आँख नहीं उठेगी
अगर की जुर्रत किसी ने भी तो
कयामत से पहले क़यामत होगी।
काल के गाल से बचा,
मृत्यु को विजय करने वाला
महा मृत्युंजय मन्त्र जिसने रचा.
जिव कल्याण हेतु जीवित
हड्डियाँ जिसने दान की
ब्राह्मण हैं वो उसी ने
सबकी नइया पार की.
कर ले जितने भी जतन भवसागर न तू पार कर पायेगा
छोड़ दे ब्राह्मण को दुत्कारना नहीं तो
नाली का कीड़ा बन जायेगा।
क्या लेके आया हैं क्या लेके जायेगा
ब्राह्मण का खून लेकर आया हूँ
एक-एक बून्द मानवता हेतु लूटाकर जाऊंगा।
ब्रामण का बेटा हूँ,
दिल में जिगर रखता हूँ,
इरादों में तेज धार रखता हूँ,
इसलिए ब्रामण होने पर गर्व करता हूँ..!!
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ब्राह्मण इतने भी कमजोर नहीं की
किसी की सहारे का इंतजार करें
शव भी पड़ा हो ब्राह्मण का तो भी
खुद उठने का हौसला रखता हैं.
पंडितो का शान-शौकत और वफ़ा को
देखकर छोरियाँ भी कहती हैं
ना दर्द चाहिए ना दर्द की दवा चाहिए
हमें तो पंडित जैसा यार चाहिए।
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