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मुख्य अतिथि के लिए स्वागत भाषण

एक स्वागत भाषण एक समारोह या एक कार्यक्रम की शुरुआत में मेजबान द्वारा दिया गया भाषण है, जो उन लोगों के प्रति गर्मजोशी और कृतज्ञता दिखाने के लिए है, जिन्होंने अपनी उपस्थिति को चिह्नित करने के लिए दर्द उठाया है।

मुख्य अतिथि के स्वागत भाषण (welcome speech in hindi) में मुख्य अतिथि का परिचय, उनका पद, उपलब्धियां, समाज में योगदान और मंच पर मुख्य अतिथि का स्वागत कैसे करें शामिल हैं।

Welcome Speech for Chief Guest In Hindi
Image : Welcome Speech for Chief Guest In Hindi

हम इस आर्टिकल में आपको मुख्य अतिथि के लिए स्वागत भाषण (welcome speech for guest) के बारे में बेहद सरल भाषा में माहिति प्रदान करेंगे। यह भाषण हर कक्षा के विद्यार्थियों के लिए मददगार साबित होगा।

मुख्य अतिथि के लिए स्वागत भाषण (Welcome Speech in Hindi)

विद्यालय में आये हुवे मुख्य अतिथि के लिए स्वागत भाषण

सभी आए हुए सम्मानितगण अतिथि महोदय को मैं नमस्कार करता हूं।

मैं आज इस पर्व पर पॉलिटेक्निक लखनऊ में वार्षिक महोत्सव के शुभ अवसर पर आप सभी को एक बार फिर से बधाई देना चाहूंगा।

इस कॉलेज की 25वीं वर्षगांठ पर आप सब सम्मानित गण अतिथि तथा कॉलेज के विद्यार्थियों द्वारा इस महोत्सव में शामिल होकर मनाने की कोटि-कोटि धन्यवाद करता हूं। आज हम सब मिलकर अपने कॉलेज की रजत जयंती मना रहे है। यह काफी खुशी और प्रसन्नता  का दिन है।

विद्यालय की स्थापना के सपने की नींव को मैंने 25 वर्ष पहले एक पौधे के रूप में लगाया था, जो आज पूरे 25 वर्ष के बाद बड़े वृक्ष के रूप में सबके सामने अपनी छवि प्रदर्शित करता है।

आज हमारे कॉलेज में पूरे राज्य के कई बड़े शहरों से विद्यार्थी पढ़ने आते हैं। इस कॉलेज का नाम राज्य स्तर पर, राष्ट्रीय स्तर पर भी यहां के विद्यार्थियों द्वारा प्रसिद्ध किया गया है।

इस कॉलेज पिछले 25 वर्षों में अपनी प्रसिद्धि की कीर्ति चारों ओर एक सम्मानित और एक अच्छे संस्थान के रूप में की जाती है।

हर साल की तरह इस साल भी हमारे शिक्षक गणों का दल अपने बच्चों के प्रति तथा उनके माता-पिता के विश्वास तथा उनके द्वारा की गई सराहना तथा पूर्ण मेहनत और सच्ची लगन से अपने बच्चों के प्रति और इस संस्थान के प्रति आत्मसमर्पण करते रहे हैं और करते रहेंगे।

मैं उन सभी शिक्षक गणों को एक बार फिर से धन्यवाद कहना चाहूंगा, जिन के सहयोग के बिना यह संस्थान उन ऊंचाइयों को कदापि नहीं छुपाता।

जिन ऊंचाइयों पर आज संस्थान जाना जाता है, मेरे साथ कुछ ऐसे महत्वपूर्ण क्षणों को आपने बिताया है, जिन्हें मैं कदापि नहीं भूल सकता और उनसे मैं हमेशा से कुछ सीखता आया हूं और सीखता रहूंगा। उनको अपना आदर्श मानकर मैं इस जीवन की कठिन समस्याओं को हल करने की कोशिश करूंगा।

इस रंगीन शाम के कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए मैं आप सबको कुछ और बातें बताने का की इजाजत चाहता हूं।

आज के मुख्य अतिथि श्री गुप्ता जी है। जब मैंने इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में गुप्ता जी को कार्ड के साथ संपर्क किया तब गुप्ता जी ने तुरंत ही अपने सारे कार्य छोड़ कर इस कार्यक्रम मैं सहमत होने के लिए सहमति जताई। मैं उन का तहे दिल से धन्यवाद करता हूं।

गुप्ता जी महिला सशक्तिकरण और श्री गांधी विद्यालय इंटर कॉलेज बछरावां रायबरेली के प्रधानाध्यापक हैं तथा एक शिक्षक होने के साथ-साथ उन्होंने कई अनाथालय, वृद्ध आश्रम खोले हैं।

जब मैंने गुप्ता जी को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित करने के लिए उनसे संपर्क किया तो वह अपने कॉलेज के समय के उपरांत अनाथालय तथा वृद्ध आश्रम में मुझे मिले।

मेरा हृदय विकार रूप से भर गया और मैंने उनके चरणों को आशीष लेते हुए उनसे इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अनुग्रह किया।

ऐसे महान पुरुष आज भी दुनिया में हैं, जिन्होंने कई ऐसे महान कार्य किए हैं, जिनको वाकई में सहानुभूति मिलनी चाहिए।

मैं आप सभी जनता जनार्दन से अपील करना चाहूंगा कि आपकी तालियों की गड़गड़ाहट तब तक न बंद हो जब तक की पूरा स्टेज हिल ना जाए।

मैं स्टेज पर बुलाना चाहूंगा श्री गुप्ता जी को, जो कॉलेज के प्रिंसिपल होने के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण और वृद्ध आश्रम अनाथालय के फाउंडर भी हैं।

वार्षिक खेल महोत्सव के दिन मुख्य अतिथि के लिए स्पीच

आदरणीय महोदय और मेरे प्यारे साथियों,

सबको मेरा नमस्कार।

आज इस वार्षिक महोत्सव पर मैं इस एस. जे. एस. अकेडमी की ओर से आप सभी का अभिनंदन करता हूं तथा आप सभी ने एकेडमी को इतना प्रेम दिया है मैं आप सबका आभारी हूं।

इस वार्षिक 14वें संस्करण पर खेल महोत्सव का आयोजन किया गया है। खेल एक प्रतियोगिता होने के साथ-साथ मानसिक गतिविधियों का निवारण भी करती है। यदि हर वर्ष इसी प्रकार की खेल प्रतियोगिताएं होती रहे, तो यह एक अलग दिशा की ओर होगा, जिससे बच्चों का प्रोत्साहन भी बढ़ेगा।

हालांकि खेल प्रतियोगिता दो प्रकार की होती है एक व्यक्तिगत तथा दूसरी सामूहिक। परंतु खेल व्यक्तिगत हो या सामूहिक खेल खेलना अनिवार्य है। खेल से शारीरिक व मानसिक तनाव के साथ-साथ कुछ विविध लाभ भी प्राप्त होते हैं, जिससे उसके अंदर नई सोच समझ आत्मविश्वास तथा तर्कशक्ति का उत्कृष्ट होता है और वह कार्य करने के प्रति आत्मा समर्पित होता है।

यह व्यक्ति को अपने द्वारा तय किए गए लक्ष्य की ओर अग्रसर करता है तथा उसके प्रति आत्मसमर्पण करने की शक्ति प्रदान करता है। इसी कारण से हम हर साल खेल प्रतियोगिताओं करवाते हैं, जिससे कि बच्चों का प्रोत्साहन बढ़ता रहे है और वह खेल के प्रति अपना रुझान बनाए रखें और वह हर प्रतियोगिता में अव्वल उतरे।

हमारी अकैडमी बच्चों को फिजिकली तथा मेंटली फिटनेस के लिए प्रातः योगाभ्यास करवाती है तथा उनके खान-पान के लिए भी अच्छी व्यवस्था करती है, जिससे कि वह किसी भी खेल में अपने सामर्थ्य के प्रति अपना सम प्रदर्शन कर सके और इस एकेडमी का नाम और अपने माता पिता का नाम रोशन कर सके।

इस एकेडमी का पूरा प्रयास अपने बच्चों के जीवन को लेकर तथा उनके करियर को एक बेहतर दिशा देने के लिए हमेशा से कार्यरत रहा है और रहेगा।

इंडिया टाइम्स तथा दैनिक जागरण जैसे बड़े न्यूज़ पेपरों में हमारी अकैडमी एस.जे.एस ने राज्य स्तर पर होने वाली प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान प्राप्त किया है, जिसकी चर्चा पूरे भारत में हुई है।

यह सिर्फ इस एकेडमी के शिक्षक गणों तथा इस एकेडमी के बच्चों के माता-पिता के आशीर्वाद के बिना संभव ही नहीं था। उनके अथाग प्रयास से ही आज यह एकेडमी राज्य स्तर पर अपनी पहचान बनाई है।

मैं अनुरोध करता हूं कि आपकी तारीफों की गड़गड़ाहट कम नहीं पढ़नी चाहिए। मैं सभी शिक्षक गणों को बुलाना चाहूंगा, जिन्होंने अपनी मेहनत और सच्ची लगन से अपने बच्चों को एक ही दिशा में एक उच्च मुकाम तक पहुंचाया है।

मैं अत्यधिक गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं कि आज मैं इस एकेडमी का डायरेक्टर हूं और उससे ज्यादा खुशी मुझे इस बात की है कि आज इस वार्षिक महोत्सव पर इस एकेडमी में चीफ गेस्ट कोई महान व्यक्ति या कोई मोटिवेशनल स्पीकर नहीं है बल्कि ओलंपिक की महान पहलवान गीता फोगाट जिन्होंने अपनी मेहनत से और सच्ची लगन से उस क्षेत्र में अपना वर्चस्व लहराया है।

जिस क्षेत्र में पुरुषों का वर्चस्व वाकई में जाना जाता है, मुझे बताने में यह खुशी हो रही है कि गीता फोगाट जी की मेहनत को एक फिल्म के द्वारा दर्शाया गया है। जिस फिल्म का नाम दंगल है।

इस फिल्म में गीता फोगाट तथा उनकी बहनों के द्वारा अपने सपनों के पीछे भागने के प्रति तथा उनके परिवार को उनके सपनों को प्रोत्साहित करने के लिए बेहद भावनात्मक तरीके से दिखाया गया है। मैं आशा करता हूं कि आप सब गीता फोगाट जी पर बनी फिल्म दंगल जरूर देखें।

इन बहनों ने अपना वर्चस्व अंतरराष्ट्रीय स्तर तक रोशन किया है। इन्होंने ओलंपिक में दो स्वर्ण पदक, तीन रजत पदक तथा तीन कांस्य पदक हासिल किए हैं।

इनकी संघर्ष की कहानी इतनी भावनात्मक बनी है। इन्होंने अपने जीवन में इतना परिश्रम और कड़ा शासन कर अपने सपनों की ओर अपने आप को प्रतिबंध किया है। हम उनके सम्मान में इकट्ठा हुए हैं और मैं गीता फोगाट जी को इस मंच पर बुलाना चाहूंगा और अपने विचारों को प्रकट करने का अनुग्रह करूंगा।

मैं आशा करता हूं कि आप की तालियों की गड़गड़ाहट की आवाज पूरे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गुजनी चाहिए। मिस गीता फोगाट जी के मंच पर आने पर जोरदार तालियों से उनका अभिनंदन करें।

मैं उनसे आशा करता हूं कि वे अपनी प्रेरणादायक कहानी हम सबके बीच साझा करें और इस एकेडमी के बच्चों को अपनी भावनात्मक कहानी सुना कर प्रेरणा अवश्य दें।

धन्यवाद।

स्वतंत्रता दिवस के दिन मुख्य अतिथि के लिए विद्यालय में देने जाने हेतु स्वागत भाषण

आदरणीय प्राचार्य, शिक्षकगण और मेरे प्यारे मित्रों,

सुप्रभात।

भारत एक विभिन्न समुदायों का देश है, जिनमें अलग-अलग प्रकार की जातियां निवास करती है तथा विभिन्न प्रकार के देवी देवता भी यहां पर निवास करते हैं।

पुराणों और कथाओं के अनुसार इस देश को भारतवर्ष के नाम से जाना जाता है। यहां पर अनेकों देवी-देवताओं ने अपने आपको इस भारतवर्ष में एक सुंदरता कि छाप छोड़ने की कोशिश की है।

भारत विभिन्न जातियों और धर्मों का देश है। यहां पर विभिन्न प्रकार की जातियां हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई पाई जाती हैं तथा अनेकों धर्म अपने धर्म प्रचार के लिए इस देश को गौरवान्वित करने के लिए अपने धर्म का प्रचार करते रहें। चाहे फिर वह बौद्ध धर्म हो या सिख धर्म हो या फिर जैन धर्म। सब ने अपने क्षेत्र में इस भारतवर्ष को एक अलग पहचान दी है।

यह भारत वाकई में सोने की चिड़िया है। परंतु कुछ वर्षों पहले इस भारत पर नजर मुगलो पुर्तगाली की पड़ गई, जिन्होंने हमारे देश की विभिन्न टुकड़े कर दिए। परंतु लगभग 70 साल पहले 15 अगस्त सन 1947 को हमारे भारत देश को इन मुगलों और पुर्तगाली के जंगलों से भारत के वीर जवानों ने अपने बलिदानों को देकर आजाद करवाया था।

जिसे कुछ महान पुरुषों ने एक सुंदर स्वरूप प्रदान किया। भारत एक विकसित देश की ओर चल पड़ा। यहां पर समानता धर्मनिरपेक्ष गुटनिरपेक्ष तथा अखंडता की बात कही है।

भारतीय संविधान ने सभी को समानता का अधिकार दिया है। इसको लिखने वाले महान तथा दलित समाज के नेता डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर है।

मैं उनको सादर प्रणाम करता हूं और उनके द्वारा बताए गए मार्ग पर चलने का प्रयत्न कर रहा हूं। आज इस स्वतंत्रता दिवस पर मैं आप सबको स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुझे इस मंच से ऐसे महान व्यक्तियों के बारे में बताने का सौभाग्य प्राप्त हुआ तथा स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आए हुए मुख्य अतिथि महोदय हमारे जिले की 177 विधानसभा के प्रमुख विधायक जी को संबोधित करने का अवसर प्राप्त हुआ।

मुझे बड़ी प्रसन्नता और खुशी है कि मैं ऐसे व्यक्ति को संबोधित करने जा रहा हूं, जिन्होंने अपने कार्य और अपने क्षेत्र के प्रति आत्मसमर्पण से कार्य किया है। उनकी साक्षरता अत्यधिक है और वह एक समझदार और निडर व्यक्ति हैं।

उन्होंने हमारे क्षेत्र में बड़ी ईमानदारी के साथ कार्य कर अपने कार्य का परचम लहराया है तथा वे एक गैर सरकारी संगठन के अध्यक्ष भी हैं, जो गरीब तथा अनाथ बच्चों का पालन पोषण करती है और उनके परिवारों को जीवन दिनचर्या चलाने के लिए रोजगार भी उपलब्ध करती है।

आज मैं उनके बारे में कुछ सुंदर बातें बताने जा रहा हूं। हमारे विधायक जी अर्थात हमारे चीफ गेस्ट जी ने आईआईटी मद्रास से अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की तथा पढ़ाई के उपरांत वे सरकारी संगठन में शामिल हो गए और एक साक्षर विधायक के रुप में जाने जाने लगे।

उन्हें अपने खाली समय में लिखना तथा पढ़ना पसंद है। उन्होंने कई नोबेल लिखे हैं, जिनको राष्ट्रीय स्तर पर पब्लिक भी किया गया है तथा उनके द्वारा कुछ लिखी गई किताबें जो गरीबी तथा बेरोजगारी पर हैं। ऐसे प्रतिष्ठित और सकारात्मक सोच रखने वाले हमारे विधायक अर्थात हमारी चीफ गेस्ट के हमारे बच्चों के लिए एक बेहद और सकारात्मक उदाहरण हैं।

15 अगस्त को हम सब स्वतंत्रा दिवस हर साल मनाते आ रहे हैं तथा इस पर्व पर कुछ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी किए जाते हैं। हर साल की तरह इस साल भी हमारे विद्यालय के बच्चों द्वारा कुछ सांस्कृतिक नाटक तथा देश भक्ति गीत प्रस्तुत किए जाएंगे। विद्यार्थी अलग जाति धर्म समुदाय से संबंध रखते हैं परंतु विद्यालय में वे एक समान है।

अपनी वाणी को विराम देते हुए तथा इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए मैं आप सब से अनुरोध करता हूं कि आप सब खड़े होकर उन शहीदों सैनिकों को श्रद्धांजलि दें तथा 2 मिनट का मौन रखकर उसके उपरांत राष्ट्रगान गाकर हमारे सैनिकों का मान बढ़ाएं।

उसके बाद हमारे चीफ गेस्ट हमारे बीच आए और हमारे विधायक जी अपने मीठे शब्दों से हमारे बच्चों को तथा आम जनता को अपने भाषण से प्रसन्न करें।

धन्यवाद।

अंतिम शब्द

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Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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