Home > Speech > भारतीय संविधान पर भाषण

भारतीय संविधान पर भाषण

Speech on Constitution of India in Hindi: भारत एक लोकतांत्रिक देश है और हम सब भारतीय अपने देश पर बहुत ही गर्व करते हैं। हमारी आजादी को इतने साल बीत गए हैं, इसी के साथ भारतीय संविधान को लिखे हुए भी बहुत साल बीत गए हैं। हमारा संविधान ऐसा संविधान है जो दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है।

भारतीय संविधान 26 जनवरी 1950 को पूरे देश में लागू किया गया था। इसी के उपलक्ष में हमारे देश में प्रति वर्ष गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। ऐसे में आज हम आपके समक्ष भारतीय संविधान पर भाषण प्रस्तुत करने जा रहे हैं, जो आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

Speech-on-Constitution-of-India-in-Hindi
Image : Speech on Constitution of India in Hindi

भारतीय संविधान पर भाषण | Speech on Constitution of India in Hindi

भारतीय संविधान पर भाषण (500 शब्द)

सम्मानित प्रधानाध्यापक जी, शिक्षक गण, एवं मेरे समस्त मित्रों, आप सभी को मेरा प्यार भरा सुप्रभात। आज मैं आप सभी के समक्ष भारतीय संविधान पर भाषण प्रस्तुत करने जा रहा हूं। भारतीय संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था। इसी उपलक्ष में हर वर्ष हमारे भारत में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है।

भारतीय संविधान को बनाने के लिए कम से कम 10000000 रुपए तक का खर्चा हुआ था और यह पूरा संविधान हाथ से लिखा गया था। फिर इसकी कैलीग्राफी की गई क्योंकि उस समय कोई भी प्रिंटिंग टाइपिंग जैसी चीजें नहीं हुआ करते थी।

संविधान को लिखने में बहुत सारे लोगों का हाथ था जैसे कि जवाहरलाल नेहरू, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर, डॉ राजेंद्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अब्दुल कलाम आजाद, इत्यादि सदस्य को संविधान लिखने के लिए चुना गया था। इसी के साथ 11 दिसंबर 1946 को संविधान की जब बैठक हुई थी। तब उसने डॉ राजेंद्र प्रसाद को कई अध्यक्ष भी चुना गया।

भारतीय संविधान में बहुत सारी बातें कही गई है। जिसके अनुसार यह भी कहा गया है कि भारत राज्यों का एक संघ है, जहां पर केंद्रीय कार्यपालिका का संविधान एक प्रमुख राष्ट्रपति होता है। किंतु वास्तविक शक्ति उसकी प्रधानमंत्री में ही नहीं होती है। इसी के साथ है कैबिनेट मिशन की तिथियों पर भारतीय संविधान सभा का गठन जुलाई 1946 को हुआ था।

भारतीय संविधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या 299 थी। इसी के साथ ब्रिटिश प्रांत के प्रतिनिधित्व 4 चीफ कमिश्नर क्षेत्रों के प्रतिनिधि एवं 93 देशी रियासतें के प्रतिनिधित्व भी शामिल थे। इस संविधान को लेकर लगभग 114 दिन तक बहस हुई थी। इसके पश्चात यह मूल स्वरूप में आया था। 1976 में 42वे संशोधन के तहत प्रस्तावना जोड़ी गई थी।

भारतीय संविधान दुनिया का सबसे बड़ा संविधान है। इस संविधान में 395 अनुच्छेद 8 अनुसूचियां और 22 भाग थे। परंतु अब यह बढ़कर 448 अनुच्छेद 12 अनुसूचियां और 25 भाग हो गए हैं। इसी के साथ आप सबसे बड़ा चिंता का कारण यह बनता जा रहा है, कि आज की युवा पीढ़ी ने देश को लेकर किसी भी प्रकार की भावना नहीं है।

परंतु यह गलत है हमारे भारत देश में आए दिन इतनी अधिक क्राइम बढ़ गए हैं, जिसकी वजह से बहुत सारे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। परंतु सभी को अपने देश के प्रति सजग रहना चाहिए और अपने देश से प्यार करना चाहिए।

अंत में मैं आप सभी से बस इतना ही कहना चाहूंगा कि अपने देश के भविष्य को बनाए रखें अपने देश से प्रेम करें। अपने देश के विकास के लिए उसमें हाथ बटाएं, रोजगार के नए अवसर की तलाश करें और नए नए इवेंट करें। यही सच्ची देशभक्ति होती है। इसी के साथ में यही पर अपनी वाणी को विराम देता हूं।

धन्यवाद!

Read Also : मानवाधिकार दिवस पर भाषण

भारतीय संविधान पर भाषण (500 शब्द)

सबसे पहले मैं आप सभी का यहां पर तहे दिल से स्वागत करता हूं। माननीय प्रिंसिपल, टीचर्स, उपस्थित अभिभावक और मेरे प्यारे मित्रों, आप सभी को गणतंत्र दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। गणतंत्र दिवस इसीलिए मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भारतीय संविधान लागू किया गया था।

आज मैं उन सभी महान सेनानियों को श्रद्धांजलि देना चाहता हूं जिन्होंने हमें आजादी दिलाई। आज मुझे बहुत ही अधिक खुशी हो रही है क्योंकि इस शुभ अवसर पर आप सभी के समक्ष मुझे बोलने का मौका मिला। 26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान लागू हुआ था। इसी उपलक्ष में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है और यह हमारा एक राष्ट्रीय त्योहार है।

भारतीय संविधान को सर्वोच्च दस्तावेज की उपाधि प्राप्त है। इसी के साथ संविधान में यह निहित किया गया है कि देश का शासन कैसे चलाना है। इस बारे में संविधान में सभी कुछ विस्तार से लिखा गया है। इसी के साथ संविधान में देश के नागरिकों के अधिकार और कर्तव्य भी लिखे गए हैं।

संविधान के द्वारा ही भारत के लोकतंत्र की बागडोर को संभाला जाता है। इससे यह भी पता चलता है कि हमारा देश राज्यों का संघ है, हमारे भारत देश में संसदीय कार्य प्रणाली चलाई जाती है अर्थात संसद की सर्वोच्चता सबसे अधिक है। यहां पर संसद ही सबसे श्रेष्ठ और प्रमुख माना जाता है।

हमारा भारत देश स्वतंत्र, प्रभुसत्ता, संपन्न, समाजवादी, लोकतंत्रात्मक, गणराज्य है। इसे संविधान सभा में 26 नवंबर 1949 को अंगीकृत किया गया था। इसके पश्चात 26 जनवरी 1950 को देश भर में लागू किया गया था। भारतीय संविधान का अर्थ होता है, कानून द्वारा बनाए गए नियम और सिद्धांत जिसका हर नागरिक को पालन करना होता है।

भारतीय संविधान एक ऐसा संविधान है, जो विश्व का सबसे बड़ा और विस्तृत संविधान है। भारतीय संविधान का निर्माण संविधान सभा के गठन के द्वारा किया गया था। संविधान की शुरुआत डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के द्वारा की गई थी, इसीलिए संविधान को डॉक्टर भीमराव जी का जनक कहा जाता है।

आजादी से पहले भारत में रियासतों में अलग-अलग कानून बनाए जाते थे, जिन्हें देश की राजनीति नियम कानून और प्रक्रिया के अंतर्गत आने की आवश्यकता थी। इसके पश्चात हमारे देश को संविधान की बहुत ही ज्यादा आवश्यकता थी, जिसमें देश के सभी नागरिकों के मूल अधिकार कर्तव्य निर्धारित किए जाएं, जिसके जरिए देश की तरक्की हो, देश नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर सकें। अंत में 26 जनवरी 1949 को भारत संविधान को अपनाया गया और इसके प्रभावी करण की शुरुआत 26 जनवरी 1950 को हुई थी।

इसी के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देते हुए केवल अंत में इतना ही कहना चाहता हूं कि हमें अपने देश के प्रति सजग रहना चाहिए। हमें अपने देश के लिए नए-नए विकास के काम करने चाहिए। नई नई तकनीकी का आविष्कार करना चाहिए, जिसके जरिए हम गर्व से कह सकें कि हम भारतीय हैं।

धन्यवाद!

निष्कर्ष

इस आर्टिकल के जरिए हमने आपको भारतीय संविधान पर भाषण (Speech on Constitution of India in Hindi) दिया है। अगर स्कूल या कॉलेज के छात्र-छात्राएं है या किसी  समारोह में आप लोग लोगों को जागरूक करने के लिए भारतीय संविधान पर भाषण देना चाहते हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता है। इसी के साथ इसे आप अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें।

Read Also :

Ripal
Ripal

Related Posts

Leave a Comment