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मानवाधिकार दिवस पर भाषण

Speech on Human Rights Day in Hindi: हर साल 10 दिसंबर के दिन मानवाधिकार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। पृथ्वी के सभी मनुष्य के लिए यह एक गौरव का दिन होता है। यह दिन हमें समानता और स्वतंत्रता का अधिकार देता है।

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हम इस आर्टिकल में आपको मानवाधिकार दिवस पर भाषण (Speech on Human Rights Day in Hindi) के बारे में बेहद सरल भाषा में माहिति प्रदान करेंगे। आप इन भाषण का प्रयोग विभिन्न जगहों पर आयोजित कार्यक्रमों में कर सकते हैं। यह भाषण हर कक्षा के विद्यार्थियों के लिए मददगार साबित होगा।

मानवाधिकार दिवस पर भाषण | Speech on Human Rights Day in Hindi

मानवाधिकार दिवस पर भाषण (500 शब्द)

यहाँ उपस्थित सभी श्रोतागणों को मेरा नमस्कार।

आज मानवाधिकार दिन है और इस महान दिवस पर आप लोगों ने मुझे इस मंच पर बोलने का मौका दिया उसके लिए मैं आप सबका शुक्रगुजार हूँ। इस दिन की मेरी तरफ से आप सभी को हार्दिक बधाइयाँ। आज हम सभी यहाँ पर मानव अधिकार के बारे में बात करने के लिए इकट्ठा हुए है। मानव अधिकार हम सबके लिए अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि यह अधिकार हमें मानव होने का एहसास दिलाता है। मानवाधिकार समानता और निष्पक्षता से संबंधित सिद्धांतों का एक समूह है।

हमारे समाज में भाषा, रंग और जाति के भेदभाव होने के बावजूद भी यह अधिकार एक ऐसा अधिकार है, जो सभी मानव को समान बनाता है। मानवाधिकार शब्द बोलने में जितना सरल है लेकिन समझने में इतना ही मुश्किल है। मानवाधिकार दिन की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 10 दिसंबर साल 1948 में की गई थी।

इसके बाद 28 सितंबर 1993 के दिन भारत में मानव अधिकार आयोग की घोषणा की गयी थी। पूरी दुनिया में मानवता के खिलाफ हो रहे जुल्मों-सितम को रोकने और उसके खिलाफ आवाज़ उठाने के लिए इन दिन को मनाया जाता है।

कुछ मानव अधिकार ऐसे है जो हमसे कभी नहीं छीने जा सकते। मानवाधिकार मनुष्य की गरिमा है। ये मानवाधिकार हर जगह सभी लोगों के लिए समान हैं – पुरुष और महिलाएं, युवा और बूढ़े, अमीर और गरीब। हर मानव के पास वर्तमान में 30 से अधिक मानव अधिकार है, जिनमें समानता और स्वतंत्रता का अधिकार,सामाजिक सुरक्षा का अधिकार, जीवन और आजाद रहने का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, भोजन का अधिकार, काम करने का अधिकार, रक्षा का अधिकार मुख्य है। मानव के सम्मानित, सभ्य जीवन और बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए के लिए मानव अधिकार आवश्यक हैं।

जन्म लेते ही हमें कुछ मुलभुल अधिकार मिल जाते है। भारत का संविधान भी इन मुलभुल अधिकारों को सुरक्षित रखने की गेरंटी देता है। अफ़सोस यह है की आज भी मानवाधिकार के बारे में काफी लोग वंचित है जिसका मुख्य कारण गरीबी और निरक्षता है। यह हमारी जिम्मेदारी है की हम लोगों को इस अधिकार के बारे में जागृत करे ताकि समाज में जो भी दूषणों अभी फ़ैल रहे है, उसे हम नाबूद कर सके।

मेरा मानना यह है की अगर हम मानवाधिकार के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाना चाहते है, तो हमें लोगों को शिक्षित बनाना होगा क्योंकि शिक्षित लोगों के पास अपना और अपने आसपास के लोगों के जीवन को बदलने की ताकत होती है। सभी अधिकारों में शिक्षा का अधिकार सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। यहाँ उपस्थित सभी श्रोतागणों को मेरा निवेदन है की हमें अपने आसपास के लोगों को अपने मौलिक अधिकार के बारे में जागृत करना चहिए ताकि किसी का भी शोषण न हो सके।

ज्यादा समय ना लेते हुए मैं अपनी बात को यही समाप्त कर रहा हूँ। आशा करता हूँ की मेरे यह विचार सबको पसंद आये होंगे और साथ में सबको यही विनती करता हूँ की हमें मिले मानवाधिकार का कभी गलत उपयोग नहीं करना चाहिए बल्कि एक बेहतर समाज के निर्माण के लिए इसका सही उपयोग करना जरुरी है।

धन्यवाद।

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Speech on Human Rights Day in Hindi (500 शब्द)

आदरणीय अतिथि और मेरे प्यारे भाइयों और बहनों।

सबको मेरा सुप्रभात।

आज 10 दिसम्बर है और आज पूरी दुनिया में मानवाधिकार दिन मनाया जा रहा है। सबके के मन में यह प्रश्न होगा की आखिर मानवाधिकार है क्या? तो मैं यहाँ बता दूँ की इतिहास में मानव अधिकार और जिम्मेदारियों के बारे में सभी समाजों द्वारा कई बार सोचा गया है लेकिन द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद से दुनिया के राष्ट्रों द्वारा यह तय करने के लिए एक संयुक्त प्रयास किया गया है कि सभी लोगों के अधिकार क्या हैं और उन्हें सर्वोत्तम तरीके से कैसे बढ़ावा और संरक्षित किया जा सकता है।

10 दिसंबर साल 1948 के दिन लोगों के अधिकारों की सुरक्षा और रक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा सार्वभौमिक मानवाधिकार घोषणापत्र को आधिकारिक मान्यता दी गई। मानवाधिकार हमें अधिकारों और जिम्मेदारियों के माध्यम से एक दूसरे से जोड़ते हैं। एक व्यक्ति की अपने मानवाधिकारों का आनंद लेने की क्षमता उन अधिकारों का सम्मान करने वाले अन्य लोगों पर निर्भर करती है। इसका अर्थ है कि मानव अधिकारों में अन्य लोगों और समुदाय के प्रति जिम्मेदारी और कर्तव्य शामिल हैं।

यह सुनिश्चित करना व्यक्तियों की जिम्मेदारी है कि वे दूसरों के अधिकारों को ध्यान में रखते हुए अपने अधिकारों का प्रयोग करें। उदाहरण के लिए, जब कोई व्यक्ति अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का उपयोग करता है, तो उसे किसी और के निजता के अधिकार में हस्तक्षेप किए बिना ऐसा करना चाहिए। यह सुनिश्चित करना सरकारों की विशेष जिम्मेदारी है कि लोग अपने अधिकारों का आनंद लेने में सक्षम हों।

उन्हें ऐसे कानूनों और सेवाओं को स्थापित करने और बनाए रखने की आवश्यकता होती है, जिसमें उनके अधिकारों का सम्मान और संरक्षण किया जाता है। उदाहरण के लिए, शिक्षा का अधिकार कहता है कि सभी को अच्छी शिक्षा का अधिकार है। इसका मतलब है कि सरकारों का दायित्व है कि वे अपने लोगों को अच्छी गुणवत्ता वाली शिक्षा सुविधाएं और सेवाएं प्रदान करें।

मानवाधिकार के द्वारा सहिष्णुता, समानता और सम्मान का समान हक मिलता है, जो समाज के भीतर घर्षण को कम करने में मदद कर सकते हैं। मानवाधिकार के विचारों को व्यवहार में लाने से हमें उस तरह के समाज का निर्माण करने में मदद मिल सकती है, जिसमें हम रहना चाहते हैं।

हाल के दशकों में, मानवाधिकार विचारों के बारे में हमारे सोचने और उन्हें लागू करने में जबरदस्त वृद्धि हुई है। इसके कई सकारात्मक परिणाम हुए हैं। मानवाधिकारों के बारे में ज्ञान व्यक्तियों को सशक्त बना सकता है और विशिष्ट समस्याओं के समाधान की पेशकश कर सकता है।

टेलीविजन और अखबारों में हम हर दिन हत्या, हिंसा, जातिवाद, भूख, बेरोजगारी, गरीबी, दुर्व्यवहार, बेघर और भेदभाव की दुखद कहानियां सुनते हैं, जो यह साबित करता है की आज भी विश्व पर कई लोग ऐसे है जो उनके मौलिक अधिकारों से वंचित है। आज के दिन को मनाने के पीछे हमें यही संकल्प करना है की मानवाधिकार के लिए हमें जल्द से जल्द समाज में जागरूकता फैलानी होगी ताकि एक स्वस्थ समाज की रचना हो सके। मेरे विचार सुनने के लिए आपका बहुत बहुत आभार।

मानवाधिकार दिवस पर भाषण (500 शब्द)

नमस्कार मेरे प्रिय दोस्तों,

सबको मेरा प्रणाम।

आज पृथ्वी के प्रत्येक मनुष्य के लिए एक गौरव का दिन है और आज के दिन आप सब लोग अपना कीमती समय निकालकर यहाँ उपस्थित हुए हैं इसलिए मैं आप सबका धन्यवाद करना चाहता हूँ और साथ साथ में मानवाधिकार दिन की शुभेच्छा भी देता हूँ।

मानवधिकार हमें इसलिये मिले है की हम मानव है। पृथ्वी पर जन्म लेते ही हमें कुछ मूलभूत अधिकार प्राप्त हुए है और हमारे मृत्यु तक हमारे साथ रहते है जैसे की समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, भोजन का अधिकार, धर्म चुनने का अधिकार, काम करने का अधिकार आदि। ये अधिकार को हम से कोई छीन नहीं सकता। भारत के संविधान में भी इस अधिकार का रक्षण करना और तोड़ने वाले को सजा मिलने के बारे में उल्लेख किया गया है।

मानवाधिकार हमें एहसास दिलाता है कि पृथ्वी पर बसे सभी मानव एकसमान है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुई भारी जानमाल की हानि के बाद, संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 1948 में 10 दिसंबर को मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा पर हस्ताक्षर किए। इन अधिकारों के गठन का कारण किसी की रक्षा करना है। ये मानवाधिकार लोगों को जीने की आजादी देते हैं और खुद को व्यक्त करने की आजादी भी देते हैं।

बहुत से लोग अपने मूल अधिकारों के बारे में पूरी तरह से जागरूक नहीं हैं। सभी देशों की इतनी प्रगति के बाद आज भी लगभग 40 मिलियन बच्चे ऐसे हैं जो दुर्व्यवहार से पीड़ित हैं जिन्हें मानवाधिकारों से आच्छादित किया जाना चाहिए। दुनिया भर में आज भी लगभग 18 वर्ष से कम आयु के 3,00,000 से अधिक बच्चों का भी शोषण किया जा रहा है, यह मानवाधिकारों का आह्वान करता है। दुनिया भर में करीब 246 मिलियन बाल मजदूर हैं, जो मानवाधिकारों का उल्लंघन है। कई समाज में आज भी महिलाओं को अपने अधिकारों का प्रयोग करने से प्रतिबंधित किया गया है।

एक शिक्षित नागरिक होने के नाते हमारी यह जिम्मेदारी है की हम अपने समाज के लोगों में मानवाधिकार के बारे में जागरुकता फैलाएं क्योंकि आज भी समाज में अज्ञानता और गरीबी के कारण कई दूषणों फ़ैल रहे है। मानवता के खिलाफ कोई भी अपराध मानव अधिकारों का उल्लंघन है। हर मानव अधिकार का उपयोग और उसका अनुपालन होना चाहिए। मानवाधिकारों को लागू करना पूरी तरह से सरकार का खुद का कर्तव्य है।

अगर सरकार इन अधिकारों का रक्षण करने में निष्फल रहती है,तो प्रजा का यह अधिकार है की वो उनसे इस बारे में जवाब मांग सकती है। यह एक वैश्विक दिन है जिसे पूरी दुनिया में हर कोई मनाता है और अपने अधिकारों का आनंद लेता है। मानवाधिकार दिवस लोगों और हमारी नई और आने वाली पीढ़ी को उन अधिकारों के बारे में जागरूक करता है मैं आज के दिन आप सबको यही अनुरोध करता हूँ की आज के दिन की महत्वता को आप समझे और हमारे मानव अधिकारों के बारे में जागरूकता फ़ैलाने के लिए अपना कर्तव्य समझकर हमेशा आगे रहे।

इसके साथ ही मैं अपने विचारों को यहाँ पर समाप्त करता हूँ। आपका आभार।

Speech on Human Rights Day in Hindi (500 शब्द)

नमस्कार साथियों,

मेरा सादर प्रणाम!

मानवाधिकार दिवस के उपलक्ष्य में यहां उपस्थित सभी लोगों का मैं हार्दिक स्वागत करता हूँ। हर साल 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस पूरी दुनिया में मनाया जाता है, जिसका इतिहास 10 दिसंबर 1948 से पहले का है जब संयुक्त राष्ट्र ने मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा को अपनाया था। यह दिन इतिहास का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है क्योंकि इसने हम सभी को समान अधिकार दिए हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम दुनिया के किस हिस्से से हैं। जाति, पंथ, रंग, धर्म, लिंग, स्थिति या भाषा की परवाह किए बिना सभी लोगों के लिए अधिकार समान है। इस अधिकार ने हम सभी को समान सम्मान दिया है।

हमारे दैनिक जीवन में इसके महत्व को समझना जरूरी है। सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक कल्याण में सुधार के लिए मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है। जॉन एफ कैनेडी ने सुंदर पंक्तियों को इस प्रकार उद्धृत किया, “जब एक व्यक्ति के अधिकारों को खतरा होता है तो हर आदमी के अधिकार कम हो जाते हैं।

मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा मौलिक अधिकारों और स्वतंत्रताओं की एक विस्तृत श्रृंखला निर्धारित करती है जिसके हम सभी हकदार हैं। यह किसी व्यक्ति के जीवन, स्वतंत्रता, समानता और गरिमा से संबंधित लोगों को समान अधिकार प्रदान करने की दिशा में काम करता है।

यह अधिकार दुनिया भर में स्वतंत्रता, न्याय और शांति के समान अधिकार प्रदान करते हैं। भारतीय संविधान में अनुच्छेद 226 और 32 के तहत मानवाधिकारों के लिए विशेष विचार हैं। भारत में मानवाधिकारों की रक्षा और सुरक्षा के लिए 1993 में भारत में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की स्थापना की गई थी। यह किसी व्यक्ति के जीवन, स्वतंत्रता, समानता और गरिमा से संबंधित लोगों को समान अधिकार प्रदान करने की दिशा में काम करता है।

यह दिन कई कार्यक्रमों के साथ सरकारी, गैर-सरकारी और शैक्षणिक संस्थानों में भी मनाया जाता है यह दिन मुख्य रूप से सांस्कृतिक कार्यक्रमों, सम्मेलनों, प्रदर्शनियों और बैठकों के साथ मनाया जाता है जो मानव अधिकारों के ज्ञान का प्रसार करते हैं। हर पांच साल में नोबेल पुरस्कार उन महान योगदानकर्ताओं को भी दिया जाता है जो मानवाधिकारों के लिए काम करते हैं। स्कूल और शैक्षणिक संस्थान उन्हें मानवाधिकारों के बारे में जागरूकता देने के लिए निबंध, नाटक और कला प्रतियोगिताओं का भी आयोजन करते हैं।

मानवाधिकार दिवस समारोह के हिस्से के रूप में, सरकार और स्थानीय प्राधिकरण मानव अधिकारों को बढ़ावा देने वाली योजनाओं को तय करते हैं। मानवाधिकारों की रक्षा करने वाले लोगों को वार्षिक पुरस्कार भी दिए जाते हैं। यह लोगों को उनके अधिकारों और जिम्मेदारियों के बारे में जागरूक करता है।

हम सभी को गर्व होना चाहिए कि हम उस समाज का हिस्सा हैं, जहां हर इंसान को समान माना जाता है और समान अधिकार हैं। तो आइए हम मानवाधिकारों की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करें और किसी भी उल्लंघन को बढ़ावा देने वाली सभी गतिविधियों की रक्षा करें। साथ साथ देश और समाज के एक आदर्श नागरिक बने और मानवाधिकार के बारे में जागरुकता फाइने में सर्कार की मदद करें फ़ैलाने में सरकार की मदद करें।

इस गौरव दिन पर आप सबने मेरे विचारों को शांतिपूर्वक सुना इसके लिए मैं आपका आभारी हूँ।
धन्यवाद।

हम उम्मीद करते हैं कि आपको  मानवाधिकार दिवस पर भाषण ( Speech on Human Rights Day in Hindi) पसंद आये होंगे। इसे आगे शेयर जरूर करें और कोई सुझाव या सवाल हो तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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