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टाइटैनिक जहाज कैसे डूबा? पूरी कहानी

Titanic Ship History in Hindi: ऐसा एक जहाज जिसके बारे में सभी का यही कहना था कि यह कभी डूबेगा ही नहीं। लेकिन यह जहाज अपना पहला सफ़र भी पूरा नहीं कर पाया। हम बात कर रहे है ब्रिटिश पैसेंजर जहाज टाइटैनिक की।

17 मंजिला इमारत जितने ऊँचे, तीन फुटबॉल के मैदान जितने लम्बे और 3500 से भी अधिक लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचाने की क्षमता वाले इस जहाज को बनाने में कुल 26 महीनों का समय लगा। इस जहाज के 26 महीने में बनकर तैयार होने के पीछे 3000 लोगों की दिनरात की कड़ी मेहनत और काम करने की लग्न थी।

जब यह विशाल जहाज बनकर पूरी तरह से तैयार हुआ तब इसे देखने के लिए भी लगभग 1 लाख लोग आ चुके थे। इस जहाज ने इंग्लैंड के साउथम्पटन शहर से अपना पहला सफर शुरू किया लेकिन गंतव्य स्थान तक पहुँचने से पहले ही यह नॉर्थ अटलांटिक में गहरे पानी में डूब गया। जहाज के डूबने के इस हादसे में लगभग 1500 से भी अधिक व्यक्तियों ने अपनी जान गंवा दी। नॉर्थ अटलांटिक में घटित इस घटना को अभी तक के इतिहास में सबसे खतरनाक घटनाओं में से एक माना जाता है।

Titanic Ship History in Hindi
Titanic Ship History in Hindi

आज हम इस लेख में टाइटैनिक के बनने से लेकर टूटने और डूबने तक की पूरी कहानी (Titanic Ship History in Hindi) जानने वाले है। इस रोचक जानकारी को जानने के लिए आप इस लेख को अंत तक पूरा जरूर पढ़े। आपको यहां पर टाइटैनिक जहाज से जुड़ी और भी महत्वपूर्ण जानकारी जानने को मिलेगी।

टाइटैनिक जहाज का कहानी (Titanic Ship History in Hindi)

इस कहानी की शुरूआत 31 मार्च 1909 को होती है जब Belfast (Ireland) में वाइट स्टार लाइन ने एक लग्जरी विशाल जहाज बनानी शुरू की। 3000 लोगों ने इस जहाज को अपनी कड़ी मेहनत से मात्र 26 महीनों में पूरी तरह से तैयार कर लिया था। जब यह विशाल जहाज बनकर तैयार हुआ था तब एक लाख से भी अधिक लोग इसे देखकर हैरान हो चुके थे।

कभी किसी ने ऐसा सोचा भी नहीं था कि इतना बड़ा जहाज भी बन सकता है। इस जहाज की लम्बाई 882 फुट, 9 इंच और ऊंचाई करीब 175 फिट तक थी। उस समय टाइटैनिक जहाज को बनाने में 7.5 मिलियन डॉलर खर्च हुए थे, जिन्हें यदि आज के हिसाब से देखें तो यह कीमत करीब 145 मिलियन डॉलर तक होगी।

जब यह जहाज पूरी तरह से बनकर तैयार हुआ तब ही इसमें छोटा-मोटा डेकोरेशन का कार्य चलता ही रहा और अंत में 2 अप्रैल 1912 को यह विशाल और लग्जरी जहाज बनकर पूरी तरह तैयार हो चुका था। इसका सफलतापूर्वक परिक्षण करने के बाद 10 अप्रैल 1912 को यह जहाज अपने पहले सफर के लिए रवाना हुआ। इस जहाज को करीब 5507 किलोमीटर तक का सफर तय करना था जो कि इंग्लैंड के साउथ हैम्पटन से न्यूयॉर्क के बीच का था।

जब टाइटैनिक जहाज ने अपने सफर की शुरूआत की तब इस जहाज पर 908 क्रू मेंबर को मिलाकर कुल पैसेंजर की संख्या करीब 2223 थी। जबकि यह जहाज 3500 से अधिक लोगों को एक बार में ले जा सकता है। इस जहाज में कुछ लोगों को तो मात्र इसलिए बैठाया गया था कि वाइट लाइन के दो अलग-अलग जहाजों में कोयले की कमी हो गई थी और फिर टाइटैनिक में पर्याप्त स्थान होने के कारण इन्हें भी इस जहाज में शिफ्ट कर दिया गया था।

सफर के शुरू के 4 दिनों तक तो यह जहाज बिना किसी समस्या के अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहा था। लेकिन 4 दिन बाद 14 अप्रैल की रात को 11 बजकर 40 मिनिट पर मनुष्य की इंजीनियरिंग के द्वारा बनाया गया यह जहाज कुदरत के बनाएं आइसबर्ग यानि पानी पर तैरती बर्फ से जा भिड़ा। बर्फ के टुकड़े से टकराने के कारण इस जहाज निचले हिस्से में एक छेद हो गया और धीरे-धीरे जहाज पर पानी ने पूरी तरह कब्ज़ा कर लिया। देखते ही देखते इस जहाज पर सवार यात्रियों में अफरातफरी फ़ैल गयी।

डूबते लोगों को बचाने के लिए लाइफबोट को प्रयोग में लाया जाने लगा। बदकिस्मती से टाइटैनिक जहाज पर मात्र 20 लाइफबोट ही मौजूद थे जो 2223 लोगों को लेकर जाने के लिए पर्याप्त नहीं थे। इस कारण 700 लोगों को ही बचाया जा सका और 1500 से भी अधिक लोगों ने इस हादसे में अपनी जान गंवा दी। जबकि टाइटैनिक 64 लाइफबोट तक का डिजाइन हुआ था।

इस हादसे में अपनी जान गंवाने वालों में अधिक पुरुष थे, जिसमें से 337 के ही शव प्राप्त हो सके। जब जहाज में पानी भर रहा था और जहाज डूब रहा था तो लोगों की जान लाइफबोट के द्वारा बचाई जा रही थी, जिसमें प्रोटोकॉल के अनुसार बच्चों और महिलाओं को सबसे पहले बचाया गया।

जिनके पास 1st क्लास का टिकट था, उनमें से 60% लोगों को बच्चा लिया गया था क्योंकि लाइफबोट उनके करीब ज्यादा थी। इसके बाद 42% 2nd क्लास के लोगों को और 25% 3rd क्लास के लोगों को बचाया जा सका। कुछ अफवाहे यह भी है कि जहाज में मौजूद 3rd क्लास टिकट के लोगों को लाइफबोट तक पहुँचने ही नहीं दिया गया। इस जहाज पर इंसानों के अलावा 9 कुते भी मौजूद थे, जिनमें से 2 को सही सलामत निकाल दिया गया।

जहाज में पानी के भर जाने पर काफी लोगों ने तैरकर अपनी जान बचाने की कोशिश की। परन्तु पानी का तापमान -2 डिग्री होने के उनकी जान अधिक समय तक नहीं बच सकी। क्योंकि इतने तापमान में कोई भी साधारण व्यक्ति केवल 20 मिनिट तक ही जीवित रह सकता है।

इतना सब घटित हो जाने के बाद भी टाइटैनिक जहाज के म्यूजिक ग्रुप ने हार नहीं मानी। वह अपना साहस दिखाते हुए सभी का मनोबल बढ़ाने के लिए गाते रहे और उन्हें खुश करते रहे। बर्फ के टुकड़े से टकराने के 2 घंटे 40 मिनट बाद यानि 2 बजकर 20 मिनिट के करीब यह पानी में डूबा और इसे 15 मिनिट का समय समुद्र तल तक पहुँचने में लगा।

टाइटैनिक जहाज जब डूबा थी तब 2 महीने की मिल्ल्विना डी नाम की एक बच्ची को बचा लिया गया था, जिसकी मृत्यु हाल ही में 31 मई 2009 को 97 वर्ष की उम्र में हुई है। यही एकमात्र टाइटेनिक जहाज की आख़िरी यात्री थी।

मात्र कुछ समय में ही इंसान द्वारा बनाये गई सबसे बड़ी चीज पूरी तरह से चकना चूर हो चुकी थी और इस जहाज के साथ उन लोगों की उम्मीदें भी डूब गई जो अपनों के घर आने का इन्तजार कर रहे थे। जब यह जहाज बर्फ से टकराया था तब यह दो भागों में बंट चुका था। यह दोनों टुकड़े आपस में 600 मीटर पर मौजूद थे। यह जहाज दो टुकड़ों में कैसे बंटा? यह अभी तक सभी के लिए रहस्य बना हुआ है। यह जहाज 1912 में डूबा था लेकिन 1985 में जाकर इसे ढूंढा जा सका। मतलब इसे ढूंढने में करीब 73 वर्ष का समय लग गया।

टाइटैनिक पर बनी फ़िल्में

आज तक टाइटैनिक पर कई सारी फ़िल्में और डॉक्यूमेंट्री भी बन चुकी है। इन सभी फ़िल्मों में 18 नवंबर 1997 को रिलीज हुई फिल्म “टाइटैनिक” सबसे ज्यादा हिट रही। इस फिल्म को बनाने में जितना खर्चा आया था, इतना खर्चा तो टाइटैनिक जहाज बनाने में भी नहीं आया था। मतलब इस जहाज को बनाने में जितना खर्चा आया था, उसके 40% ज्यादा खर्चा फिल्म बनाने में आ गया था।

इस फिल्म में जैक और रोज नाम के प्रेमी जोड़े को दर्शाया गया है जो इस जहाज में ही पहली बार मुलाकात करते हैं। उनकी यह मुलाकात धीरे-धीरे दोस्ती में बदल जाती है और दोस्ती से प्रेम में।

यह प्रेमी जोड़ा अपने प्यार में इतना गुम हो जाते हैं कि जहाज पर उपस्थित सभी लोग और जहाज का स्टाप उनको देखने में मग्न जाते हैं। इसी कारण उनको आगे आने वाला बर्फ का टुकड़ा दिखाई नहीं देता और जहाज बर्फ से टकरा जाता है। जहाज डूबने के हादसे में जैक अपनी जान से हाथ धो बैठता है और रोज समुद्र के किनारे आकर अपनी जान बचा पाती है।

टाइटैनिक मूवी में कितनी सच्चाई?

इस मूवी में जो भी बताया गया है वो पूरी तरीके से उस घटना से तो मेल नहीं खाती है परन्तु इनमें से कुछ चीजें ऐसी है जो वास्तिव है। इस मूवी में जहाज के डूबने के बारे में बताया गया है जो पूरी तरह से सही है। इस मूवी में यह भी बताया गया है कि लोग जब डूब रहे थे तब जहाज पर उपस्थिति मैनेजमेंट द्वारा जहाज पर संगीत बजाया जा रहा था जो की वास्तविक है। इस मूवी में जो प्रेम कहानी बताई गई है, वह पूर्ण रूप सें सही नहीं मानी जा सकती है।

टाइटैनिक से संबंधित कुछ फैक्ट

  • यह टाइटैनिक जहाज अपनी ने पहली यात्रा के शुरू होने के बाद केवल 4 दिन में ध्वस्त हो गया था। 
  • टाइटैनिक मूवी के अनुसार जब यह जहाज डूब रहा था, उस समय लोगों को शांत करने के लिए वहां का स्टाफ संगीत बजा रहा था।
  • इस टाइटैनिक जहाज की घटना के बारे में कई इतिहासकार यह मानते है कि अगर जहाज का ड्राइवर चट्टान को केवल 30 सेकंड पहले देख लेता तो शायद यह हादसा होने से बच जाता।
  • जब इस जहाज को बनाया गया था तब इस जहाज में 4 चिमनियाँ थी उनमें से केवल 3 चिमनियाँ ही काम करती थी चौथी चिमनी केवल सुन्दरता के लिए थी।
  • टाईटैनिक का जहाज अलग अलग मंजिला बना हुआ था, जिसमें यात्री अलग अलग श्रेणी के अनुसार अलग – अलग मंजिल पर बैठते थे। 
  • इतिहास में ऐसी घटना पहली बार हुई है जब पुरा जहाज पानी में डूब गया था वो भी केवल एक छोटी सी चट्टान की वजह से । 
  • समुद्र में यह जहाज ऐसे पहाड़ से टकरा गया था जो 100 सालों से समुद्र में तैर रहा था। 
  • टाइटैनिक फिल्म बनाने में जितना बजट खर्च किया गया था वह उस समय टाइटैनिक जहाज की कुल कीमत के बराबर थी। 
  • ऐसा भी माना जाता है की इस जहाज में जितने लोग सवार थे उनमें से केवल 700 लोग ही बच पाये थे। 
  • आपको शायद इस बात का अंदाजा भी नहीं होगा की जब यह जहाज चट्टान से टकराया था उसके बाद इस जहाज को डूबने में तकरीबन 2 घंटे और 45 मिनट लगे थे।
वर्तमान में टाइटैनिक जहाज कहाँ पर है?

वर्तमान में टाइटैनिक जहाज का मलबा समुद्र में लगभग 12000 फीट से भी अधिक गहराई में दबा हुआ है। डूबते समय यह जहाज 2 भागों में टूट चुका था।

टाइटैनिक जहाज में कितने लोग की जान गई थी?

ऐसा माना जाता है कि इस टाइटैनिक जहाज में तकरीबन 1500 से अधिक लोग मारे गये थे, परन्तु ऐसा भी बताया जाता है कि इसमें 700 से ज्यादा लोग बच भी गये थे।

टाइटैनिक फिल्म में बताई गई कहानी सही है?

इस बारे में इतना कहा जा सकता है कि इस मूवी में जो कहानी बताई गई है, वह अब तक की सबसे शानदार कहानी है।

टाइटैनिक फिल्म में बताये गये प्रेमी जोडे वास्तविक है?

वैसे तो यह कहानी व किरदार सही है, परन्तु मूवी मे इसको थोड़ा अलग अंदाज से दर्शाया गया है।

क्या टाइटैनिक फिल्म का दूसरा भाग आयेगा?

इस बारें में अभी तक कोई आधिकारिक रूप से घोषणा नहीं की गई हैं।

अंतिम शब्द

टाइटैनिक जहाज इंजीनियरिंग का एक अद्भुत करिश्मा था, जिसने सबको हैरान कर दिया था। लेकिन आज तक प्रकृति के सामने किसकी चली है जो इसकी भी चलती।

मैं उम्मीद करता हूँ कि मेरे द्वारा शेयर की गई यह “टाइटैनिक जहाज का कहानी (Titanic Ship History in Hindi)” जानकारी आपको पसंद आई होगी, इसे आगे शेयर जरूर करें। आपको यह जानकारी कैसी लगी, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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