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एकता में बल है पर भाषण

Speech on Unity is Strength in Hindi : जैसा कि आप जानते हैं हमेशा से ही यही कहावत कही जाती है की एकता में बल होता है। अगर लोग एकजुट मिलकर काम करते हैं, तो वह काम जरूर सफल होता है। इसीलिए एकता के साथ रहना बहुत ही जरूरी होता है।

यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है जिसके बारे में विद्यार्थी ही नहीं बल्कि नेता भी इस बारे में हमेशा बात करते हुए दिखाई देते हैं। ऐसे में हम आपको एकता में बल है पर भाषण बताने वाले हैं, जिसके जरिए आप अपने स्कूल और कॉलेज के छात्र छात्राओं को एकता में रहने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।

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Image : Speech on Unity is Strength in Hindi

एकता में बल है पर भाषण | Speech on Unity is Strength in Hindi

एकता में बल है पर भाषण (500 शब्द)

माननीय अतिथि गण, प्रधानाचार्य जी,अध्यापक गण और मेरे प्यारे सहपाठियों। आप सभी को मेरी ओर से नमस्कार। आज मैं आपके सामने एकता में बल है पर भाषण देने जा रहा हूं, जिसकी मदद से आप सभी एक दूसरे की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहेंगे और इसके लिए लोगों को जागरूक करते रहेंगे।

जैसा कि आप जानते हैं एकता में बल है। यह अक्सर बड़े बुजुर्ग कहते हैं क्योंकि अकेला व्यक्ति कभी भी कोई काम नहीं कर सकता है। उसी काम को अगर एकता के साथ किया जाए तो उस काम में सफलता अवश्य मिलती ही है। चाहे वह लड़ाई झगड़े हो या बिगड़ते काम हो या रिश्तो को सुधारने की बात हो। ऐसे में अगर आप एकता से काम करेंगे तो सभी प्रकार की समस्याओं से निजात पा सकेंगे।

आज मैं आपके सामने एकता में बल है के लिए एक कहानी प्रस्तुत करने जा रहा हूं। जो आपको एकता का अर्थ समझने में बहुत ही फायदेमंद साबित होगी, जिसके जरिए आप एकता का मतलब बहुत ही अच्छे से समझ पाएंगे।

कहानी कुछ इस प्रकार है कि एक बूढ़ा किसान था, जो कुछ ही समय में मरने वाला था। उसी समय उसने अपने तीन बेटों को अपने पास बुलाया, जो हमेशा आपस में लड़ाई झगड़ा करते रहते थे। परंतु एक दिन तीनों को बुलाया और सभी को तोड़ने के लिए एक लकड़ी दे दी और तीनों बेटे ही लकड़ी को तोड़ने में कामयाब रहे। इसके बाद सबसे बड़े बेटे को लकड़ियों का एक बंडल दे दिया और उसे तोड़ने के लिए कहा। परंतु वह ऐसा नहीं कर सका इसके बाद किसान ने अपने सभी पुत्रों को वही लकड़ी का बंडल दिया, जो इसे तोड़ने में नाकाम रहे।

इसके बाद किसान ने अपने बेटों से कहा जैसे एक लकड़ी आसानी से टूट जाती है, वैसे ही एक व्यक्ति को हर कोई व्यक्ति आसानी से बर्बाद कर सकता है। इसीलिए अगर तुम सब मेरी मौत के बाद अलग रहना चाहते हो तो कोई भी तुम सब की स्थिति का फायदा उठा सकता है और हो सकता है।

वह तुम्हें नुकसान भी पहुंचा सके इसीलिए मैं केवल बस इतना ही चाहता हूं, कि तुम सब इस लकड़ी के बंडल की तरह एक साथ रहो। जिसके जरिए कोई भी दुश्मन आपको कोई भी नुकसान नहीं पहुंचा सके। किसान की बात सुनकर उसके बेटों ने अपने जीवन के बाकी समय के लिए एक साथ रहने का वादा किया, इसीलिए इस कहानी से हमें यही शिक्षा मिलती है, कि एकता में बल होता है।

देखा जाए तो यह स्थिति हम सभी पर लागू होती है। अगर आप भी हमेशा एकता से रहेंगे तो सभी मिलजुल कर किसी भी लड़ाई झगड़ा, चर्चा इत्यादि सभी चीजों का समाधान ढूंढ पाएंगे और शांतिपूर्ण जीवन जी पाएंगे। इसीलिए मैं हमेशा यही प्रयास करूंगा और आप भी केवल यही प्रयास करना कि सब लोग एकता के साथ रहे और लोगों की मदद करते रहे।

मैं आप सभी लोगों से यही आशा करता हूं, कि आप सभी मेरी बातों को गंभीर पूर्वक लेंगे और इस बात को अपने जीवन पर भी लागू करेंगे।

धन्यवाद!

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एकता में बल है पर भाषण (500 शब्द)

माननीय अतिथि गण मैं इस सोसाइटी का सेक्रेटरी आप सभी को नमस्कार करता हूं और सभी सोसाइटी के सदस्यों का स्वागत करता हूं। आज के इस आयोजन के लिए तहे दिल से धन्यवाद। इसी के साथ में आप सभी से यही उम्मीद और निवेदन करता हूं कि जितना हो सके हम समाज के विकास के लिए अधिक से अधिक काम करते रहे।

इसी के साथ में आपको आज संबोधित करने जा रहा हूं। हमारा आज का महत्वपूर्ण विषय है एकता। जो हम सभी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं आइए इस पर चर्चा करते हैं।

जैसा कि आप जानते हैं अगर हम सोसाइटी में कोई भी सम्हारो करते हैं या किसी भी प्रकार की समस्या आती है तो हम सब मिलजुल कर एक समर्थन होकर काम करते हैं इसीलिए आज इतने साल हम पूरे कर पाए हैं और हम गर्व से अपनी सोसाइटी का नाम लेते हैं। आज हम बात करने जा रहे हैं एकता के बारे में।

एकता का मतलब होता है एक साथ रहना या कहें तो ताकत का एक बहुत ही अच्छा माध्यम है। अक्सर आजकल हम परिवार, समुदाय आदेश को टूटते हुए देखते हैं। परंतु टूटते हुए परिवार हमेशा एक टहनी की तरह होते हैं, जो पेड़ से टूट कर गिर जाती है फिर उसे कोई नहीं पूछता है।

अगर पेड़ रहे तो उसे हर कोई पूछता है उसकी छांव को हर कोई पसंद करता है क्योंकि टहनी छाव नहीं दे सकती है और पेड़ हमेशा छांव देती है, इसीलिए हमें हमेशा पेड़ बनकर ही रहना चाहिए। इसी तरह हमें अपने देश को भी एकजुट बनाए रखना चाहिए अगर हम समाज में रहते हैं, तो इसके लिए हमें सुख और शांति की भावना को हमेशा चलाते रहना चाहिए। इसी से हमारे समाज को परिभाषित किया जा सकता है।

एक बहुत ही पुरानी कहावत है शायद उस समय हमारा जन्म भी नहीं हुआ होगा। शुरुआती में मनुष्य अलग जीवन जीता था, उसके बाद धीरे-धीरे परिवार का गठन हुआ और उन्हें एक साथ रहने का एहसास हुआ। इसके बाद मनुष्य ने समाज और समुदाय का गठन भी शुरू किया।

एकता में बल है का कानून सभी व्यक्ति को इकट्ठे और अलग रहने की सीख देता है और जरूरत पड़ने पर वह इमानदारी से एक दूसरे के साथ खड़े भी रहते हैं, ऐसे में अगर कोई भी व्यक्ति इस व्यक्तित्व को स्वीकार नहीं करता है तो समाज में अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

इसी तरह से सहिष्णुता बलिदान प्रेम करुणा नहीं नम्रता दया एक समाज का स्तंभ होता है। अगर उस स्तंभ को कोई भी हिलाता है, तो समाज की पूरी की पूरी नीव ही हिल जाती है इसीलिए स्तंभ मतलब समाज के हर व्यक्ति को जिम्मेदार नागरिक बनने की आवश्यकता है, ताकि कोई भी व्यक्ति इस स्तंभ को ना हिला सके।

इसी के साथ हर जगह सुख शांति और समृद्धि से लाई जा सके इसीलिए हम अपने समाज को अच्छा बनाने की क्षमता को जागरूक रखें और इससे हमें कभी भी पीछे नहीं हटना चाहिए। हमारे परिवेश में प्रेम और एकता की भावना को कायम रखने तथा दूसरों के लिए उदाहरण पेश करने के लिए हमें हमेशा तत्पर रहना चाहिए। ऐसे ही हम एक अच्छे समाज का निर्माण कर पाएंगे।

इसी के साथ में अपनी वाणी को विराम देता हूं और आप सभी से निवेदन करता हूं कि आज के इस समारोह का आप लाभ उठाएं और एक दूसरे से नहीं करें और एकता बनाए रखें।

धन्यवाद!

निष्कर्ष

इस आर्टिकल के जरिए हमने आपको एकता में बल है पर भाषण ( Speech on Unity is Strength in Hindi) पर भाषण बताया है। अगर आप स्कूल कॉलेज गया किसी सोसाइटी में रहते हैं या किसी भी समारोह में एकता में बल है, पर भाषण देना चाहते हैं, तो यह आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। इसी के साथ हम आपसे आशा करते हैं कि आप लोग समाज में एकता के साथ रहेंगे और लोगों को जागरूक करते रहेंगे।

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