Home > Speech > माँ पर भाषण

माँ पर भाषण

Speech on Mother in Hindi: हम मां को कुछ ही शब्दों में बयान नहीं कर सकते हैं। मां वह होती है, जिसके सामने हर परेशानी छोटी लगती है। मां दुनिया से ही नहीं बल्कि भगवान से भी लड़ जाती है। हमारे जीवन में चाहे कितनी भी परेशानियां क्यों ना हो, परंतु वह मां के जरिए खत्म हो जाती हैं। इसी के साथ कहा भी जाता है कि मां ईश्वर का ही रूप होता है। ऐसे में आज हम इस आर्टिकल के जरिए आपको मां पर भाषण देने जा रहे हैं, जो आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

Speech-on-Mother-in-Hindi
Image: Speech on Mother in Hindi

माँ पर भाषण | Speech on Mother in Hindi

मां पर भाषण (500 शब्द)

माननीय अतिथि गण, प्रधानाध्यापक, शिक्षक गण, एवं मेरे समस्त मित्रों, आप सभी को मेरा प्यार भरा सुप्रभात। आज हमारे विद्यालय में बहुत ही विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। ऐसे अवसर पर मैं आप सभी को संबोधित करने जा रहा हूं। हमारा आज का विषय है, मां। जी हां, मां सभी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होती है। सभी रिश्तो को मिलाकर एक ही रिश्ता कायम रखने वाली मां ही होती है। आइए मां के बारे में बात करते हैं।

वैसे तो मां को चंद शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है क्योंकि यह रिश्ता बहुत ही खास होता है। सब रिश्तो के ऊपर मां का रिश्ता ही होता है। अगर हमें किसी भी प्रकार की कोई समस्या या परेशानी होती है तो सबसे पहले हमारी मां ही आगे आती है। हमारी सहायता करने के लिए अन्यथा कोई भी रिश्ता हमारे काम नहीं आता है, परंतु मां का रिश्ता कभी भी नहीं छूटता है।

आपको पता है मेरी मां ऐसी है, जो कभी भी मुझे अकेला नहीं छोड़ते हैं। मुझे कभी भी अकेला महसूस होने नहीं देती हैं। अगर मैं किसी भी परेशानी में होता हूं, तो मेरे बिना बताए मां को सब कुछ पता चल जाता है। वह मेरे लिए सुबह का नाश्ता बनाती हैं, दिन भर के सारे काम करती हैं, रात को सुलाने तक का काम मेरी मा ही करती हैं।

मेरी मां का रूप एक फरिश्ते का रूप है, जो हर समय हर पल मेरे साथ रहता है। हर परेशानी में हर सुख दुख में केवल माँ ही मेरे साथ होती है। यह केवल मेरे साथ ही नहीं आप सभी के साथ होता होगा मां का रिश्ता सभी के लिए बहुत ही अनमोल होता है।

एक मां ही होती है, जो अपने बच्चे को जन्म देते समय असहनीय दर्द तक सह जाती है। इस पीड़ा को कोई भी महसूस नहीं कर सकता है, परंतु वह मां झेल जाती है और अपने बच्चे को जन्म देती है। वह अपने प्यार के आगे अपने दर्द तक को भुला देती है। मां केवल हमारा पालन-पोषण ही नहीं करती है बल्कि हमारे जीवन की सबसे पहली शिक्षक और सबसे अच्छी दोस्त माँ ही होती है। अगर आप किसी भी परेशानी में होते हैं तो सबसे पहले अगर आप मां से बात करते हैं, तो आपको सभी प्रकार के निवारण मिल जाते हैं।

अगर हम बीमार हो जाते हैं, तो सबसे ज्यादा ध्यान हमारी मां ही रखती है। वह पूरी रात जागकर हमारा ख्याल रखती है, हमारी चिंता करती है और यही उम्मीद करती है कि हम जल्दी से जल्दी ठीक हो जाए। वह केवल माँ ही कर सकती है। मां के उपकार का कर्ज हम कभी भी नहीं अदा कर सकते हैं, इसीलिए हमें मां को कभी भी दुख नहीं देना चाहिए। वह हमारे लिए ईश्वर से कम नहीं होती है। अगर आप मां का दिल दुखाते हैं, तो समझ लीजिए ईश्वर का दिल दुखा रहे हैं।

इसी के साथ में अपनी वाणी को विराम देता हूं और आप सभी का तहे दिल से धन्यवाद करता हूं। आप सभी ने मेरे भाषण को बहुत ही ध्यानपूर्वक सुना है, और अपना महत्वपूर्ण समय दिया है, आप सभी को मेरी तरफ से बहुत-बहुत धन्यवाद!

Read Also: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर भाषण

मां पर भाषण (500 शब्द)

माननीय प्रधानाध्यापक जी, उप प्रधानाचार्य, शिक्षक गण और सभी प्यारे मित्रों, आप सभी को मेरा सुप्रभात। आज के इस विशेष कार्यक्रम में, मैं आपके सामने मेरी मां पर विचार प्रस्तुत करने जा रहा हूं। आशा करता हूं आप सभी इस में मेरा सहयोग करेंगे।

आज मातृ दिवस है, मतलब मां का दिन। वैसे मां के लिए कोई भी एक दिन नहीं होता है। मां के लिए तो 365 दिन ही बराबर होते हैं क्योंकि मां की तुलना हम किसी से नहीं कर सकते हैं। मां मतलब ईश्वर का दूसरा रूप जिस तरह आप की ईश्वर की पूजा करते हैं, उसी तरह से आपको मां की पूजा करनी चाहिए क्योंकि बहुत अधिक से भी अधिक पीड़ा सहकर वह हमें जन्म देती है, इसके बावजूद भी अपने प्यार के आगे अपने दर्द को भुला देती है और हमें हंसाने में लग जाती है। सच में मां का ओहदा कोई और नहीं ले सकता है।

मां वह होती है जिसे हर भाषा में अलग अलग नाम से जाना जाता है। सरल भाषा में इसे जननी भी कहा जाता है क्योंकि यह हमें जन्म देती है। जन्म के साथ हमारा पालन-पोषण भी करती हैं। हमें हर प्रकार का आचरण और व्यवहार भी सिखाती हैं। मेरी मां ने मुझे मेरे जीवन में हजारों ही नहीं बल्कि लाखों चीजें सिखाई है। अलग अलग तरह का ज्ञान दिया है।

दुनियादारी और सभी प्रकार की सामाजिक विषयों के बारे में बताया है। किताबी ज्ञान से भी अधिक ज्ञान मेरी मां के द्वारा मुझे मिला है। किस तरह खरीदारी करी जाती है। किस तरह मोलभाव किया जाता है। किस तरह घर का खर्च चलाया जाता है और ना जाने कितनी ही बातें मेरी मां के द्वारा मुझे सीखने को मिली है। इन सभी कार्यों के लिए किसी भी प्रकार की कोई डिग्री नहीं होती है और ना ही यह सब ज्ञान किताबों में मिलता है यह सब ज्ञान केवल मां के पास ही होता है।

मेरी मां मेरी सफलता के लिए प्रार्थना करती हैं, मेरे सुख दुख की चिंता करती है। अगर मैं कभी अपने मार्ग से भटकता हूं, तो मुझे गलती करने से रोकती है और सही दिशा दिखाती हैं और हमेशा खुश रहने का आशीर्वाद देती है। आप लोगों के समक्ष मैं मां के बारे में जितना भी कहूं वह काम ही होगा क्योंकि मां एक ऐसा रिश्ता है जिसे आसान भाषा में या कुछ शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है। मां तो अशब्द होती है इसीलिए मां को शब्दों में बयान नहीं कर सकते हैं।

अंत में मैं केवल इतना ही कहना चाहूंगा अपनी मां का हमेशा ध्यान रखे। उनकी कभी किसी बात को अनसुना ना करें। कभी भी उनकी बेइज्जती ना करें और उनका दिल कभी ना दुखाए। मां का दिल दुखाना मतलब भगवान को नाराज़ करना। इसी के साथ में अपनी वाणी को विराम देता हूं और आशा करता हूं, आप सभी अपनी मां को खुश रखने के लिए हर संभव प्रयत्न करेंगे।

धन्यवाद!

निष्कर्ष

इस आर्टिकल के जरिए हमने आपको माँ पर भाषण ( Speech on Mother in Hindi) के बारे में जानकारी दी है। अगर आप किसी स्कूल कॉलेज की छात्रा है या किसी अन्य समारोह में आपको भाषण देना है, तो यह आपके लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता है। इसी के साथ अपने ज्यादा से ज्यादा दोस्तों के साथ भी शेयर करें।

Read Also:

Ripal
Ripal

Related Posts

Leave a Comment