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योगा पर भाषण

Speech on Yoga in Hindi: इस समय योगा बहुत ही ज्यादा लोकप्रिय है। जितना लोकप्रिय है, उतना लोगों के लिए जरूरी भी है क्योंकि आज के समय में रहन-सहन खाना पीना इस प्रकार का हो गया है कि योगा ना करने से कई प्रकार की बीमारियों की समस्या हो जाती है।

ऐसे में अगर आप योग करते हैं तो आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है। इसी के साथ आपके जीवन में एक अनुशासन बना रहता है। ऐसे में आज हम आपके लिए योगा पर भाषण लेकर आए हैं। अगर आपको कहीं पर भी भाषण से संबंधित किसी को संबोधित करना है, तो यह आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

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Image: Speech on Yoga in Hindi

योगा पर भाषण | Speech on Yoga in Hindi

योगा पर भाषण (500 शब्द)

माननीय अतिथि गण, प्रधानाचार्य जी, उपप्रधानाचार्य जी, शिक्षक गण, एवं मेरे समस्त मित्रों, आप सभी को मेरा सुप्रभात। आज हमारे विद्यालय में योगा दिवस मनाया जा रहा है। इसी समारोह के उपलक्ष में मैं आप सभी के समक्ष योगा से संबंधित आप को संबोधित करने जा रहा हूं। आशा करता हूं आप सभी मेरा सहयोग करेंगे।

कई लोग ऐसे हैं जो योगा करते हैं। परंतु जो रोज योगा करते हैं वह जानते हैं कि योगा किस प्रकार किया जाता है, क्यों किया जाता है, इसको करने के क्या लाभ होते हैं। अगर नहीं पता तो चलिए मैं, आपको बताता हूं योगा हमारे शरीर को संतुलन में बनाए रखने के लिए किया जाता है, इसका मतलब है जैसे की ताकत बढ़ाना, लचीलापन बढ़ाना, इसी के साथ आध्यात्मिकता को प्राप्त करना, इन सभी के लिए योगा का इस्तेमाल किया जाता है।

जीवित रहने के लिए योगा बहुत ही आवश्यक है। संस्कृत में योगा का नाम आसन होता है। इसका मतलब होता है विभिन्न प्रकार से शारीरिक आसन करना या आसन का अभ्यास करना। इसमें विभिन्न प्रकार के आसन सम्मिलित होते हैं। ज्यादातर योग कक्षा में व्यायाम की शुरुआत सांस लेने के द्वारा शुरू की जाती है, इसके पश्चात नरम आसन सिखाए जाते हैं और सबसे कठिन आसन अंत में सिखाए जाते हैं, क्योंकि शरीर को ध्यान में रखते हुए योग का क्रम चलता है और सबसे जरूरी आसन होता है, सांस लेने का तरीका बताना।

इसके बाद योगा के टीचर आपको अलग-अलग आसन के द्वारा आपका मार्गदर्शन करते हैं, जैसे कि खड़ा होना, बैठना, पीछे झुकना, आगे झुकना, ऊपर की ओर देखना, इसके साथ-साथ मुड़ना और भी कई अन्य आवश्यकतानुसार आसन सिखाए जाते हैं।

योगा हम सभी के लिए बहुत ही जरूरी होता है। हमारे शरीर को बिल्कुल स्वस्थ और तंदुरुस्त बनाए रखने के लिए योगा बहुत ही आवश्यक है। अगर आप सुबह उठकर नियम के साथ योगासन करते हैं, तो इसके जरिए आपको एक माह में ही लाभ देखने को मिल सकता है।

गीता में भी योग के बारे में बहुत ही महत्वपूर्ण बात बताई गई है। गीता में यह लिखा है कि जो व्यक्ति योगा को प्राप्त कर लेता है वह व्यक्ति स्वयं के मन के साथ और दिमाग को इसी के साथ अपनी इच्छाओं को स्वतंत्र कर लेता है, और अपनी इच्छाओं को खत्म कर देता है।

योगा करना किसी भी प्रकार का कोई धर्म नहीं होता है। यह हमारे जीने का बहुत ही और अच्छा निश्चित तरीका होता है, जो हमें अपने जीवन में ढालना बहुत ही आवश्यक है, क्योंकि यह एक तंदुरुस्त मन के साथ- साथ स्वास्थ्य शरीर मैं भी सहायक होता है।

अंत में मैं आप सभी से केवल इतना ही कहना चाहूंगा की योगा के जरिए आप की शक्ति उजागर होती है, इसीलिए अगर आपको पूरे दिन जोशीला और उत्साह के साथ रहना है, तो इसके लिए प्रतिदिन नियम के अनुसार योगासन जरूर करें। अब मैं अपनी वाणी को यहीं पर विराम देता हूं, इसी के साथ आशा करता हूं, आप सभी स्वस्थ रहें, मस्त रहें और हंसते रहे।

धन्यवाद!

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योगा पर भाषण (500 शब्द)

नमस्कार देवियों और सज्जनों मैं आप सभी का तहे दिल से स्वागत करता हूं। इसी के साथ आपका धन्यवाद भी देता हूं कि आपने इस समारोह में मुझे आमंत्रित किया और अपने साथ संबोधित करने का यह लाभ मुझे दिया। आज मैं आप सभी के सामने योगा पर भाषण देने जा रहा हूं और आशा करता हूं आप इसे ध्यान पूर्वक सुनेंगे।

योगा शरीर को संतुलित बनाए रखने के लिए किया जाता है। सभी लोग योगा को बहुत ही अच्छे तरीके से करते हैं और इसी के साथ में अपने शरीर को तंदुरुस्त बनाए रखते हैं। योगा दिवस देश भर में मनाया जाता है। योगा में कई प्रकार के आसन किए जाते हैं और अपने शरीर को फिट रखा जाता है। उदाहरण के लिए बैठना, खड़े होना, आगे झुकना, पीछे की तरफ झुकना, उल्टे मुड़ना, इत्यादि कई तरह के योगा किए जाते हैं।

योगा में बहुत सारी मुद्राएं भी होती हैं, जैसे हल मुद्रा, कबूतर मुद्रा, ऊपरी धनुष मुद्रा, मछली मुद्रा, इत्यादि जिसके पास शरीर में लचीलापन होता है, वह लोग यह क्रियाएं करते हैं। इसी के साथ कई क्रियाएं ऐसी होती है, जिनमें लचीलापन की जरूरत नहीं पड़ती है जैसे की पर्वत मुद्रा, कुर्सी मुद्रा, त्रिभुज मुद्रा, इत्यादि।

योग मुद्राएं अनगिनत होती हैं इसीलिए योगा का लाभ भी अनगिनत ही होता है। योगा के जरिये कई बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है। जैसे सांस की समस्या से, पेट की समस्या से, पाचन तंत्र से संबंधित बीमारियों इत्यादि उसे छुटकारा पाया जा सकता है।

योगा के जरिए शरीर से नकारात्मकता और मानसिक रोग दूर हो जाते हैं। इसी के साथ ध्यान को एकाग्र करने के लिए योगा बहुत ही जरूरी होता है, ऐसा कहा जाता है बीमारी का इलाज करने के लिए दवाई बनाई गई है, परंतु कई लोग ऐसे होते हैं जो योग के जरिए सही हो जाते हैं।

जैसा कि आप जानते हैं किसी भी चीज का प्रभाव तत्काल देखने को नहीं मिलता है। अगर आपको किसी भी चीज का प्रभाव देखना है, तो इसके लिए आपको थोड़ा सा इंतजार करना होगा। तभी आपको उसका सकारात्मक परिणाम प्राप्त होगा। जैसे आपके जीवन में सोना और भोजन करना बहुत ही जरूरी होता है, मतलब यह हमारे जीवन का अभिन्न अंग होता है।

उसी तरह से योगा भी हमारे जीवन का अभिन्न अंग होता है, इसीलिए योगा को हमें अपने जीवन में उतारना चाहिए और इसका अभयास करते रहना चाहिए। योगा एक बहुत ही बेहतर विकल्प साबित होता है। अपनी बीमारियों को खत्म करने के लिए योगा बहुत ही सकारात्मक परिणाम है।

योग के प्रति सभी लोगों को जागरूक होने की आवश्यकता है जिसके जरिए लोग अपना स्वस्थ जीवन जी पाएंगे क्योंकि स्वास्थ्य ही धन है। अगर स्वास्थ्य ही सही रहेगा तभी आप सभी प्रकार के काम कर पाएंगे। आज योगा दिवस के अवसर पर मैं केवल आपको इतना ही कहना चाहूंगा अपने जीवन में बदलाव लाइए। अपने शरीर को स्वस्थ रखिए इसी के साथ शरीर को संतुलन में बनाए रखिए।

इसी के साथ मैं यहां पर अपने भाषण की समाप्ति करता हूं और आप सभी का तहे दिल से धन्यवाद करता हूं।

धन्यवाद

निष्कर्ष

इस आर्टिकल में आप सभी को हमने योगा के बारे में भाषण दिया है। इसी के साथ आपका मार्गदर्शन भी किया है, कि किस प्रकार योगा आपके जीवन में बदलाव लेकर आता है। अगर आप स्कूल या कॉलेज की छात्रा है या कहीं अन्य जगह पर आपको योगा से संबंधित भाषण देना है, तो आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

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Ripal
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