Romeo And Juliet Story in Hindi: प्यार ऐसा शब्द है जिसकी चाह हर किसी को होती है, हर किसी को इसकी तलाश होती है। हर किसी को एक ऐसा साथी चाहिए होता है जिसके साथ वह घंटो तक बातें कर सके, अपने दुःख-दर्द बाँट सके, अपने दिल की बातें साँझा कर सके। प्रेम की यह दास्ताँ कोई नई नहीं है, यह तो बहुत पुरानी है। प्यार के दरिया में कूदने वाले अक्सर हीर-राँझा, लैला-मजनू, रोमियो-जूलिएट आदि के उदाहरण देते हैं, जो अपनी सच्ची मोहब्बत के लिए आज भी याद किये जाते हैं।
दुनिया के सात अजूबों में शामिल ताजमहल, इस मोहब्बत का जीता जगता उदाहरण है जिसे मुग़ल सम्राट शाहजहाँ ने अपनी बेगम मुमताज की याद में बनवाया था। आज भी ताजमहल का नाम आते ही दिलों में मोहब्बत फिर से जमा हो जाती है। पर समय बदलते मोहब्बत की परिभाषा भी बदल गई है।
आज प्रेमी-प्रेमिकाओं की तो कमी नहीं है। हर गली, मौहले, नुकड़-चौराहे पर आमतौर ये घूमते दिख ही जायेंगे। हर जगह इनसे ही गुलजार है, पर आजकल के प्रमी-प्रेमिकाओं का जिस तरह का प्यार है उस पर एक सवाल या एक निशान जरूर खड़ा हो जाता है। पहले मोहब्बत में कसमें वादें किये जाते थे और उन वादों की खातिर बगावत होती थी। उन आशिकों में जूनून था, अपनी मोहब्बत को पाने का, अपने प्यार को हासिल करने का।
इसके विपरीत दोस्तों, मोहब्बत एक दिखावे के अलावा कुछ नहीं है जो लोग अपनी मोहब्बत की डींग ठोकते है वो दरअसल दिखावे के अलावा कुछ भी नहीं करते। कहा गया है “सच्चे प्यार को दिखावे की जरूरत नहीं होती।”
आज हम यहां पर इतिहास में दर्ज एक ऐसी ही रोमियो और जूलिएट की प्रेम कहानी (Romeo Juliet Story in Hindi) के बारे में जानने वाले है। तो चलिए जानते रोमियो और जूलिएट की सच्ची प्रेम कहानी।
रोमियो और जूलिएट की प्रेम कहानी – Romeo And Juliet Story in Hindi
बात रोमियो और जूलिएट की करें तो जुलाई का वह महिना था, वसंत ऋतु अपनी जवानी पर थी, पेड़-पौधे फूल पतियों से सजे हुए थे और पूरा प्राणी जगत नई ताजगी का आनंद ले रहा था, बसंत का मौसम आते ही सबकुछ बदल चुका था। बिरोना नगर से एक कुलीन परिवार से मंटेगियो के घर पर मुखौटा नृत्य का आयोजन हुआ था। यह रोमियो का अपना घर था, नृत्य के अवसर पर कैपलेट परिवार की जूलिएट भी रोमियो के घर आई हुई थी।
इसी नृत्य के दौरान रोमियो और जूलिएट पहली बार एक दूसरे से मिले और दोनों के एक दूसरे से मोहब्बत हो गई। रोमियो अपने आप को रोक ना सका, वह जूलिएट के घर जाकर उसके निजी कक्ष में पहुँच कर अपने आन्तरिक प्रेम का उसी जगह इज़हार कर बैठा।
जूलिएट भी रोमियो पर फ़िदा थी, वह उसे पाने के लिए तड़प रही थी। किन्तु रोमियो और जूलिएट के परिवारों के बीच वर्षो से शत्रुता चली आ रही थी, रोमियो और जूलिएट की शादी संभव नहीं थी। ऐसी परिस्थिति में इस प्रेमी युगल ने अपने-अपने परिवारों को बिन बताये चुपके से एक गिरजाघर में जाकर, वहां के एक अधिकारी के समक्ष गुप्त रूप से शादी कर दी।
शादी के कुछ समय बाद रोमियो से एक हत्या हो गई, हत्या के अपराध में दंड के उपलक्ष में उसे शहर से निकल दिया गया। इसी बीच जूलिएट के पिता ने उसका विवाह पेरिस नाम के लड़के के साथ निश्चित कर किया। रोमियो नगर से निष्कासित जीवन जी रहा था, वह जगह-जगह, जंगल-जंगल भटक रहा था और जूलिएट-जूलिएट रट रहा था। रोमियो की गेरहाजरी में जूलिएट भी उदास थी, चिंतित थी रोमियो के लिए। उसने चर्च के अधिकारी से अपनी समस्या बयां की, चर्च के अधिकारी ने जूलिएट को एक योजना बताई।
योजना थी कि वह उसे एक दवा देगा, जिसे खाने के बाद वह कुछ समय के लिए मृत हो जाएगी, इसके पश्चात रोमियो उसे बचा लेगा। चर्च के अधिकारी की योजना के अनुसार जूलिएट ने दवा खा ली, दवा खाने के पश्चात चारों और यह शोर हुआ जूलिएट की मृत्यु हो गई है।
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जूलिएट के मरने की खबर जब रोमियो को मिली तो वह सुध-बुध खोकर जूलिएट के घर बैरोना आ गया। लेकिन बैरोना पहुँचने के पश्चात उसे चर्च के अधिकारी की योजना का ज्ञान न हो सका, जूलिएट को तबूत में देखकर रोमियो ने उसे मृत समझ लिया। आहत मन से उसने जूलिएट को गले लगाया और अपनी जीवन लीला वहीं पर समाप्त कर दी यानि रोमियो ने आत्महत्या कर दी। वह प्रेम की दुनिया में रोता ही रहा और रोता ही इस संसार से विदा भी हो गया।
जूलिएट के शरीर में जब दवा का असर कम हुआ और जब वह होश में आई तो उसने रोमियो को अपने पास में मरा हुआ देखा, वह इस जुदाई को बर्दास्त न कर सकी। प्रेम की पराकाष्ठा की आख़िरी परिनिती दुखांत होती है। उसी स्थान पर, उसी समय में जूलिएट ने आत्महत्या कर ली। उसने वर्जनाओ को ढ़ोने वालों को अपनी शहादत देकर बता दिया कि वर्जनाएं अभिशाप होती है और दुःख का कारक बनती है।
मंटेगियों और कैपलेट परिवारों को उनके प्रेम प्रसंगों का जब पता चला तो उनके दुखों ने वर्षो से चली आ रही शत्रुता की दीवारों को तोड़ दिया। दोनों परिवार उस समय एक हुए, जब प्रेमी युगल का जोड़ा इस दुनिया से उठ चुका था। रोमियो और जूलिएट अपने सच्चे प्यार के कारण अमर हो गये और उनके साथ उनकी जन्मस्थली बैरोना भी इतिहास के पनों में अमर हो गई।
आज इनकी प्रेम कहानी मात्र एक कहानी बनकर रह गई है। पर वास्तव में वो महान लोग थे, मोहब्बत के लिए कुर्बान हो गये। आज के आशिक उनका नाम लेकर अपने मोहब्बत का इजहार करते हैं लेकिन वो हमेशा की मोहब्बत नहीं होती है। बस 2-4 दिन के लिए इतने महान लोगों को बदनाम करते हैं। आज वो प्यार कहीं खो चुका है जो शायद ही हमें वापस मिल सके।
प्रेम के विचारक सही कहते हैं कि अब वो प्यार और प्यार की दीवानगी रही कहा?
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