रिचा कर ने एक ऐसे स्टार्टअप की शुरुआत की, जिसके बारे में सुनकर लोगों को शर्म आती थी और जिसकी खुद की मां ने उसके आईडीया को सुनकर शर्मिंदगी महसूस की थी।
उसी आईडीया से रिचा ने 700 करोड़ रुपए की कंपनी खड़ी कर दी। आज उनकी हर तरफ तारीफ हो रही है।
लेकिन शुरुआती दिनों में उन्हें अनेक सारी कठिनाइयां और परेशानियों का सामना करना पड़ा। बिना किसी सपोर्ट के उन्होंने खुद ही अपने दम पर इतनी बड़ी कंपनी हासिल की है।
लोगों ने उनके बारे में, उनके जीवन परिचय के बारे में जाना चाहा, आज के इस आर्टिकल में हम आपको रिचा कर के बारे में विस्तार से जानकारी बताएंगे।
रिचा कर Zivame की CEO व Founder है। इन्होंने यह कंपनी अकेले ही खड़ी की है। रिचा को यह कंपनी खड़ी करने में अनेक सारी मुसीबतों का सामना करना पड़ा।
क्योंकि इस कंपनी को खड़ा करने में लोगों का साथ और सहयोग जरूरी था लेकिन लोगों ने इस कंपनी का आईडिया सुनते ही उन्हें मना कर दिया। लोगों को आइडिया सुनते ही शर्म आने लगी।
लोग रिचा का आइडिया सुनकर शर्मिंदगी महसूस करते थे। उसी उसके बाद रिचा ने अकेले ही अपने दम पर 700 करोड़ की कंपनी खड़ी करके भारत में एक नया स्टार्टअप शुरू कर दिया, जिसकी अब हर तरफ चर्चा हो रही है।
आज के समय में रिचा युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो लोग कुछ भी करने के लिए बहाने बनाते हैं। उन्हें रिचा कर की सफलता की कहानी तथा उनके जीवन परिचय के बारे में जरूर जानना चाहिए।
रिचा कर का जीवन परिचय (Richa Kar Biography in Hindi)
नाम | रिचा कर |
जन्मतिथि | 17 जुलाई 1980 |
जन्म स्थान | जमशेदपुर मध्य प्रदेश |
शिक्षा | ग्रेजुएशन, एमबीए |
नौकरी | कंसलटेंट |
स्टार्टअप | Zivame |
नेटवर्थ | 700 करोड़ |
रिचा कर का जन्म और शिक्षा (Richa Kar Education)
रिजा का जन्म झारखंड के जमशेदपुर जिले में 17 जुलाई 1980 को एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था।
रिचा ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई वहीं पर स्थानीय स्कूल से की। वर्ष 2005 में NMIMS से एमबीए की डिग्री हासिल की तथा बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड साइंस से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया।
रिचा की मां घर का काम किया करती थी जबकि उनके पिता टाटा स्टील कंपनी में काम करते थे। वह झारखंड के एक सामान्य परिवार के निवासी थे।
रिचा कर का करियर
रिचा ने आईटी सेक्टर में सॉफ्टवेयर एनालिसिस के पद पर काम किया तथा उसके बाद कंसल्टेंट के तौर पर काम किया।
इस दौरान उन्होंने महसूस किया कि लड़कियों को अपना सामान खरीदते समय शर्मिंदगी महसूस होती है और वे अपना सामान सही ढंग से नहीं खरीद पाती है।
इसलिए उन्हें आईडिया मिला कि क्यों ना लड़कियों को अपनी इच्छा अनुसार प्रोडक्ट और सामान खरीदने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया जाए, जहां वे अपने माप और अपनी पसंद के अनुसार कोई भी सामान खरीद सके।
कुछ समय तक रिचा ने नौकरी जरूर की, लेकिन उनका ध्यान बिजनेस करने पर था। वे अपनी नौकरी से खुश नहीं थी।
हालांकि सब कुछ ठीक था। फिर भी वह नौकरी छोड़कर अपना खुद का बिजनेस शुरू करना चाहती थी।
क्योंकि उनके दिमाग में एक आईडिया घूम रहा था और उन्हें लग रहा था कि वह आइडिया बिल्कुल सही है। एक दिन जरूर काम करेगा।
बिजनेस का आईडिया
पढ़ाई पूरी करने के बाद रिचा जब कंसल्टेंट के तौर पर लगी तब उन्होंने महसूस किया कि महिलाओं को दुकान तथा स्टोर से अपना सामान खरीदते हुए शर्मिंदगी महसूस होती है।
वे बिना अपनी पसंद और बिना अपने मांप के ही सामान खरीदती है। इस तरह ने अपने पसंद का सम्मान नहीं कर पाती है।
बिना साइज की ब्रा लेती है, जिस वजह से उन्हें काफी परेशानी भी होती है। अपने शर्मिंदगी के कारण वे सही माप और सही पसंद की वस्तुएं नहीं खरीद पाती हैं।
इसी दौरान रिचा के मन में एक आइडिया आया कि क्यों ना महिलाओं और लड़कियों के समान व प्रोडक्ट को एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराया जाए।
जहां से वे अपनी इच्छा अनुसार पसंद और साइज के अनुसार कोई भी प्रोडक्ट और सामान खरीद सके तथा अगर उन्हें पसंद ना हो या साइज बराबर ना हो तो वह वापस भी भेज सके।
रिचा को अपने आईडिया पर तो पूरा भरोसा था लेकिन उन्होंने जिसको भी आईडिया बताया, उसने रिचा को गलत कहा क्योंकि ब्रा और लड़कियों के सामान जैसे नाम लेने से भी लोगों को शर्म आती थी, ऐसे में इस तरह का कोई भी व्यापार कैसे करें।
जब रिचा ने अपनी मां को आईडिया बताया तो उन्हें भी सुनकर शर्म आई थी। लेकिन आज उसी आईडीया से रिचा ने 700 करोड़ रुपए की कंपनी खड़ी कर दी है।
रिचा के दिमाग में यह आईडिया आने के बाद रिचा लेडीस शोरूम व स्टोर गयी थी। वहां पर रिचा ने देखा कि लड़कियां और औरतें अपनी इनरवेयर व पेनटिज इत्यादि अपने माप के अनुसार नहीं ले पाती हैं।
कोई भी माप और किसी भी क्वालिटी का सामान उठाकर चली जाती है। इसके अलावा वे लेडिज प्रोडक्ट और सामान को भी लेने में असहज महसूस करती है।
क्योंकि स्टोर भीड़ होती है, जहां पर पुरुष भी खड़े होते हैं। इस दौरान वे बिना अपनी पसंद और माप के कुछ भी लेकर चली जाती हैं।
इसी परेशानी का हल निकालने के लिए रिचा ने इस आईडिया को लागू करने हेतु प्रयास करने शुरू किए।
रिचा कर की सफलता की कहानी
रिचा को अपने आईडिया पर पूरा विश्वास था लेकिन वे अकेली क्या-क्या करती, इसलिए उन्होंने अपना आइडिया बिजनेस से जुड़े लोगों को बताया।
वे अपना आईडिया लेकर कंपनियों और लोगों के पास गई, जहां पर उन्हें आइडिया सुनते ही शर्म आने लगी।
लोग उन्हें गलत बताने लगे क्योंकि भारत में अभी तक इतनी आत्मीयता नहीं आई है कि महिलाओं के अंडर गारमेंट्स को इस तरह से खुलेआम साइज और पसंद के अनुसार बेचा जाएं।
Zivame स्टार्टअप की शुरुआत
आखिरकार वर्ष 2011 में रिचा ने अपने दोस्तों, परिवार वालों से 3,50,000 रुपए उधार लेकर Zivame की शुरुआत की थी। लेकिन शुरुआती दिनों में कुछ अच्छा रिस्पांस नहीं मिल रहा था।
कुछ समय बाद कंपनी बढ़ने लगी और 1 वर्ष बाद 2012 में ही कंपनी पहली बार बहुत बड़ी कंपनी बन गई।
उन्होंने बिजनेस से संबंधित अनेक तरह का ज्ञान भी हासिल किया था। उन्होंने अपने सभी ज्ञान और अनुभव के तौर पर बिजनेस में उतरने की सोची।
अपने एक्सपीरियंस के आधार पर एक कॉमर्स सेक्टर में कदम रखते हुए Zivame कंपनी की नींव रखी, जो कुछ ही समय में भारत के टॉप कंपनियों में शामिल हो गई।
Zivame की कहानी
जैसा कि हमने आपको बताया रिचा कर के दिमाग में घूमने वाला आईडिया तो अच्छा था, लेकिन उस आईडिया से लोगों को शर्म आ रही थी क्योंकि उसमें लड़कियों और महिलाओं के प्रोडक्ट को खुले तौर पर विस्तार से बेचना था।
इसलिए उन्हें अपने घर परिवार और हर जगह से विरोध झेलना पड़ा। रिचा ने जिसको भी आईडिया सुनाया सभी ने शर्म से मना बोल दिया।
परंतु रिचा ने अपने आइडिया को हमेशा बल दिया तथा सपोर्ट के साथ खुद ही उस आइडिया पर अमल करना शुरू किया। इसके लिए उन्हें अनेक सारी घटनाएं और परेशानियों का सामना करना पड़ा।
रिचा ने अकेले ही इस कंपनी को शुरू किया है, परंतु उसके वह कंपनी शुरू करने से पहले कोई भी किराए अपना मकान या कमरा नहीं देता था।
किराएदार को जब इस बात का पता चलता कि रिचा यहां पर महिलाओं के समान बेचने वाली है, तो वे उन्हें कमरा और घर किराए पर देने से इंकार कर देते थे। इस प्रकार भी रिचा को अनेक सारी समस्याएं उत्पन्न होगी।
जैसा कि रिचा ने बताया उन्होंने इस बात को देखा कि महिलाएं अपना सामान और प्रोडक्ट लेते हुए घबराती है। ऐसी परेशानी को दूर करते हुए उन्होंने अपने आईडिया पर काम करना शुरू किया और Zivame कंपनी की स्थापना की।
Zivame का मुख्य उद्देश्य महिलाओं की मदद करना रखा तथा भारत के बड़े शहर में हर तरह के ब्रांड और सस्ते में प्रोडक्ट लड़कियों के सामान उपलब्ध कराये गये।
Zivame प्लेटफार्म पर रिचा ने महिलाओं तथा लड़कियों के लिए उपयोग में होने वाले सभी सामान और वस्तुओं को पूरी जानकारी के साथ, साइज, कलर, फोटो और डिटेल में उपलब्ध कराया।
जिससे लड़कियां और महिलाएं अपनी पसंद तथा माप के अनुसार कोई भी प्रोडक्ट और सामान खरीद सके।
यदि उन्हें खरीदे हुए सामान का माप नहीं आ रहा है तो वह वापस भेज सकती हैं। इसीलिए Zivame प्लेटफार्म इतना पॉपुलर हुआ।
Zivame की सफलता
रिचा ने अपनी ई-कॉमर्स वेबसाइट Zivame को कुछ इस तरह से सेटअप करवाया है कि महिलाओं के प्रोडक्ट को कस्टमर तक आसानी से पहुंचा जा सके।
वे आसानी से प्रोडक्ट को अच्छी क्वालिटी के अनुसार खरीद सके। इस दौरान उन्हें सभी प्रकार की जानकारी उपलब्ध कराई गई थी तथा कस्टमर को डिस्काउंट भी दिया जा रहा था।
लेडीस इ-कॉमर्स प्लेटफॉर्म Zivame पर हर महीने ढाई करोड़ से भी ज्यादा लोग आते हैं, जिसमें हजारों की संख्या में लोग सामान खरीदते हैं। हर समय कुछ ना कुछ Buy करते रहते हैं।
Zivame प्लेटफार्म पर 1000 से ज्यादा साइज में तथा 5000 से ज्यादा रेंज और 50 से ज्यादा ब्रांड के सामान व प्रोडक्ट उपलब्ध हैं, जिसमें लड़कियों और महिलाओं को हर प्रकार के सामान्य प्रोडक्ट मिल जाते हैं।
आज के समय में Zivame पर हर तरह के तथा सभी प्रकार के कलर और क्वालिटी के प्रोडक्ट व सामान उपलब्ध है, जिस वजह से Zivame पर महिलाओं की शॉपिंग काफी ज्यादा आसान हो गई है।
अब वे अपनी इच्छा अनुसार, अपनी पसंद की कोई भी प्रोडक्ट ले सकती है तथा अपनी साइज के अनुसार कोई भी सामान खरीद सकती है।
यदि किसी को खरीदे हुए सामान मे सही माप नहीं बैठ रहा है तो वह सामान को वापस भेज सकती है। ऐसे सुविधा देने से Zivame काफी ज्यादा पॉपुलर हो चुकी है।
आज के समय में जहां एक तरफ लड़कियां हर एक क्षेत्र में सफलता हासिल कर रही है, वहीं पर ऐसे अनेक सारे सेक्टर और विषय है, जिस पर लोग शर्मिंदगी महसूस कर रहे हैं और लड़कियां उस बारे में बात भी नहीं करना चाहती हैं।
वर्तमान समय में अनेक सारे नए नए स्टार्टअप शुरू हो रहे हैं, जहां पर हाथ आजमाया जा सकता है।
फिर भी लोग अनेक प्रकार के बहाने बनाते हैं और कुछ भी करने से बचते हैं। उन्हें रिचा की सक्सेस स्टोरी के बारे में जरूर जाना चाहिए, जिससे उन्हें इस बात की प्रेरणा मिलेगी।
FAQ
रिचा कर एक जानी-मानी बिजनेसमैन है, जिन्होंने अकेले ही अपने दम पर 700 करोड़ रुपए की कंपनी खड़ी कर दी है। आज वह Zivame की फाउंडर एंड सीईओ है।
रिचा काजल मध्यप्रदेश के जमशेदपुर में 17 जुलाई 1980 को हुआ था।
रिचा कर ने एमबीए की डिग्री हासिल की है।
रिटेल काउंटर पर कंसलटेंट की नौकरी की थी।
रिचा की कंपनी का नाम Zivame है।
रिचा की कंपनी की नेटवर्थ 700 करोड़ रुपए हैं।
निष्कर्ष
यदि आप सही है, आप सही कर रहे हैं तो लोग आपके ऊपर हंसे या शर्मिंदगी महसूस करें, आप उसमें जरूर सफल होंगे। इस बात को रिचा ने करके दिखाया है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रिचा ने अपनी इस कंपनी को शुरू करने से पहले यह आइडिया सबसे पहले अपनी मां को बताया था तब रिचा की मां ने यह आईडिया सुनते ही शर्मिंदगी महसूस की थी, उन्हें शर्म आई थी।
जिसके बाद रिचा ने जिसको भी यह आईडिया बताया सब ने शर्मिंदगी ही महसूस की और उन्हें गलत बताया। लेकिन रिचा को अपने आईडिया पर पूरा भरोसा था, इसलिए अकेले ही इसपर काम करना शुरू कर दिया।
बिना किसी सहयोग और सपोर्ट के तथा देखते ही देखते कुछ ही समय में वे भारत के नाते स्टार्टअप के रूप में खड़े होकर ₹700 की कंपनी कर दी।
रिचा ने अकेले ही अपने दम पर इतनी बड़ी कंपनी खड़ी कर दी है, जो आज भारत के 700 करोड़ रुपए की नेटवर्थ में शामिल हो चुकी है।
यहां पर हमने रिचा कर का जीवन परिचय (Richa Kar Biography in Hindi) विस्तार से बताया है। हम उम्मीद करते हैं आपको यह लेख पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरुर करें।
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