Programming Language Kya Hai: कई बार कंप्यूटर के विभिन्न कार्यप्रणाली को देखकर मन में प्रश्न उठता है कि प्रोग्रामिंग लैंग्वेज क्या है? आपको बता दें कि प्रोग्रामिंग भाषा को कोडिंग भी कहा जाता है। आज के जमाने में यह नवयुवकों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
कम्प्यूटर विभिन्न प्रकार के कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के संग्रहण कार्य कर पाता है। कंप्यूटर में आप जितने भी वेबसाइट और एप्लीकेशन का इस्तेमाल करते हैं, वह सब किसी ना किसी प्रोग्रामिंग भाषा के द्वारा तैयार किया जाता है।
आज इंसानी सभ्यता जिस रफ्तार से कंप्यूटर के युग की तरफ बढ़ रही है। यह नव युवकों के समक्ष कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के रूप में नए करियर विकल्प के दरवाजे खोल रही है, जिस वजह से प्रोग्रामिंग लैंग्वेज क्या है (Computer Programming Language kya hai) समझना काफी आवश्यक है।
किस प्रकार यह आने वाले समय में आपको एक अच्छा करियर विकल्प प्रदान कर सकता है, इसके संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी पाने के लिए हमारी इस लेख के साथ अंत तक बनी रहे।
प्रोग्रामिंग लैंग्वेज क्या है और इसके प्रकार | Programming Language Kya Hai
प्रोग्रामिंग लैंग्वेज क्या है? (Programming Language kya hai)
जब आप कंप्यूटर में किसी भी एप्लीकेशन या वेबसाइट का इस्तेमाल करते है तो अपनी आवश्यकता अनुसार कंप्यूटर को निर्देश देते है, जिस निर्देश पर कंप्यूटर कार्य करता है। मगर आपको बता दें कि कंप्यूटर को जितने भी निर्देशक देते है, वह इंसान ही भाषा में होते है और उसे कंप्यूटर नहीं समझता इस वजह से व्यक्ति के द्वारा दिए गए निर्देश को कंप्यूटर के भाषा में बदलना आवश्यक होता है।
इस वजह से जितने भी एप्लीकेशन और वेबसाइट का आप इस्तेमाल करते हैं, वह सब डेवलपर के द्वारा किसी ना किसी कंप्यूटर भाषा में लिखा जाता है और उस कंप्यूटर भाषा को प्रोग्रामिंग लैंग्वेज या कोडिंग से संबोधित करते हैं।
सरल भाषा में अगर इसे परिभाषित करने का प्रयास करें तो हम यह कह सकते है कि एक ऐसी खास किस्म की भाषा, जिसे एक खास प्रणाली में किसी डेवलपर के द्वारा लिखा जाता है ताकि किसी व्यक्ति के द्वारा दिए गए निर्देश को कंप्यूटर समझ सके और आवश्यकता अनुसार कार्य कर सकें तो उसे हम प्रोग्रामिंग लैंग्वेज कहते हैं।
जैसा कि आप समझे होंगे प्रोग्रामिंग लैंग्वेज एक खास किस्म की भाषा है, जिसके कुछ नियम होते हैं जिसे समझने की आवश्यकता है। इंसानी भाषा की ही तरह कंप्यूटर के भी विभिन्न प्रकार की भाषा होती है जैसे – C++, C, Phython, JAVA आदि।
प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के प्रकार
जैसा कि आप समझते हैं कि इंसान जिस भाषा में एक दूसरे से बात करते हैं, कंप्यूटर उस भाषा को नहीं समझ सकता है, इस वजह से कंप्यूटर के लिए खास किस्म के भाषा का निर्माण किया गया है। कंप्यूटर के प्रोग्रामिंग लैंग्वेज दो प्रकार के होते हैं:
- Low level language
- High level language
लो लेवल लैंग्वेज क्या है?
जैसा कि हम यह जानते हैं कंप्यूटर एक मशीन है, जो व्यक्ति के द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करके किसी भी कार्य को सरलता और सुगमता से करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसमें विभिन्न प्रकार के भाषा का इस्तेमाल किया जाता है, उन भाषाओं को खास प्रकार में विभाजित किया गया है, जिसका प्रथम प्रकार लो लेवल लैंग्वेज है।
यह एक ऐसी भाषा है, जिसे कंप्यूटर बड़ी आसानी से समझ लेता है और इस भाषा में दिए गए निर्देश का पालन करने के लिए कंप्यूटर को किसी भी अन्य यंत्र की आवश्यकता नहीं होती। जिस भाषा को रन करने में कंप्यूटर को कंपाइलर और इंटरप्रेटर की आवश्यकता नहीं पड़ती, उसे हम लो लेवल लैंग्वेज कहते हैं।
जैसा कि हमने आपको बताया कंप्यूटर दिए गए निर्देशों को इंसानी भाषा में नहीं समझ पाता, वह उसे बायनरी भाषा में बदलता है। बायनरी भाषा में बदलते वक्त उसे इंटरप्रेटर और कंपाइलर की आवश्यकता पड़ती है। मगर कुछ खास किस्म की प्रोग्रामिंग होती है, जिसे समझने के लिए कंप्यूटर को कंपाइलर और इंटरप्रेटर का इस्तेमाल नहीं करना पड़ता, जिसे लो लेवल लैंग्वेज से संबोधित किया जाता है।
लो लेवल लैंग्वेज दो प्रकार के होते है:
- मशीन लैंग्वेज
- असेंबली लैंग्वेज
मशीन लैंग्वेज क्या है?
यह बहुत ही सरल लैंग्वेज होता है, जिसके प्रोग्राम को बायनरी भाषा में लिखा जाता है। अर्थात इसके प्रोग्राम को केवल 0 और 1 का इस्तेमाल करके लिखा जाता है, जिस वजह से इसे पढ़ना और समझना बहुत ही आसान होता है।
कंप्यूटर को इस भाषा में लिखे गए प्रोग्राम को समझने के लिए किसी भी ट्रांसलेटर, कंपाइलर, इंटरप्रेटर का इस्तेमाल नहीं करना पड़ता। इस वजह से इस तरह की भाषा में लिखे गए प्रोग्राम ज्यादा आसानी से कंप्यूटर में रन कर पाते हैं।
असेंबली लैंग्वेज क्या है?
यह भी एक सरल और लो लेवल लैंग्वेज है जो कंप्यूटर में बड़ी आसानी से रन हो जाता है। इस तरह की भाषा की सबसे बड़ी खासियत होती है कि कंप्यूटर को असेंबली लैंग्वेज इस्तेमाल करने के लिए असेंबलर की आवश्यकता पड़ती है।
इसके इस्तेमाल पर कंप्यूटर का अधिक मेमोरी खर्च नहीं होता। यह लैंग्वेज भी बायनरी भाषा में लिखा जाता है और इसे ऑब्जेक्ट कोड या प्रोग्राम कोड के नाम से भी संबोधित किया जाता है।
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हाई लेवल लैंग्वेज क्या है?
आज आप जितनी भी वेबसाइट और एप्लीकेशन का इस्तेमाल कर रहे हैं लगभग उनमें से सारी किसी हाई लेवल लैंग्वेज के द्वारा बनाई गई है। High level language एक ऐसी भाषा है, जिसे डेवलपर आसानी से समझ सकता है।
एक लो लेवल लैंग्वेज बड़ी आसानी से रन होता है साथ ही उसमे कम मेमोरी का खर्च होता है। मगर वह भाषा पूरी तरह से बायनरी शब्दों में लिखी जाती है, जिस वजह से उसे समझना काफी मुश्किल हो जाता है। एक हाई लेवल लैंग्वेज आम भाषा में लिखी जाती है, जिसे एक इंसान पढ़कर समझ सकता है कि कंप्यूटर को किस तरह के निर्देश देने का प्रयास किया जा रहा है।
हालांकि यह ऐसी भाषा होती है, जिसे लिखने के लिए खास किस्म के नियम की आवश्यकता पड़ती है। मगर कुछ हद तक यह भाषा इंसानी भाषा से मेल खाती है। इस वजह से कंप्यूटर को हाई लेवल लैंग्वेज का इस्तेमाल करने के लिए ट्रांसलेटर, कंपाइलर और इंटरप्रेटर की आवश्यकता पड़ती है।
मगर जब हमें कोई ऐसा कार्य करना होता है, जिसमें कंप्यूटर को विभिन्न प्रकार के बहुत सारे निर्देश देने हो जैसे किसी वेबसाइट या एप्लीकेशन का निर्माण करना हो तो उसमें हाई लेवल लैंग्वेज का इस्तेमाल किया जाता है। ताकि सरलता से हम कंप्यूटर को निर्देश दे सकें।
High level programming language तीन प्रकार के होते है:
- Object oriented programming language
- Procedural programming language
- Natural language
ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग लैंग्वेज
आज विश्व में जितने भी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का इस्तेमाल किया जा रहा है, उनमें सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाले कांसेप्ट या सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाला हाई लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का प्रकार ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग है। यह हाई लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को एक खास किस्म का ढांचा प्रदान करता है, जिसमें पूरे प्रोग्रामिंग भाषा को छोटे-छोटे हिस्सों में विभाजित कर दिया जाता है।
इस प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये बाकी प्रोग्रामिंग भाषा के मुकाबले काफी तेज और सरल है, जिसे कोई भी व्यक्ति बड़ी आसानी से समझ सकता है और इस्तेमाल कर सकता है।
ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के उदाहरण – C#, C++, Python, JAVA आदि।
Procedural programming language
इस तरह की प्रोग्रामिंग भाषाओं का इस्तेमाल भी आजकल बहुत तेजी से किया जा रहा है। जैसा कि हम जानते हैं प्रोसीजर का मतलब प्रक्रिया होता है, इस प्रोग्रामिंग भाषा को इस तरह तैयार किया गया है कि इसमें विभिन्न प्रकार के प्रक्रियाओं को सेट किया गया है, जिसमें एक लंबे से प्रोग्राम में कुछ खास छोटे-छोटे प्रक्रियाओं को रखा जाता है और उन प्रक्रियाओं को आगे प्रोग्राम में कॉल किया जाता है।
सरल शब्दों में कहें तो एक ऐसी प्रणाली तैयार की जाती है, जिसमें अगर कोई इस्तेमाल करने वाला कोई खास किस्म का कार्य करता है तो किस तरह की प्रक्रिया काम करेगी और अगर ऐसा नहीं होगा तो किस तरह की प्रक्रिया काम करेगी यह इस भाषा में तैयार किया जाता है।
इस तरह की भाषा का इस्तेमाल खास रूप से एप्लीकेशन का निर्माण करने के दौरान किया जाता है। इस तरह की भाषा में डेवलप पर एक बार इस्तेमाल किए गए कोर्ट को आगे अपने प्रोग्राम में कहीं भी कॉल करके इस्तेमाल कर सकता है।
Procedural programming language के उदाहरण – C, Basic, Pascale आदि।
Natural programming language
अगर आपको यह लगता है कि एक कंप्यूटर प्रोग्राम में केवल अलग-अलग नियमों का पालन करके एक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को तैयार किया जाता है तो आपको बता दें प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में इंसानी भाषाओं का इस्तेमाल भी किया जाता है, जिसे हम नेचुरल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज कहते हैं।
विभिन्न प्रकार के प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को सरल बनाने के लिए विभिन्न प्रकार की प्रक्रियाओं का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें विभिन्न प्रकार के इंसानी भाषाओं का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे नेचुरल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज से संबोधित करते है।
सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली प्रोग्रामिंग लैंग्वेज
ऊपर बताई गई जानकारी के बारे में विस्तार पूर्वक आपको बता दें कि जिस रफ्तार से इंसानी सभ्यता डिजिटल युग की तरफ बढ़ रही है। हमें लगभग सभी प्रकार के कार्य में विभिन्न प्रकार के प्रोग्रामिंग भाषाओं का इस्तेमाल करना पड़ रहा है।
आज फाइनेंस, एजुकेशन, हेल्थ, बिजनेस, वेबसाइट बनाने के लिए, ऐप बनाने के लिए, ऑटोमोबाइल में, आर्मी और पर्सनल इस्तेमाल में भी विभिन्न प्रकार के कंप्यूटर भाषाओं का इस्तमाल किया जा रहा है।
इस वजह से यह जानना आवश्यक हो गया है कि किस तरह के प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का इस्तेमाल अधिक किया जा रहा है। Python, C, C++, JAVA, Ruby, R, PHP, C#, Go, HTML, XML जैसे विभिन्न प्रकार के भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है।
आपको यह भी बता दें कि विभिन्न प्रकार के कार्य को करने के लिए भाषाओं के मिश्रण का भी इस्तेमाल किया जाता है जैसे गूगल को JAVA, C, C++ जैसी भाषाओं के मिश्रण से बनाया गया है। इसके अलावा आज AI, मशीन लर्निंग और रोबोटिक टेक्नोलॉजी भी बड़ी तेजी से आगे आ रही है।
आपको कौन सी प्रोग्रामिंग भाषा सीखनी चाहिए?
आज विस्तार से हम डिजिटल युग की तरफ बढ़ रहे हैं इंसान कंप्यूटर और टेक्नोलॉजी पर बहुत अधिक निर्भर होता जा रहा है। यह निर्भरता विभिन्न प्रकार के करियर विकल्पों को जन्म दे रही है, जिसमें वेबसाइट डेवलपमेंट और एप्लीकेशन डेवलपमेंट सबसे उत्तम माना जा रहा है।
आज किसी भी व्यक्ति को कुछ भी सर्च करना होता है तो वह गूगल पर जाता है जो एक सर्च इंजन है, जिसे बनाने और मैनेज करने के लिए विभिन्न प्रकार के प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा आज विभिन्न प्रकार के टेक कंपनी और उन्हें विभिन्न प्रकार के नौकरी आ चुकी है, जहां लोगों के द्वारा विभिन्न प्रकार के प्रोग्रामिंग भाषाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है।
ऐसी परिस्थिति में अगर आपके मन में यह प्रश्न उठता है कि आने वाले समय में आपको किस प्रोग्रामिंग भाषा को सीखना चाहिए और किस प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के जरिए आप अधिक से अधिक पैसा कमा सकते है तो हम आपको Python भाषा सीखने का सुझाव देंगे।
अब किस क्षेत्र में इस वक्त मौजूद हैं, इस पर निर्भर करता है कि आप को किस भाषा को सीखना चाहिए। अगर आप तुरंत नौकरी पाना चाहते है Python भाषा को अच्छे तरीके से सीखना चाहिए। यह एक ऐसी प्रोग्रामिंग भाषा है, जिसका इस्तेमाल बहुत अधिक मात्रा में किया जा रहा है और आने वाले समय में इसका इस्तेमाल और तीव्र होने वाला है।
अगर आप इस वक्त पढ़ाई कर रहे हैं तो हम आपको सुझाव देंगे कि आप C या C++ जैसी भाषा को सीखने का प्रयास करें। यह एक ऐसी भाषा है, जिसमें आपको बहुत अधिक नियमों का पालन करने की आवश्यकता पड़ेगी। यह प्रक्रिया आपको प्रोग्रामिंग भाषा सीखने के लिए मजबूत बनाएगी।
C एक बहुत पुरानी भाषा है। आज इसका इस्तेमाल विभिन्न प्रकार के एप्लीकेशन निर्माण में किया जा रहा है। मगर वक्त के साथ इस एप्लीकेशन का इस्तेमाल कम होता जा रहा है। मगर आप इसे प्रोग्रामिंग भाषाओं की उत्पत्ति का स्रोत समझ सकते है अगर आप इस भाषा को अच्छी तरीके से समझ गए तो बाकी सभी भाषाओं को आप इतनी जल्दी सीख जाएंगे कि आपको पता भी नहीं चलेगा।
C और C++ के साथ आपको अपनी प्रोग्रामिंग भाषा सीखने की शुरुआत करनी चाहिए। साथ ही आपको JAVA प्रोग्रामिंग लैंग्वेज भी सीखनी चाहिए। क्योंकि इस्तेमाल लगभग सभी प्रकार के कार्यों में किया जाता है।
अंत में हम आपको यह कहना चाहेंगे कि programming language विभिन्न प्रकार की होती है। अगर आप इसके बारे में सब कुछ समझ जाते हैं तो आने वाले समय में आपके समक्ष विभिन्न प्रकार के कैरियर विकल्प के दरवाजे खुलेंगे।
साथ ही जिन भाषाओं के साथ आपको शुरुआत करना चाहिए, उसके बारे में हमने आप को समझाने का प्रयास किया। आप यह समझ ले कि अधिक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को समझेंगे उससे ज्यादा अच्छा है कि आप किसी एक भाषा को अच्छे तरीके से समझे।
FAQ
प्रोग्रामिंग भाषा एक खास किस्म की भाषा होती है, जिसे एक सटीक ढांचा और कुछ खास नियमों के जरिए तैयार किया जाता है ताकि कंप्यूटर इंसान के दिए गए निर्देशों को अच्छे से समझ सके।
आज डिजिटल युग में लगभग सभी प्रकार के कार्य को सरलता से करने के लिए हमें कंप्यूटर भाषाओं की आवश्यकता पड़ती है, जिस वजह से आने वाले समय में अच्छे करियर विकल्प और अपने किसी भी डिजिटल काम को सरलता से करने के लिए हमारे लिए प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सीखना अनिवार्य है।
प्रोग्रामिंग भाषा मुख्य रूप से दो प्रकार की होती – low level programming language और high level programming language
अगर आप प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सीखना चाहते हैं तो हमारे सुझाव के अनुसार आपको C++ या C लैंग्वेज से शुरू करना चाहिए। मगर आपको जल्दी से जल्दी नौकरी की चाह है तो Python भाषा एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
निष्कर्ष
उम्मीद करते हैं ऊपर बताई गई सभी जानकारियों को अपने ध्यान पूर्वक पढ़ा होगा और प्रोग्रामिंग लैंग्वेज क्या है (Programming Language kya hai) साथ ही इसके क्या प्रकार होते हैं और किस प्रकार प्रोग्रामिंग लैंग्वेज इंसान के द्वारा दिए गए निर्देश को कंप्यूटर तक पहुंचाती है और हमारे किसी भी कार्य को सरल बना पाती है के बारे में सब कुछ अच्छे से समझे होंगे।
अगर ऊपर बताई गई जानकारी का इस्तेमाल करके अब प्रोग्रामिंग भाषा को समझे हैं और अपने आने वाले कैरियर में प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के महत्व की जानकारी के जरिए सही रास्ता चुन पा रहे हैं तो इस लेख को अपने मित्रों के साथ साझा करें। साथ ही अपने सुझाव और विचार हमें कमेंट में बताना ना भूलें।
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