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पीवी सिंधु का जीवन परिचय

P V Sindhu Biography in Hindi: पीवी सिंधु एक प्रसिद्ध और सफल भारत के बैडमिंटन खिलाड़ी है, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर के विभिन्न बैडमिंटन खेल प्रतियोगिता में कई पुरस्कार प्राप्त किए हैं। यहाँ तक कि इन्होंने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक में रजत पदक जीतकर पहली भारतीय महिला खिलाड़ी होने का रिकॉर्ड बनाया है।

P V Sindhu Biography in Hindi
पीवी सिंधु

आज के इस लेख में हम इस सफल खिलाड़ी पीवी सिंधु की प्रारंभिक जीवन, इनकी शिक्षा और इनके करियर के शुरुआत से लेकर अब तक के सफर के बारे में जानेंगे।

पीवी सिंधु का जीवन परिचय (PV Sindhu Biography in Hindi)

नामपीवी सिंधु
पूरा नामपुसरला वेंकट सिंधु
पेशाबेडमिंटन खिलाड़ी
जन्म5 जुलाई 95
जन्मस्थानहैदराबाद (भारत)
मातापी. विजया
पितापीवी रमाना
शिक्षाएमबीए
कॉलेजसेंट एन कॉलेज फॉर विमेन, मेहदीपट्टनम
राष्ट्रीयताभारतीय
वजन65 किलो
ऊंचाई5 फीट 10.5 इंच
आंखों का रंगकाला
बालों का रंगकाला
कोचमहबूब अली
वैवाहिक स्थितिअविवाहित
करियर की शुरुआत2009 सब-जूनियर एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप कोलंबो में
सबसे ऊंची रैंकिंग9 मार्च 2014

पीवी सिंधु का प्रारंभिक जीवन

पीवी सिंधु का जन्म 5 जुलाई 1995 में हुआ था। इनके पिता का नाम पीवी रमाना और माता का नाम पी.विजया है। इनकी माता पिता दोनों ही राज्य स्तर के वॉलीबॉल खिलाड़ी रह चुके हैं। इनके पिता ने एशियाई खेलों में भारत की तरफ से खेलते हुए कांस्य पदक भी जीता है।

हालांकि पीवी सिंधु के माता-पिता दोनों ही वॉलीबॉल खिलाड़ी रह चुके हैं। लेकिन इसके बावजूद पीवी सिंधु का झुकाव वॉलीबॉल के तरफ ना होकर बैडमिंटन की तरफ था। दरअसल साल 2001 में ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियन में पुलेला गोपीचंद जीत ने हासिल की थी और उन्हीं से प्रेरित होकर पीवी सिंधु ने बैडमिंटन खेल में अपना करियर बनाने का सोचा। मात्र 8 साल की उम्र से ही पीवी सिंधु ने बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया।

पीवी सिंधु को प्राप्त शिक्षा

पीवी सिंधु ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा हैदराबाद के सिकंदराबाद में स्थित ऑक्सिलियम हाई स्कूल से की। आगे की पढ़ाई के लिए वह हैदराबाद के सेंट एन कॉलेज फॉर विमेन, मेहदीपट्टनम में दाखिला लिया और वहां से एमबीए की डिग्री प्राप्त की।

पीवी सिंधु की बैडमिंटन गेम की ट्रेनिंग

पीवी सिंधु ने बैडमिंटन कि शुरुआती ट्रेनिंग लेने के लिए सिकंदराबाद में स्थित इंडियन रेल्वे इंस्टिट्यूट ऑफ़ सिग्नल इंजीनियरिंग एंड टेलीकम्यूनिकेशन में दाखिला ले लिया। उस समय टीम के कोच महबूब अली थे, जिसे उन्होंने बैडमिंटन के खेल से जुड़ी कई मुख्य बातें और जरूरी नियम जाने। आगे की ट्रेनिंग पीवी सिंधु ने पुलेला गोपीचंद की गोपीचंद बैडमिंटन अकादमी से ली। पुलेला गोपीचंद पीवी सिंधु के मार्गदर्शक और उनके गुरु रहे हैं।

पीवी सिंधु का करियर

खेल जगत में पीवी सिंधु के असल करियर की शुरुआत साल 2009 में हुई जब इन्होंने सब जूनियर एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता। उसके बाद साल 2010 में पीवी सिंधु ने ईरान फज्र इंटरनेशनल बैडमिंटन जो एक सिंगल चैलेंज कैटेगरी में था, उसमें कांस्य पदक अपने नाम हासिल किया। इसी साल मेक्सिको में आयोजित बीडब्ल्यूएफ विश्व जूनियर चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल में पीवी सिंधु एक चीनी खिलाड़ी सूड़ी से हार गई थी।

हालांकि साल 2011 इनके लिए अच्छा साल रहा था। क्योंकि इसी साल इन्होंने मालदीव इंटरनेशनल चैलेंज और इंडोनेशिया इंटरनेशनल चैलेंज में जीत प्राप्त की थी। इतना ही नहीं इसी साल पीवी सिंधु अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन प्रतियोगिता में भी जीती थी। हालांकि साल 2012 में पीवी सिंधु एक बार फिर ऑल इंग्लैंड ओपन चैंपियनशिप में ताई त्ज़ु-यिंग द्वारा हार गई थी।

हालांकि इसी साल इन्होंने एशियाई जूनियर चैंपियनशिप में जापानी खिलाड़ी नोज़ोमी ओकुहारा को हराकर अपनी जीत दर्ज की थी। साल 2012 में जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में 77वीं सीनियर राष्ट्रीय बैडमिंटन चैंपियनशिप आयोजित हुआ था। इसमें पीवी सिंधु ने भाग लिया था लेकिन उस समय उनके घुटने में लगी चोट के कारण वह इस प्रतियोगिता से बाहर हो गई थी।

साल 2013 में सिंगापुर के गु जुआन को हराया था और मलेशियाई खिताब को अपने नाम दर्ज किया था। उसके बाद वर्ल्ड चैंपियनशिप में चाइनीज़ खिलाड़ी Wang Shixian को हराकर रजत पदक जीता था। हालांकि साल 2014 में आयोजित इंडिया ओपन ग्रां प्री गोल्ड के फाइनल तक पहुंचकर पीवी सिंधु सायना नेहवाल से हार गई थी।

लेकिन इसी साल एशियाई चैंपियनशिप में क्वार्टर फाइनल में थाई बैडमिंटन खिलाडी बुसानन ओंगबामरुंगफान को हरा दिया था। सन 2014 में कॉमनवेल्थ गेम्स में वोमेन्स सिंगल में भी सेमीफाइनल के बाद हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन इसी साल बीडब्ल्यूएफ विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में इन्होंने लगातार दो पदक जीतकर पहली भारतीय बनने का रिकॉर्ड बनाया था।

फिर साल 2015 में एशियाई चैंपियनशिप आयोजित हुआ, जिसमें ली ज़ुएरुई से हार गई थी इसी साल के विश्व चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल में भी कोरियाई खिलाड़ी सुंग जी-ह्यून के द्वारा हार गरी थी। हालांकि साल 2015 का अंतिम शालीन के लिए ज्यादा अच्छा नहीं रहा। क्योंकि इसी साल उनको स्ट्रेस फ्रैक्चर हो गया था, जिसके कारण इन्हें 6 महीने तक के लिए अपना खेल रोकना पड़ा था।

हालांकि साल 2016 में इन्होंने जबरदस्त एंट्री की थी क्योंकि इस साल इन्होंने मलेशिया मास्टर्स ग्रां प्री गोल्ड महिला सिंगल वर्ग में एक स्कॉटलैंड खिलाडी किर्स्टी गिल्मर को हराकर जीत दर्ज किया था। हालांकि प्रीमियर बैडमिंटन लीग में चेन्नई स्मैशर्स टीम की कप्तानी की थी। लेकिन सेमीफइनल तक पहुंचकर देल्ही एसर्स से हार गरी थी। साल 2017 में भारत की राजधानी दिल्ली में इंडिया ओपन सुपर सीरीज आयोजित हुआ था, जिसमें पीवी सिंधु का जबरदस्त प्रदर्शन रहा था। क्योंकि इस खेल में इन्होंने दुनिया की नंबर वन बैडमिंटन खिलाड़ी कैरोलिना को हराया था।

इतना ही नहीं इसी साल इन्होंने कोरिया ओपन में जापान की ओकुहारा को हराया और इस खेल में जीत हासिल करने वाली प्रथम भारतीय महिला बनी थी। इस खेल में इनके अच्छे प्रदर्शन को देखकर आंध्र प्रदेश सरकार ने इन्हें डिप्टी कलेक्टर का भी पद दिया था। पीवी सिंधु के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि थी। इसी साल के अंत में दुबई विश्व सुपर सीरीज में अकाने यामागुची से उनका सामना हुआ था और इस खेल में यह फाइनल तक पहुंच गई थी, लेकिन इन्हें सिल्वर मेडल ही प्राप्त कर पाई थी।

साल 2018 में इंग्लैंड में ऑल इंग्लैंड ओपन आयोजित हुआ था। इस खेल में सिंधु विश्व के तीसरे स्थान पर आने वाली बैडमिंटन खिलाड़ी अकाने यामागुची से आमना सामना हुआ था। हालांकि इससे हार गई थी, जिसके कारण वह विश्व की चौथे नंबर की खिलाड़ी के स्थान पर ही आ पाई। हालांकि इस खेल में इनका प्रदर्शन जबरदस्त था।

साल 2018 में आयोजित गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में भी इन्होंने भाग लिया था। इसमें मिक्स्ड टीम इवेंट में भाग लेकर गोल्ड मैडल अपने नाम किया था। वहीं एकल महिला प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल हासिल की थी। 2018 में आयोजित विश्व चैंपियनशिप में भी पीवी सिंधु ने सिल्वर मेडल जीता था। इस तरह इस मेडल को मिलाकर सिंधु का विश्व चैंपियनशिप में चौथा मैडल था।

2018 के अंतिम महीने दिसंबर में चाइना में बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड टूर टूर्नामेंट आयोजन हुआ था। इस सीरीज में पीवी सिंधु ने फाइनल मुकाबला जीत लिया था और इस टूर्नामेंट को जीतने वाली पहली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज किया था। 2018 के एशियन गेम्स में पीवी सिंधु फाइनल तक पहुंची थी और फाइनल में उनका मुकाबला जकार्ता की ताई त्ज़ु-यिंग से हुआ था। हालांकि इन्होंने कोशिश तो बहुत की थी लेकिन वह हार गई थी।

साल 2019 में हैदराबाद हंटर्स ने पीबीएल नीलामी में पी.वी. सिंधु को ख़रीदा। हालांकि पीवी सिंधु ने पूरी सीरीज में बहुत अच्छा प्रदर्शन दिया था, लेकिन उसके बावजूद वह सेमीफाइनल में मुंबई रॉकेट्स से हार गई थी। इसी साल भारत के राष्ट्रीय बैडमिंटन चैंपियनशिप में भी पीवी सिंधु साइना नेहवाल से हार गई थी।

इसी साल इंडोनेशिया ओपन हुआ था, जिसमें पीवी सिंधु फाइनल तक पहुंच गई थी। लेकिन फाइनल में वह जापानी खिलाड़ी अकाने यामागुची से हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि इसी साल आयोजित विश्व चैंपियनशिप में पीवी सिंधु ने सेमीफाइनल में चेन युफेई हरा दिया था और इसके फाइनल मे नोजोमी ओकुहारा को हरा कर स्वर्ण पदक अपने नाम दर्ज कर पहली भारतीय खिलाड़ी का रिकॉर्ड बनाया था।

इसी साल BWF वर्ल्ड टूर फ़ाइनल में जापानी खिलाडी चेन युफेई और अकाने यामागुची से हार गई थी। 8 मार्च 2020 को पीवी सिंधु ने बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमेन ऑफ़ ईयर का ख़िताब जीता था। साल 2021 में पीवी सिंधु ने स्विस ओपन में भाग लिया था। इसमें इनका अच्छा प्रदर्शन भी रहा था, लेकिन कैरोलिना मारिन से जीत नहीं पाती।

हालांकि इसी साल आयोजित ऑल इंग्लैंड ओपन में मलेशिया की खिलाड़ी सोनिया छिया को हराया सेमीफाइनल तक पहुंची। लेकिन सेमीफाइनल में वह थाईलैंड की पोर्नपावी चोचुवोंग से हार का सामना करना पड़ा।

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पी. वी. सिंधु का टोक्यो ओलिंपिक 2021 प्रदर्शन

साल 2021 में आयोजित टोक्यो ओलंपिक में पीवी सिंधु ने भाग लिया था और उसमें उनका प्रदर्शन भी काफी अच्छा था। हालांकि वह चीनी खिलाड़ी ताइपे की ताई जू यिंग ने सेमीफइनल में 21-18, 21-12 से हराकर कांस्य पदक अपने नाम दर्ज किया था। इस तरीके से ओलंपिक में 2 पदक हासिल करने वाली प्रथम भारतीय महिला का खिताब अपने नाम किया था।

पी. वी. सिंधु कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में प्रदर्शन

साल 2022 पीवी सिंधु के लिए खेल जगत का सबसे बेहतरीन पल था। क्योंकि इस साल 8 अगस्त 2022 को बर्मिंघम में आयोजित राष्ट्रीय मंडल खेल में महिला एकल के फाइनल बैडमिंटन मैच में कनाडा की खिलाड़ी मिशेल ली को 21-15, 21-13 से हराया था। इस खेल में पीवी सिंधु ने स्वर्ण पदक हासिल किया था। इस तरीके से पीवी सिंधु के करियर का यह राष्ट्रमंडल खेल में पहला स्वर्ण पदक है।

पीवी सिंधु को प्राप्त सम्मान

पीवी सिंधु को 24 सितंबर साल 2013 को बैडमिंटन के खेल में जबरदस्त प्रदर्शन के लिए उन्हें अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया था। साल 2014 में पीवी सिंधु ने FICCI ब्रेकथ्रू स्पोर्ट्स पर्सन ऑफ़ द ईयर 2014 और NDTV इंडियन ऑफ़ द ईयर 2014 का भी पुरस्कार जीता था।

उसके बाद साल 2015 में मार्च महीने में पीवी सिंधु को भारत का चौथा सबसे बड़ा पुरस्कार पद्मश्री दिया गया था। इसी साल पीवी सिंधु को मकाऊ ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप में जीत प्राप्त करने के बाद बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया ने 10 लाख रूपये इनाम स्वरूप दिया था।

साल 2016, 29 अगस्त को पीवी सिंधु को भारत का सबसे ऊंचा खेल पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। साल 2020 में भी पद्म भूषण पुरस्कार जो भारत का तीसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है, इससे सम्मानित किया गया था। ओलंपिक में क्वालीफाई करने पर बॉलीवुड एक्टर सलमान खान ने भी इन्हें 1.01 लाख रूपये देकर सम्मान व्यक्त किया था।

पीवी सिंधु की पसंद और नापसंद

पीवी सिंधु का प्रारंभिक जीवन और उनके खेल जगत का सफर जानने के बाद निश्चित ही आपके मन प्रसन्न होगा कि पीवी सिंधु की पसंद और नापसंद क्या है। बात करें पीवी सिंधु के पसंदीदा खाना की तो बिरयानी, आइसक्रीम, पिज़्ज़ा, पास्ता इन्हें ज्यादा पसंद है।

महेश बाबू जो दक्षिण भारत के फिल्म उद्योग के बहुत बड़े अभिनेता हैं, उनके साथ ही हिंदी बॉलीवुड के अभिनेता ऋतिक रोशन और रणवीर सिंह इनके पसंदीदा अभिनेता हैं। बात करें इनके पसंदीदा अभिनेत्री की तो दीपिका पादुकोण इन्हें बहुत पसंद है। वहीँ राफेल नडाल, रोजर फेडरर और उसैन बोल्ट पीवी सिंधु के पसंदीदा एथलीट हैं।

FAQ

पीवी सिंधु कौन है?

पीवी सिंधु एक भारत के बैडमिंटन खिलाड़ी है, जिन्होंने साल 2016 में रियो ओलंपिक में रजत पदक जीतकर भारत की सबसे कम उम्र की पहली महिला एथलीट का खिताब अपने नाम किया है।

पीवी सिंधु का पूरा नाम क्या है?

पीवी सिंधु का पूरा नाम पुसरला वेंकट सिंधु है।

पीवी सिंधु कहां की रहने वाली है?

पीवी सिंधु हैदराबाद की रहने वाली है।

पीवी सिंधु को कौन-कौन से पुरस्कार मिले हैं?

साल 2016 के अंत में पीवी सिंधु को सर्वोच्च नागरिक सम्मान और पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया था।

पीवी सिंधु कहां की रहने वाली है?

पीवी सिंधु हैदराबाद की रहने वाली है इनका जन्म 5 जुलाई 1995 को पी वी रमनना और पी विजया के घर हुआ था, जो खुद भी राष्ट्रीय स्तर पर वॉलीबॉल खिलाड़ी रहे।

पीवी सिंधु के कोच कौन थे?

पीवी सिंधु के पहले कोच का नाम महबूब अली था। यह एक दिवंगत बैडमिंटन कोच है, जिन्होंने साइना नेहवाल और ज्वाला गुट्टा जैसे ओलंपिक पदक विजेता और वर्ल्ड चैंपियनशिप पदक विजेता जैसे खिलाड़ियों को भी ट्रेनिंग दी है।

पीवी सिंधु के पिता क्या करते हैं?

पीवी सिंधु के माता-पिता दोनों ही राष्ट्रीय स्तर पर वॉलीबॉल के खिलाड़ी रह चुके हैं। इतना ही नहीं इनके पिता 1986 के सीरियल एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली टीम के भी सदस्य रह चुके हैं।

पीवी सिंधु का पूरा नाम क्या है?

भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु का पूरा नाम पुसरला वेंकट सिंधु है।

पीवी सिंधु ने अपने गुरु पुलेला गोपीचंद के मार्गदर्शन पर कौन-कौन से प्रतियोगिता जीती है?

पीवी सिंधु ने अपने गुरु पुलेला गोपीचंद के मार्गदर्शन में अंडर 10 की केटेगरी में 5th सर्वो ऑल इंडिया रैंकिंग चैंपियनशिप का ख़िताब जीता है। इसी कैटेगरी में अंबुजा सीमेंट ऑल इंडिया रैंकिंग में सिंगल ख़िताब जीता है। भारत में 51 वें राष्ट्रीय राज्य खेलों अंडर 13 की केटेगरी में गोल्ड पदक जीता है। सब-जूनियर्स के अंडर 13 की केटेगरी में सिंगल ख़िताब जीता था। वहीँ अखिल भारतीय रैंकिंग के अंडर 13 की केटेगरी में युगल खिताब हासिल की।

निष्कर्ष

आज के इस लेख में आपने प्रख्यात भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु के बारे में जानकारी (pv sindhu ka jivan parichay) के बारे में जाना। हमें उम्मीद है कि आज का यह लेख आपके लिए जानकारी पूर्ण रहा होगा। यदि यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए अन्य लोगों के साथ जरुर शेयर करें। इस लेख से संबंधित कोई भी प्रश्न या सुझाव आपके मन में हो तो आप हमें कमेंट में लिख कर बता सकते हैं।

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राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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